< यहेजकेल 5 >

1 “हे मनुष्य के सन्तान, एक पैनी तलवार ले, और उसे नाई के उस्तरे के काम में लाकर अपने सिर और दाढ़ी के बाल मुँण्ड़ डाल; तब तौलने का काँटा लेकर बालों के भागकर।
Thou therefore son of man Take thee a sharp cutting instrument, a barber’s razor, shalt thou take thee, and shalt cause it to pass upon thy head and upon thy chin, —and shalt take the balances for weighing, and shalt divide the hair.
2 जब नगर के घिरने के दिन पूरे हों, तब नगर के भीतर एक तिहाई आग में डालकर जलाना; और एक तिहाई लेकर चारों ओर तलवार से मारना; और एक तिहाई को पवन में उड़ाना, और मैं तलवार खींचकर उसके पीछे चलाऊँगा।
A third part in the fire, shalt thou burn in the midst of the city, when the days of the siege are fulfilled, —and thou shalt take a third part, thou shalt smite it with the cuting instrument round about it, and a third part, shalt thou scatter to the wind, and, a sword, will I, make bare after them;
3 तब इनमें से थोड़े से बाल लेकर अपने कपड़े की छोर में बाँधना।
and thou shalt take from thence, a few in number, —and shalt bind them in thy skirts;
4 फिर उनमें से भी थोड़े से लेकर आग के बीच डालना कि वे आग में जल जाएँ; तब उसी में से एक लौ भड़ककर इस्राएल के सारे घराने में फैल जाएगी।
and of them, again take, and cast them into the midst of the fire, and burn them in the fire, -therefrom, shall go forth a fire unto all the house of Israel.
5 “प्रभु यहोवा यह कहता है: यरूशलेम ऐसी ही है; मैंने उसको अन्यजातियों के बीच में ठहराया, और वह चारों ओर देशों से घिरी है।
Thus, saith My Lord, Yahweh, This, is Jerusalem, In the midst of the nations, I placed her, — and of the countries round about her;
6 उसने मेरे नियमों के विरुद्ध काम करके अन्यजातियों से अधिक दुष्टता की, और मेरी विधियों के विरुद्ध चारों ओर के देशों के लोगों से अधिक बुराई की है; क्योंकि उन्होंने मेरे नियम तुच्छ जाने, और वे मेरी विधियों पर नहीं चले।
But she hath changed my regulations into lawlessness, more than the nations, And my statutes more than the countries which are round bout her, For my regulations, have they rejected, And in my statutes, have they not walked.
7 इस कारण प्रभु यहोवा यह कहता है, तुम लोग जो अपने चारों ओर की जातियों से अधिक हुल्लड़ मचाते, और न मेरी विधियों पर चलते, न मेरे नियमों को मानते और अपने चारों ओर की जातियों के नियमों के अनुसार भी न किया,
Therefore, Thus saith My Lord, Yahweh. Because ye have become more rebellious than the nations who are round about you, In my statutes, have not walked. And my regulations, have not done, And according to the regulations of the nations which are round about you, have not done:
8 इस कारण प्रभु यहोवा यह कहता है: देख, मैं स्वयं तेरे विरुद्ध हूँ; और अन्यजातियों के देखते मैं तेरे बीच न्याय के काम करूँगा।
Therefore, Thus, saith My Lord Yahweh, Lo! I am against thee, even I, Therefore will I, execute in thy midst, judgments, in the eyes of the nations;
9 तेरे सब घिनौने कामों के कारण मैं तेरे बीच ऐसा करूँगा, जैसा न अब तक किया है, और न भविष्य में फिर करूँगा।
Yea I will execute upon thee that which I have not executed, And like unto which I will not execute again, - Because of all thine abominations.
10 १० इसलिए तेरे बीच बच्चे अपने-अपने बाप का, और बाप अपने-अपने बच्चों का माँस खाएँगे; और मैं तुझको दण्ड दूँगा,
Therefore, fathers will eat sons in thy midst, And sons will eat fathers, — And I will execute upon thee judgments, And will scatter the whole remnant of thee, to every wind.
11 ११ और तेरे सब बचे हुओं को चारों ओर तितर-बितर करूँगा। इसलिए प्रभु यहोवा की यह वाणी है, कि मेरे जीवन की सौगन्ध, इसलिए कि तूने मेरे पवित्रस्थान को अपनी सारी घिनौनी मूरतों और सारे घिनौने कामों से अशुद्ध किया है, मैं तुझे घटाऊँगा, और तुझ पर दया की दृष्टि न करूँगा, और तुझ पर कुछ भी कोमलता न करूँगा।
Therefore as I live, Declareth My Lord Yahweh, — Surely because my sanctuary, thou hast defiled, with all thy detestable things, and with all thine abominations Even I also, will cut off, and mine eye, shall not spare, Yea even I will not pity.
12 १२ तेरी एक तिहाई तो मरी से मरेगी, और तेरे बीच भूख से मर मिटेगी; एक तिहाई तेरे आस-पास तलवार से मारी जाएगी; और एक तिहाई को मैं चारों ओर तितर-बितर करूँगा और तलवार खींचकर उनके पीछे चलाऊँगा।
The third part of thee by pestilence, shall die, and by famine, be consumed in thy midst And the third part by the sword, shall fall round about thee, - And the third part to every wind, will I scatter, and a sword, will I make bare after them.
13 १३ “इस प्रकार से मेरा कोप शान्त होगा, और अपनी जलजलाहट उन पर पूरी रीति से भड़काकर मैं शान्ति पाऊँगा; और जब मैं अपनी जलजलाहट उन पर पूरी रीति से भड़का चुकूँ, तब वे जान लेंगे कि मुझ यहोवा ही ने जलन में आकर यह कहा है।
So shall mine anger have an end, And I will cause mine indignation, to find rest, upon them, and will console myself, - And they shall know that, I, Yahweh, have spoken in my jealousy, when mine indignation hath come to an end, upon them.
14 १४ मैं तुझे तेरे चारों ओर की जातियों के बीच, सब आने-जानेवालों के देखते हुए उजाड़ूँगा, और तेरी नामधराई कराऊँगा।
And I will deliver thee up to desolation and reproach, among the nations that are round about thee, —in the eyes of every passer-by.
15 १५ इसलिए जब मैं तुझको कोप और जलजलाहट और क्रोध दिलानेवाली घुड़कियों के साथ दण्ड दूँगा, तब तेरे चारों ओर की जातियों के सामने नामधराई, ठट्ठा, शिक्षा और विस्मय होगा, क्योंकि मुझ यहोवा ने यह कहा है।
So shall it become a reproach and an insult a warning and an astonishment, to the nations that are round about thee, —in that I have executed upon thee judgments in anger and in indignation and in rebukes of indignation, I, Yahweh have spoken:
16 १६ यह उस समय होगा, जब मैं उन लोगों को नाश करने के लिये तुम पर अकाल के तीखे तीर चलाकर, तुम्हारे बीच अकाल बढ़ाऊँगा, और तुम्हारे अन्‍नरूपी आधार को दूर करूँगा।
In that I have sent the malignant arrows of famine among them which were for destruction, which I will send to destroy you, —and famine, will I increase upon you, and will break for you the staff of bread.
17 १७ और मैं तुम्हारे बीच अकाल और दुष्ट जन्तु भेजूँगा जो तुम्हें निःसन्तान करेंगे; और मरी और खून तुम्हारे बीच चलते रहेंगे; और मैं तुम पर तलवार चलवाऊँगा, मुझ यहोवा ने यह कहा है।”
So will I send upon you famine and mischievous beast and they shall bereave thee, —and pestilence and blood, shall pass through thee, —and a sword, will I bring in upon thee, I Yahweh, have spoken.

< यहेजकेल 5 >