< यहेजकेल 48 >
1 १ “गोत्रें के भाग ये हों: उत्तरी सीमा से लगा हुआ हेतलोन के मार्ग के पास से हमात की घाटी तक, और दमिश्क की सीमा के पास के हसरेनान से उत्तर की ओर हमात के पास तक एक भाग दान का हो; और उसके पूर्वी और पश्चिमी सीमा भी हों।
Et hæc nomina tribuum a finibus aquilonis, juxta viam Hethalon, pergentibus Emath, atrium Enan terminus Damasci ad aquilonem, juxta viam Emath: et erit ei plaga orientalis mare, Dan una.
2 २ दान की सीमा से लगा हुआ पूर्व से पश्चिम तक आशेर का एक भाग हो।
Et super terminum Dan, a plaga orientali usque ad plagam maris, Aser una.
3 ३ आशेर की सीमा से लगा हुआ, पूर्व से पश्चिम तक नप्ताली का एक भाग हो।
Et super terminum Aser, a plaga orientali usque ad plagam maris, Nephthali una.
4 ४ नप्ताली की सीमा से लगा हुआ पूर्व से पश्चिम तक मनश्शे का एक भाग।
Et super terminum Nephthali, a plaga orientali usque ad plagam maris, Manasse una.
5 ५ मनश्शे की सीमा से लगा हुआ पूर्व से पश्चिम तक एप्रैम का एक भाग हो।
Et super terminum Manasse, a plaga orientali usque ad plagam maris, Ephraim una.
6 ६ एप्रैम की सीमा से लगा हुआ पूर्व से पश्चिम तक रूबेन का एक भाग हो।
Et super terminum Ephraim, a plaga orientali usque ad plagam maris, Ruben una.
7 ७ और रूबेन की सीमा से लगा हुआ, पूर्व से पश्चिम तक यहूदा का एक भाग हो।
Et super terminum Ruben, a plaga orientali usque ad plagam maris, Juda una.
8 ८ “यहूदा की सीमा से लगा हुआ पूर्व से पश्चिम तक वह अर्पण किया हुआ भाग हो, जिसे तुम्हें अर्पण करना होगा, वह पच्चीस हजार बाँस चौड़ा और पूर्व से पश्चिम तक किसी एक गोत्र के भाग के तुल्य लम्बा हो, और उसके बीच में पवित्रस्थान हो।
Et super terminum Juda, a plaga orientali usque ad plagam maris, erunt primitiæ quas separabitis, viginti quinque millibus latitudinis et longitudinis, sicuti singulæ partes a plaga orientali usque ad plagam maris: et erit sanctuarium in medio ejus.
9 ९ जो भाग तुम्हें यहोवा को अर्पण करना होगा, उसकी लम्बाई पच्चीस हजार बाँस और चौड़ाई दस हजार बाँस की हो।
Primitiæ quas separabitis Domino, longitudo viginti quinque millibus, et latitudo decem millibus.
10 १० यह अर्पण किया हुआ पवित्र भाग याजकों को मिले; वह उत्तर ओर पच्चीस हजार बाँस लम्बा, पश्चिम ओर दस हजार बाँस चौड़ा, पूर्व ओर दस हजार बाँस चौड़ा और दक्षिण ओर पच्चीस हजार बाँस लम्बा हो; और उसके बीचोबीच यहोवा का पवित्रस्थान हो।
Hæ autem erunt primitiæ sanctuarii sacerdotum, ad aquilonem longitudinis viginti quinque millia, et ad mare latitudinis decem millia, sed et ad orientem latitudinis decem millia, et ad meridiem longitudinis viginti quinque millia: et erit sanctuarium Domini in medio ejus.
11 ११ यह विशेष पवित्र भाग सादोक की सन्तान के उन याजकों का हो जो मेरी आज्ञाओं को पालते रहें, और इस्राएलियों के भटक जाने के समय लेवियों के समान न भटके थे।
Sacerdotibus sanctuarium erit de filiis Sadoc, qui custodierunt cæremonias meas, et non erraverunt cum errarent filii Israël, sicut erraverunt et Levitæ.
12 १२ इसलिए देश के अर्पण किए हुए भाग में से यह उनके लिये अर्पण किया हुआ भाग, अर्थात् परमपवित्र देश ठहरे; और लेवियों की सीमा से लगा रहे।
Et erunt eis primitiæ de primitiis terræ Sanctum sanctorum, juxta terminum Levitarum.
13 १३ याजकों की सीमा से लगा हुआ लेवियों का भाग हो, वह पच्चीस हजार बाँस लम्बा और दस हजार बाँस चौड़ा हो। सारी लम्बाई पच्चीस हजार बाँस की और चौड़ाई दस हजार बाँस की हो।
Sed et Levitis similiter, juxta fines sacerdotum, viginti quinque millia longitudinis, et latitudinis decem millia. Omnis longitudo viginti et quinque millium, et latitudo decem millium.
14 १४ वे उसमें से न तो कुछ बेचें, न दूसरी भूमि से बदलें; और न भूमि की पहली उपज और किसी को दी जाए। क्योंकि वह यहोवा के लिये पवित्र है।
Et non venundabunt ex eo, neque mutabunt: neque transferentur primitiæ terræ, quia sanctificatæ sunt Domino.
15 १५ “चौड़ाई के पच्चीस हजार बाँस के सामने जो पाँच हजार बचा रहेगा, वह नगर और बस्ती और चराई के लिये साधारण भाग हो; और नगर उसके बीच में हो।
Quinque millia autem quæ supersunt in latitudine per viginti quinque millia, profana erunt urbis in habitaculum et in suburbana: et erit civitas in medio ejus.
16 १६ नगर का यह माप हो, अर्थात् उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम की ओर साढ़े चार-चार हजार हाथ।
Et hæ mensuræ ejus: ad plagam septentrionalem, quingenta et quatuor millia: et ad plagam meridianam, quingenta et quatuor millia: et ad plagam orientalem, quingenta et quatuor millia: et ad plagam occidentalem, quingenta et quatuor millia.
17 १७ नगर के पास उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, चराइयाँ हों। जो ढाई-ढाई सौ बाँस चौड़ी हों।
Erunt autem suburbana civitatis ad aquilonem, ducenta quinquaginta: et ad meridiem, ducenta quinquaginta: et ad orientem, ducenta quinquaginta: et ad mare, ducenta quinquaginta.
18 १८ अर्पण किए हुए पवित्र भाग के पास की लम्बाई में से जो कुछ बचे, अर्थात् पूर्व और पश्चिम दोनों ओर दस-दस बाँस जो अर्पण किए हुए भाग के पास हो, उसकी उपज नगर में परिश्रम करनेवालों के खाने के लिये हो।
Quod autem reliquum fuerit in longitudine secundum primitias sanctuarii, decem millia in orientem, et decem millia in occidentem, erunt sicut primitiæ sanctuarii: et erunt fruges ejus in panes his qui serviunt civitati.
19 १९ इस्राएल के सारे गोत्रों में से जो नगर में परिश्रम करें, वे उसकी खेती किया करें।
Servientes autem civitati, operabuntur ex omnibus tribubus Israël.
20 २० सारा अर्पण किया हुआ भाग पच्चीस हजार बाँस लम्बा और पच्चीस हजार बाँस चौड़ा हो; तुम्हें चौकोर पवित्र भाग अर्पण करना होगा जिसमें नगर की विशेष भूमि हो।
Omnes primitiæ viginti quinque millium, per viginti quinque millia in quadrum, separabuntur in primitias sanctuarii, et in possessionem civitatis.
21 २१ “जो भाग रह जाए, वह प्रधान को मिले। पवित्र अर्पण किए हुए भाग की, और नगर की विशेष भूमि की दोनों ओर अर्थात् उनकी पूर्व और पश्चिम की ओर के पच्चीस-पच्चीस हजार बाँस की चौड़ाई के पास, जो और गोत्रों के भागों के पास रहे, वह प्रधान को मिले। और अर्पण किया हुआ पवित्र भाग और भवन का पवित्रस्थान उनके बीच में हो।
Quod autem reliquum fuerit, principis erit ex omni parte primitiarum sanctuarii, et possessionis civitatis e regione viginti quinque millium primitiarum usque ad terminum orientalem: sed et ad mare, e regione viginti quinque millium, usque ad terminum maris, similiter in partibus principis erit: et erunt primitiæ sanctuarii, et sanctuarium templi, in medio ejus.
22 २२ जो प्रधान का भाग होगा, वह लेवियों के बीच और नगरों की विशेष भूमि हो। प्रधान का भाग यहूदा और बिन्यामीन की सीमा के बीच में हो।
De possessione autem Levitarum, et de possessione civitatis in medio partium principis, erit inter terminum Juda et inter terminum Benjamin, et ad principem pertinebit.
23 २३ “अन्य गोत्रों के भाग इस प्रकार हों: पूर्व से पश्चिम तक बिन्यामीन का एक भाग हो।
Et reliquis tribubus, a plaga orientali usque ad plagam occidentalem, Benjamin una.
24 २४ बिन्यामीन की सीमा से लगा हुआ पूर्व से पश्चिम तक शिमोन का एक भाग।
Et contra terminum Benjamin, a plaga orientali usque ad plagam occidentalem, Simeon una.
25 २५ शिमोन की सीमा से लगा हुआ पूर्व से पश्चिम तक इस्साकार का एक भाग।
Et super terminum Simeonis, a plaga orientali usque ad plagam occidentalem, Issachar una.
26 २६ इस्साकार की सीमा से लगा हुआ पूर्व से पश्चिम तक जबूलून का एक भाग।
Et super terminum Issachar, a plaga orientali usque ad plagam occidentalem, Zabulon una.
27 २७ जबूलून की सीमा से लगा हुआ पूर्व से पश्चिम तक गाद का एक भाग।
Et super terminum Zabulon, a plaga orientali usque ad plagam maris, Gad una.
28 २८ और गाद की सीमा के पास दक्षिण ओर की सीमा तामार से लेकर मरीबा-कादेश नामक सोते तक, और मिस्र के नाले और महासागर तक पहुँचे।
Et super terminum Gad, ad plagam austri in meridie: et erit finis de Thamar usque ad aquas contradictionis Cades: hæreditas contra mare magnum.
29 २९ जो देश तुम्हें इस्राएल के गोत्रों को बाँटना होगा वह यही है, और उनके भाग भी ये ही हैं, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
Hæc est terra quam mittetis in sortem tribubus Israël, et hæ partitiones earum, ait Dominus Deus.
30 ३० “नगर के निकास ये हों, अर्थात् उत्तर की ओर जिसकी लम्बाई चार हजार पाँच सौ बाँस की हो।
Et hi egressus civitatis: a plaga septentrionali, quingentos et quatuor millia mensurabis.
31 ३१ उसमें तीन फाटक हों, अर्थात् एक रूबेन का फाटक, एक यहूदा का फाटक, और एक लेवी का फाटक हो; क्योंकि नगर के फाटकों के नाम इस्राएल के गोत्रों के नामों पर रखने होंगे।
Et portæ civitatis ex nominibus tribuum Israël: portæ tres a septentrione: porta Ruben una, porta Juda una, porta Levi una.
32 ३२ पूरब की ओर सीमा चार हजार पाँच सौ बाँस लम्बी हो, और उसमें तीन फाटक हों; अर्थात् एक यूसुफ का फाटक, एक बिन्यामीन का फाटक, और एक दान का फाटक हो।
Et ad plagam orientalem, quingentos et quatuor millia, et portæ tres: porta Joseph una, porta Benjamin una, porta Dan una.
33 ३३ दक्षिण की ओर सीमा चार हजार पाँच सौ बाँस लम्बी हो, और उसमें तीन फाटक हों; अर्थात् एक शिमोन का फाटक, एक इस्साकार का फाटक, और एक जबूलून का फाटक हो।
Et ad plagam meridianam, quingentos et quatuor millia metieris, et portæ tres: porta Simeonis una, porta Issachar una, porta Zabulon una.
34 ३४ और पश्चिम की ओर सीमा चार हजार पाँच सौ बाँस लम्बी हो, और उसमें तीन फाटक हों; अर्थात् एक गाद का फाटक, एक आशेर का फाटक और नप्ताली का फाटक हो।
Et ad plagam occidentalem, quingentos et quatuor millia, et portæ eorum tres: porta Gad una, porta Aser una, porta Nephthali una.
35 ३५ नगर के चारों ओर का घेरा अठारह हजार बाँस का हो, और उस दिन से आगे को नगर का नाम ‘यहोवा शाम्मा’ रहेगा।”
Per circuitum, decem et octo millia: et nomen civitatis ex illa die, Dominus ibidem.