< यहेजकेल 43 >
1 १ फिर वह पुरुष मुझ को उस फाटक के पास ले गया जो पूर्वमुखी था।
The man took me back to the east gate.
2 २ तब इस्राएल के परमेश्वर का तेज पूर्व दिशा से आया; और उसकी वाणी बहुत से जल की घरघराहट सी हुई; और उसके तेज से पृथ्वी प्रकाशित हुई।
There I saw the glory of Israel's God coming from the east. His voice sounded like a thundering waterfall, and the earth blazed bright with his glory.
3 ३ यह दर्शन उस दर्शन के तुल्य था, जो मैंने उसे नगर के नाश करने को आते समय देखा था; और उस दर्शन के समान, जो मैंने कबार नदी के तट पर देखा था; और मैं मुँह के बल गिर पड़ा।
The vision I saw was just like the vision I'd seen when he came to destroy the city of Jerusalem and like the visions I'd seen beside the River Kebar. I fell facedown on the ground.
4 ४ तब यहोवा का तेज उस फाटक से होकर जो पूर्वमुखी था, भवन में आ गया।
The glory of the Lord entered the Temple through the east gate.
5 ५ तब परमेश्वर के आत्मा ने मुझे उठाकर भीतरी आँगन में पहुँचाया; और यहोवा का तेज भवन में भरा था।
Then the Spirit picked me up and took me into the inner courtyard, and the glory of the Lord filled the Temple.
6 ६ तब मैंने एक जन का शब्द सुना, जो भवन में से मुझसे बोल रहा था, और वह पुरुष मेरे पास खड़ा था।
I heard someone speaking to me from inside the Temple while the man standing beside me.
7 ७ उसने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के सन्तान, यहोवा की यह वाणी है, यह तो मेरे सिंहासन का स्थान और मेरे पाँव रखने की जगह है, जहाँ मैं इस्राएल के बीच सदा वास किए रहूँगा। और न तो इस्राएल का घराना, और न उसके राजा अपने व्यभिचार से, या अपने ऊँचे स्थानों में अपने राजाओं के शवों के द्वारा मेरा पवित्र नाम फिर अशुद्ध ठहराएँगे।
He told me, “Son of man, this is where I have my throne. It's my home where I will live among the Israelites forever. The people of Israel and their kings won't ever again disgrace me and my holiness by their acts of prostitution and by their honoring their dead kings in their pagan high places.
8 ८ वे अपनी डेवढ़ी मेरी डेवढ़ी के पास, और अपने द्वार के खम्भे मेरे द्वार के खम्भों के निकट बनाते थे, और मेरे और उनके बीच केवल दीवार ही थी, और उन्होंने अपने घिनौने कामों से मेरा पवित्र नाम अशुद्ध ठहराया था; इसलिए मैंने कोप करके उन्हें नाश किया।
When they built their homes right next to mine—their threshold beside my threshold and their doorposts beside my doorposts, with only a wall separating us—they disgraced me and my holiness by the disgusting sins they committed. That's why I destroyed them in my anger.
9 ९ अब वे अपना व्यभिचार और अपने राजाओं के शव मेरे सम्मुख से दूर कर दें, तब मैं उनके बीच सदा वास किए रहूँगा।
Now if they get rid of their prostitution and their pagan honoring of their dead kings, and I will live with them forever.
10 १० “हे मनुष्य के सन्तान, तू इस्राएल के घराने को इस भवन का नमूना दिखा कि वे अपने अधर्म के कामों से लज्जित होकर उस नमूने को मापें।
Son of man, tell the people of Israel about the Temple and they'll be ashamed of their sins. Have them carefully consider its plan,
11 ११ यदि वे अपने सारे कामों से लज्जित हों, तो उन्हें इस भवन का आकार और स्वरूप, और इसके बाहर भीतर आने-जाने के मार्ग, और इसके सब आकार और विधियाँ, और नियम बतलाना, और उनके सामने लिख रखना; जिससे वे इसका सब आकार और इसकी सब विधियाँ स्मरण करके उनके अनुसार करें।
and if they're ashamed of everything they've done, then explain to them the Temple's design, its layout, exits, and entrances—the complete plan—as well as all its regulations, specifications, and laws. Write them down as they watch, so that they can remember its complete plan and follow all its regulations.
12 १२ भवन का नियम यह है कि पहाड़ की चोटी के चारों ओर का सम्पूर्ण भाग परमपवित्र है। देख भवन का नियम यही है।
This is the Temple law: the whole area around the Temple on the mountain top is very holy. Pay attention: this is the Temple law.
13 १३ “ऐसे हाथ के माप से जो साधारण हाथ से चौवा भर अधिक हो, वेदी की माप यह है, अर्थात् उसका आधार एक हाथ का, और उसकी चौड़ाई एक हाथ की, और उसके चारों ओर की छोर पर की पटरी एक चौवे की। और वेदी की ऊँचाई यह है:
These are the measurements of the altar in cubits (a cubit and the width of a hand): The gutter is to be one cubit deep and one cubit wide, with a rim one hand span wide along its edge. The back of the altar
14 १४ भूमि पर धरे हुए आधार से लेकर निचली कुर्सी तक दो हाथ की ऊँचाई रहे, और उसकी चौड़ाई हाथ भर की हो; और छोटी कुर्सी से लेकर बड़ी कुर्सी तक चार हाथ हों और उसकी चौड़ाई हाथ भर की हो;
measured from the gutter on the ground to the lower ledge is to be two cubits. The ledge will measure one cubit wide. The distance from the smaller ledge to the larger ledge is to be four cubits, and the ledge one cubit wide.
15 १५ और ऊपरी भाग चार हाथ ऊँचा हो; और वेदी पर जलाने के स्थान के चार सींग ऊपर की ओर निकले हों।
The altar hearth is to be four cubits high, with four horns pointing upwards from it.
16 १६ वेदी पर जलाने का स्थान चौकोर अर्थात् बारह हाथ लम्बा और बारह हाथ चौड़ा हो।
The altar hearth shall be square, its four sides each measuring twelve cubits.
17 १७ निचली कुर्सी चौदह हाथ लम्बी और चौदह हाथ चौड़ी, और उसके चारों ओर की पटरी आधे हाथ की हो, और उसका आधार चारों ओर हाथ भर का हो। उसकी सीढ़ी उसके पूर्व ओर हो।”
The ledge is also to be square, measuring fourteen cubits by fourteen cubits, with a half-cubit rim and a one-cubit gutter all around it. The altar steps are to face the east.”
18 १८ फिर उसने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के सन्तान, परमेश्वर यहोवा यह कहता है, जिस दिन होमबलि चढ़ाने और लहू छिड़कने के लिये वेदी बनाई जाए, उस दिन की विधियाँ ये ठहरें।
Then he told me: “Son of man, this is what the Lord God says: These are the regulations regarding the altar once it's built, so that it can be used to sacrifice burnt offerings and to sprinkle blood on it:
19 १९ “अर्थात् लेवीय याजक लोग, जो सादोक की सन्तान हैं, और मेरी सेवा टहल करने को मेरे समीप रहते हैं, उन्हें तू पापबलि के लिये एक बछड़ा देना, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
You shall give a young bull as a sin offering to the Leviticus priests from the family of Zadok, who come and minister before me, declares the Lord God.
20 २० तब तू उसके लहू में से कुछ लेकर वेदी के चारों सींगों और कुर्सी के चारों कोनों और चारों ओर की पटरी पर लगाना; इस प्रकार से उसके लिये प्रायश्चित करने के द्वारा उसको पवित्र करना।
Take some of its blood and put it on the four horns of the altar, on the four corners of the ledge, and all the way round the rim. This is how you shall purify the altar and set it right.
21 २१ तब पापबलि के बछड़े को लेकर, भवन के पवित्रस्थान के बाहर ठहराए हुए स्थान में जला देना।
Then remove the bull for the sin offering and burn it in the designated place of the Temple area outside the sanctuary.
22 २२ दूसरे दिन एक निर्दोष बकरा पापबलि करके चढ़ाना; और जैसे बछड़े के द्वारा वेदी पवित्र की जाए, वैसे ही वह इस बकरे के द्वारा भी पवित्र की जाएगी।
On the second day you are to bring as male goat without defects as a sin offering, and the altar shall be purified as it was purified with the bull.
23 २३ जब तू उसे पवित्र कर चुके, तब एक निर्दोष बछड़ा और एक निर्दोष मेढ़ा चढ़ाना।
After you've finished the purifying process, you are to present a young bull and a ram, both free from defects.
24 २४ तू उन्हें यहोवा के सामने ले आना, और याजक लोग उन पर नमक डालकर उन्हें यहोवा को होमबलि करके चढ़ाएँ।
You are to offer them to the Lord. The priests shall sprinkle salt on them and sacrifice them to the Lord as a burnt offering.
25 २५ सात दिन तक तू प्रतिदिन पापबलि के लिये एक बकरा तैयार करना, और निर्दोष बछड़ा और भेड़ों में से निर्दोष मेढ़ा भी तैयार किया जाए।
For seven days you are to supply a male goat daily for a sin offering. You are also to supply a young bull and a ram, they are both to have no defects.
26 २६ सात दिन तक याजक लोग वेदी के लिये प्रायश्चित करके उसे शुद्ध करते रहें; इसी भाँति उसका संस्कार हो।
For seven days the priests are to set the altar right and purify it. This is how they will dedicate it.
27 २७ जब वे दिन समाप्त हों, तब आठवें दिन के बाद से याजक लोग तुम्हारे होमबलि और मेलबलि वेदी पर चढ़ाया करें; तब मैं तुम से प्रसन्न होऊँगा, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।”
Once these days are over, then from the eighth day the priests are to present the burnt offerings and peace offerings of your people on the altar. Then I will accept all of you, declares the Lord God.”