< यहेजकेल 4 >
1 १ “हे मनुष्य के सन्तान, तू एक ईंट ले और उसे अपने सामने रखकर उस पर एक नगर, अर्थात् यरूशलेम का चित्र खींच;
Du Menneskesøn tag dig en Teglsten, læg den for dig og indrids i den et Billede af en By, Jerusalem;
2 २ तब उसे घेर अर्थात् उसके विरुद्ध किला बना और उसके सामने दमदमा बाँध; और छावनी डाल, और उसके चारों ओर युद्ध के यन्त्र लगा।
og kast en Vold op omkring den, byg Belejringstaarne, opkast Stormvold, lad Hære lejre sig imod den og rejs Stormbukke mod den fra alle Sider;
3 ३ तब तू लोहे की थाली लेकर उसको लोहे की शहरपनाह मानकर अपने और उस नगर के बीच खड़ा कर; तब अपना मुँह उसके सामने करके उसकी घेराबन्दी कर, इस रीति से तू उसे घेरे रखना। यह इस्राएल के घराने के लिये चिन्ह ठहरेगा।
tag dig saa en Jernpande og sæt den som en Jernvæg op mellem dig og Byen og ret dit Ansigt imod den. Saaledes skal den være omringet, og du skal trænge den. Det skal være Israels Hus et Tegn.
4 ४ “फिर तू अपने बायीं करवट के बल लेटकर इस्राएल के घराने का अधर्म अपने ऊपर रख; क्योंकि जितने दिन तू उस करवट के बल लेटा रहेगा, उतने दिन तक उन लोगों के अधर्म का भार सहता रहेगा।
Og læg du dig paa din venstre Side og tag, Israels Hus's Misgerning paa dig; alle de Dage du ligger saaledes, skal du bære deres Misgerning.
5 ५ मैंने उनके अधर्म के वर्षों के तुल्य तेरे लिये दिन ठहराए हैं, अर्थात् तीन सौ नब्बे दिन; उतने दिन तक तू इस्राएल के घराने के अधर्म का भार सहता रह।
Deres Misgernings Aar gør jeg til lige saa mange Dage for dig, 190 Dage; saa længe skal du bære Israels Hus's Misgerning.
6 ६ जब इतने दिन पूरे हो जाएँ, तब अपने दाहिनी करवट के बल लेटकर यहूदा के घराने के अधर्म का भार सह लेना; मैंने उसके लिये भी और तेरे लिये एक वर्ष के बदले एक दिन अर्थात् चालीस दिन ठहराए हैं।
Og naar de er til Ende, læg dig saa paa din højre Side og bær Judas Hus's Misgerning 40 Dage; for hvert Aar giver jeg dig en Dag.
7 ७ तू यरूशलेम के घेरने के लिये बाँह उघाड़े हुए अपना मुँह उधर करके उसके विरुद्ध भविष्यद्वाणी करना।
Og du skal rette dit Ansigt og din blottede Arm mod det omringede Jerusalem og profetere imod det.
8 ८ देख, मैं तुझे रस्सियों से जकड़ूँगा, और जब तक उसके घेरने के दिन पूरे न हों, तब तक तू करवट न ले सकेगा।
Og se, jeg lægger Baand paa dig, saa du ikke kan vende dig fra den ene Side til den anden, før din Belejrings Dage er til Ende.
9 ९ “तू गेहूँ, जौ, सेम, मसूर, बाजरा, और कठिया गेहूँ, लेकर एक बर्तन में रखकर उनसे रोटी बनाया करना। जितने दिन तू अपने करवट के बल लेटा रहेगा, उतने अर्थात् तीन सौ नब्बे दिन तक उसे खाया करना।
Og tag du dig Hvede, Byg, Bønner, Linser, Hirse og Spelt, kom det i et og samme Kar og lav dig Brød deraf; alle de Dage du ligger paa Siden, 190 Dage, skal det være din Mad;
10 १० जो भोजन तू खाए, उसे तौल-तौलकर खाना, अर्थात् प्रतिदिन बीस-बीस शेकेल भर खाया करना, और उसे समय-समय पर खाना।
og Maden, du faar, skal være efter Vægt, tyve Sekel daglig; du skal spise den een Gang daglig.
11 ११ पानी भी तू मापकर पिया करना, अर्थात् प्रतिदिन हीन का छठवाँ अंश पीना; और उसको समय-समय पर पीना।
Og Vand skal du drikke efter Maal, en Sjettedel Hin; du skal drikke een Gang daglig.
12 १२ अपना भोजन जौ की रोटियों के समान बनाकर खाया करना, और उसको मनुष्य की विष्ठा से उनके देखते बनाया करना।”
Og som Bygkager skal du spise det og bage det ved Menneskeskarn i deres Paasyn.
13 १३ फिर यहोवा ने कहा, “इसी प्रकार से इस्राएल उन जातियों के बीच अपनी-अपनी रोटी अशुद्धता से खाया करेंगे, जहाँ में उन्हें जबरन पहुँचाऊँगा।”
Og du skal sige: »Saa sige HERREN: Saaledes skal Israeliterne have urent Brød til Føde blandt de Folk, jeg bortstøder dem til!«
14 १४ तब मैंने कहा, “हाय, यहोवा परमेश्वर देख, मेरा मन कभी अशुद्ध नहीं हुआ, और न मैंने बचपन से लेकर अब तक अपनी मृत्यु से मरे हुए व फाड़े हुए पशु का माँस खाया, और न किसी प्रकार का घिनौना माँस मेरे मुँह में कभी गया है।”
Men jeg sagde: »Ak, Herre, HERRE, jeg har endnu aldrig været uren; noget selvdødt eller sønderrevet har jeg fra Barnsben aldrig spist, og urent Kød kom aldrig i min Mund!«
15 १५ तब उसने मुझसे कहा, “देख, मैंने तेरे लिये मनुष्य की विष्ठा के बदले गोबर ठहराया है, और उसी से तू अपनी रोटी बनाना।”
Da svarede han: »Vel, jeg tillader dig at tage Oksegødning i Stedet for Menneskeskarn og bage dit Brød derved.«
16 १६ फिर उसने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के सन्तान, देख, मैं यरूशलेम में अन्नरूपी आधार को दूर करूँगा; इसलिए वहाँ के लोग तौल-तौलकर और चिन्ता कर करके रोटी खाया करेंगे; और माप-मापकर और विस्मित हो होकर पानी पिया करेंगे।
Videre sagde han til mig: Menneskesøn! Se, jeg bryder Brødets Støttestav i Jerusalem; Brød skal de spise efter Vægt og i Angst, og Vand skal de drikke efter Maal og i Rædsel,
17 १७ और इससे उन्हें रोटी और पानी की घटी होगी; और वे सब के सब घबराएँगे, और अपने अधर्म में फँसे हुए सूख जाएँगे।”
for at de maa mangle Brød og Vand og alle som een være slagne af Rædsel og hensmægte i deres Misgerning.