< यहेजकेल 37 >

1 यहोवा की शक्ति मुझ पर हुई, और वह मुझ में अपना आत्मा समवाकर बाहर ले गया और मुझे तराई के बीच खड़ा कर दिया; वह तराई हड्डियों से भरी हुई थी।
Die Hand Jehovas kam über mich, und Jehova führte mich im Geiste hinaus und ließ mich nieder mitten im Tale [Vergl. Kap. 3,22;] und dieses war voll Gebeine.
2 तब उसने मुझे उनके चारों ओर घुमाया, और तराई की तह पर बहुत ही हड्डियाँ थीं; और वे बहुत सूखी थीं।
Und er führte mich ringsherum an ihnen vorüber; und siehe, es waren sehr viele auf der Fläche des Tales, und siehe, sie waren sehr verdorrt.
3 तब उसने मुझसे पूछा, “हे मनुष्य के सन्तान, क्या ये हड्डियाँ जी सकती हैं?” मैंने कहा, “हे परमेश्वर यहोवा, तू ही जानता है।”
Und er sprach zu mir: Menschensohn, werden diese Gebeine lebendig werden? Und ich sprach: Herr, Jehova, du weißt es.
4 तब उसने मुझसे कहा, “इन हड्डियों से भविष्यद्वाणी करके कह, ‘हे सूखी हड्डियों, यहोवा का वचन सुनो।
Da sprach er zu mir: Weissage über diese Gebeine und sprich zu ihnen: Ihr verdorrten Gebeine, höret das Wort Jehovas!
5 परमेश्वर यहोवा तुम हड्डियों से यह कहता है: देखो, मैं आप तुम में साँस समवाऊँगा, और तुम जी उठोगी।
So spricht der Herr, Jehova, zu diesen Gebeinen: Siehe, ich bringe Odem in euch, daß ihr lebendig werdet.
6 मैं तुम्हारी नसें उपजाकर माँस चढ़ाऊँगा, और तुम को चमड़े से ढाँपूँगा; और तुम में साँस समवाऊँगा और तुम जी जाओगी; और तुम जान लोगी कि मैं यहोवा हूँ।’”
Und ich werde Sehnen über euch legen und Fleisch über euch wachsen lassen und euch mit Haut überziehen, und ich werde Odem in euch legen, daß ihr lebendig werdet. Und ihr werdet wissen, daß ich Jehova bin. -
7 इस आज्ञा के अनुसार मैं भविष्यद्वाणी करने लगा; और मैं भविष्यद्वाणी कर ही रहा था, कि एक आहट आई, और भूकम्प हुआ, और वे हड्डियाँ इकट्ठी होकर हड्डी से हड्डी जुड़ गई।
Und ich weissagte, wie mir geboten war. Da entstand ein Geräusch, als ich weissagte, und siehe, ein Getöse: und die Gebeine rückten zusammen, Gebein an Gebein.
8 मैं देखता रहा, कि उनमें नसें उत्पन्न हुई और माँस चढ़ा, और वे ऊपर चमड़े से ढँप गई; परन्तु उनमें साँस कुछ न थी।
Und ich sah, und siehe, es kamen Sehnen über sie, und Fleisch wuchs, und Haut zog sich darüber obenher; aber es war kein Odem in ihnen.
9 तब उसने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के सन्तान साँस से भविष्यद्वाणी कर, और साँस से भविष्यद्वाणी करके कह, हे साँस, परमेश्वर यहोवा यह कहता है कि चारों दिशाओं से आकर इन घात किए हुओं में समा जा कि ये जी उठें।”
Und er sprach zu mir: Weissage dem Odem, weissage, Menschensohn, und sprich zu dem Odem: So spricht der Herr, Jehova: Komm von den vier Winden her, du Odem, und hauche diese Getöteten an, daß sie lebendig werden!
10 १० उसकी इस आज्ञा के अनुसार मैंने भविष्यद्वाणी की, तब साँस उनमें आ गई, और वे जीकर अपने-अपने पाँवों के बल खड़े हो गए; और एक बहुत बड़ी सेना हो गई।
Und ich weissagte, wie er mir geboten hatte; und der Odem kam in sie, und sie wurden lebendig und standen auf ihren Füßen, ein überaus großes Heer. -
11 ११ फिर उसने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के सन्तान, ये हड्डियाँ इस्राएल के सारे घराने की उपमा हैं। वे कहते हैं, हमारी हड्डियाँ सूख गई, और हमारी आशा जाती रही; हम पूरी रीति से कट चूके हैं।
Und er sprach zu mir: Menschensohn, diese Gebeine sind das ganze Haus Israel. Siehe, sie sprechen: Unsere Gebeine sind verdorrt, und unsere Hoffnung ist verloren; wir sind dahin [W. abgeschnitten.]
12 १२ इस कारण भविष्यद्वाणी करके उनसे कह, परमेश्वर यहोवा यह कहता है: हे मेरी प्रजा के लोगों, देखो, मैं तुम्हारी कब्रें खोलकर तुम को उनसे निकालूँगा, और इस्राएल के देश में पहुँचा दूँगा।
Darum weissage und sprich zu ihnen: So spricht der Herr, Jehova: Siehe, ich werde eure Gräber öffnen und euch aus euren Gräbern heraufkommen lassen, mein Volk, und werde euch in das Land Israel bringen.
13 १३ इसलिए जब मैं तुम्हारी कब्रें खोलूँ, और तुम को उनसे निकालूँ, तब हे मेरी प्रजा के लोगों, तुम जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ।
Und ihr werdet wissen, daß ich Jehova bin, wenn ich eure Gräber öffne und euch aus euren Gräbern heraufkommen lasse, mein Volk.
14 १४ मैं तुम में अपना आत्मा समवाऊँगा, और तुम जीओगे, और तुम को तुम्हारे निज देश में बसाऊँगा; तब तुम जान लोगे कि मुझ यहोवा ही ने यह कहा, और किया भी है, यहोवा की यही वाणी है।”
Und ich werde meinen Geist in euch geben, daß ihr lebet, und werde euch in euer Land setzen. Und ihr werdet wissen, daß ich, Jehova, geredet und es getan habe, spricht Jehova.
15 १५ फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
Und das Wort Jehovas geschah zu mir also:
16 १६ “हे मनुष्य के सन्तान, एक लकड़ी लेकर उस पर लिख, ‘यहूदा की और उसके संगी इस्राएलियों की;’ तब दूसरी लकड़ी लेकर उस पर लिख, ‘यूसुफ की अर्थात् एप्रैम की, और उसके संगी इस्राएलियों की लकड़ी।’
Und du, Menschensohn, nimm dir ein Holz und schreibe darauf: Für Juda und für die Kinder Israel, seine Genossen. Und nimm ein anderes Holz und schreibe darauf: Für Joseph, Holz Ephraims und des ganzen Hauses Israel, seiner Genossen.
17 १७ फिर उन लकड़ियों को एक दूसरी से जोड़कर एक ही कर ले कि वे तेरे हाथ में एक ही लकड़ी बन जाएँ।
Und bringe sie zusammen, eines zum anderen, dir zu einem Holze, so daß sie geeint seien in deiner Hand.
18 १८ जब तेरे लोग तुझ से पूछें, ‘क्या तू हमें न बताएगा कि इनसे तेरा क्या अभिप्राय है?’
Und wenn die Kinder deines Volkes zu dir sprechen und sagen: Willst du uns nicht kundtun, was diese dir bedeuten sollen?
19 १९ तब उनसे कहना, परमेश्वर यहोवा यह कहता है: देखो, मैं यूसुफ की लकड़ी को जो एप्रैम के हाथ में है, और इस्राएल के जो गोत्र उसके संगी हैं, उनको लेकर यहूदा की लकड़ी से जोड़कर उसके साथ एक ही लकड़ी कर दूँगा; और दोनों मेरे हाथ में एक ही लकड़ी बनेंगी।
so rede zu ihnen: So spricht der Herr, Jehova: Siehe, ich werde das Holz Josephs nehmen, welches in der Hand Ephraims ist, und die Stämme Israels, seine Genossen; und ich werde sie dazu tun, zu dem Holze Judas, und werde sie zu einem Holze machen, so daß sie eins seien in meiner Hand.
20 २० जिन लकड़ियों पर तू ऐसा लिखेगा, वे उनके सामने तेरे हाथ में रहें।
Und die Hölzer, auf welche du geschrieben hast, sollen in deiner Hand sein vor ihren Augen.
21 २१ तब तू उन लोगों से कह, परमेश्वर यहोवा यह कहता है, देखो, मैं इस्राएलियों को उन जातियों में से लेकर जिनमें वे चले गए हैं, चारों ओर से इकट्ठा करूँगा; और उनके निज देश में पहुँचाऊँगा।
Und rede zu ihnen: So spricht der Herr, Jehova: Siehe, ich werde die Kinder Israel aus den Nationen herausholen, wohin sie gezogen sind, und ich werde sie von ringsumher sammeln und sie in ihr Land bringen.
22 २२ मैं उनको उस देश अर्थात् इस्राएल के पहाड़ों पर एक ही जाति कर दूँगा; और उन सभी का एक ही राजा होगा; और वे फिर दो न रहेंगे और न दो राज्यों में कभी बटेंगे।
Und ich werde sie zu einer Nation machen im Lande, auf den Bergen Israels, und sie werden allesamt einen König zum König haben; und sie sollen [Nach and. Les.: und sie soll] nicht mehr zu zwei Nationen werden, und sollen sich fortan nicht mehr in zwei Königreiche teilen.
23 २३ वे फिर अपनी मूरतों, और घिनौने कामों या अपने किसी प्रकार के पाप के द्वारा अपने को अशुद्ध न करेंगे; परन्तु मैं उनको उन सब बस्तियों से, जहाँ वे पाप करते थे, निकालकर शुद्ध करूँगा, और वे मेरी प्रजा होंगे, और मैं उनका परमेश्वर होऊँगा।
Und sie werden sich nicht mehr verunreinigen durch ihre Götzen und durch ihre Scheusale und durch alle ihre Übertretungen; und ich werde sie retten aus allen ihren Wohnsitzen, in welchen sie gesündigt haben, und werde sie reinigen; und sie werden mein Volk, und ich werde ihr Gott sein.
24 २४ “मेरा दास दाऊद उनका राजा होगा; और उन सभी का एक ही चरवाहा होगा। वे मेरे नियमों पर चलेंगे और मेरी विधियों को मानकर उनके अनुसार चलेंगे।
Und mein Knecht David wird König über sie sein, und sie werden allesamt einen Hirten haben; und sie werden in meinen Rechten wandeln, und meine Satzungen bewahren und sie tun.
25 २५ वे उस देश में रहेंगे जिसे मैंने अपने दास याकूब को दिया था; और जिसमें तुम्हारे पुरखा रहते थे, उसी में वे और उनके बेटे-पोते सदा बसे रहेंगे; और मेरा दास दाऊद सदा उनका प्रधान रहेगा।
Und sie werden wohnen in dem Lande, das ich meinem Knechte Jakob gegeben, worin eure Väter gewohnt haben; und sie werden darin wohnen, sie und ihre Kinder und ihre Kindeskinder, bis in Ewigkeit; und mein Knecht David wird ihr Fürst sein ewiglich.
26 २६ मैं उनके साथ शान्ति की वाचा बाँधूँगा; वह सदा की वाचा ठहरेगी; और मैं उन्हें स्थान देकर गिनती में बढ़ाऊँगा, और उनके बीच अपना पवित्रस्थान सदा बनाए रखूँगा।
Und ich werde einen Bund des Friedens mit ihnen machen, ein ewiger Bund wird es mit ihnen sein; und ich werde sie einsetzen und sie vermehren, und werde mein Heiligtum in ihre Mitte setzen ewiglich.
27 २७ मेरे निवास का तम्बू उनके ऊपर तना रहेगा; और मैं उनका परमेश्वर होऊँगा, और वे मेरी प्रजा होंगे।
Und meine Wohnung wird über ihnen sein; und ich werde ihr Gott, und sie werden mein Volk sein.
28 २८ जब मेरा पवित्रस्थान उनके बीच सदा के लिये रहेगा, तब सब जातियाँ जान लेंगी कि मैं यहोवा इस्राएल का पवित्र करनेवाला हूँ।”
Und die Nationen werden wissen, daß ich Jehova bin, der Israel heiligt, wenn mein Heiligtum in ihrer Mitte sein wird ewiglich.

< यहेजकेल 37 >