< यहेजकेल 32 >

1 बारहवें वर्ष के बारहवें महीने के पहले दिन को यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
וַֽיְהִי֙ בִּשְׁתֵּ֣י עֶשְׂרֵ֣ה שָׁנָ֔ה בִּשְׁנֵי־עָשָׂ֥ר חֹ֖דֶשׁ בְּאֶחָ֣ד לַחֹ֑דֶשׁ הָיָ֥ה דְבַר־יְהוָ֖ה אֵלַ֥י לֵאמֹֽר׃
2 “हे मनुष्य के सन्तान, मिस्र के राजा फ़िरौन के विषय विलाप का गीत बनाकर उसको सुना: जाति-जाति में तेरी उपमा जवान सिंह से दी गई थी, परन्तु तू समुद्र के मगर के समान है; तू अपनी नदियों में टूट पड़ा, और उनके जल को पाँवों से मथकर गंदला कर दिया।
בֶּן־אָדָ֗ם שָׂ֤א קִינָה֙ עַל־פַּרְעֹ֣ה מֶֽלֶךְ־מִצְרַ֔יִם וְאָמַרְתָּ֣ אֵלָ֔יו כְּפִ֥יר גֹּויִ֖ם נִדְמֵ֑יתָ וְאַתָּה֙ כַּתַּנִּ֣ים בַּיַּמִּ֔ים וַתָּ֣גַח בְּנַהֲרֹותֶ֗יךָ וַתִּדְלַח־מַ֙יִם֙ בְּרַגְלֶ֔יךָ וַתִּרְפֹּ֖ס נַהֲרֹותָֽם׃
3 परमेश्वर यहोवा यह कहता है: मैं बहुत सी जातियों की सभा के द्वारा तुझ पर अपना जाल फैलाऊँगा, और वे तुझे मेरे महाजाल में खींच लेंगे।
כֹּ֤ה אָמַר֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה וּפָרַשְׂתִּ֤י עָלֶ֙יךָ֙ אֶת־רִשְׁתִּ֔י בִּקְהַ֖ל עַמִּ֣ים רַבִּ֑ים וְהֶעֱל֖וּךָ בְּחֶרְמִֽי׃
4 तब मैं तुझे भूमि पर छोड़ूँगा, और मैदान में फेंककर आकाश के सब पक्षियों को तुझ पर बैठाऊँगा; और तेरे माँस से सारी पृथ्वी के जीवजन्तुओं को तृप्त करूँगा।
וּנְטַשְׁתִּ֣יךָ בָאָ֔רֶץ עַל־פְּנֵ֥י הַשָּׂדֶ֖ה אֲטִילֶ֑ךָ וְהִשְׁכַּנְתִּ֤י עָלֶ֙יךָ֙ כָּל־עֹ֣וף הַשָּׁמַ֔יִם וְהִשְׂבַּעְתִּ֥י מִמְּךָ֖ חַיַּ֥ת כָּל־הָאָֽרֶץ׃
5 मैं तेरे माँस को पहाड़ों पर रखूँगा, और तराइयों को तेरी ऊँचाई से भर दूँगा।
וְנָתַתִּ֥י אֶת־בְּשָׂרְךָ֖ עַל־הֶֽהָרִ֑ים וּמִלֵּאתִ֥י הַגֵּאָיֹ֖ות רָמוּתֶֽךָ׃
6 जिस देश में तू तैरता है, उसको पहाड़ों तक मैं तेरे लहू से सींचूँगा; और उसके नाले तुझ से भर जाएँगे।
וְהִשְׁקֵיתִ֨י אֶ֧רֶץ צָפָתְךָ֛ מִדָּמְךָ֖ אֶל־הֶֽהָרִ֑ים וַאֲפִקִ֖ים יִמָּלְא֥וּן מִמֶּֽךָּ׃
7 जिस समय मैं तुझे मिटाने लगूँ, उस समय मैं आकाश को ढाँपूँगा और तारों को धुन्धला कर दूँगा; मैं सूर्य को बादल से छिपाऊँगा, और चन्द्रमा अपना प्रकाश न देगा।
וְכִסֵּיתִ֤י בְכַבֹּֽותְךָ֙ שָׁמַ֔יִם וְהִקְדַּרְתִּ֖י אֶת־כֹּֽכְבֵיהֶ֑ם שֶׁ֚מֶשׁ בֶּעָנָ֣ן אֲכַסֶּ֔נּוּ וְיָרֵ֖חַ לֹא־יָאִ֥יר אֹורֹֽו׃
8 आकाश में जितनी प्रकाशमान ज्योतियाँ हैं, उन सब को मैं तेरे कारण धुन्धला कर दूँगा, और तेरे देश में अंधकार कर दूँगा, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
כָּל־מְאֹ֤ורֵי אֹור֙ בַּשָּׁמַ֔יִם אַקְדִּירֵ֖ם עָלֶ֑יךָ וְנָתַ֤תִּי חֹ֙שֶׁךְ֙ עַֽל־אַרְצְךָ֔ נְאֻ֖ם אֲדֹנָ֥י יְהוִֽה׃
9 “जब मैं तेरे विनाश का समाचार जाति-जाति में और तेरे अनजाने देशों में फैलाऊँगा, तब बड़े-बड़े देशों के लोगों के मन में रिस उपजाऊँगा।
וְהִ֨כְעַסְתִּ֔י לֵ֖ב עַמִּ֣ים רַבִּ֑ים בַּהֲבִיאִ֤י שִׁבְרְךָ֙ בַּגֹּויִ֔ם עַל־אֲרָצֹ֖ות אֲשֶׁ֥ר לֹֽא־יְדַעְתָּֽם׃
10 १० मैं बहुत सी जातियों को तेरे कारण विस्मित कर दूँगा, और जब मैं उनके राजाओं के सामने अपनी तलवार भेजूँगा, तब तेरे कारण उनके रोएँ खड़े हो जाएँगे, और तेरे गिरने के दिन वे अपने-अपने प्राण के लिये काँपते रहेंगे।
וַהֲשִׁמֹּותִ֨י עָלֶ֜יךָ עַמִּ֣ים רַבִּ֗ים וּמַלְכֵיהֶם֙ יִשְׂעֲר֤וּ עָלֶ֙יךָ֙ שַׂ֔עַר בְּעֹופְפִ֥י חַרְבִּ֖י עַל־פְּנֵיהֶ֑ם וְחָרְד֤וּ לִרְגָעִים֙ אִ֣ישׁ לְנַפְשֹׁ֔ו בְּיֹ֖ום מַפַּלְתֶּֽךָ׃ ס
11 ११ क्योंकि परमेश्वर यहोवा यह कहता है: बाबेल के राजा की तलवार तुझ पर चलेगी।
כִּ֛י כֹּ֥ה אָמַ֖ר אֲדֹנָ֣י יְהוִ֑ה חֶ֥רֶב מֶֽלֶךְ־בָּבֶ֖ל תְּבֹואֶֽךָ׃
12 १२ मैं तेरी भीड़ को ऐसे शूरवीरों की तलवारों के द्वारा गिराऊँगा जो सब जातियों में भयानक हैं। “वे मिस्र के घमण्ड को तोड़ेंगे, और उसकी सारी भीड़ का सत्यानाश होगा।
בְּחַרְבֹ֤ות גִּבֹּורִים֙ אַפִּ֣יל הֲמֹונֶ֔ךָ עָרִיצֵ֥י גֹויִ֖ם כֻּלָּ֑ם וְשָֽׁדְדוּ֙ אֶת־גְּאֹ֣ון מִצְרַ֔יִם וְנִשְׁמַ֖ד כָּל־הֲמֹונָֽהּ׃
13 १३ मैं उसके सब पशुओं को उसके बहुत से जलाशयों के तट पर से नाश करूँगा; और भविष्य में वे न तो मनुष्य के पाँव से और न पशुओं के खुरों से गंदले किए जाएँगे।
וְהַֽאֲבַדְתִּי֙ אֶת־כָּל־בְּהֶמְתָּ֔הּ מֵעַ֖ל מַ֣יִם רַבִּ֑ים וְלֹ֨א תִדְלָחֵ֤ם רֶֽגֶל־אָדָם֙ עֹ֔וד וּפַרְסֹ֥ות בְּהֵמָ֖ה לֹ֥א תִדְלָחֵֽם׃
14 १४ तब मैं उनका जल निर्मल कर दूँगा, और उनकी नदियाँ तेल के समान बहेंगी, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
אָ֚ז אַשְׁקִ֣יעַ מֵֽימֵיהֶ֔ם וְנַהֲרֹותָ֖ם כַּשֶּׁ֣מֶן אֹולִ֑יךְ נְאֻ֖ם אֲדֹנָ֥י יְהוִֽה׃
15 १५ जब मैं मिस्र देश को उजाड़ दूँगा और जिससे वह भरपूर है, उसको छूछा कर दूँगा, और जब मैं उसके सब रहनेवालों को मारूँगा, तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।
בְּתִתִּי֩ אֶת־אֶ֨רֶץ מִצְרַ֜יִם שְׁמָמָ֣ה וּנְשַׁמָּ֗ה אֶ֚רֶץ מִמְּלֹאָ֔הּ בְּהַכֹּותִ֖י אֶת־כָּל־יֹ֣ושְׁבֵי בָ֑הּ וְיָדְע֖וּ כִּֽי־אֲנִ֥י יְהוָֽה׃
16 १६ “लोगों के विलाप करने के लिये विलाप का गीत यही है; जाति-जाति की स्त्रियाँ इसे गाएँगी; मिस्र और उसकी सारी भीड़ के विषय वे यही विलापगीत गाएँगी, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।”
קִינָ֥ה הִיא֙ וְקֹ֣ונְנ֔וּהָ בְּנֹ֥ות הַגֹּויִ֖ם תְּקֹונֵ֣נָּה אֹותָ֑הּ עַל־מִצְרַ֤יִם וְעַל־כָּל־הֲמֹונָהּ֙ תְּקֹונֵ֣נָּה אֹותָ֔הּ נְאֻ֖ם אֲדֹנָ֥י יְהוִֽה׃ פ
17 १७ फिर बारहवें वर्ष के पहले महीने के पन्द्रहवें दिन को यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
וַֽיְהִי֙ בִּשְׁתֵּ֣י עֶשְׂרֵ֣ה שָׁנָ֔ה בַּחֲמִשָּׁ֥ה עָשָׂ֖ר לַחֹ֑דֶשׁ הָיָ֥ה דְבַר־יְהוָ֖ה אֵלַ֥י לֵאמֹֽר׃
18 १८ “हे मनुष्य के सन्तान, मिस्र की भीड़ के लिये हाय-हाय कर, और उसको प्रतापी जातियों की बेटियों समेत कब्र में गड़े हुओं के पास अधोलोक में उतार।
בֶּן־אָדָ֕ם נְהֵ֛ה עַל־הֲמֹ֥ון מִצְרַ֖יִם וְהֹורִדֵ֑הוּ אֹ֠ותָהּ וּבְנֹ֨ות גֹּויִ֧ם אַדִּרִ֛ם אֶל־אֶ֥רֶץ תַּחְתִּיֹּ֖ות אֶת־יֹ֥ורְדֵי בֹֽור׃
19 १९ तू किस से मनोहर है? तू उतरकर खतनाहीनों के संग पड़ा रह।
מִמִּ֖י נָעָ֑מְתָּ רְדָ֥ה וְהָשְׁכְּבָ֖ה אֶת־עֲרֵלִֽים׃
20 २० “वे तलवार से मरे हुओं के बीच गिरेंगे, उनके लिये तलवार ही ठहराई गई है; इसलिए मिस्र को उसकी सारी भीड़ समेत घसीट ले जाओ।
בְּתֹ֥וךְ חַלְלֵי־חֶ֖רֶב יִפֹּ֑לוּ חֶ֣רֶב נִתָּ֔נָה מָשְׁכ֥וּ אֹותָ֖הּ וְכָל־הֲמֹונֶֽיהָ׃
21 २१ सामर्थी शूरवीर उससे और उसके सहायकों से अधोलोक में बातें करेंगे; वे खतनाहीन लोग वहाँ तलवार से मरे पड़े हैं। (Sheol h7585)
יְדַבְּרוּ־לֹ֞ו אֵלֵ֧י גִבֹּורִ֛ים מִתֹּ֥וךְ שְׁאֹ֖ול אֶת־עֹֽזְרָ֑יו יָֽרְד֛וּ שָׁכְב֥וּ הָעֲרֵלִ֖ים חַלְלֵי־חָֽרֶב׃ (Sheol h7585)
22 २२ “अपनी सारी सभा समेत अश्शूर भी वहाँ है, उसकी कब्रें उसके चारों ओर हैं; सब के सब तलवार से मारे गए हैं।
שָׁ֤ם אַשּׁוּר֙ וְכָל־קְהָלָ֔הּ סְבִֽיבֹותָ֖יו קִבְרֹתָ֑יו כֻּלָּ֣ם חֲלָלִ֔ים הַנֹּפְלִ֖ים בֶּחָֽרֶב׃
23 २३ उसकी कब्रें गड्ढे के कोनों में बनी हुई हैं, और उसकी कब्र के चारों ओर उसकी सभा है; वे सब के सब जो जीवनलोक में भय उपजाते थे, अब तलवार से मरे पड़े हैं।
אֲשֶׁ֨ר נִתְּנ֤וּ קִבְרֹתֶ֙יהָ֙ בְּיַרְכְּתֵי־בֹ֔ור וַיְהִ֣י קְהָלָ֔הּ סְבִיבֹ֖ות קְבֻרָתָ֑הּ כֻּלָּ֤ם חֲלָלִים֙ נֹפְלִ֣ים בַּחֶ֔רֶב אֲשֶׁר־נָתְנ֥וּ חִתִּ֖ית בְּאֶ֥רֶץ חַיִּֽים׃
24 २४ “वहाँ एलाम है, और उसकी कब्र की चारों ओर उसकी सारी भीड़ है; वे सब के सब तलवार से मारे गए हैं, वे खतनारहित अधोलोक में उतर गए हैं; वे जीवनलोक में भय उपजाते थे, परन्तु अब कब्र में और गड़े हुओं के संग उनके मुँह पर भी उदासी छाई हुई है।
שָׁ֤ם עֵילָם֙ וְכָל־הֲמֹונָ֔הּ סְבִיבֹ֖ות קְבֻרָתָ֑הּ כֻּלָּ֣ם חֲלָלִים֩ הַנֹּפְלִ֨ים בַּחֶ֜רֶב אֲ‍ֽשֶׁר־יָרְד֥וּ עֲרֵלִ֣ים ׀ אֶל־אֶ֣רֶץ תַּחְתִּיֹּ֗ות אֲשֶׁ֨ר נָתְנ֤וּ חִתִּיתָם֙ בְּאֶ֣רֶץ חַיִּ֔ים וַיִּשְׂא֥וּ כְלִמָּתָ֖ם אֶת־יֹ֥ורְדֵי בֹֽור׃
25 २५ उसकी सारी भीड़ समेत उसे मारे हुओं के बीच सेज मिली, उसकी कब्रें उसी के चारों ओर हैं, वे सब के सब खतनारहित तलवार से मारे गए; उन्होंने जीवनलोक में भय उपजाया था, परन्तु अब कब्र में और गड़े हुओं के संग उनके मुँह पर उदासी छाई हुई है; और वे मरे हुओं के बीच रखे गए हैं।
בְּתֹ֣וךְ חֲ֠לָלִים נָתְנ֨וּ מִשְׁכָּ֥ב לָהּ֙ בְּכָל־הֲמֹונָ֔הּ סְבִֽיבֹותָ֖יו קִבְרֹתֶ֑הָ כֻּלָּ֣ם עֲרֵלִ֣ים חַלְלֵי־חֶ֡רֶב כִּֽי־נִתַּ֨ן חִתִּיתָ֜ם בְּאֶ֣רֶץ חַיִּ֗ים וַיִּשְׂא֤וּ כְלִמָּתָם֙ אֶת־יֹ֣ורְדֵי בֹ֔ור בְּתֹ֥וךְ חֲלָלִ֖ים נִתָּֽן׃
26 २६ “वहाँ सारी भीड़ समेत मेशेक और तूबल हैं, उनके चारों ओर कब्रें हैं; वे सब के सब खतनारहित तलवार से मारे गए, क्योंकि जीवनलोक में वे भय उपजाते थे।
שָׁ֣ם מֶ֤שֶׁךְ תֻּבַל֙ וְכָל־הֲמֹונָ֔הּ סְבִֽיבֹותָ֖יו קִבְרֹותֶ֑יהָ כֻּלָּ֤ם עֲרֵלִים֙ מְחֻ֣לְלֵי חֶ֔רֶב כִּֽי־נָתְנ֥וּ חִתִּיתָ֖ם בְּאֶ֥רֶץ חַיִּֽים׃
27 २७ उन गिरे हुए खतनारहित शूरवीरों के संग वे पड़े न रहेंगे जो अपने-अपने युद्ध के हथियार लिए हुए अधोलोक में उतर गए हैं, वहाँ उनकी तलवारें उनके सिरों के नीचे रखी हुई हैं, और उनके अधर्म के काम उनकी हड्डियों में व्याप्त हैं; क्योंकि जीवनलोक में उनसे शूरवीरों को भी भय उपजता था। (Sheol h7585)
וְלֹ֤א יִשְׁכְּבוּ֙ אֶת־גִּבֹּורִ֔ים נֹפְלִ֖ים מֵעֲרֵלִ֑ים אֲשֶׁ֣ר יָרְדֽוּ־שְׁאֹ֣ול בִּכְלֵֽי־מִלְחַמְתָּם֩ וַיִּתְּנ֨וּ אֶת־חַרְבֹותָ֜ם תַּ֣חַת רָאשֵׁיהֶ֗ם וַתְּהִ֤י עֲוֹֽנֹתָם֙ עַל־עַצְמֹותָ֔ם כִּֽי־חִתִּ֥ית גִּבֹּורִ֖ים בְּאֶ֥רֶץ חַיִּֽים׃ (Sheol h7585)
28 २८ इसलिए तू भी खतनाहीनों के संग अंग-भंग होकर तलवार से मरे हुओं के संग पड़ा रहेगा।
וְאַתָּ֗ה בְּתֹ֧וךְ עֲרֵלִ֛ים תִּשָּׁבַ֥ר וְתִשְׁכַּ֖ב אֶת־חַלְלֵי־חָֽרֶב׃
29 २९ “वहाँ एदोम और उसके राजा और उसके सारे प्रधान हैं, जो पराक्रमी होने पर भी तलवार से मरे हुओं के संग रखे हैं; गड्ढे में गड़े हुए खतनारहित लोगों के संग वे भी पड़े रहेंगे।
שָׁ֣מָּה אֱדֹ֗ום מְלָכֶ֙יהָ֙ וְכָל־נְשִׂיאֶ֔יהָ אֲשֶׁר־נִתְּנ֥וּ בִגְבוּרָתָ֖ם אֶת־חַלְלֵי־חָ֑רֶב הֵ֛מָּה אֶת־עֲרֵלִ֥ים יִשְׁכָּ֖בוּ וְאֶת־יֹ֥רְדֵי בֹֽור׃
30 ३० “वहाँ उत्तर दिशा के सारे प्रधान और सारे सीदोनी भी हैं जो मरे हुओं के संग उतर गए; उन्होंने अपने पराक्रम से भय उपजाया था, परन्तु अब वे लज्जित हुए और तलवार से और मरे हुओं के साथ वे भी खतनारहित पड़े हुए हैं, और कब्र में अन्य गड़े हुओं के संग उनके मुँह पर भी उदासी छाई हुई है।
שָׁ֣מָּה נְסִיכֵ֥י צָפֹ֛ון כֻּלָּ֖ם וְכָל־צִֽדֹנִ֑י אֲשֶׁר־יָרְד֣וּ אֶת־חֲלָלִ֗ים בְּחִתִּיתָ֑ם מִגְבֽוּרָתָם֙ בֹּושִׁ֔ים וַיִּשְׁכְּב֤וּ עֲרֵלִים֙ אֶת־חַלְלֵי־חֶ֔רֶב וַיִּשְׂא֥וּ כְלִמָּתָ֖ם אֶת־יֹ֥ורְדֵי בֹֽור׃
31 ३१ “इन्हें देखकर फ़िरौन भी अपनी सारी भीड़ के विषय में शान्ति पाएगा, हाँ फ़िरौन और उसकी सारी सेना जो तलवार से मारी गई है, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
אֹותָם֙ יִרְאֶ֣ה פַרְעֹ֔ה וְנִחַ֖ם עַל־כָּל־הֲמֹונֹה (הֲמֹונֹ֑ו) חַלְלֵי־חֶ֙רֶב֙ פַּרְעֹ֣ה וְכָל־חֵילֹ֔ו נְאֻ֖ם אֲדֹנָ֥י יְהוִֽה׃
32 ३२ क्योंकि मैंने उसके कारण जीवनलोक में भय उपजाया था; इसलिए वह सारी भीड़ समेत तलवार से और मरे हुओं के सहित खतनारहित के बीच लिटाया जाएगा, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।”
כִּֽי־נָתַ֥תִּי אֶת־חִתִּיתֹו (חִתִּיתִ֖י) בְּאֶ֣רֶץ חַיִּ֑ים וְהֻשְׁכַּב֩ בְּתֹ֨וךְ עֲרֵלִ֜ים אֶת־חַלְלֵי־חֶ֗רֶב פַּרְעֹה֙ וְכָל־הֲמֹונֹ֔ה נְאֻ֖ם אֲדֹנָ֥י יְהוִֽה׃ פ

< यहेजकेल 32 >