< यहेजकेल 29 >
1 १ दसवें वर्ष के दसवें महीने के बारहवें दिन को यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा,
দশম বছরের, দশম মাসের বারো দিনের দিন, সদাপ্রভুর বাক্য আমার কাছে উপস্থিত হল,
2 २ “हे मनुष्य के सन्तान, अपना मुख मिस्र के राजा फ़िरौन की ओर करके उसके और सारे मिस्र के विरुद्ध भविष्यद्वाणी कर;
“হে মানবসন্তান, তুমি তোমার মুখ মিশরের রাজা ফরৌণের দিকে রেখে তার ও সারা মিশর দেশের বিরুদ্ধে ভবিষ্যদ্বাণী বলো।
3 ३ यह कह, परमेश्वर यहोवा यह कहता है: हे मिस्र के राजा फ़िरौन, मैं तेरे विरुद्ध हूँ, हे बड़े नगर, तू जो अपनी नदियों के बीच पड़ा रहता है, जिसने कहा है, ‘मेरी नदी मेरी निज की है, और मैं ही ने उसको अपने लिये बनाया है।’
তুমি এই কথা তাকে বলো: ‘সার্বভৌম সদাপ্রভু এই কথা বলেন, “‘হে মিশরের রাজা ফরৌণ, আমি তোমার বিপক্ষে, তুমি নিজের নদীর মধ্যে শুয়ে থাকা এক প্রকাণ্ড দানব। তুমি বলো, “এই নীলনদ আমার; আমি নিজের জন্য এটি তৈরি করেছি।”
4 ४ मैं तेरे जबड़ों में नकेल डालूँगा, और तेरी नदियों की मछलियों को तेरी खाल में चिपटाऊँगा, और तेरी खाल में चिपटी हुई तेरी नदियों की सब मछलियों समेत तुझको तेरी नदियों में से निकालूँगा।
আমি তোমার চোয়ালে বড়শি পরাব এবং তোমার স্রোতোধারার মাছগুলিকে তোমার আঁশের সঙ্গে লাগিয়ে দেব। তোমার স্রোতের মধ্যে থেকে আমি তোমাকে টেনে তুলব, তখনও তোমার স্রোতের মাছগুলি তোমার আঁশের সঙ্গে লেগে থাকবে।
5 ५ तब मैं तुझे तेरी नदियों की सारी मछलियों समेत जंगल में निकाल दूँगा, और तू मैदान में पड़ा रहेगा; किसी भी प्रकार से तेरी सुधि न ली जाएगी। मैंने तुझे वन-पशुओं और आकाश के पक्षियों का आहार कर दिया है।
তোমাকে ও তোমার স্রোতোধারার মাছগুলিকে আমি প্রান্তরে ফেলে রাখব। তুমি খোলা মাঠে পড়ে থাকবে এবং কেউ তোমাকে জড়ো করবে না বা তুলবে না। আমি খাবার হিসেবে তোমাকে ভূমির পশু এবং আকাশের পাখিদের দেব।
6 ६ “तब मिस्र के सारे निवासी जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ। वे तो इस्राएल के घराने के लिये नरकट की टेक ठहरे थे।
তখন মিশরে যারা বাস করে তারা জানবে যে আমিই সদাপ্রভু। “‘তুমি ইস্রায়েল কুলের জন্য নলের লাঠি হয়েছিলে।
7 ७ जब उन्होंने तुझ पर हाथ का बल दिया तब तू टूट गया और उनके कंधे उखड़ ही गए; और जब उन्होंने तुझ पर टेक लगाई, तब तू टूट गया, और उनकी कमर की सारी नसें चढ़ गईं।
যখন তারা তোমাকে হাতে ধরত, তুমি ফেটে গিয়ে তাদের কাঁধে আঘাত করতে; যখন তারা তোমার উপর ভর দিত তখন তুমি ভেঙে যেতে এবং তাদের পিঠ তাতে মুচড়ে যেত।
8 ८ इस कारण प्रभु यहोवा यह कहता है: देख, मैं तुझ पर तलवार चलवाकर, तेरे मनुष्य और पशु, सभी को नाश करूँगा।
“‘সেইজন্য, সার্বভৌম সদাপ্রভু এই কথা বলেন, আমি তোমার বিরুদ্ধে তরোয়াল নিয়ে এসে তোমার লোকদের ও পশুদের মেরে ফেলব।
9 ९ तब मिस्र देश उजाड़ ही उजाड़ होगा; और वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ। “तूने कहा है, ‘मेरी नदी मेरी अपनी ही है, और मैं ही ने उसे बनाया।’
মিশর হবে একটি জনশূন্য ধ্বংসস্থান। তখন তারা জানবে যে আমিই সদাপ্রভু। “‘কারণ তুমি বলেছিলে, “এই নীলনদ আমার; আমি এটি তৈরি করেছি,”
10 १० इस कारण देख, मैं तेरे और तेरी नदियों के विरुद्ध हूँ, और मिस्र देश को मिग्दोल से लेकर सवेने तक वरन् कूश देश की सीमा तक उजाड़ ही उजाड़ कर दूँगा।
এই জন্য আমি তোমার ও তোমার স্রোতোধারা সকলের বিপক্ষে, এবং আমি মিগ্দোল থেকে সিবেনী পর্যন্ত, অর্থাৎ কূশের সীমানা পর্যন্ত, মিশর দেশকে জনশূন্য ও ধ্বংসস্থান করব।
11 ११ चालीस वर्ष तक उसमें मनुष्य या पशु का पाँव तक न पड़ेगा; और न उसमें कोई बसेगा।
তার মধ্যে দিয়ে কোনও মানুষ বা পশু যাতায়াত করবে না; চল্লিশ বছর কেউ সেখানে বাস করবে না।
12 १२ चालीस वर्ष तक मैं मिस्र देश को उजड़े हुए देशों के बीच उजाड़ कर रखूँगा; और उसके नगर उजड़े हुए नगरों के बीच खण्डहर ही रहेंगे। मैं मिस्रियों को जाति-जाति में छिन्न-भिन्न कर दूँगा, और देश-देश में तितर-बितर कर दूँगा।
ধ্বংস হয়ে যাওয়া সমস্ত দেশগুলির মধ্যে আমি মিশর দেশের অবস্থা আরও বেশি খারাপ করে দেব; ধ্বংস হয়ে যাওয়া নগরগুলির মধ্যে তার নগরগুলির চল্লিশ বছর ধরে জনশূন্য হয়ে থাকবে। এবং আমি মিস্রীয়দের বিভিন্ন জাতি ও দেশের মধ্যে ছড়িয়ে দেব।
13 १३ “परमेश्वर यहोवा यह कहता है: चालीस वर्ष के बीतने पर मैं मिस्रियों को उन जातियों के बीच से इकट्ठा करूँगा, जिनमें वे तितर-बितर हुए;
“‘কেননা সার্বভৌম সদাপ্রভু এই কথা বলেন, চল্লিশ বছরের শেষে আমি বিভিন্ন দেশে ছড়িয়ে থাকা মিশরীয়দের জড়ো করব।
14 १४ और मैं मिस्रियों को बँधुआई से छुड़ाकर पत्रोस देश में, जो उनकी जन्म-भूमि है, फिर पहुँचाऊँगा; और वहाँ उनका छोटा सा राज्य हो जाएगा।
আমি তাদের বন্দিদশা থেকে ফিরিয়ে তাদের পূর্বপুরুষদের দেশ মিশরের উপরের এলাকাটি দেব। সেখানে তারা এক দুর্বল রাজ্য হবে।
15 १५ वह सब राज्यों में से छोटा होगा, और फिर अपना सिर और जातियों के ऊपर न उठाएगा; क्योंकि मैं मिस्रियों को ऐसा घटाऊँगा कि वे अन्यजातियों पर फिर प्रभुता न करने पाएँगे।
সে দুর্বল রাজ্য হবে এবং অন্যান্য জাতিদের উপরে সে কখনও নিজেকে উঁচু করবে না। আমি তাকে এত দুর্বল করব যে সে আর কখনও অন্যান্য জাতিদের উপরে রাজত্ব করবে না।
16 १६ वह फिर इस्राएल के घराने के भरोसे का कारण न होगा, क्योंकि जब वे फिर उनकी ओर देखने लगें, तब वे उनके अधर्म को स्मरण करेंगे। और तब वे जान लेंगे कि मैं परमेश्वर यहोवा हूँ।”
ইস্রায়েলীরা আর কখনও মিশরের উপর নির্ভর করবে না, কিন্তু মিশরের অবস্থা দেখে তারা বুঝতে পারবে যে সাহায্যের জন্য মিশরের দিকে ফিরে তারা পাপ করেছিল। তখন তারা জানতে পারবে যে আমিই সার্বভৌম সদাপ্রভু।’”
17 १७ फिर सत्ताइसवें वर्ष के पहले महीने के पहले दिन को यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा
সাতাশ বছরের প্রথম মাসের প্রথম দিনে, সদাপ্রভুর বাক্য আমার কাছে উপস্থিত হল,
18 १८ “हे मनुष्य के सन्तान, बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर ने सोर के घेरने में अपनी सेना से बड़ा परिश्रम कराया; हर एक का सिर गंजा हो गया, और हर एक के कंधों का चमड़ा छिल गया; तो भी उसको सोर से न तो इस बड़े परिश्रम की मजदूरी कुछ मिली और न उसकी सेना को।
“হে মানবসন্তান, ব্যাবিলনের রাজা নেবুখাদনেজার সোরের বিরুদ্ধে যুদ্ধের সময় তার সৈন্যদলকে এত বেশি পরিশ্রম করিয়েছে যে; প্রত্যেকের মাথার চুল উঠে গিয়েছে ও কাঁধের ছালচামড়া উঠে গিয়েছে। তবুও সোরের বিরুদ্ধে সে যে যুদ্ধ চালিয়েছে তাতে তার বা তার সৈন্যদলের কোনো লাভ হয়নি।
19 १९ इस कारण परमेश्वर यहोवा यह कहता है: देख, मैं बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर को मिस्र देश दूँगा; और वह उसकी भीड़ को ले जाएगा, और उसकी धन-सम्पत्ति को लूटकर अपना कर लेगा; अतः यही मजदूरी उसकी सेना को मिलेगी।
এই জন্য সার্বভৌম সদাপ্রভু এই কথা বলেন, আমি ব্যাবিলনের রাজা নেবুখাদনেজারকে মিশর দেশটা দেব, আর সে তার ধনসম্পদ নিয়ে যাবে। তার সৈন্যদলের বেতনের জন্য সে সেই দেশ লুটপাট করবে।
20 २० मैंने उसके परिश्रम के बदले में उसको मिस्र देश इस कारण दिया है कि उन लोगों ने मेरे लिये काम किया था, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
সে ও তার সৈন্যদল আমার জন্য যে পরিশ্রম করেছে তার পুরস্কার হিসেবে আমি তাকে মিশর দেশটা দিয়েছি, সার্বভৌম সদাপ্রভু এই কথা বলেন।
21 २१ “उसी समय मैं इस्राएल के घराने का एक सींग उगाऊँगा, और उनके बीच तेरा मुँह खोलूँगा। और वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।”
“সেদিন আমি ইস্রায়েল জাতিকে শক্তিশালী করব, এবং তাদের মধ্যে কথা বলার জন্য আমি তোমার মুখ খুলে দেব। তখন তারা জানবে যে আমিই সদাপ্রভু।”