< यहेजकेल 25 >
1 १ यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
[Some time later, ] Yahweh gave me another message. [He said, ]
2 २ “हे मनुष्य के सन्तान, अम्मोनियों की ओर मुँह करके उनके विषय में भविष्यद्वाणी कर।
“You human, turn toward where the Ammon people- [lives], and prophesy [what will happen to] them.
3 ३ उनसे कह, हे अम्मोनियों, परमेश्वर यहोवा का वचन सुनो, परमेश्वर यहोवा यह कहता है कि तुम ने जो मेरे पवित्रस्थान के विषय जब वह अपवित्र किया गया, और इस्राएल के देश के विषय जब वह उजड़ गया, और यहूदा के घराने के विषय जब वे बँधुआई में गए, अहा, अहा! कहा!
Say about them, ‘This is what Yahweh the Lord says: “You shouted joyfully when my [in Jerusalem] was destroyed, and when the country/land of Israel was ruined, and when the people of Judah were (exiled/forced to go) [to Babylonia].
4 ४ इस कारण देखो, मैं तुम को पुर्वियों के अधिकार में करने पर हूँ; और वे तेरे बीच अपनी छावनियाँ डालेंगे और अपने घर बनाएँगे; वे तेरे फल खाएँगे और तेरा दूध पीएँगे।
Therefore, I am going to allow you to be conquered by people [who will come] from the east. They will set up their tents in your country and live there. And they will eat the fruit from [fruit trees] and drink the [from your cattle].
5 ५ और मैं रब्बाह नगर को ऊँटों के रहने और अम्मोनियों के देश को भेड़-बकरियों के बैठने का स्थान कर दूँगा; तब तुम जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ।
I will [your capital city] Rabbah to become a pasture for camels, and the rest of Ammon to [only] a resting place for sheep. Then you will know that I, Yahweh, [have the power to do what I say that I will do].”
6 ६ क्योंकि परमेश्वर यहोवा यह कहता है: तुम ने जो इस्राएल के देश के कारण ताली बजाई और नाचे, और अपने सारे मन के अभिमान से आनन्द किया,
This is what [I], Yahweh the Lord, say: “You clapped your [joyfully] and stomped your feet, and laughed because you despised [the people in] the land of Israel.
7 ७ इस कारण देख, मैंने अपना हाथ तेरे ऊपर बढ़ाया है; और तुझको जाति-जाति की लूटकर दूँगा, और देश-देश के लोगों में से तुझे मिटाऊँगा; और देश-देश में से नाश करूँगा। मैं तेरा सत्यानाश कर डालूँगा; तब तू जान लेगा कि मैं यहोवा हूँ।
Therefore, I will use my power [MTY] against you, and I will enable [other] nations [conquer you and] take away your valuable possessions. I will destroy you completely [DOU], with the result that you no longer will be a nation. When that happens, people will know that I, Yahweh, [have the power to do what I say that I will do].’”
8 ८ “परमेश्वर यहोवा यह कहता है: मोआब और सेईर जो कहते हैं, देखो, यहूदा का घराना और सब जातियों के समान हो गया है।
This is [also] what Yahweh the Lord says: “[The people of] [south of Ammon] and [the people of] [south of Moab despised Israel and] said, ‘The people [MTY] of Israel have [as unimportant] as all the other nations!’
9 ९ इस कारण देख, मोआब के देश के किनारे के नगरों को बेत्यशीमोत, बालमोन, और किर्यातैम, जो उस देश के शिरोमणि हैं, मैं उनका मार्ग खोलकर
Therefore, I will destroy the cities that protect the borders of Moab, starting at Beth-Jeshimoth, Baal-Meon, and Kiriathaim, the finest cities in Moab.
10 १० उन्हें पुर्वियों के वश में ऐसा कर दूँगा कि वे अम्मोनियों पर चढ़ाई करें; और मैं अम्मोनियों को यहाँ तक उनके अधिकार में कर दूँगा कि जाति-जाति के बीच उनका स्मरण फिर न रहेगा।
I will enable people from the east to conquer Moab and also to conquer Ammon. As a result, [I will cause that] Ammon will no longer be remembered by other nations.
11 ११ मैं मोआब को भी दण्ड दूँगा। और वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।
I will also punish [the people of] Moab. When that happens, they will know that I, Yahweh, [have the power to do what I say that I will do].”
12 १२ “परमेश्वर यहोवा यह भी कहता है: एदोम ने जो यहूदा के घराने से पलटा लिया, और उनसे बदला लेकर बड़ा दोषी हो गया है,
This is [also] what Yahweh the Lord says: “[You people of] Edom are guilty of getting revenge on the people [MTY] of Judah.
13 १३ इस कारण परमेश्वर यहोवा यह कहता है, मैं एदोम के देश के विरुद्ध अपना हाथ बढ़ाकर उसमें से मनुष्य और पशु दोनों को मिटाऊँगा; और तेमान से लेकर ददान तक उसको उजाड़ कर दूँगा; और वे तलवार से मारे जाएँगे।
Therefore this is what [I], Yahweh the Lord, say: 'I will use my power against [the people of] Edom and will get rid of their men and their animals. I will ruin the land from Teman [region in central Edom] to Dedan [region in the south of Edom], and many of their men will be killed [their enemies] swords.'
14 १४ मैं अपनी प्रजा इस्राएल के द्वारा एदोम से अपना बदला लूँगा; और वे उस देश में मेरे कोप और जलजलाहट के अनुसार काम करेंगे। तब वे मेरा पलटा लेना जान लेंगे, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
The Israeli people will use their power [MTY] to get revenge on [the people of] Edom. They will show [the people of] Edom that I have been angry with them, and I will punish [MTY] them. The people of Edom will experience my getting revenge on them. Then they will know that I, Yahweh the Lord, [have the power to do what I say that I will do].”
15 १५ “परमेश्वर यहोवा यह कहता है: क्योंकि पलिश्ती लोगों ने पलटा लिया, वरन् अपनी युग-युग की शत्रुता के कारण अपने मन के अभिमान से बदला लिया कि नाश करें,
This is [also] what Yahweh the Lord says: “The Philistia people-group wanted very much to get revenge [on the people of Judah]. They very maliciously wanted to destroy [Judah].
16 १६ इस कारण परमेश्वर यहोवा यह कहता है, देख, मैं पलिश्तियों के विरुद्ध अपना हाथ बढ़ाने पर हूँ, और करेतियों को मिटा डालूँगा; और समुद्र तट के बचे हुए रहनेवालों को नाश करूँगा।
Therefore this is what I, Yahweh the Lord, say: I am about to use my power [MTY] against the Philistia people. I will get rid of the Kereth people-group and all [those who live along] the coast of the [Mediterranean] Sea.
17 १७ मैं जलजलाहट के साथ मुकद्दमा लड़कर, उनसे कड़ाई के साथ पलटा लूँगा। और जब मैं उनसे बदला ले लूँगा, तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।”
By the way I punish them, I will get great revenge on them and show that I am angry with them. And when I get revenge on them, they will know that I, Yahweh the Lord, [have the power to do what I say that I will do].'”