< यहेजकेल 23 >
1 १ यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
Et factus est sermo Domini ad me, dicens:
2 २ “हे मनुष्य के सन्तान, दो स्त्रियाँ थी, जो एक ही माँ की बेटी थी।
Fili hominis, duae mulieres filiae matris unius fuerunt,
3 ३ वे अपने बचपन ही में वेश्या का काम मिस्र में करने लगी; उनकी छातियाँ कुँवारेपन में पहले वहीं मींजी गई और उनका मरदन भी हुआ।
et fornicatae sunt in Aegypto, in adolescentia sua fornicatae sunt: ibi subacta sunt ubera earum, et fractae sunt mammae pubertatis earum.
4 ४ उन लड़कियों में से बड़ी का नाम ओहोला और उसकी बहन का नाम ओहोलीबा था। वे मेरी हो गई, और उनके पुत्र पुत्रियाँ उत्पन्न हुईं। उनके नामों में से ओहोला तो सामरिया, और ओहोलीबा यरूशलेम है।
Nomina autem earum Oolla maior, et Ooliba soror eius minor: et habui eas, et pepererunt filios, et filias. Porro earum nomina Samaria Oolla, et Ierusalem Ooliba.
5 ५ “ओहोला जब मेरी थी, तब ही व्यभिचारिणी होकर अपने मित्रों पर मोहित होने लगी जो उसके पड़ोसी अश्शूरी थे।
Fornicata est igitur super me Oolla, et insanivit in amatores suos, in Assyrios propinquantes,
6 ६ वे तो सब के सब नीले वस्त्र पहननेवाले मनभावने जवान, अधिपति और प्रधान थे, और घोड़ों पर सवार थे।
vestitos hyacintho, principes, et magistratus, iuvenes cupidinis, universos equites, ascensores equorum.
7 ७ इसलिए उसने उन्हीं के साथ व्यभिचार किया जो सब के सब सर्वोत्तम अश्शूरी थे; और जिस किसी पर वह मोहित हुई, उसी की मूरतों से वह अशुद्ध हुई।
Et dedit fornicationes suas super eos electos, filios Assyriorum universos: et in omnibus, in quos insanivit, in immunditiis eorum polluta est.
8 ८ जो व्यभिचार उसने मिस्र में सीखा था, उसको भी उसने न छोड़ा; क्योंकि बचपन में मनुष्यों ने उसके साथ कुकर्म किया, और उसकी छातियाँ मींजी, और तन-मन से उसके साथ व्यभिचार किया गया था।
Insuper et fornicationes suas, quas habuerat in Aegypto, non reliquit: nam et illi dormierunt cum ea in adolescentia eius, et illi confregerunt ubera pubertatis eius, et effuderunt fornicationem suam super eam.
9 ९ इस कारण मैंने उसको उन्हीं अश्शूरी मित्रों के हाथ कर दिया जिन पर वह मोहित हुई थी।
Propterea tradidi eam in manus amatorum suorum, in manus filiorum Assur, super quorum insanivit libidine.
10 १० उन्होंने उसको नंगी किया; उसके पुत्र-पुत्रियाँ छीनकर उसको तलवार से घात किया; इस प्रकार उनके हाथ से दण्ड पाकर वह स्त्रियों में प्रसिद्ध हो गई।
Ipsi discooperuerunt ignominiam eius, filios, et filias eius tulerunt, et ipsam occiderunt gladio: et factae sunt famosae mulieres, et iudicia perpetraverunt in ea.
11 ११ “उसकी बहन ओहोलीबा ने यह देखा, तो भी वह मोहित होकर व्यभिचार करने में अपनी बहन से भी अधिक बढ़ गई।
Quod cum vidisset soror eius Ooliba, plusquam illa insanivit libidine: et fornicationem suam super fornicationem sororis suae
12 १२ वह अपने अश्शूरी पड़ोसियों पर मोहित होती थी, जो सब के सब अति सुन्दर वस्त्र पहननेवाले और घोड़ों के सवार मनभावने, जवान अधिपति और सब प्रकार के प्रधान थे।
ad filios Assyriorum praebuit impudenter, ducibus, et magistratibus ad se venientibus indutis veste varia, equitibus qui vectabantur equis, et adolescentibus forma cunctis egregia.
13 १३ तब मैंने देखा कि वह भी अशुद्ध हो गई; उन दोनों बहनों की एक ही चाल थी।
Et vidi quod polluta esset via una ambarum.
14 १४ परन्तु ओहोलीबा अधिक व्यभिचार करती गई; अतः जब उसने दीवार पर सेंदूर से खींचे हुए ऐसे कसदी पुरुषों के चित्र देखे,
Et auxit fornicationes suas: cumque vidisset viros depictos in pariete, imagines Chaldaeorum expressas coloribus,
15 १५ जो कमर में फेंटे बाँधे हुए, सिर में छोर लटकती हुई रंगीली पगड़ियाँ पहने हुए, और सब के सब अपनी कसदी जन्म-भूमि अर्थात् बाबेल के लोगों की रीति पर प्रधानों का रूप धरे हुए थे,
et accinctos balteis renes, et tiaras tinctas in capitibus eorum, formam ducum omnium, similitudinem filiorum Babylonis, terraeque Chaldaeorum, in qua orti sunt,
16 १६ तब उनको देखते ही वह उन पर मोहित हुई और उनके पास कसदियों के देश में दूत भेजे।
insanivit super eos concupiscentia oculorum suorum, et misit nuncios ad eos in Chaldaeam.
17 १७ इसलिए बाबेली उसके पास पलंग पर आए, और उसके साथ व्यभिचार करके उसे अशुद्ध किया; और जब वह उनसे अशुद्ध हो गई, तब उसका मन उनसे फिर गया।
Cumque venissent ad eam filii Babylonis ad cubile mammarum, polluerunt eam stupris suis, et polluta est ab eis, et saturata est anima eius ab illis.
18 १८ तो भी जब वह तन उघाड़ती और व्यभिचार करती गई, तब मेरा मन जैसे उसकी बहन से फिर गया था, वैसे ही उससे भी फिर गया।
Denudavit quoque fornicationes suas, et discooperuit ignominiam suam: et recessit anima mea ab ea, sicut recesserat anima mea a sorore eius.
19 १९ इस पर भी वह मिस्र देश के अपने बचपन के दिन स्मरण करके जब वह वेश्या का काम करती थी, और अधिक व्यभिचार करती गई;
Multiplicavit enim fornicationes suas, recordans dies adolescentiae suae, quibus fornicata est in Terra Aegypti.
20 २० और ऐसे मित्रों पर मोहित हुई, जिनका अंग गदहों का सा, और वीर्य घोड़ों का सा था।
Et insanivit libidine super concubitum eorum, quorum carnes sunt ut carnes asinorum: et sicut fluxus equorum fluxus eorum.
21 २१ तू इस प्रकार से अपने बचपन के उस समय के महापाप का स्मरण कराती है जब मिस्री लोग तेरी छातियाँ मींजते थे।”
Et visitasti scelus adolescentiae tuae, quando subacta sunt in Aegypto ubera tua, et confractae sunt mammae pubertatis tuae.
22 २२ इस कारण हे ओहोलीबा, परमेश्वर यहोवा तुझ से यह कहता है: “देख, मैं तेरे मित्रों को उभारकर जिनसे तेरा मन फिर गया चारों ओर से तेरे विरुद्ध ले आऊँगा।
Propterea Ooliba, haec dicit Dominus Deus: Ecce ego suscitabo omnes amatores tuos contra te, de quibus satiata est anima tua: et congregabo eos adversum te in circuitu,
23 २३ अर्थात् बाबेली और सब कसदियों को, और पकोद, शोया और कोआ के लोगों को; और उनके साथ सब अश्शूरियों को लाऊँगा जो सब के सब घोड़ों के सवार मनभावने जवान अधिपति, और कई प्रकार के प्रतिनिधि, प्रधान और नामी पुरुष हैं।
Filios Babylonis, et universos Chaldaeos, nobiles, tyrannosque et principes, omnes filios Assyriorum, iuvenes forma egregia, duces, et magistratus universos, principes principum, et nominatos ascensores equorum:
24 २४ वे लोग हथियार, रथ, छकड़े और देश-देश के लोगों का दल लिए हुए तुझ पर चढ़ाई करेंगे; और ढाल और फरी और टोप धारण किए हुए तेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधेंगे; और मैं उन्हीं के हाथ न्याय का काम सौंपूँगा, और वे अपने-अपने नियम के अनुसार तेरा न्याय करेंगे।
et venient super te instructi curru, et rota, multitudo populorum: lorica, et clypeo, et galea armabuntur contra te undique: et dabo coram eis iudicium, et iudicabunt te iudiciis suis.
25 २५ मैं तुझ पर जलूँगा, जिससे वे जलजलाहट के साथ तुझ से बर्ताव करेंगे। वे तेरी नाक और कान काट लेंगे, और तेरा जो भी बचा रहेगा वह तलवार से मारा जाएगा। वे तेरे पुत्र-पुत्रियों को छीन ले जाएँगे, और तेरा जो भी बचा रहेगा, वह आग से भस्म हो जाएगा।
Et ponam zelum meum in te, quem exercent tecum in furore: nasum tuum, et aures tuas praecident: et quae remanserint, gladio concident: ipsi filios tuos, et filias tuas capient, et novissimum tuum devorabitur igne.
26 २६ वे तेरे वस्त्र भी उतारकर तेरे सुन्दर-सुन्दर गहने छीन ले जाएँगे।
Et denudabunt te vestimentis tuis, et tollent vasa gloriae tuae.
27 २७ इस रीति से मैं तेरा महापाप और जो वेश्या का काम तूने मिस्र देश में सीखा था, उसे भी तुझ से छुड़ाऊँगा, यहाँ तक कि तू फिर अपनी आँख उनकी ओर न लगाएगी और न मिस्र देश को फिर स्मरण करेगी।
Et requiescere faciam scelus tuum de te, et fornicationem tuam de Terra Aegypti: nec levabis oculos tuos ad eos, et Aegypti non recordaberis amplius.
28 २८ क्योंकि प्रभु यहोवा तुझ से यह कहता है: देख, मैं तुझे उनके हाथ सौंपूँगा जिनसे तू बैर रखती है और जिनसे तेरा मन फिर गया है;
Quia haec dicit Dominus Deus: Ecce ego tradam te in manus eorum, quos odisti, in manus, de quibus satiata est anima tua.
29 २९ और वे तुझ से बैर के साथ बर्ताव करेंगे, और तेरी सारी कमाई को उठा लेंगे, और तुझे नंगा करके छोड़ देंगे, और तेरे तन के उघाड़े जाने से तेरा व्यभिचार और महापाप प्रगट हो जाएगा।
Et agent tecum in odio, et tollent omnes labores tuos, et dimittent te nudam, et ignominia plenam, et revelabitur ignominia fornicationum tuarum, scelus tuum, et fornicationes tuae.
30 ३० ये काम तुझ से इस कारण किए जाएँगे क्योंकि तू अन्यजातियों के पीछे व्यभिचारिणी के समान हो गई, और उनकी मूर्तियों को पूजकर अशुद्ध हो गई है।
Fecerunt haec tibi quia fornicata es post Gentes, inter quas polluta es in idolis earum.
31 ३१ तू अपनी बहन की लीक पर चली है; इस कारण मैं तेरे हाथ में उसका सा कटोरा दूँगा।
In via sororis tuae ambulasti, et dabo calicem eius in manu tua.
32 ३२ प्रभु यहोवा यह कहता है, अपनी बहन के कटोरे से तुझे पीना पड़ेगा जो गहरा और चौड़ा है; तू हँसी और उपहास में उड़ाई जाएगी, क्योंकि उस कटोरे में बहुत कुछ समाता है।
Haec dicit Dominus Deus: Calicem sororis tuae bibes profundum, et latum: eris in derisum, et in subsannationem, quae est capacissima.
33 ३३ तू मतवालेपन और दुःख से छक जाएगी। तू अपनी बहन सामरिया के कटोरे को, अर्थात् विस्मय और उजाड़ को पीकर छक जाएगी।
Ebrietate, et dolore repleberis: calice moeroris, et tristitiae, calice sororis tuae Samariae.
34 ३४ उसमें से तू गार-गारकर पीएगी, और उसके ठीकरों को भी चबाएगी और अपनी छातियाँ घायल करेगी; क्योंकि मैं ही ने ऐसा कहा है, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
Et bibes illum, et epotabis usque ad faeces, et fragmenta eius devorabis, et ubera tua lacerabis: quia ego locutus sum, ait Dominus Deus.
35 ३५ तूने जो मुझे भुला दिया है और अपना मुँह मुझसे फेर लिया है, इसलिए तू आप ही अपने महापाप और व्यभिचार का भार उठा, परमेश्वर यहोवा का यही वचन है।”
Propterea haec dicit Dominus Deus: Quia oblita es mei, et proiecisti me post corpus tuum, tu quoque porta scelus tuum, et fornicationes tuas.
36 ३६ यहोवा ने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू ओहोला और ओहोलीबा का न्याय करेगा? तो फिर उनके घिनौने काम उन्हें जता दे।
Et ait Dominus ad me, dicens: Fili hominis numquid iudicas Oollam, et Oolibam, et annuncias eis scelera earum?
37 ३७ क्योंकि उन्होंने व्यभिचार किया है, और उनके हाथों में खून लगा है; उन्होंने अपनी मूरतों के साथ व्यभिचार किया, और अपने बच्चों को जो मुझसे उत्पन्न हुए थे, उन मूरतों के आगे भस्म होने के लिये चढ़ाए हैं।
Quia adulteratae sunt, et sanguis in manibus earum, et cum idolis suis fornicatae sunt: insuper et filios suos, quos genuerunt mihi, obtulerunt eis ad devorandum.
38 ३८ फिर उन्होंने मुझसे ऐसा बर्ताव भी किया कि उसी के साथ मेरे पवित्रस्थान को भी अशुद्ध किया और मेरे विश्रामदिनों को अपवित्र किया है।
Sed et hoc fecerunt mihi: Polluerunt sanctuarium meum in die illa, et sabbata mea profanaverunt.
39 ३९ वे अपने बच्चे अपनी मूरतों के सामने बलि चढ़ाकर उसी दिन मेरा पवित्रस्थान अपवित्र करने को उसमें घुसीं। देख, उन्होंने इस भाँति का काम मेरे भवन के भीतर किया है।
Cumque immolarent filios suos idolis suis, et ingrederentur sanctuarium meum in die illa ut polluerent illud: etiam haec fecerunt in medio domus meae.
40 ४० उन्होंने दूर से पुरुषों को बुलवा भेजा, और वे चले भी आए। उनके लिये तू नहा धो, आँखों में अंजन लगा, गहने पहनकर;
Miserunt ad viros venientes de longe, ad quos nuncium miserant: itaque ecce venerunt: quibus te lavisti, et circumlinisti stibio oculos tuos, et ornata es mundo muliebri.
41 ४१ सुन्दर पलंग पर बैठी रही; और तेरे सामने एक मेज बिछी हुई थी, जिस पर तूने मेरा धूप और मेरा तेल रखा था।
Sedisti in lecto pulcherrimo, et mensa ornata est ante te: thymiama meum, et unguentum meum posuisti super eam.
42 ४२ तब उसके साथ निश्चिन्त लोगों की भीड़ का कोलाहल सुन पड़ा, और उन साधारण लोगों के पास जंगल से बुलाए हुए पियक्कड़ लोग भी थे; उन्होंने उन दोनों बहनों के हाथों में चूड़ियाँ पहनाई, और उनके सिरों पर शोभायमान मुकुट रखे।
Et vox multitudinis exultantis erat in ea: et in viris, qui de multitudine hominum adducebantur, et veniebant de deserto, posuerunt armillas in manibus eorum, et coronas speciosas in capitibus eorum.
43 ४३ “तब जो व्यभिचार करते-करते बुढ़िया हो गई थी, उसके विषय में बोल उठा, अब तो वे उसी के साथ व्यभिचार करेंगे।
Et dixi ei, quae attrita est in adulteriis: Nunc fornicabitur in fornicatione sua etiam haec.
44 ४४ क्योंकि वे उसके पास ऐसे गए जैसे लोग वेश्या के पास जाते हैं। वैसे ही वे ओहोला और ओहोलीबा नामक महापापिनी स्त्रियों के पास गए।
Et ingressi sunt ad eam quasi ad mulierem meretricem: sic ingrediebantur ad Oollam, et Oolibam mulieres nefarias.
45 ४५ अतः धर्मी लोग व्यभिचारिणियों और हत्यारों के योग्य उसका न्याय करें; क्योंकि वे व्यभिचारिणियों और हत्यारों के योग्य उसका न्याय करें; क्योंकि वे व्यभिचारिणी है, और उनके हाथों में खून लगा है।”
Viri ergo iusti sunt: hi iudicabunt eas iudicio adulterarum, et iudicio effundentium sanguinem: quia adulterae sunt, et sanguis in manibus earum et cum idolis suis fornicatae sunt.
46 ४६ इस कारण परमेश्वर यहोवा यह कहता है: “मैं एक भीड़ से उन पर चढ़ाई कराकर उन्हें ऐसा करूँगा कि वे मारी-मारी फिरेंगी और लूटी जाएँगी।
Haec enim dicit Dominus Deus: Adduc ad eas multitudinem, et trade eas in tumultum, et in rapinam:
47 ४७ उस भीड़ के लोग उनको पथराव करके उन्हें अपनी तलवारों से काट डालेंगे, तब वे उनके पुत्र-पुत्रियों को घात करके उनके घर भी आग लगाकर फूँक देंगे।
Et lapidentur lapidibus populorum, et confodiantur gladiis eorum: filios, et filias earum interficient, et domos earum igne succendent.
48 ४८ इस प्रकार मैं महापाप को देश में से दूर करूँगा, और सब स्त्रियाँ शिक्षा पाकर तुम्हारा सा महापाप करने से बची रहेगी।
Et auferam scelus de terra, et discent omnes mulieres ne faciant secundum scelus earum.
49 ४९ तुम्हारा महापाप तुम्हारे ही सिर पड़ेगा; और तुम निश्चय अपनी मूरतों की पूजा के पापों का भार उठाओगे; और तब तुम जान लोगे कि मैं परमेश्वर यहोवा हूँ।”
Et dabunt scelus vestrum super vos, et peccata idolorum vestrorum portabitis: et scietis quia ego Dominus Deus.