< यहेजकेल 22 >

1 यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
Y vino a mí la palabra de Yahvé, diciendo:
2 “हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू उस हत्यारे नगर का न्याय न करेगा? क्या तू उसका न्याय न करेगा? उसको उसके सब घिनौने काम बता दे,
“Tú, hijo de hombre, ¿vas a juzgar? ¿Juzgarás a la ciudad sangrienta? Entonces haz que conozca todas sus abominaciones.
3 और कह, परमेश्वर यहोवा यह कहता है: हे नगर तू अपने बीच में हत्या करता है जिससे तेरा समय आए, और अपनी ही हानि करने और अशुद्ध होने के लिये मूरतें बनाता है।
Dirás: El Señor Yahvé dice: “¡Ciudad que derrama sangre dentro de sí misma, para que llegue su hora, y que hace ídolos contra sí misma para contaminarla!
4 जो हत्या तूने की है, उससे तू दोषी ठहरी, और जो मूरतें तूने बनाई है, उनके कारण तू अशुद्ध हो गई है; तूने अपने अन्त के दिन को समीप कर लिया, और अपने पिछले वर्षों तक पहुँच गई है। इस कारण मैंने तुझे जाति-जाति के लोगों की ओर से नामधराई का और सब देशों के ठट्ठे का कारण कर दिया है।
¡Te has vuelto culpable por la sangre que has derramado, y te has contaminado por los ídolos que has hecho! Has hecho que se acerquen tus días, y has llegado al final de tus años. Por eso te he convertido en un oprobio para las naciones, y en una burla para todos los países.
5 हे बदनाम, हे हुल्लड़ से भरे हुए नगर, जो निकट और जो दूर है, वे सब तुझे उपहास में उड़ाएँगे।
Los que están cerca y los que están lejos de ti se burlarán de ti, infame, lleno de tumulto.
6 “देख, इस्राएल के प्रधान लोग अपने-अपने बल के अनुसार तुझ में हत्या करनेवाले हुए हैं।
“He aquí que los príncipes de Israel, cada uno según su poder, han estado en ti para derramar sangre.
7 तुझ में माता-पिता तुच्छ जाने गए हैं; तेरे बीच परदेशी पर अंधेर किया गया; और अनाथ और विधवा तुझ में पीसी गई हैं।
En ti han tratado con desprecio al padre y a la madre. En ti han oprimido al extranjero. En ti han agraviado al huérfano y a la viuda.
8 तूने मेरी पवित्र वस्तुओं को तुच्छ जाना, और मेरे विश्रामदिनों को अपवित्र किया है।
Han despreciado mis cosas sagradas y han profanado mis sábados.
9 तुझ में लुच्चे लोग हत्या करने को तत्पर हुए, और तेरे लोगों ने पहाड़ों पर भोजन किया है; तेरे बीच महापाप किया गया है।
Los calumniadores han estado en ti para derramar sangre. En vosotros han comido en los montes. Han cometido actos de lujuria entre vosotros.
10 १० तुझ में पिता की देह उघाड़ी गई; तुझ में ऋतुमती स्त्री से भी भोग किया गया है।
En ustedes han descubierto la desnudez de sus padres. En ustedes han humillado a la impura en su impureza.
11 ११ किसी ने तुझ में पड़ोसी की स्त्री के साथ घिनौना काम किया; और किसी ने अपनी बहू को बिगाड़कर महापाप किया है, और किसी ने अपनी बहन अर्थात् अपने पिता की बेटी को भ्रष्ट किया है।
Uno ha cometido abominación con la mujer de su prójimo, y otro ha mancillado a su nuera. Otro en ti ha humillado a su hermana, la hija de su padre.
12 १२ तुझ में हत्या करने के लिये उन्होंने घूस ली है, तूने ब्याज और सूद लिया और अपने पड़ोसियों को पीस-पीसकर अन्याय से लाभ उठाया; और मुझ को तूने भुला दिया है, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
En ti han aceptado sobornos para derramar sangre. Han tomado interés y aumento, y han ganado con avaricia de sus vecinos mediante la opresión, y se han olvidado de mí”, dice el Señor Yahvé.
13 १३ “इसलिए देख, जो लाभ तूने अन्याय से उठाया और अपने बीच हत्या की है, उससे मैंने हाथ पर हाथ दे मारा है।
“‘“He aquí, pues, que he golpeado mi mano por la ganancia deshonesta que has hecho, y por la sangre que se ha derramado en ti.
14 १४ अतः जिन दिनों में तेरा न्याय करूँगा, क्या उनमें तेरा हृदय दृढ़ और तेरे हाथ स्थिर रह सकेंगे? मुझ यहोवा ने यह कहा है, और ऐसा ही करूँगा।
¿Podrá tu corazón soportar, o tus manos ser fuertes, en los días en que voy a tratar contigo? Yo, Yahvé, lo he dicho y lo haré.
15 १५ मैं तेरे लोगों को जाति-जाति में तितर-बितर करूँगा, और देश-देश में छितरा दूँगा, और तेरी अशुद्धता को तुझ में से नाश करूँगा।
Te esparciré entre las naciones y te dispersaré por los países. Purificaré de ti tu inmundicia.
16 १६ तू जाति-जाति के देखते हुए अपनी ही दृष्टि में अपवित्र ठहरेगी; तब तू जान लेगी कि मैं यहोवा हूँ।”
Serás profanado en ti mismo a la vista de las naciones. Entonces sabrás que yo soy Yahvé”.
17 १७ फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
La palabra de Yahvé vino a mí, diciendo:
18 १८ “हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएल का घराना मेरी दृष्टि में धातु का मैल हो गया है; वे सब के सब भट्ठी के बीच के पीतल और राँगे और लोहे और शीशे के समान बन गए; वे चाँदी के मैल के समान हो गए हैं।
“Hijo de hombre, la casa de Israel se ha convertido en escoria para mí. Todos ellos son bronce, estaño, hierro y plomo en medio del horno. Son la escoria de la plata.
19 १९ इस कारण प्रभु यहोवा उनसे यह कहता है: इसलिए कि तुम सब के सब धातु के मैल के समान बन गए हो, अतः देखो, मैं तुम को यरूशलेम के भीतर इकट्ठा करने पर हूँ।
Por eso el Señor Yahvé dice: ‘Como todos ustedes se han convertido en escoria, he aquí que yo los reuniré en medio de Jerusalén.
20 २० जैसे लोग चाँदी, पीतल, लोहा, शीशा, और राँगा इसलिए भट्ठी के भीतर बटोरकर रखते हैं कि उन्हें आग फूँककर पिघलाएँ, वैसे ही मैं तुम को अपने कोप और जलजलाहट से इकट्ठा करके वहीं रखकर पिघला दूँगा।
Como se recoge la plata, el bronce, el hierro, el plomo y el estaño en medio del horno, para soplar el fuego sobre ellos y fundirlos, así los reuniré a ustedes en mi ira y en mi enojo, y los pondré allí y los fundiré.
21 २१ मैं तुम को वहाँ बटोरकर अपने रोष की आग से फूँकूँगा, और तुम उसके बीच पिघलाए जाओगे।
Sí, te reuniré y soplaré sobre ti con el fuego de mi ira, y serás fundido en medio de ella.
22 २२ जैसे चाँदी भट्ठी के बीच में पिघलाई जाती है, वैसे ही तुम उसके बीच में पिघलाए जाओगे; तब तुम जान लोगे कि जिसने हम पर अपनी जलजलाहट भड़काई है, वह यहोवा है।”
Como la plata se funde en medio del horno, así seréis fundidos en medio de él; y sabréis que yo, Yahvé, he derramado mi ira sobre vosotros.’”
23 २३ फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
La palabra de Yahvé vino a mí, diciendo:
24 २४ “हे मनुष्य के सन्तान, उस देश से कह, तू ऐसा देश है जो शुद्ध नहीं हुआ, और जलजलाहट के दिन में तुझ पर वर्षा नहीं हुई;
“Hijo de hombre, dile que eres una tierra que no se limpia ni llueve en el día de la indignación.
25 २५ तेरे भविष्यद्वक्ताओं ने तुझ में राजद्रोह की गोष्ठी की, उन्होंने गरजनेवाले सिंह के समान अहेर पकड़ा और प्राणियों को खा डाला है; वे रखे हुए अनमोल धन को छीन लेते हैं, और तुझ में बहुत स्त्रियों को विधवा कर दिया है।
Hay una conspiración de sus profetas en ella, como un león rugiente que devora la presa. Han devorado las almas. Se llevan tesoros y objetos preciosos. Han dejado viudas a muchas personas.
26 २६ उसके याजकों ने मेरी व्यवस्था का अर्थ खींच-खांचकर लगाया है, और मेरी पवित्र वस्तुओं को अपवित्र किया है; उन्होंने पवित्र-अपवित्र का कुछ भेद नहीं माना, और न औरों को शुद्ध-अशुद्ध का भेद सिखाया है, और वे मेरे विश्रामदिनों के विषय में निश्चिन्त रहते हैं, जिससे मैं उनके बीच अपवित्र ठहरता हूँ।
Sus sacerdotes han violado mi ley y han profanado mis cosas sagradas. No han hecho distinción entre lo santo y lo común, ni han hecho discernir entre lo inmundo y lo limpio, y han ocultado sus ojos de mis sábados. Así he sido profanado entre ellos.
27 २७ उसके प्रधान भेड़ियों के समान अहेर पकड़ते, और अन्याय से लाभ उठाने के लिये हत्या करते हैं और प्राण घात करने को तत्पर रहते हैं।
Sus príncipes en su interior son como lobos que cazan la presa, para derramar sangre y destruir las almas, a fin de obtener ganancias deshonestas.
28 २८ उसके भविष्यद्वक्ता उनके लिये कच्ची पुताई करते हैं, उनका दर्शन पाना मिथ्या है; यहोवा के बिना कुछ कहे भी वे यह कहकर झूठी भावी बताते हैं कि ‘प्रभु यहोवा यह कहता है।’
Sus profetas han enlucido para ellos con cal, viendo visiones falsas, y adivinando mentiras para ellos, diciendo: ‘El Señor Yahvé dice’, cuando Yahvé no ha hablado.
29 २९ देश के साधारण लोग भी अंधेर करते और पराया धन छीनते हैं, वे दीन दरिद्र को पीसते और न्याय की चिन्ता छोड़कर परदेशी पर अंधेर करते हैं।
El pueblo de la tierra ha usado la opresión y ha ejercido el robo. Sí, han molestado al pobre y al necesitado, y han oprimido al extranjero injustamente.
30 ३० मैंने उनमें ऐसा मनुष्य ढूँढ़ना चाहा जो बाड़े को सुधारें और देश के निमित्त नाके में मेरे सामने ऐसा खड़ा हो कि मुझे उसको नाश न करना पड़े, परन्तु ऐसा कोई न मिला।
“Busqué entre ellos a un hombre que construyera el muro y se pusiera en la brecha delante de mí para la tierra, a fin de no destruirla; pero no encontré a nadie.
31 ३१ इस कारण मैंने उन पर अपना रोष भड़काया और अपनी जलजलाहट की आग से उन्हें भस्म कर दिया है; मैंने उनकी चाल उन्हीं के सिर पर लौटा दी है, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।”
Por eso, he derramado sobre ellos mi indignación. Los he consumido con el fuego de mi ira. He hecho recaer sobre sus cabezas su propio camino”, dice el Señor Yahvé.

< यहेजकेल 22 >