< यहेजकेल 22 >
1 १ यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
Yahweh gave me another message. He said,
2 २ “हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू उस हत्यारे नगर का न्याय न करेगा? क्या तू उसका न्याय न करेगा? उसको उसके सब घिनौने काम बता दे,
“You human, are you ready to condemn the people of Jerusalem? It is [RHQ] a city full of murderers [MTY]. Remind them of all the detestable things that they have done.
3 ३ और कह, परमेश्वर यहोवा यह कहता है: हे नगर तू अपने बीच में हत्या करता है जिससे तेरा समय आए, और अपनी ही हानि करने और अशुद्ध होने के लिये मूरतें बनाता है।
[Then] say, ‘This is what Yahweh the Lord says: By your murdering people and by (defiling yourselves/making yourselves unacceptable to God) by making idols, you people of this city [APO] have brought to yourselves the time when you [will be destroyed].
4 ४ जो हत्या तूने की है, उससे तू दोषी ठहरी, और जो मूरतें तूने बनाई है, उनके कारण तू अशुद्ध हो गई है; तूने अपने अन्त के दिन को समीप कर लिया, और अपने पिछले वर्षों तक पहुँच गई है। इस कारण मैंने तुझे जाति-जाति के लोगों की ओर से नामधराई का और सब देशों के ठट्ठे का कारण कर दिया है।
You have become guilty by doing both of those things [DOU]. You have brought to an end your time [to remain alive] [DOU]. Therefore I will cause you to become a group whom the [people of other] nations will scorn; they will all laugh at you [DOU].
5 ५ हे बदनाम, हे हुल्लड़ से भरे हुए नगर, जो निकट और जो दूर है, वे सब तुझे उपहास में उड़ाएँगे।
People in countries that are near you and people who live far from you will make fun of you, because your city is full of lawless people and full of confusion.
6 ६ “देख, इस्राएल के प्रधान लोग अपने-अपने बल के अनुसार तुझ में हत्या करनेवाले हुए हैं।
Think about how each of your Israeli kings have used their power to cause people to be murdered [MTY].
7 ७ तुझ में माता-पिता तुच्छ जाने गए हैं; तेरे बीच परदेशी पर अंधेर किया गया; और अनाथ और विधवा तुझ में पीसी गई हैं।
Your people do not respect/honor their parents; they have oppressed foreigners; they mistreat orphans and widows.
8 ८ तूने मेरी पवित्र वस्तुओं को तुच्छ जाना, और मेरे विश्रामदिनों को अपवित्र किया है।
You despise my sacred places and (dishonor/do not respect) the Sabbath days.
9 ९ तुझ में लुच्चे लोग हत्या करने को तत्पर हुए, और तेरे लोगों ने पहाड़ों पर भोजन किया है; तेरे बीच महापाप किया गया है।
Among you are men who tell lies in order to cause others to be executed [MTY]. There are those who [food offered to idols] at the hilltop [shrines], and they perform disgusting sexual acts.
10 १० तुझ में पिता की देह उघाड़ी गई; तुझ में ऋतुमती स्त्री से भी भोग किया गया है।
There are men who have sex with their father’s wives [EUP], and men who have sex with women during their monthly menstrual periods.
11 ११ किसी ने तुझ में पड़ोसी की स्त्री के साथ घिनौना काम किया; और किसी ने अपनी बहू को बिगाड़कर महापाप किया है, और किसी ने अपनी बहन अर्थात् अपने पिता की बेटी को भ्रष्ट किया है।
There are men who have sex with someone else’s wife. Some men have sex with their daughters-in-law or with their sisters or half-sisters.
12 १२ तुझ में हत्या करने के लिये उन्होंने घूस ली है, तूने ब्याज और सूद लिया और अपने पड़ोसियों को पीस-पीसकर अन्याय से लाभ उठाया; और मुझ को तूने भुला दिया है, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
There are among you men who accept bribes in order to cause someone to be executed [MTY]. You charge high interest when you lend people money. You become rich by forcing people to give you money. [the worst thing is that] you have forgotten me, Yahweh the Lord.
13 १३ “इसलिए देख, जो लाभ तूने अन्याय से उठाया और अपने बीच हत्या की है, उससे मैंने हाथ पर हाथ दे मारा है।
So I will shake my fists at you to show that I am angry with you because of your stealing money from people and murdering [MTY] people who live among you.
14 १४ अतः जिन दिनों में तेरा न्याय करूँगा, क्या उनमें तेरा हृदय दृढ़ और तेरे हाथ स्थिर रह सकेंगे? मुझ यहोवा ने यह कहा है, और ऐसा ही करूँगा।
When I [punishing] you, you will no longer [RHQ] be courageous/brave [DOU]. I, Yahweh, have said [what I will do to you], and I will do it.
15 १५ मैं तेरे लोगों को जाति-जाति में तितर-बितर करूँगा, और देश-देश में छितरा दूँगा, और तेरी अशुद्धता को तुझ में से नाश करूँगा।
I will cause you to be scattered among many nations [DOU], and I will cause you to stop your sinful behavior.
16 १६ तू जाति-जाति के देखते हुए अपनी ही दृष्टि में अपवित्र ठहरेगी; तब तू जान लेगी कि मैं यहोवा हूँ।”
When [the people of other] nations see that you have been humiliated, you will know that I, Yahweh, [have the power to do what I say that I will do].’”
17 १७ फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
Yahweh [also] said to me,
18 १८ “हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएल का घराना मेरी दृष्टि में धातु का मैल हो गया है; वे सब के सब भट्ठी के बीच के पीतल और राँगे और लोहे और शीशे के समान बन गए; वे चाँदी के मैल के समान हो गए हैं।
“You human, your Israeli people [MTY] have [useless] to me. They are [like] [MET] dross/slag to me. They are like [SIM] [worthless] copper, tin, iron, and lead that remains after silver is melted in [very hot] furnace.
19 १९ इस कारण प्रभु यहोवा उनसे यह कहता है: इसलिए कि तुम सब के सब धातु के मैल के समान बन गए हो, अतः देखो, मैं तुम को यरूशलेम के भीतर इकट्ठा करने पर हूँ।
Therefore, this is what [I], Yahweh the Lord, say: Because you have all become [like] dross/slag, I will gather you in Jerusalem.
20 २० जैसे लोग चाँदी, पीतल, लोहा, शीशा, और राँगा इसलिए भट्ठी के भीतर बटोरकर रखते हैं कि उन्हें आग फूँककर पिघलाएँ, वैसे ही मैं तुम को अपने कोप और जलजलाहट से इकट्ठा करके वहीं रखकर पिघला दूँगा।
People [ore containing] silver, copper, iron, lead, and tin in a [very hot] furnace and melt them in a blazing [to burn up the impurities]. Similarly [SIM], I will gather you [inside Jerusalem], and because I am very angry with you, [what I will do will be as though] I am melting you.
21 २१ मैं तुम को वहाँ बटोरकर अपने रोष की आग से फूँकूँगा, और तुम उसके बीच पिघलाए जाओगे।
[It will be as though] I will blow on you with a hot breath that shows that I am very angry, [it will be as though] you will be melted,
22 २२ जैसे चाँदी भट्ठी के बीच में पिघलाई जाती है, वैसे ही तुम उसके बीच में पिघलाए जाओगे; तब तुम जान लोगे कि जिसने हम पर अपनी जलजलाहट भड़काई है, वह यहोवा है।”
as though you will be melted like [SIM] silver is melted in a furnace, and then you will know that I, Yahweh, have poured out my punishment [MTY] on you.”
23 २३ फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
Yahweh gave me another message. He said,
24 २४ “हे मनुष्य के सन्तान, उस देश से कह, तू ऐसा देश है जो शुद्ध नहीं हुआ, और जलजलाहट के दिन में तुझ पर वर्षा नहीं हुई;
“You human, say to the Israeli people, ‘[Yahweh] is angry with you, there has been no rain or showers in your country.’
25 २५ तेरे भविष्यद्वक्ताओं ने तुझ में राजद्रोह की गोष्ठी की, उन्होंने गरजनेवाले सिंह के समान अहेर पकड़ा और प्राणियों को खा डाला है; वे रखे हुए अनमोल धन को छीन लेते हैं, और तुझ में बहुत स्त्रियों को विधवा कर दिया है।
Your leaders are like [SIM] lions that tear apart the animals that they have killed. Your leaders destroy their people. They steal treasures and [other] valuable things from people, and they cause many women to become [by murdering their husbands].
26 २६ उसके याजकों ने मेरी व्यवस्था का अर्थ खींच-खांचकर लगाया है, और मेरी पवित्र वस्तुओं को अपवित्र किया है; उन्होंने पवित्र-अपवित्र का कुछ भेद नहीं माना, और न औरों को शुद्ध-अशुद्ध का भेद सिखाया है, और वे मेरे विश्रामदिनों के विषय में निश्चिन्त रहते हैं, जिससे मैं उनके बीच अपवित्र ठहरता हूँ।
Their priests disobey my laws and disrespect my sacred things by saying that there is no difference between things that are sacred and those that are not sacred, and by ignoring my laws about honoring the Sabbath days. As a result, they no [longer] honor me.
27 २७ उसके प्रधान भेड़ियों के समान अहेर पकड़ते, और अन्याय से लाभ उठाने के लिये हत्या करते हैं और प्राण घात करने को तत्पर रहते हैं।
Their officials are like [SIM] wolves that tear apart the animals that they have killed: They murder people [DOU] in order to get their money.
28 २८ उसके भविष्यद्वक्ता उनके लिये कच्ची पुताई करते हैं, उनका दर्शन पाना मिथ्या है; यहोवा के बिना कुछ कहे भी वे यह कहकर झूठी भावी बताते हैं कि ‘प्रभु यहोवा यह कहता है।’
Their prophets, by falsely saying they have received [from God], and by giving false messages, try to (cover up [MET]/say that it is all right to commit) those sins. They say, ‘This is what Yahweh the Lord says,’ when I have said nothing to them.
29 २९ देश के साधारण लोग भी अंधेर करते और पराया धन छीनते हैं, वे दीन दरिद्र को पीसते और न्याय की चिन्ता छोड़कर परदेशी पर अंधेर करते हैं।
The Israeli people force others to give them money, and they rob people. They oppress poor [DOU] people, and they mistreat foreigners among them by not treating them [in the courts].
30 ३० मैंने उनमें ऐसा मनुष्य ढूँढ़ना चाहा जो बाड़े को सुधारें और देश के निमित्त नाके में मेरे सामने ऐसा खड़ा हो कि मुझे उसको नाश न करना पड़े, परन्तु ऐसा कोई न मिला।
I looked among them to find a man who would cause the people of the city to repent [MET] so that I would not need to get rid of them. But I did not find anyone.
31 ३१ इस कारण मैंने उन पर अपना रोष भड़काया और अपनी जलजलाहट की आग से उन्हें भस्म कर दिया है; मैंने उनकी चाल उन्हीं के सिर पर लौटा दी है, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।”
So because I am very angry with them, I will severely punish them [MTY] for [all] the wicked things that they have done. [That will surely happen because I], Yahweh the Lord, have said it.”