< यहेजकेल 20 >

1 सातवें वर्ष के पाँचवें महीने के दसवें दिन को इस्राएल के कितने पुरनिये यहोवा से प्रश्न करने को आए, और मेरे सामने बैठ गए।
Και εν τω εβδόμω έτει, τω πέμπτω μηνί, τη δεκάτη του μηνός, ήλθον τινές εκ των πρεσβυτέρων του Ισραήλ διά να επερωτήσωσι τον Κύριον, και εκάθησαν έμπροσθέν μου.
2 तब यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
Και έγεινε λόγος Κυρίου προς εμέ, λέγων,
3 “हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएली पुरनियों से यह कह, प्रभु यहोवा यह कहता है, क्या तुम मुझसे प्रश्न करने को आए हो? प्रभु यहोवा की यह वाणी है कि मेरे जीवन की सौगन्ध, तुम मुझसे प्रश्न करने न पाओगे।
Υιέ ανθρώπου, λάλησον προς τους πρεσβυτέρους του Ισραήλ και ειπέ προς αυτούς, Ούτω λέγει Κύριος ο Θεός· Ήλθετε διά να με επερωτήσητε; Ζω εγώ, λέγει Κύριος ο Θεός, δεν θέλω επερωτηθή από σας.
4 हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू उनका न्याय न करेगा? क्या तू उनका न्याय न करेगा? उनके पुरखाओं के घिनौने काम उन्हें जता दे,
Θέλεις κρίνει αυτούς; υιέ ανθρώπου, θέλεις κρίνει; δείξον εις αυτούς τα βδελύγματα των πατέρων αυτών·
5 और उनसे कह, प्रभु यहोवा यह कहता है: जिस दिन मैंने इस्राएल को चुन लिया, और याकूब के घराने के वंश से शपथ खाई, और मिस्र देश में अपने को उन पर प्रगट किया, और उनसे शपथ खाकर कहा, मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ,
και ειπέ προς αυτούς, Ούτω λέγει Κύριος ο Θεός· Εν τη ημέρα καθ' ην εξέλεξα τον Ισραήλ και ύψωσα την χείρα μου προς το σπέρμα του οίκου Ιακώβ και εγνωρίσθην εις αυτούς εν Αιγύπτω και ύψωσα την χείρα μου προς αυτούς, λέγων, Εγώ είμαι Κύριος ο Θεός σας,
6 उसी दिन मैंने उनसे यह भी शपथ खाई, कि मैं तुम को मिस्र देश से निकालकर एक देश में पहुँचाऊँगा, जिसे मैंने तुम्हारे लिये चुन लिया है; वह सब देशों का शिरोमणि है, और उसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं।
εν εκείνη τη ημέρα ύψωσα την χείρα μου προς αυτούς ότι θέλω εξαγάγει αυτούς εκ γης Αιγύπτου εις γην την οποίαν προέβλεψα δι' αυτούς, γην ρέουσαν γάλα και μέλι, ήτις είναι η δόξα πασών των γαιών.
7 फिर मैंने उनसे कहा, जिन घिनौनी वस्तुओं पर तुम में से हर एक की आँखें लगी हैं, उन्हें फेंक दो; और मिस्र की मूरतों से अपने को अशुद्ध न करो; मैं ही तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।
Και είπα προς αυτούς, Απορρίψατε έκαστος τα βδελύγματα των οφθαλμών αυτού και μη μιαίνεσθε με τα είδωλα της Αιγύπτου· εγώ είμαι Κύριος ο Θεός σας.
8 परन्तु वे मुझसे बिगड़ गए और मेरी सुननी न चाही; जिन घिनौनी वस्तुओं पर उनकी आँखें लगी थीं, उनको किसी ने फेंका नहीं, और न मिस्र की मूरतों को छोड़ा। “तब मैंने कहा, मैं यहीं, मिस्र देश के बीच तुम पर अपनी जलजलाहट भड़काऊँगा। और पूरा कोप दिखाऊँगा।
Αυτοί όμως απεστάτησαν απ' εμού και δεν ηθέλησαν να μου ακούσωσι· δεν απέρριψαν έκαστος τα βδελύγματα των οφθαλμών αυτών και δεν εγκατέλιπον τα είδωλα της Αιγύπτου. Τότε είπα να εκχέω τον θυμόν μου επ' αυτούς, διά να συντελέσω την οργήν μου εναντίον αυτών εν μέσω της γης Αιγύπτου.
9 तो भी मैंने अपने नाम के निमित्त ऐसा किया कि जिनके बीच वे थे, और जिनके देखते हुए मैंने उनको मिस्र देश से निकलने के लिये अपने को उन पर प्रगट किया था उन जातियों के सामने वे अपवित्र न ठहरे।
Πλην ένεκεν του ονόματός μου, διά να μη βεβηλωθή ενώπιον των εθνών, μεταξύ των οποίων ήσαν και έμπροσθεν των οποίων εγνωρίσθην εις αυτούς, έκαμον τούτο, να εξαγάγω αυτούς εκ γης Αιγύπτου.
10 १० मैं उनको मिस्र देश से निकालकर जंगल में ले आया।
Και εξήγαγον αυτούς εκ γης Αιγύπτου και έφερα αυτούς εις την έρημον·
11 ११ वहाँ उनको मैंने अपनी विधियाँ बताई और अपने नियम भी बताए कि जो मनुष्य उनको माने, वह उनके कारण जीवित रहेगा।
και έδωκα εις αυτούς τα διατάγματά μου και έκαμον εις αυτούς γνωστάς τας κρίσεις μου, τας οποίας κάμνων ο άνθρωπος θέλει ζήσει δι' αυτών.
12 १२ फिर मैंने उनके लिये अपने विश्रामदिन ठहराए जो मेरे और उनके बीच चिन्ह ठहरें; कि वे जानें कि मैं यहोवा उनका पवित्र करनेवाला हूँ।
Και τα σάββατά μου έδωκα έτι εις αυτούς, διά να ήναι μεταξύ εμού και αυτών σημείον, ώστε να γνωρίζωσιν ότι εγώ είμαι ο Κύριος ο αγιάζων αυτούς.
13 १३ तो भी इस्राएल के घराने ने जंगल में मुझसे बलवा किया; वे मेरी विधियों पर न चले, और मेरे नियमों को तुच्छ जाना, जिन्हें यदि मनुष्य माने तो वह उनके कारण जीवित रहेगा; और उन्होंने मेरे विश्रामदिनों को अति अपवित्र किया। “तब मैंने कहा, मैं जंगल में इन पर अपनी जलजलाहट भड़काकर इनका अन्त कर डालूँगा।
Αλλ' ο οίκος Ισραήλ απεστάτησεν απ' εμού εν τη ερήμω· εν τοις διατάγμασί μου δεν περιεπάτησαν και τας κρίσεις μου απέρριψαν, τας οποίας κάμνων ο άνθρωπος θέλει ζήσει δι' αυτών· και τα σάββατά μου εβεβήλωσαν σφόδρα· τότε είπα να εκχέω τον θυμόν μου επ' αυτούς εν τη ερήμω, διά να εξολοθρεύσω αυτούς.
14 १४ परन्तु मैंने अपने नाम के निमित्त ऐसा किया कि वे उन जातियों के सामने, जिनके देखते मैं उनको निकाल लाया था, अपवित्र न ठहरे।
Πλην έκαμον τούτο ένεκεν του ονόματός μου, διά να μη βεβηλωθή ενώπιον των εθνών, έμπροσθεν των οποίων εξήγαγον αυτούς.
15 १५ फिर मैंने जंगल में उनसे शपथ खाई कि जो देश मैंने उनको दे दिया, और जो सब देशों का शिरोमणि है, जिसमें दूध और मधु की धराएँ बहती हैं, उसमें उन्हें न पहुँचाऊँगा,
Και εγώ ύψωσα ότι προς αυτούς την χείρα μου εν τη ερήμω, ότι δεν θέλω φέρει αυτούς εις την γην, την οποίαν έδωκα εις αυτούς, γην ρέουσαν γάλα και μέλι, ήτις είναι δόξα πασών των γαιών·
16 १६ क्योंकि उन्होंने मेरे नियम तुच्छ जाने और मेरी विधियों पर न चले, और मेरे विश्रामदिन अपवित्र किए थे; इसलिए कि उनका मन उनकी मूरतों की ओर लगा रहा।
διότι τας κρίσεις μου απέρριψαν και εν τοις διατάγμασί μου δεν περιεπάτησαν και τα σάββατά μου εβεβήλωσαν· διότι αι καρδίαι αυτών επορεύοντο κατόπιν των ειδώλων αυτών.
17 १७ तो भी मैंने उन पर कृपा की दृष्टि की, और उन्हें नाश न किया, और न जंगल में पूरी रीति से उनका अन्त कर डाला।
Και εφείσθη ο οφθαλμός μου επ' αυτούς, ώστε να μη εξαλείψω αυτούς, και δεν συνετέλεσα αυτούς εν τη ερήμω.
18 १८ “फिर मैंने जंगल में उनकी सन्तान से कहा, अपने पुरखाओं की विधियों पर न चलो, न उनकी रीतियों को मानो और न उनकी मूरतें पूजकर अपने को अशुद्ध करो।
Αλλ' είπα προς τα τέκνα αυτών εν τη ερήμω, Μη περιπατείτε εν τοις διατάγμασι των πατέρων σας και μη φυλάττετε τας κρίσεις αυτών και μη μιαίνεσθε με τα είδωλα αυτών·
19 १९ मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ, मेरी विधियों पर चलो, और मेरे नियमों के मानने में चौकसी करो,
εγώ είμαι Κύριος ο Θεός σας· εν τοις διατάγμασί μου περιπατείτε· και τας κρίσεις μου φυλάττετε και εκτελείτε αυτάς·
20 २० और मेरे विश्रामदिनों को पवित्र मानो कि वे मेरे और तुम्हारे बीच चिन्ह ठहरें, और जिससे तुम जानो कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।
και αγιάζετε τα σάββατά μου, και ας ήναι μεταξύ εμού και υμών σημείον, ώστε να γνωρίζητε ότι εγώ είμαι Κύριος ο Θεός σας.
21 २१ परन्तु उनकी सन्तान ने भी मुझसे बलवा किया; वे मेरी विधियों पर न चले, न मेरे नियमों के मानने में चौकसी की; जिन्हें यदि मनुष्य माने तो वह उनके कारण जीवित रहेगा; मेरे विश्रामदिनों को उन्होंने अपवित्र किया। “तब मैंने कहा, मैं जंगल में उन पर अपनी जलजलाहट भड़काकर अपना कोप दिखलाऊँगा।
Τα τέκνα όμως απεστάτησαν απ' εμού· εν τοις διατάγμασί μου δεν περιεπάτησαν και τας κρίσεις μου δεν εφύλαξαν, ώστε να εκτελώσιν αυτάς, τας οποίας κάμνων ο άνθρωπος θέλει ζήσει δι' αυτών· τα σάββατά μου εβεβήλωσαν· τότε είπα να εκχέω τον θυμόν μου επ' αυτούς, διά να συντελέσω την οργήν μου εναντίον αυτών εν τη ερήμω.
22 २२ तो भी मैंने हाथ खींच लिया, और अपने नाम के निमित्त ऐसा किया, कि उन जातियों के सामने जिनके देखते हुए मैं उन्हें निकाल लाया था, वे अपवित्र न ठहरे।
Και απέστρεψα την χείρα μου και έκαμον τούτο ένεκεν του ονόματός μου, διά να μη βεβηλωθή ενώπιον των εθνών, έμπροσθεν των οποίων εξήγαγον αυτούς.
23 २३ फिर मैंने जंगल में उनसे शपथ खाई, कि मैं तुम्हें जाति-जाति में तितर-बितर करूँगा, और देश-देश में छितरा दूँगा,
Ύψωσα έτι εγώ την χείρα μου προς αυτούς εν τη ερήμω, ότι ήθελον διασκορπίσει αυτούς μεταξύ των εθνών και διασπείρει αυτούς εις τους τόπους·
24 २४ क्योंकि उन्होंने मेरे नियम न माने, मेरी विधियों को तुच्छ जाना, मेरे विश्रामदिनों को अपवित्र किया, और अपने पुरखाओं की मूरतों की ओर उनकी आँखें लगी रहीं।
διότι τας κρίσεις μου δεν εξετέλεσαν και τα διατάγματά μου απέρριψαν και τα σάββατά μου εβεβήλωσαν, και οι οφθαλμοί αυτών ήσαν κατόπιν των ειδώλων των πατέρων αυτών.
25 २५ फिर मैंने उनके लिये ऐसी-ऐसी विधियाँ ठहराई जो अच्छी न थी और ऐसी-ऐसी रीतियाँ जिनके कारण वे जीवित न रह सके;
Διά τούτο και εγώ έδωκα εις αυτούς διατάγματα ουχί καλά και κρίσεις, διά των οποίων δεν ήθελον ζήσει·
26 २६ अर्थात् वे अपने सब पहिलौठों को आग में होम करने लगे; इस रीति मैंने उन्हें उन्हीं की भेंटों के द्वारा अशुद्ध किया जिससे उन्हें निर्वंश कर डालूँ; और तब वे जान लें कि मैं यहोवा हूँ।
και εμίανα αυτούς εις τας προσφοράς αυτών, εις το ότι διεβίβαζον διά του πυρός παν διανοίγον μήτραν, διά να ερημώσω αυτούς, ώστε να γνωρίσωσιν ότι εγώ είμαι ο Κύριος.
27 २७ “हे मनुष्य के सन्तान, तू इस्राएल के घराने से कह, प्रभु यहोवा यह कहता है: तुम्हारे पुरखाओं ने इसमें भी मेरी निन्दा की कि उन्होंने मेरा विश्वासघात किया।
Διά τούτο, υιέ ανθρώπου, λάλησον προς τον οίκον Ισραήλ και ειπέ προς αυτούς, Ούτω λέγει Κύριος ο Θεός· κατά τούτο ότι οι πατέρες σας ύβρισαν εις εμέ, κάμνοντες παράβασιν εναντίον μου.
28 २८ क्योंकि जब मैंने उनको उस देश में पहुँचाया, जिसे उन्हें देने की शपथ मैंने उनसे खाई थी, तब वे हर एक ऊँचे टीले और हर एक घने वृक्ष पर दृष्टि करके वहीं अपने मेलबलि करने लगे; और वहीं रिस दिलानेवाली अपनी भेंटें चढ़ाने लगे और वहीं अपना सुखदायक सुगन्ध-द्रव्य जलाने लगे, और वहीं अपने तपावन देने लगे।
Διότι αφού έφερα αυτούς εις την γην, περί της οποίας ύψωσα την χείρα μου ότι θέλω δώσει αυτήν εις αυτούς, τότε ενέβλεψαν εις πάντα λόφον υψηλόν και εις παν δένδρον κατάσκιον, και εκεί προσέφεραν τας θυσίας αυτών και έστησαν εκεί τας παροργιστικάς προσφοράς αυτών, και έθεσαν εκεί οσμήν ευωδίας αυτών και έκαμον εκεί τας σπονδάς αυτών.
29 २९ तब मैंने उनसे पूछा, जिस ऊँचे स्थान को तुम लोग जाते हो, उससे क्या प्रयोजन है? इसी से उसका नाम आज तक बामा कहलाता है।
Και είπα προς αυτούς, Τι δηλοί ο υψηλός τόπος, εις τον οποίον σεις υπάγετε; και το όνομα αυτού εκλήθη Βαμά, έως της σήμερον.
30 ३० इसलिए इस्राएल के घराने से कह, प्रभु यहोवा तुम से यह पूछता है: क्या तुम भी अपने पुरखाओं की रीति पर चलकर अशुद्ध होकर, और उनके घिनौने कामों के अनुसार व्यभिचारिणी के समान काम करते हो?
Διά τούτο ειπέ προς τον οίκον Ισραήλ, Ούτω λέγει Κύριος ο Θεός· Ενώ σεις μιαίνεσθε εν τη οδώ των πατέρων σας και εκπορνεύετε κατόπιν των βδελυγμάτων αυτών
31 ३१ आज तक जब जब तुम अपनी भेंटें चढ़ाते और अपने बाल-बच्चों को होम करके आग में चढ़ाते हो, तब-तब तुम अपनी मूरतों के कारण अशुद्ध ठहरते हो। हे इस्राएल के घराने, क्या तुम मुझसे पूछने पाओगे? प्रभु यहोवा की यह वाणी है, मेरे जीवन की शपथ तुम मुझसे पूछने न पाओगे।
και μιαίνεσθε με πάντα τα είδωλά σας έως της σήμερον, προσφέροντες τα δώρα σας, διαβιβάζοντες τους υιούς σας διά του πυρός, και εγώ θέλω επερωτηθή από σας, οίκος Ισραήλ; Ζω εγώ, λέγει Κύριος ο Θεός, δεν θέλω επερωτηθή από σας.
32 ३२ “जो बात तुम्हारे मन में आती है, ‘हम काठ और पत्थर के उपासक होकर अन्यजातियों और देश-देश के कुलों के समान हो जाएँगे,’ वह किसी भाँति पूरी नहीं होने की।
Και εκείνο το οποίον διαβουλεύεσθε, ουδόλως θέλει γείνει· διότι σεις λέγετε, Θέλομεν είσθαι ως τα έθνη, ως αι οικογένειαι των τόπων, εις το να λατρεύωμεν ξύλα και λίθους.
33 ३३ “प्रभु यहोवा यह कहता है, मेरे जीवन की शपथ मैं निश्चय बलवन्त हाथ और बढ़ाई हुई भुजा से, और भड़काई हुई जलजलाहट के साथ तुम्हारे ऊपर राज्य करूँगा।
Ζω εγώ, λέγει Κύριος ο Θεός, εξάπαντος εν χειρί κραταιά και εν βραχίονι εξηπλωμένω και εν θυμώ εκχεομένω θέλω βασιλεύσει εφ' υμάς.
34 ३४ मैं बलवन्त हाथ और बढ़ाई हुई भुजा से, और भड़काई हुई जलजलाहट के साथ तुम्हें देश-देश के लोगों में से अलग करूँगा, और उन देशों से जिनमें तुम तितर-बितर हो गए थे, इकट्ठा करूँगा;
Και θέλω σας εξαγάγει εκ των λαών και θέλω σας συνάξει εκ των τόπων, εις τους οποίους είσθε διεσκορπισμένοι, εν χειρί κραταιά και εν βραχίονι εξηπλωμένω και εν θυμώ εκχεομένω.
35 ३५ और मैं तुम्हें देश-देश के लोगों के जंगल में ले जाकर, वहाँ आमने-सामने तुम से मुकद्दमा लड़ूँगा।
Και θέλω σας φέρει εις την έρημον των λαών και εκεί θέλω κριθή με σας πρόσωπον προς πρόσωπον·
36 ३६ जिस प्रकार मैं तुम्हारे पूर्वजों से मिस्र देशरूपी जंगल में मुकद्दमा लड़ता था, उसी प्रकार तुम से मुकद्दमा लड़ूँगा, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
καθώς εκρίθην με τους πατέρας σας εν τη ερήμω της γης Αιγύπτου, ούτω θέλω σας κρίνει, λέγει Κύριος ο Θεός.
37 ३७ “मैं तुम्हें लाठी के तले चलाऊँगा। और तुम्हें वाचा के बन्धन में डालूँगा।
Και θέλω σας περάσει υπό την ράβδον και θέλω σας φέρει εις τους δεσμούς της διαθήκης.
38 ३८ मैं तुम में से सब विद्रोहियों को निकालकर जो मेरा अपराध करते है; तुम्हें शुद्ध करूँगा; और जिस देश में वे टिकते हैं उसमें से मैं उन्हें निकाल दूँगा; परन्तु इस्राएल के देश में घुसने न दूँगा। तब तुम जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ।
Και θέλω εκκαθαρίσει εκ μέσου υμών τους αποστάτας και τους ασεβήσαντας εις εμέ· θέλω εκβάλει αυτούς εκ της γης της παροικίας αυτών και δεν θέλουσιν εισέλθει εις γην Ισραήλ, και θέλετε γνωρίσει ότι εγώ είμαι ο Κύριος.
39 ३९ “हे इस्राएल के घराने तुम से तो प्रभु यहोवा यह कहता है: जाकर अपनी-अपनी मूरतों की उपासना करो; और यदि तुम मेरी न सुनोगे, तो आगे को भी यही किया करो; परन्तु मेरे पवित्र नाम को अपनी भेंटों और मूरतों के द्वारा फिर अपवित्र न करना।
Σεις δε, οίκος Ισραήλ, ούτω λέγει Κύριος ο Θεός· Υπάγετε, λατρεύετε έκαστος τα είδωλα αυτού, και του λοιπού, εάν δεν θέλητε να μου ακούητε· και μη βεβηλόνετε πλέον το όνομά μου το άγιον με τα δώρα σας και με τα είδωλά σας.
40 ४० “क्योंकि प्रभु यहोवा की यह वाणी है कि इस्राएल का सारा घराना अपने देश में मेरे पवित्र पर्वत पर, इस्राएल के ऊँचे पर्वत पर, सब का सब मेरी उपासना करेगा; वही मैं उनसे प्रसन्न होऊँगा, और वहीं मैं तुम्हारी उठाई हुई भेंटें और चढ़ाई हुई उत्तम-उत्तम वस्तुएँ, और तुम्हारी सब पवित्र की हुई वस्तुएँ तुम से लिया करूँगा।
Διότι επί του όρους του αγίου μου, επί του υψηλού όρους του Ισραήλ, λέγει Κύριος ο Θεός, εκεί πας ο οίκος του Ισραήλ, πάντες οι εν τη γη θέλουσι με λατρεύσει· εκεί θέλω δεχθή αυτούς και εκεί θέλω ζητήσει τας προσφοράς σας και τας απαρχάς των δώρων σας με πάντα τα άγιά σας.
41 ४१ जब मैं तुम्हें देश-देश के लोगों में से अलग करूँ और उन देशों से जिनमें तुम तितर-बितर हुए हो, इकट्ठा करूँ, तब तुम को सुखदायक सुगन्ध जानकर ग्रहण करूँगा, और अन्यजातियों के सामने तुम्हारे द्वारा पवित्र ठहराया जाऊँगा।
Θέλω σας δεχθή με οσμήν ευωδίας, όταν σας εξαγάγω εκ των λαών και σας συνάξω εκ των τόπων εις τους οποίους διεσκορπίσθητε· και θέλω αγιασθή εις εσάς ενώπιον των εθνών.
42 ४२ जब मैं तुम्हें इस्राएल के देश में पहुँचाऊँ, जिसके देने की शपथ मैंने तुम्हारे पूर्वजों से खाई थी, तब तुम जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ।
Και θέλετε γνωρίσει ότι εγώ είμαι ο Κύριος, όταν σας φέρω εις γην Ισραήλ, εις γην περί της οποίας ύψωσα την χείρα μου ότι θέλω δώσει αυτήν εις τους πατέρας σας.
43 ४३ वहाँ तुम अपनी चाल चलन और अपने सब कामों को जिनके करने से तुम अशुद्ध हुए हो स्मरण करोगे, और अपने सब बुरे कामों के कारण अपनी दृष्टि में घिनौने ठहरोगे।
Και εκεί θέλετε ενθυμηθή τας οδούς σας και πάντα τα έργα σας, εις τα οποία εμιάνθητε· και θέλετε αποστραφή αυτοί εαυτούς έμπροσθεν των οφθαλμών σας, διά πάντα τα κακά σας όσα επράξατε.
44 ४४ हे इस्राएल के घराने, जब मैं तुम्हारे साथ तुम्हारे बुरे चाल चलन और बिगड़े हुए कामों के अनुसार नहीं, परन्तु अपने ही नाम के निमित्त बर्ताव करूँ, तब तुम जान लोगे कि में यहोवा हूँ, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।”
Και θέλετε γνωρίσει ότι εγώ είμαι ο Κύριος, όταν κάμω ούτως εις εσάς ένεκεν του ονόματός μου, ουχί κατά τας πονηράς οδούς σας ουδέ κατά τα διεφθαρμένα έργα σας, οίκος Ισραήλ, λέγει Κύριος ο Θεός.
45 ४५ यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
Και έγεινε λόγος Κυρίου προς εμέ, λέγων,
46 ४६ “हे मनुष्य के सन्तान, अपना मुख दक्षिण की ओर कर, दक्षिण की ओर वचन सुना, और दक्षिण देश के वन के विषय में भविष्यद्वाणी कर;
Υιέ ανθρώπου, στήριξον το πρόσωπόν σου προς μεσημβρίαν και στάλαξον λόγον προς μεσημβρίαν και προφήτευσον κατά του δάσους της μεσημβρινής πεδιάδος·
47 ४७ और दक्षिण देश के वन से कह, यहोवा का यह वचन सुन, प्रभु यहोवा यह कहता है, मैं तुझ में आग लगाऊँगा, और तुझ में क्या हरे, क्या सूखे, जितने पेड़ हैं, सब को वह भस्म करेगी; उसकी धधकती ज्वाला न बुझेगी, और उसके कारण दक्षिण से उत्तर तक सब के मुख झुलस जाएँगे।
και ειπέ προς το δάσος της μεσημβρίας, Άκουσον τον λόγον του Κυρίου· Ούτω λέγει Κύριος ο Θεός· Ιδού, εγώ θέλω ανάψει πυρ εν σοι, και θέλει καταφάγει εν σοι παν δένδρον χλωρόν και παν δένδρον ξηρόν· η φλόξ η εξαφθείσα δεν θέλει σβεσθή, και παν πρόσωπον από μεσημβρίας μέχρι βορρά θέλει καυθή εν αυτώ.
48 ४८ तब सब प्राणियों को सूझ पड़ेगा कि यह आग यहोवा की लगाई हुई है; और वह कभी न बुझेगी।”
Και πάσα σαρξ θέλει ιδεί, ότι εγώ ο Κύριος εξέκαυσα αυτό· δεν θέλει σβεσθή.
49 ४९ तब मैंने कहा, “हाय परमेश्वर यहोवा! लोग तो मेरे विषय में कहा करते हैं कि क्या वह दृष्टान्त ही का कहनेवाला नहीं है?”
Και εγώ είπα, Φευ Κύριε Θεέ αυτοί λέγουσι περί εμού, δεν λαλεί ούτος παροιμίας;

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