< निर्गमन 29 >

1 “उन्हें पवित्र करने को जो काम तुझे उनसे करना है कि वे मेरे लिये याजक का काम करें वह यह है: एक निर्दोष बछड़ा और दो निर्दोष मेढ़े लेना,
'And this [is] the thing which thou dost to them, to hallow them, for being priests to Me: Take one bullock, a son of the herd, and two rams, perfect ones,
2 और अख़मीरी रोटी, और तेल से सने हुए मैदे के अख़मीरी फुलके, और तेल से चुपड़ी हुई अख़मीरी पपड़ियाँ भी लेना। ये सब गेहूँ के मैदे के बनवाना।
and bread unleavened, and cakes unleavened anointed with oil, of fine wheaten flour thou dost make them,
3 इनको एक टोकरी में रखकर उस टोकरी को उस बछड़े और उन दोनों मेढ़ों समेत समीप ले आना।
and thou hast put them on one basket, and hast brought them near in the basket, also the bullock and the two rams.
4 फिर हारून और उसके पुत्रों को मिलापवाले तम्बू के द्वार के समीप ले आकर जल से नहलाना।
'And Aaron and his sons thou dost bring near unto the opening of the tent of meeting, and hast bathed them with water;
5 तब उन वस्त्रों को लेकर हारून को अंगरखा और एपोद का बागा पहनाना, और एपोद और चपरास बाँधना, और एपोद का काढ़ा हुआ पटुका भी बाँधना;
and thou hast taken the garments, and hast clothed Aaron with the coat, and the upper robe of the ephod, and the ephod, and the breastplate, and hast girded him with the girdle of the ephod,
6 और उसके सिर पर पगड़ी को रखना, और पगड़ी पर पवित्र मुकुट को रखना।
and hast set the mitre on his head, and hast put the holy crown on the mitre,
7 तब अभिषेक का तेल ले उसके सिर पर डालकर उसका अभिषेक करना।
and hast taken the anointing oil, and hast poured [it] on his head, and hast anointed him.
8 फिर उसके पुत्रों को समीप ले आकर उनको अंगरखे पहनाना,
'And his sons thou dost bring near, and hast clothed them [with] coats,
9 और उसके अर्थात् हारून और उसके पुत्रों के कमर बाँधना और उनके सिर पर टोपियाँ रखना; जिससे याजक के पद पर सदा उनका हक़ रहे। इसी प्रकार हारून और उसके पुत्रों का संस्कार करना।
and hast girded them [with] a girdle (Aaron and his sons), and hast bound on them bonnets; and the priesthood hath been theirs by a statute age-during, and thou hast consecrated the hand of Aaron, and the hand of his sons,
10 १० “तब बछड़े को मिलापवाले तम्बू के सामने समीप ले आना। और हारून और उसके पुत्र बछड़े के सिर पर अपने-अपने हाथ रखें,
and hast brought near the bullock before the tent of meeting, and Aaron hath laid — his sons also — their hands on the head of the bullock.
11 ११ तब उस बछड़े को यहोवा के सम्मुख मिलापवाले तम्बू के द्वार पर बलिदान करना,
'And thou hast slaughtered the bullock before Jehovah, at the opening of the tent of meeting,
12 १२ और बछड़े के लहू में से कुछ लेकर अपनी उँगली से वेदी के सींगों पर लगाना, और शेष सब लहू को वेदी के पाए पर उण्डेल देना,
and hast taken of the blood of the bullock, and hast put [it] on the horns of the altar with thy finger, and all the blood thou dost pour out at the foundation of the altar;
13 १३ और जिस चर्बी से अंतड़ियाँ ढपी रहती हैं, और जो झिल्ली कलेजे के ऊपर होती है, उनको और दोनों गुर्दों को उनके ऊपर की चर्बी समेत लेकर सब को वेदी पर जलाना।
and thou hast taken all the fat which is covering the inwards, and the redundance on the liver, and the two kidneys, and the fat which [is] on them, and hast made perfume on the altar;
14 १४ परन्तु बछड़े का माँस, और खाल, और गोबर, छावनी से बाहर आग में जला देना; क्योंकि यह पापबलि होगा।
and the flesh of the bullock, and his skin, and his dung, thou dost burn with fire at the outside of the camp; it [is] a sin-offering.
15 १५ “फिर एक मेढ़ा लेना, और हारून और उसके पुत्र उसके सिर पर अपने-अपने हाथ रखें,
'And the one ram thou dost take, and Aaron and his sons have laid their hands on the head of the ram,
16 १६ तब उस मेढ़े को बलि करना, और उसका लहू लेकर वेदी पर चारों ओर छिड़कना।
and thou hast slaughtered the ram, and hast taken its blood, and hast sprinkled [it] on the altar round about,
17 १७ और उस मेढ़े को टुकड़े-टुकड़े काटना, और उसकी अंतड़ियों और पैरों को धोकर उसके टुकड़ों और सिर के ऊपर रखना,
and the ram thou dost cut into its pieces, and hast washed its inwards, and its legs, and hast put [them] on its pieces, and on its head;
18 १८ तब उस पूरे मेढ़े को वेदी पर जलाना; वह तो यहोवा के लिये होमबलि होगा; वह सुखदायक सुगन्ध और यहोवा के लिये हवन होगा।
and thou hast made perfume with the whole ram on the altar. It [is] a burnt-offering to Jehovah, a sweet fragrance; a fire-offering it [is] to Jehovah.
19 १९ “फिर दूसरे मेढ़े को लेना; और हारून और उसके पुत्र उसके सिर पर अपने-अपने हाथ रखें,
'And thou hast taken the second ram, and Aaron hath laid — his sons also — their hands on the head of the ram,
20 २० तब उस मेढ़े को बलि करना, और उसके लहू में से कुछ लेकर हारून और उसके पुत्रों के दाहिने कान के सिरे पर, और उनके दाहिने हाथ और दाहिने पाँव के अँगूठों पर लगाना, और लहू को वेदी पर चारों ओर छिड़क देना।
and thou hast slaughtered the ram, and hast taken of its blood, and hast put on the tip of the right ear of Aaron, and on the tip of the right ear of his sons, and on the thumb of their right hand, and on the great toe of their right foot, and hast sprinkled the blood on the altar round about;
21 २१ फिर वेदी पर के लहू, और अभिषेक के तेल, इन दोनों में से कुछ कुछ लेकर हारून और उसके वस्त्रों पर, और उसके पुत्रों और उनके वस्त्रों पर भी छिड़क देना; तब वह अपने वस्त्रों समेत और उसके पुत्र भी अपने-अपने वस्त्रों समेत पवित्र हो जाएँगे।
and thou hast taken of the blood which [is] on the altar, and of the anointing oil, and hast sprinkled on Aaron, and on his garments, and on his sons, and on the garments of his sons with him, and he hath been hallowed, he, and his garments, and his sons, and the garments of his sons with him.
22 २२ तब मेढ़े को संस्कारवाला जानकर उसमें से चर्बी और मोटी पूँछ को, और जिस चर्बी से अंतड़ियाँ ढपी रहती हैं उसको, और कलेजे पर की झिल्ली को, और चर्बी समेत दोनों गुर्दों को, और दाहिने पुट्ठे को लेना,
'And thou hast taken from the ram the fat, and the fat tail, and the fat which is covering the inwards, and the redundance on the liver, and the two kidneys, and the fat which [is] on them, and the right leg, for it [is] a ram of consecration,
23 २३ और अख़मीरी रोटी की टोकरी जो यहोवा के आगे धरी होगी उसमें से भी एक रोटी, और तेल से सने हुए मैदे का एक फुलका, और एक पपड़ी लेकर,
and one round cake of bread, and one cake of oiled bread, and one thin cake out of the basket of the unleavened things which [is] before Jehovah.
24 २४ इन सब को हारून और उसके पुत्रों के हाथों में रखकर हिलाए जाने की भेंट ठहराकर यहोवा के आगे हिलाया जाए।
'And thou hast set the whole on the hands of Aaron, and on the hands of his sons, and hast waved them — a wave-offering before Jehovah;
25 २५ तब उन वस्तुओं को उनके हाथों से लेकर होमबलि की वेदी पर जला देना, जिससे वह यहोवा के सामने सुखदायक सुगन्ध ठहरे; वह तो यहोवा के लिये हवन होगा।
and thou hast taken them out of their hand, and hast made perfume on the altar beside the burnt-offering, for sweet fragrance before Jehovah; a fire-offering it [is] to Jehovah.
26 २६ “फिर हारून के संस्कार को जो मेढ़ा होगा उसकी छाती को लेकर हिलाए जाने की भेंट के लिये यहोवा के आगे हिलाना; और वह तेरा भाग ठहरेगा।
'And thou hast taken the breast from the ram of the consecration which [is] for Aaron, and hast waved it — a wave-offering before Jehovah, and it hath become thy portion;
27 २७ और हारून और उसके पुत्रों के संस्कार का जो मेढ़ा होगा, उसमें से हिलाए जाने की भेंटवाली छाती जो हिलाई जाएगी, और उठाए जाने का भेंटवाला पुट्ठा जो उठाया जाएगा, इन दोनों को पवित्र ठहराना।
and thou hast sanctified the breast of the wave-offering, and the leg of the heave-offering, which hath been waved, and which hath been lifted up from the ram of the consecration, of that which [is] for Aaron, and of that which [is] for his sons;
28 २८ और ये सदा की विधि की रीति पर इस्राएलियों की ओर से उसका और उसके पुत्रों का भाग ठहरे, क्योंकि ये उठाए जाने की भेंटें ठहरी हैं; और यह इस्राएलियों की ओर से उनके मेलबलियों में से यहोवा के लिये उठाए जाने की भेंट होगी।
and it hath been for Aaron and for his sons, by a statute age-during from the sons of Israel, for it [is] a heave-offering; and it is a heave offering from the sons of Israel, from the sacrifices of their peace-offerings — their heave-offering to Jehovah.
29 २९ “हारून के जो पवित्र वस्त्र होंगे वह उसके बाद उसके बेटे पोते आदि को मिलते रहें, जिससे उन्हीं को पहने हुए उनका अभिषेक और संस्कार किया जाए।
'And the holy garments which are Aaron's, are for his sons after him, to be anointed in them, and to consecrate in them their hand;
30 ३० उसके पुत्रों के जो उसके स्थान पर याजक होगा, वह जब पवित्रस्थान में सेवा टहल करने को मिलापवाले तम्बू में पहले आए, तब उन वस्त्रों को सात दिन तक पहने रहें।
seven days doth the priest in his stead (of his sons) put them on, when he goeth in unto the tent of meeting, to minister in the sanctuary.
31 ३१ “फिर याजक के संस्कार का जो मेढ़ा होगा उसे लेकर उसका माँस किसी पवित्रस्थान में पकाना;
'And the ram of the consecration thou dost take, and hast boiled its flesh in the holy place;
32 ३२ तब हारून अपने पुत्रों समेत उस मेढ़े का माँस और टोकरी की रोटी, दोनों को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर खाए।
and Aaron hath eaten — his sons also — the flesh of the ram, and the bread which [is] in the basket, at the opening of the tent of meeting;
33 ३३ जिन पदार्थों से उनका संस्कार और उन्हें पवित्र करने के लिये प्रायश्चित किया जाएगा उनको तो वे खाएँ, परन्तु पराए कुल का कोई उन्हें न खाने पाए, क्योंकि वे पवित्र होंगे।
and they have eaten those things by which there is atonement to consecrate their hand, to sanctify them; and a stranger doth not eat — for they [are] holy;
34 ३४ यदि संस्कारवाले माँस या रोटी में से कुछ सवेरे तक बचा रहे, तो उस बचे हुए को आग में जलाना, वह खाया न जाए; क्योंकि वह पवित्र होगा।
and if there be left of the flesh of the consecration or of the bread till the morning, then thou hast burned that which is left with fire; it is not eaten, for it [is] holy.
35 ३५ “मैंने तुझे जो-जो आज्ञा दी हैं, उन सभी के अनुसार तू हारून और उसके पुत्रों से करना; और सात दिन तक उनका संस्कार करते रहना,
'And thou hast done thus to Aaron and to his sons, according to all that I have commanded thee; seven days thou dost consecrate their hand;
36 ३६ अर्थात् पापबलि का एक बछड़ा प्रायश्चित के लिये प्रतिदिन चढ़ाना। और वेदी को भी प्रायश्चित करने के समय शुद्ध करना, और उसे पवित्र करने के लिये उसका अभिषेक करना।
and a bullock, a sin-offering, thou dost prepare daily for the atonements, and thou hast atoned for the altar, in thy making atonement on it, and hast anointed it to sanctify it;
37 ३७ सात दिन तक वेदी के लिये प्रायश्चित करके उसे पवित्र करना, और वेदी परमपवित्र ठहरेगी; और जो कुछ उससे छू जाएगा वह भी पवित्र हो जाएगा।
seven days thou dost make atonement for the altar, and hast sanctified it, and the altar hath been most holy; all that is coming against the altar is holy.
38 ३८ “जो तुझे वेदी पर नित्य चढ़ाना होगा वह यह है; अर्थात् प्रतिदिन एक-एक वर्ष के दो भेड़ी के बच्चे।
'And this [is] that which thou dost prepare on the altar; two lambs, sons of a year, daily continually;
39 ३९ एक भेड़ के बच्चे को तो भोर के समय, और दूसरे भेड़ के बच्चे को साँझ के समय चढ़ाना।
the one lamb thou dost prepare in the morning, and the second lamb thou dost prepare between the evenings;
40 ४० और एक भेड़ के बच्चे के संग हीन की चौथाई कूटकर निकाले हुए तेल से सना हुआ एपा का दसवाँ भाग मैदा, और अर्घ के लिये ही की चौथाई दाखमधु देना।
and a tenth [deal] of fine flour, mixed with beaten oil, a fourth part of a hin, and a libation, a fourth part of a hin, of wine, [is] for the one lamb.
41 ४१ और दूसरे भेड़ के बच्चे को साँझ के समय चढ़ाना, और उसके साथ भोर की रीति अनुसार अन्नबलि और अर्घ दोनों देना, जिससे वह सुखदायक सुगन्ध और यहोवा के लिये हवन ठहरे।
'And the second lamb thou dost prepare between the evenings; according to the present of the morning, and according to its libation, thou dost prepare for it, for sweet fragrance, a fire-offering, to Jehovah: —
42 ४२ तुम्हारी पीढ़ी से पीढ़ी में यहोवा के आगे मिलापवाले तम्बू के द्वार पर नित्य ऐसा ही होमबलि हुआ करे; यह वह स्थान है जिसमें मैं तुम लोगों से इसलिए मिला करूँगा कि तुझ से बातें करूँ।
a continual burnt-offering for your generations, at the opening of the tent of meeting, before Jehovah, whither I am met with you, to speak unto thee there,
43 ४३ मैं इस्राएलियों से वहीं मिला करूँगा, और वह तम्बू मेरे तेज से पवित्र किया जाएगा।
and I have met there with the sons of Israel, and it hath been sanctified by My honour.
44 ४४ और मैं मिलापवाले तम्बू और वेदी को पवित्र करूँगा, और हारून और उसके पुत्रों को भी पवित्र करूँगा कि वे मेरे लिये याजक का काम करें।
'And I have sanctified the tent of meeting, and the altar, and Aaron and his sons I sanctify for being priests to Me,
45 ४५ और मैं इस्राएलियों के मध्य निवास करूँगा, और उनका परमेश्वर ठहरूँगा।
and I have tabernacled in the midst of the sons of Israel, and have become their God,
46 ४६ तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा उनका परमेश्वर हूँ, जो उनको मिस्र देश से इसलिए निकाल ले आया, कि उनके मध्य निवास करूँ; मैं ही उनका परमेश्वर यहोवा हूँ।
and they have known that I [am] Jehovah their God, who hath brought them out of the land of Egypt, that I may tabernacle in their midst; I [am] Jehovah their God.

< निर्गमन 29 >