< एस्तेर 4 >
1 १ जब मोर्दकै ने जान लिया कि क्या-क्या किया गया है तब मोर्दकै वस्त्र फाड़, टाट पहन, राख डालकर, नगर के मध्य जाकर ऊँचे और दुःख भरे शब्द से चिल्लाने लगा;
Cuando supo Mardoqueo todo lo que se había hecho, rasgó sus vestidos, y se vistió de cilicio y de ceniza, y se fue por medio de la ciudad clamando con grande y amargo clamor.
2 २ और वह राजभवन के फाटक के सामने पहुँचा, परन्तु टाट पहने हुए राजभवन के फाटक के भीतर तो किसी के जाने की आज्ञा न थी।
Y vino hasta delante de la puerta del rey; porque no era lícito pasar adentro de la puerta del rey con vestido de cilicio.
3 ३ एक-एक प्रान्त में, जहाँ-जहाँ राजा की आज्ञा और नियम पहुँचा, वहाँ-वहाँ यहूदी बड़ा विलाप करने और उपवास करने और रोने पीटने लगे; वरन् बहुत से टाट पहने और राख डाले हुए पड़े रहे।
Y en cada provincia donde el mandamiento del rey y su ley llegaba, tenían los judíos grande luto, y ayuno, y lloro, y lamentación; cilicio y ceniza era la cama de muchos.
4 ४ एस्तेर रानी की सहेलियों और खोजों ने जाकर उसको बता दिया, तब रानी शोक से भर गई; और मोर्दकै के पास वस्त्र भेजकर यह कहलाया कि टाट उतारकर इन्हें पहन ले, परन्तु उसने उन्हें न लिया।
Y vinieron las doncellas de Ester y sus eunucos, y se lo dijeron; y la reina tuvo gran dolor, y envió vestidos para hacer vestir a Mardoqueo, y hacerle quitar el cilicio de sobre él; mas él no los recibió.
5 ५ तब एस्तेर ने राजा के खोजों में से हताक को जिसे राजा ने उसके पास रहने को ठहराया था, बुलवाकर आज्ञा दी, कि मोर्दकै के पास जाकर मालूम कर ले, कि क्या बात है और इसका क्या कारण है।
Entonces Ester llamó a Hatac, uno de los eunucos del rey, que él había puesto al servicio de ella, y lo mandó a Mardoqueo, para saber qué era aquello, y por qué.
6 ६ तब हताक नगर के उस चौक में, जो राजभवन के फाटक के सामने था, मोर्दकै के पास निकल गया।
Salió, pues, Hatac a Mardoqueo, a la plaza de la ciudad que estaba delante de la puerta del rey.
7 ७ मोर्दकै ने उसको सब कुछ बता दिया कि मेरे ऊपर क्या-क्या बीता है, और हामान ने यहूदियों के नाश करने की अनुमति पाने के लिये राजभण्डार में कितनी चाँदी भर देने का वचन दिया है, यह भी ठीक-ठीक बता दिया।
Y Mardoqueo le declaró todo lo que le había acontecido, y le dio noticia de la plata que Amán había dicho que pesaría para los tesoros del rey por razón de los judíos, para destruirlos.
8 ८ फिर यहूदियों को विनाश करने की जो आज्ञा शूशन में दी गई थी, उसकी एक नकल भी उसने हताक के हाथ में, एस्तेर को दिखाने के लिये दी, और उसे सब हाल बताने, और यह आज्ञा देने को कहा, कि भीतर राजा के पास जाकर अपने लोगों के लिये गिड़गिड़ाकर विनती करे।
Le dio también la copia de la escritura del decreto que había sido dado en Susa para que fuesen destruidos, a fin de que la mostrara a Ester y se lo declarase, y le encargara que fuese al rey a suplicarle, y a pedir delante de él por su pueblo.
9 ९ तब हताक ने एस्तेर के पास जाकर मोर्दकै की बातें कह सुनाईं।
Y vino Hatac, y contó a Ester las palabra de Mardoqueo.
10 १० तब एस्तेर ने हताक को मोर्दकै से यह कहने की आज्ञा दी,
Entonces Ester dijo a Hatac, y le mandó decir a Mardoqueo:
11 ११ “राजा के सब कर्मचारियों, वरन् राजा के प्रान्तों के सब लोगों को भी मालूम है, कि क्या पुरुष क्या स्त्री, कोई क्यों न हो, जो आज्ञा बिना पाए भीतरी आँगन में राजा के पास जाएगा उसके मार डालने ही की आज्ञा है; केवल जिसकी ओर राजा सोने का राजदण्ड बढ़ाए वही बचता है। परन्तु मैं अब तीस दिन से राजा के पास नहीं बुलाई गई हूँ।”
Todos los siervos del rey, y el pueblo de las provincias del rey saben, que todo varón o mujer que entra al rey al patio de adentro sin ser llamado, por una sola ley ha de morir; salvo aquel a quien el rey extendiere la vara de oro, el cual vivirá; y yo no he sido llamada para entrar al rey estos treinta días.
12 १२ एस्तेर की ये बातें मोर्दकै को सुनाई गईं।
Y dijeron a Mardoqueo las palabras de Ester.
13 १३ तब मोर्दकै ने एस्तेर के पास यह कहला भेजा, “तू मन ही मन यह विचार न कर, कि मैं ही राजभवन में रहने के कारण और सब यहूदियों में से बची रहूँगी।
Entonces dijo Mardoqueo que respondiesen a Ester: No pienses en tu alma, que escaparás en la casa del rey más que todos los judíos.
14 १४ क्योंकि जो तू इस समय चुपचाप रहे, तो और किसी न किसी उपाय से यहूदियों का छुटकारा और उद्धार हो जाएगा, परन्तु तू अपने पिता के घराने समेत नाश होगी। क्या जाने तुझे ऐसे ही कठिन समय के लिये राजपद मिल गया हो?”
Porque si absolutamente callares en este tiempo, respiro y liberación tendrán los judíos de otra parte; mas tú y la casa de tu padre pereceréis. ¿Y quién sabe si para esta hora has llegado al reino?
15 १५ तब एस्तेर ने मोर्दकै के पास यह कहला भेजा,
Y Ester dijo que respondiesen a Mardoqueo:
16 १६ “तू जाकर शूशन के सब यहूदियों को इकट्ठा कर, और तुम सब मिलकर मेरे निमित्त उपवास करो, तीन दिन-रात न तो कुछ खाओ, और न कुछ पीओ। और मैं भी अपनी सहेलियों सहित उसी रीति उपवास करूँगी। और ऐसी ही दशा में मैं नियम के विरुद्ध राजा के पास भीतर जाऊँगी; और यदि नाश हो गई तो हो गई।”
Ve, y junta a todos los judíos que se hallan en Susa, y ayunad por mí, y no comáis ni bebáis en tres días, noche ni día; yo también con mis doncellas ayunaré igualmente, y así entraré al rey, aunque no sea conforme a la ley; y si perezco, que perezca.
17 १७ तब मोर्दकै चला गया और एस्तेर की आज्ञा के अनुसार ही उसने सब कुछ किया।
Entonces se fue Mardoqueo, e hizo conforme a todo lo que le mandó Ester.