< इफिसियों 3 >

1 इसी कारण मैं पौलुस जो तुम अन्यजातियों के लिये मसीह यीशु का बन्दी हूँ
येकोच लायी मय पौलुस जो तुम गैरयहूदियों लायी मसीह यीशु को बन्दी हय, परमेश्वर सी प्रार्थना करू हय।
2 यदि तुम ने परमेश्वर के उस अनुग्रह के प्रबन्ध का समाचार सुना हो, जो तुम्हारे लिये मुझे दिया गया।
यदि तुम न परमेश्वर को ऊ अनुग्रह सी मोख यो काम जो तुम्हरी भलायी लायी मोख दियो गयो हय,
3 अर्थात् यह कि वह भेद मुझ पर प्रकाश के द्वारा प्रगट हुआ, जैसा मैं पहले संक्षेप में लिख चुका हूँ।
यानेकि यो कि ऊ रहस्य मोरो पर प्रकाशन को द्वारा प्रगट भयो, जसो मय पहिलेच संक्षेप म लिख चुक्यो हय,
4 जिससे तुम पढ़कर जान सकते हो कि मैं मसीह का वह भेद कहाँ तक समझता हूँ।
जेकोसी तुम पढ़ क जान सकय हय कि मय मसीह को ऊ रहस्य कसो समझ सकू हय तुम जानो।
5 जो अन्य समयों में मनुष्यों की सन्तानों को ऐसा नहीं बताया गया था, जैसा कि आत्मा के द्वारा अब उसके पवित्र प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं पर प्रगट किया गया है।
जो पूरानो समयो म आदमियों की सन्तानों ख असो नहीं बतायो गयो होतो, जसो कि आत्मा को द्वारा अब ओको पवित्र प्रेरितों अऊर परमेश्वर को तरफ सी सन्देश लावन वालो पर प्रगट करयो गयो हय।
6 अर्थात् यह कि मसीह यीशु में सुसमाचार के द्वारा अन्यजातीय लोग विरासत में सहभागी, और एक ही देह के और प्रतिज्ञा के भागी हैं।
मतलब यो कि मसीह यीशु म सुसमाचार को द्वारा गैरयहूदियों को लोग विरासत को वारिस हय, अऊर एकच शरीर अऊर प्रतिज्ञा को भागी हंय।
7 और मैं परमेश्वर के अनुग्रह के उस दान के अनुसार, जो सामर्थ्य के प्रभाव के अनुसार मुझे दिया गया, उस सुसमाचार का सेवक बना।
मय परमेश्वर को अनुग्रह को ऊ दान को अनुसार, जो ओकी सामर्थ को काम प्रभाव को अनुसार मोख दियो गयो, ऊ सुसमाचार को सेवक बन्यो।
8 मुझ पर जो सब पवित्र लोगों में से छोटे से भी छोटा हूँ, यह अनुग्रह हुआ कि मैं अन्यजातियों को मसीह के अगम्य धन का सुसमाचार सुनाऊँ,
मोरो पर जो सब पवित्र लोगों म सी छोटो सी भी छोटो हय, यो अनुग्रह भयो कि मय गैरयहूदियों ख मसीह को अनन्त धन को सुसमाचार सुनाऊ,
9 और सब पर यह बात प्रकाशित करूँ कि उस भेद का प्रबन्ध क्या है, जो सब के सृजनहार परमेश्वर में आदि से गुप्त था। (aiōn g165)
अऊर सब लोगों ख यो देखन लायी कि रहस्य की सहभागिता का हय, जो जगत की सुरूवात सी परमेश्वर म लूकी हुयी हय, जेन यीशु मसीह को द्वारा पूरी चिजों ख बनायो हय। (aiōn g165)
10 १० ताकि अब कलीसिया के द्वारा, परमेश्वर का विभिन्न प्रकार का ज्ञान, उन प्रधानों और अधिकारियों पर, जो स्वर्गीय स्थानों में हैं प्रगट किया जाए।
ताकि अब मण्डली को द्वारा, परमेश्वर को अलग अलग तरह को ज्ञान उन मुख्य याजकों अऊर अधिकारियों पर जो स्वर्गीय जागा म हंय, प्रगट करयो जाये।
11 ११ उस सनातन मनसा के अनुसार जो उसने हमारे प्रभु मसीह यीशु में की थी। (aiōn g165)
ऊ अनन्त काल उद्देश्य को अनुसार जो परमेश्वर न हमरो प्रभु यीशु मसीह म पूरो करयो होतो। (aiōn g165)
12 १२ जिसमें हमको उस पर विश्वास रखने से साहस और भरोसे से निकट आने का अधिकार है।
जेको म हम ख मसीह म एक होन को नाते अऊर ओको पर विश्वास को द्वारा हम्ख साहस अऊर भरोसा को संग परमेश्वर को जवर आवन को अधिकार हय।
13 १३ इसलिए मैं विनती करता हूँ कि जो क्लेश तुम्हारे लिये मुझे हो रहे हैं, उनके कारण साहस न छोड़ो, क्योंकि उनमें तुम्हारी महिमा है।
येकोलायी मय बिनती करू हय कि जो कठिनायी तुम्हरो लायी मोख होय रह्यो हंय, उन्को वजह साहस मत छोड़ो, कहालीकि उन्म तुम्हरो फायदा हय।
14 १४ मैं इसी कारण उस पिता के सामने घुटने टेकता हूँ,
मय योच वजह ऊ बाप को आगु घुटना टेकु हय।
15 १५ जिससे स्वर्ग और पृथ्वी पर, हर एक घराने का नाम रखा जाता है,
जेकोसी स्वर्ग अऊर धरती पर, हर एक घराना को नाम रख्यो जावय हय,
16 १६ कि वह अपनी महिमा के धन के अनुसार तुम्हें यह दान दे कि तुम उसके आत्मा से अपने भीतरी मनुष्यत्व में सामर्थ्य पाकर बलवन्त होते जाओ,
मय प्रार्थना करू हय कि ऊ महिमा को अपनी आत्मा को द्वारा तुम्हरो भीतरी व्यक्तित्व ख शक्ति अऊर सामर्थ प्रदान करे;
17 १७ और विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में बसे कि तुम प्रेम में जड़ पकड़कर और नींव डालकर,
अऊर विश्वास को द्वारा मसीह तुम्हरो दिल म अपनो घर बनायेंन। मय प्रार्थना करू हय कि तुम्हरी जड़े अऊर नींव प्रेम म हो,
18 १८ सब पवित्र लोगों के साथ भली भाँति समझने की शक्ति पाओ; कि उसकी चौड़ाई, और लम्बाई, और ऊँचाई, और गहराई कितनी है।
येकोलायी की तुम सब परमेश्वर को लोगों को संग अच्छो तरह सी समझ सको की मसीह को प्रेम की लम्बाई, चौड़ाई, ऊचाई, अऊर गहरायी कितनी हय,
19 १९ और मसीह के उस प्रेम को जान सको जो ज्ञान से परे है कि तुम परमेश्वर की सारी भरपूरी तक परिपूर्ण हो जाओ।
अऊर मसीह को ऊ प्रेम ख जान सको जो ज्ञान ख पास करय हय कि तुम परमेश्वर को स्वभाव सी भरपूर हो जावो।
20 २० अब जो ऐसा सामर्थी है, कि हमारी विनती और समझ से कहीं अधिक काम कर सकता है, उस सामर्थ्य के अनुसार जो हम में कार्य करता है,
अब ऊ परमेश्वर को लायी जो अपनी ऊ सामर्थ को अनुसार जो हम म काम करय हय ओको द्वारा जितनो हम मांग सकजे हय यहां तक की हम सोच सकजे हय ओको सी भी कहीं जादा कर सकय हय,
21 २१ कलीसिया में, और मसीह यीशु में, उसकी महिमा पीढ़ी से पीढ़ी तक युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
परमेश्वर की महिमा मण्डली अऊर मसीह यीशु म पीढ़ी सी पीढ़ी तक हमेशा-हमेशा होती रहे। आमीन। (aiōn g165)

< इफिसियों 3 >