< सभोपदेशक 7 >
1 १ अच्छा नाम अनमोल इत्र से और मृत्यु का दिन जन्म के दिन से उत्तम है।
Bedre er et godt Navn end en god Salve og Dødens Dag end ens Fødselsdag.
2 २ भोज के घर जाने से शोक ही के घर जाना उत्तम है; क्योंकि सब मनुष्यों का अन्त यही है, और जो जीवित है वह मन लगाकर इस पर सोचेगा।
Det er bedre at gaa til Sørgehuset end at gaa til Gæstebudshuset, fordi hint er hvert Menneskes Endeligt; og den levende skal lægge sig det paa Hjerte.
3 ३ हँसी से खेद उत्तम है, क्योंकि मुँह पर के शोक से मन सुधरता है।
Græmmelse er bedre end Latter; thi, naar Ansigtet ser ilde ud, kan Hjertet have det godt.
4 ४ बुद्धिमानों का मन शोक करनेवालों के घर की ओर लगा रहता है परन्तु मूर्खों का मन आनन्द करनेवालों के घर लगा रहता है।
De vises Hjerte er i Sorrigs Hus; men Daarernes Hjerte er i Glædes Hus.
5 ५ मूर्खों के गीत सुनने से बुद्धिमान की घुड़की सुनना उत्तम है।
Det er bedre at høre Skænd af den vise, end at man hører Sang af Daarer.
6 ६ क्योंकि मूर्ख की हँसी हाण्डी के नीचे जलते हुए काँटों ही चरचराहट के समान होती है; यह भी व्यर्थ है।
Thi som Tjørne sprage under Gryden, saa er Daarers Latter; ogsaa dette er Forfængelighed.
7 ७ निश्चय अंधेर से बुद्धिमान बावला हो जाता है; और घूस से बुद्धि नाश होती है।
Thi Fortrykkelse kan gøre en viis gal, og Gave kan fordærve et Hjerte.
8 ८ किसी काम के आरम्भ से उसका अन्त उत्तम है; और धीरजवन्त पुरुष अहंकारी से उत्तम है।
Enden paa en Ting er bedre end Begyndelsen derpaa; bedre langmodig end hovmodig.
9 ९ अपने मन में उतावली से क्रोधित न हो, क्योंकि क्रोध मूर्खों ही के हृदय में रहता है।
Vær ikke hastig i dit Sind til at fortørnes; thi Fortørnelse hviler i Daarers Barm.
10 १० यह न कहना, “बीते दिन इनसे क्यों उत्तम थे?” क्योंकि यह तू बुद्धिमानी से नहीं पूछता।
Sig ikke: Hvoraf kom det, at de forrige Dage vare bedre end disse? thi du spørger ikke om saadant af Visdom.
11 ११ बुद्धि विरासत के साथ अच्छी होती है, वरन् जीवित रहनेवालों के लिये लाभकारी है।
Visdom er god som et Arvegods, ja bedre for dem, som skue Solen;
12 १२ क्योंकि बुद्धि की आड़ रुपये की आड़ का काम देता है; परन्तु ज्ञान की श्रेष्ठता यह है कि बुद्धि से उसके रखनेवालों के प्राण की रक्षा होती है।
thi at være under Visdoms Skygge, er at være under Penges Skygge; og Kundskabs Fortrin er: At Visdommen giver dem Livet, som eje den.
13 १३ परमेश्वर के काम पर दृष्टि कर; जिस वस्तु को उसने टेढ़ा किया हो उसे कौन सीधा कर सकता है?
Se Guds Gerning; thi hvo kan gøre det lige, som han gør kroget?
14 १४ सुख के दिन सुख मान, और दुःख के दिन सोच; क्योंकि परमेश्वर ने दोनों को एक ही संग रखा है, जिससे मनुष्य अपने बाद होनेवाली किसी बात को न समझ सके।
Vær ved et godt Mod paa en god Dag, men betænk paa en ond Dag, at Gud har gjort denne ved Siden af den anden, for at Mennesket ikke skal finde noget, som skal ske efter ham.
15 १५ अपने व्यर्थ जीवन में मैंने यह सब कुछ देखा है; कोई धर्मी अपने धार्मिकता का काम करते हुए नाश हो जाता है, और दुष्ट बुराई करते हुए दीर्घायु होता है।
Alt det har jeg set i min Forfængeligheds Dage: Der er en retfærdig, som omkommer i sin Retfærdighed, og der er en ugudelig, som lever længe i sin Ondskab.
16 १६ अपने को बहुत धर्मी न बना, और न अपने को अधिक बुद्धिमान बना; तू क्यों अपने ही नाश का कारण हो?
Vær ikke alt for retfærdig, og te dig ikke overvættes viis; hvorfor vil du ødelægge dig selv?
17 १७ अत्यन्त दुष्ट भी न बन, और न मूर्ख हो; तू क्यों अपने समय से पहले मरे?
Vær ikke alt for uretfærdig, og vær ikke en Daare; hvorfor skulde du dø i Utide?
18 १८ यह अच्छा है कि तू इस बात को पकड़े रहे; और उस बात पर से भी हाथ न उठाए; क्योंकि जो परमेश्वर का भय मानता है वह इन सब कठिनाइयों से पार हो जाएगा।
Det er godt, at du holder fast ved det ene, men du skal og ikke lade din Haand af fra det andet; thi den, som frygter Gud, undgaar det alt.
19 १९ बुद्धि ही से नगर के दस हाकिमों की अपेक्षा बुद्धिमान को अधिक सामर्थ्य प्राप्त होती है।
Visdom styrker en viis mere end ti vældige, som ere i en Stad.
20 २० निःसन्देह पृथ्वी पर कोई ऐसा धर्मी मनुष्य नहीं जो भलाई ही करे और जिससे पाप न हुआ हो।
Thi der er ikke et Menneske retfærdigt paa Jorden, som gør godt og ikke synder.
21 २१ जितनी बातें कही जाएँ सब पर कान न लगाना, ऐसा न हो कि तू सुने कि तेरा दास तुझी को श्राप देता है;
Læg ikke heller paa dit Hjerte alle de Ord, som man siger, at du ikke skal høre din Tjener forbande dig.
22 २२ क्योंकि तू आप जानता है कि तूने भी बहुत बार औरों को श्राप दिया है।
Thi dit Hjerte ved ogsaa de mange Gange, da du selv har forbandet andre.
23 २३ यह सब मैंने बुद्धि से जाँच लिया है; मैंने कहा, “मैं बुद्धिमान हो जाऊँगा;” परन्तु यह मुझसे दूर रहा।
Alt det har jeg forsøgt med Visdommen; jeg sagde: Jeg vil opnaa Visdom, men den forblev langt fra mig.
24 २४ वह जो दूर और अत्यन्त गहरा है, उसका भेद कौन पा सकता है?
Det, som er til, er langt borte og dybt, dybt! hvo kan finde det?
25 २५ मैंने अपना मन लगाया कि बुद्धि के विषय में जान लूँ; कि खोज निकालूँ और उसका भेद जानूँ, और कि दुष्टता की मूर्खता और मूर्खता जो निरा बावलापन है, को जानूँ।
Jeg vendte mig om med mit Hjerte, for at forstaa og at udgranske og at søge Visdom og Fornuftighed og for at forstaa, at Ugudelighed er Daarskab, og at Daarskab er Vanvid.
26 २६ और मैंने मृत्यु से भी अधिक दुःखदाई एक वस्तु पाई, अर्थात् वह स्त्री जिसका मन फंदा और जाल है और जिसके हाथ हथकड़ियाँ है; जिस पुरुष से परमेश्वर प्रसन्न है वही उससे बचेगा, परन्तु पापी उसका शिकार होगा।
Og jeg fandt, hvad der var beskere end Døden: Den Kvinde, hvis Hjerte var Snarer og Garn, og hvis Hænder vare Baand; den, som er velbehagelig for Guds Ansigt, skal undkomme fra hende, men en Synder skal fanges ved hende.
27 २७ देख, उपदेशक कहता है, मैंने ज्ञान के लिये अलग-अलग बातें मिलाकर जाँची, और यह बात निकाली,
Se, dette har jeg fundet, sagde Prædikeren, det ene efter det andet, idet jeg vilde finde Fornuftighed,
28 २८ जिसे मेरा मन अब तक ढूँढ़ रहा है, परन्तु नहीं पाया। हजार में से मैंने एक पुरुष को पाया, परन्तु उनमें एक भी स्त्री नहीं पाई।
hvilken min Sjæl endnu søger, men jeg ikke har fundet; iblandt tusinde fandt jeg een Mand, men fandt ikke en Kvinde iblandt dem alle.
29 २९ देखो, मैंने केवल यह बात पाई है, कि परमेश्वर ने मनुष्य को सीधा बनाया, परन्तु उन्होंने बहुत सी युक्तियाँ निकाली हैं।
Dog se, dette har jeg fundet, at Gud skabte Mennesket ret; men de søge mange Spidsfindigheder.