< सभोपदेशक 4 >
1 १ तब मैंने वह सब अंधेर देखा जो सूर्य के नीचे होता है। और क्या देखा, कि अंधेर सहनेवालों के आँसू बह रहे हैं, और उनको कोई शान्ति देनेवाला नहीं! अंधेर करनेवालों के हाथ में शक्ति थी, परन्तु उनको कोई शान्ति देनेवाला नहीं था।
Depois me virei, e atentei em todas as opressões que se fazem debaixo do sol; e eis que vi as lágrimas dos que foram oprimidos e dos que não tem consolador; e a força estava da banda dos seus opressores; porém eles não tinham consolador.
2 २ इसलिए मैंने मरे हुओं को जो मर चुके हैं, उन जीवितों से जो अब तक जीवित हैं अधिक धन्य कहा;
Pelo que eu louvei os mortos que já morreram, mais do que os vivos que vivem ainda,
3 ३ वरन् उन दोनों से अधिक अच्छा वह है जो अब तक हुआ ही नहीं, न यह बुरे काम देखे जो सूर्य के नीचे होते हैं।
E melhor que uns e outros é aquele que ainda não é; que não viu as más obras que se fazem debaixo do sol.
4 ४ तब मैंने सब परिश्रम के काम और सब सफल कामों को देखा जो लोग अपने पड़ोसी से जलन के कारण करते हैं। यह भी व्यर्थ और वायु को पकड़ना है।
Também vi eu que todo o trabalho, e toda a destreza em obras, attrahe ao homem a inveja do seu próximo. também isto é vaidade e aflição de espírito.
5 ५ मूर्ख छाती पर हाथ रखे रहता और अपना माँस खाता है।
O tolo cruza as suas mãos, e come a sua própria carne.
6 ६ चैन के साथ एक मुट्ठी उन दो मुट्ठियों से अच्छा है, जिनके साथ परिश्रम और वायु को पकड़ना हो।
Melhor é uma mão cheia com descanço do que ambos os punhos cheios com trabalho, e aflição de espírito.
7 ७ फिर मैंने सूर्य के नीचे यह भी व्यर्थ बात देखी।
Outra vez me tornei a virar, e vi uma vaidade debaixo do sol.
8 ८ कोई अकेला रहता और उसका कोई नहीं है; न उसके बेटा है, न भाई है, तो भी उसके परिश्रम का अन्त नहीं होता; न उसकी आँखें धन से सन्तुष्ट होती हैं, और न वह कहता है, मैं किसके लिये परिश्रम करता और अपने जीवन को सुखरहित रखता हूँ? यह भी व्यर्थ और निरा दुःख भरा काम है।
Há um tal que é só, e não tem segundo, nem tão pouco filho nem irmã; e de todo o seu trabalho não há fim, nem o seu olho se farta de riquezas; nem diz: Para quem trabalho eu, e privo a minha alma do bem? também isto é vaidade e enfadonha ocupação.
9 ९ एक से दो अच्छे हैं, क्योंकि उनके परिश्रम का अच्छा फल मिलता है।
Melhores são dois do que um, porque tem melhor paga do seu trabalho.
10 १० क्योंकि यदि उनमें से एक गिरे, तो दूसरा उसको उठाएगा; परन्तु हाय उस पर जो अकेला होकर गिरे और उसका कोई उठानेवाला न हो।
Porque se vierem a cair, um levanta ao seu companheiro: mas ai do que estiver só; pois, caindo, não haverá outro que o levante.
11 ११ फिर यदि दो जन एक संग सोएँ तो वे गर्म रहेंगे, परन्तु कोई अकेला कैसे गर्म हो सकता है?
Também, se dois dormirem juntos, eles se aquentarão; mas um só como se aquentará?
12 १२ यदि कोई अकेले पर प्रबल हो तो हो, परन्तु दो उसका सामना कर सकेंगे। जो डोरी तीन तागे से बटी हो वह जल्दी नहीं टूटती।
E, se alguém prevalecer contra um, os dois lhe resistirão; e o cordão de três dobras não se quebra tão depressa.
13 १३ बुद्धिमान लड़का दरिद्र होने पर भी ऐसे बूढ़े और मूर्ख राजा से अधिक उत्तम है जो फिर सम्मति ग्रहण न करे,
Melhor é o mancebo pobre e sábio do que o rei velho e insensato, que se não deixa mais admoestar.
14 १४ चाहे वह उसके राज्य में धनहीन उत्पन्न हुआ या बन्दीगृह से निकलकर राजा हुआ हो।
Porque um sai do cárcere para reinar; sim, um que nasceu pobre no seu reino.
15 १५ मैंने सब जीवितों को जो सूर्य के नीचे चलते फिरते हैं देखा कि वे उस दूसरे लड़के के संग हो लिये हैं जो उनका स्थान लेने के लिये खड़ा हुआ।
Vi a todos os viventes andarem debaixo do sol com o mancebo, o sucessor que estará no seu lugar.
16 १६ वे सब लोग अनगिनत थे जिन पर वह प्रधान हुआ था। तो भी भविष्य में होनेवाले लोग उसके कारण आनन्दित न होंगे। निःसन्देह यह भी व्यर्थ और वायु को पकड़ना है।
Não tem fim todo o povo, todo o que houve antes dele; tão pouco os descendentes se alegrarão dele. Na verdade que também isto é vaidade e aflição de espírito.