< व्यवस्था विवरण 28 >
1 १ “यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की सब आज्ञाएँ, जो मैं आज तुझे सुनाता हूँ, चौकसी से पूरी करने को चित्त लगाकर उसकी सुने, तो वह तुझे पृथ्वी की सब जातियों में श्रेष्ठ करेगा।
"Or, si tu obéis à la voix de l’Éternel, ton Dieu, observant avec soin tous ses préceptes, que je t’impose en ce jour, l’Éternel, ton Dieu, te fera devenir le premier de tous les peuples de la terre;
2 २ फिर अपने परमेश्वर यहोवा की सुनने के कारण ये सब आशीर्वाद तुझ पर पूरे होंगे।
et toutes les bénédictions suivantes se réaliseront pour toi et resteront ton partage, tant que tu obéiras à la voix de l’Éternel, ton Dieu:
3 ३ धन्य हो तू नगर में, धन्य हो तू खेत में।
tu seras béni dans la ville, et béni dans les champs.
4 ४ धन्य हो तेरी सन्तान, और तेरी भूमि की उपज, और गाय और भेड़-बकरी आदि पशुओं के बच्चे।
Béni sera le fruit de tes entrailles, et le fruit de ton sol, et celui de ton bétail: la progéniture de tes taureaux, la portée de tes brebis.
5 ५ धन्य हो तेरी टोकरी और तेरा आटा गूँधने का पात्र।
Bénies seront ta corbeille et ta huche.
6 ६ धन्य हो तू भीतर आते समय, और धन्य हो तू बाहर जाते समय।
Béni seras-tu à ton arrivée, et béni encore à ton départ!
7 ७ “यहोवा ऐसा करेगा कि तेरे शत्रु जो तुझ पर चढ़ाई करेंगे वे तुझ से हार जाएँगे; वे एक मार्ग से तुझ पर चढ़ाई करेंगे, परन्तु तेरे सामने से सात मार्ग से होकर भाग जाएँगे।
L’Éternel fera succomber devant toi les ennemis qui te menaceraient: s’ils marchent contre toi par un chemin, ils fuiront devant toi par sept.
8 ८ तेरे खत्तों पर और जितने कामों में तू हाथ लगाएगा उन सभी पर यहोवा आशीष देगा; इसलिए जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उसमें वह तुझे आशीष देगा।
L’Éternel fixera chez toi la bénédiction, dans tes celliers, dans tous tes biens; il te rendra heureux dans ce pays que l’Éternel, ton Dieu, te destine.
9 ९ यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं को मानते हुए उसके मार्गों पर चले, तो वह अपनी शपथ के अनुसार तुझे अपनी पवित्र प्रजा करके स्थिर रखेगा।
L’Éternel te maintiendra comme sa nation sainte, ainsi qu’il te l’a juré, tant que tu garderas les commandements de l’Éternel, ton Dieu, et que tu marcheras dans ses voies.
10 १० और पृथ्वी के देश-देश के सब लोग यह देखकर, कि तू यहोवा का कहलाता है, तुझ से डर जाएँगे।
Et tous les peuples de la terre verront que le nom de l’Éternel est associé au tien, et ils te redouteront.
11 ११ और जिस देश के विषय यहोवा ने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर तुझे देने को कहा था, उसमें वह तेरी सन्तान की, और भूमि की उपज की, और पशुओं की बढ़ती करके तेरी भलाई करेगा।
Et l’Éternel te rendra supérieur à tous en félicité, par le fruit de tes entrailles, celui de ton bétail et celui de ton sol, sur la terre qu’il a juré à tes aïeux de te donner.
12 १२ यहोवा तेरे लिए अपने आकाशरूपी उत्तम भण्डार को खोलकर तेरी भूमि पर समय पर मेंह बरसाया करेगा, और तेरे सारे कामों पर आशीष देगा; और तू बहुतेरी जातियों को उधार देगा, परन्तु किसी से तुझे उधार लेना न पड़ेगा।
L’Éternel ouvrira pour toi son bienfaisant trésor, le ciel, pour dispenser à ton sol des pluies opportunes et faire prospérer tout le labeur de ta main; et tu pourras prêter à maintes nations, mais tu n’emprunteras point.
13 १३ और यहोवा तुझको पूँछ नहीं, किन्तु सिर ही ठहराएगा, और तू नीचे नहीं, परन्तु ऊपर ही रहेगा; यदि परमेश्वर यहोवा की आज्ञाएँ जो मैं आज तुझको सुनाता हूँ, तू उनके मानने में मन लगाकर चौकसी करे;
L’Éternel te fera tenir le premier rang, et non point le dernier; tu seras constamment au faîte, sans jamais déchoir, pourvu que tu obéisses aux lois de l’Éternel, ton Dieu, que je t’impose en ce jour, en les exécutant ponctuellement,
14 १४ और जिन वचनों की मैं आज तुझे आज्ञा देता हूँ उनमें से किसी से दाएँ या बाएँ मुड़कर पराए देवताओं के पीछे न हो ले, और न उनकी सेवा करे।
et que tu ne dévies pas, à droite ni à gauche, de tout ce que je vous ordonne aujourd’hui, pour suivre et adorer des divinités étrangères.
15 १५ “परन्तु यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की बात न सुने, और उसकी सारी आज्ञाओं और विधियों के पालन करने में जो मैं आज सुनाता हूँ चौकसी नहीं करेगा, तो ये सब श्राप तुझ पर आ पड़ेंगे।
Mais si tu n’écoutes pas la voix de l’Éternel, ton Dieu: si tu n’as pas soin d’observer tous ses préceptes et ses lois que je te recommande en ce jour, toutes ces malédictions se réaliseront contre toi et seront ton partage:
16 १६ श्रापित हो तू नगर में, श्रापित हो तू खेत में।
tu seras maudit dans la ville, et maudit dans les champs.
17 १७ श्रापित हो तेरी टोकरी और तेरा आटा गूँधने का पात्र।
Maudites seront ta corbeille et ta huche.
18 १८ श्रापित हो तेरी सन्तान, और भूमि की उपज, और गायों और भेड़-बकरियों के बच्चे।
Maudits seront le fruit de tes entrailles et le fruit de ton sol, la progéniture de tes taureaux et les portées de tes brebis.
19 १९ श्रापित हो तू भीतर आते समय, और श्रापित हो तू बाहर जाते समय।
Maudit seras-tu à ton arrivée, et maudit encore à ton départ!
20 २० “फिर जिस-जिस काम में तू हाथ लगाए, उसमें यहोवा तब तक तुझको श्राप देता, और भयातुर करता, और धमकी देता रहेगा, जब तक तू मिट न जाए, और शीघ्र नष्ट न हो जाए; यह इस कारण होगा कि तू यहोवा को त्याग कर दुष्ट काम करेगा।
L’Éternel suscitera chez toi le malheur, le désordre et la ruine, dans toute opération où tu mettras la main; tellement que tu seras bientôt anéanti et perdu, pour prix de tes méfaits, pour avoir renoncé à moi.
21 २१ और यहोवा ऐसा करेगा कि मरी तुझ में फैलकर उस समय तक लगी रहेगी, जब तक जिस भूमि के अधिकारी होने के लिये तू जा रहा है उस पर से तेरा अन्त न हो जाए।
L’Éternel attachera à tes flancs la peste, jusqu’à ce qu’elle t’ait consumé de dessus la terre où tu vas entrer pour en prendre possession.
22 २२ यहोवा तुझको क्षयरोग से, और ज्वर, और दाह, और बड़ी जलन से, और तलवार, और झुलस, और गेरूई से मारेगा; और ये उस समय तक तेरा पीछा किए रहेंगे, जब तक तेरा सत्यानाश न हो जाए।
L’Éternel te frappera de consomption, de fièvre chaude, d’inflammations de toute nature, de marasme et de jaunisse, qui te poursuivront jusqu’à ce que tu succombes.
23 २३ और तेरे सिर के ऊपर आकाश पीतल का, और तेरे पाँव के तले भूमि लोहे की हो जाएगी।
Ton ciel, qui s’étend sur ta tête, sera d’airain, et la terre sous tes pieds sera de fer.
24 २४ यहोवा तेरे देश में पानी के बदले रेत और धूलि बरसाएगा; वह आकाश से तुझ पर यहाँ तक बरसेगी कि तेरा सत्यानाश हो जाएगा।
L’Éternel transformera la pluie de ton pays en poussière et en sable, qui descendront sur toi du haut du ciel jusqu’à ce que tu périsses.
25 २५ “यहोवा तुझको शत्रुओं से हरवाएगा; और तू एक मार्ग से उनका सामना करने को जाएगा, परन्तु सात मार्ग से होकर उनके सामने से भाग जाएगा; और पृथ्वी के सब राज्यों में मारा-मारा फिरेगा।
L’Éternel te fera écraser par tes ennemis: si tu marches contre eux par un chemin, par sept chemins tu fuiras devant eux; et tu seras un objet de stupéfaction pour tous les royaumes de la terre.
26 २६ और तेरा शव आकाश के भाँति-भाँति के पक्षियों, और धरती के पशुओं का आहार होगा; और उनको कोई भगानेवाला न होगा।
Et ta dépouille servira de pâture aux oiseaux du ciel et aux animaux de la terre, et nul ne les troublera.
27 २७ यहोवा तुझको मिस्र के से फोड़े, और बवासीर, और दाद, और खुजली से ऐसा पीड़ित करेगा, कि तू चंगा न हो सकेगा।
Le Seigneur t’affligera de l’éruption égyptienne, d’hémorroïdes, de gale sèche et humide, dont tu ne pourras guérir.
28 २८ यहोवा तुझे पागल और अंधा कर देगा, और तेरे मन को अत्यन्त घबरा देगा;
Le Seigneur te frappera de vertige et de cécité, et de perturbation morale;
29 २९ और जैसे अंधा अंधियारे में टटोलता है वैसे ही तू दिन दुपहरी में टटोलता फिरेगा, और तेरे काम-काज सफल न होंगे; और तू सदैव केवल अत्याचार सहता और लुटता ही रहेगा, और तेरा कोई छुड़ानेवाला न होगा।
et tu iras tâtonnant en plein midi comme fait l’aveugle dans les ténèbres, tu ne mèneras pas à bonne fin tes entreprises, tu seras opprimé et spolié incessamment, sans trouver un défenseur.
30 ३० तू स्त्री से ब्याह की बात लगाएगा, परन्तु दूसरा पुरुष उसको भ्रष्ट करेगा; घर तू बनाएगा, परन्तु उसमें बसने न पाएगा; दाख की बारी तू लगाएगा, परन्तु उसके फल खाने न पाएगा।
Tu fianceras une femme, et un autre la possédera; tu bâtiras une maison, et tu ne t’y installeras point; tu planteras une vigne, et tu n’en auras point la primeur.
31 ३१ तेरा बैल तेरी आँखों के सामने मारा जाएगा, और तू उसका माँस खाने न पाएगा; तेरा गदहा तेरी आँख के सामने लूट में चला जाएगा, और तुझे फिर न मिलेगा; तेरी भेड़-बकरियाँ तेरे शत्रुओं के हाथ लग जाएँगी, और तेरी ओर से उनका कोई छुड़ानेवाला न होगा।
Ton bœuf sera égorgé sous tes yeux, et tu ne mangeras pas de sa chair; ton âne sera enlevé, toi présent, et ne te sera pas rendu; tes brebis tomberont au pouvoir de tes ennemis, et nul ne prendra parti pour toi.
32 ३२ तेरे बेटे-बेटियाँ दूसरे देश के लोगों के हाथ लग जाएँगे, और उनके लिये चाव से देखते-देखते तेरी आँखें रह जाएँगी; और तेरा कुछ बस न चलेगा।
Tes fils et tes filles seront livrés à un peuple étranger, et tes yeux le verront et se consumeront tout le temps à les attendre, mais ta main sera impuissante.
33 ३३ तेरी भूमि की उपज और तेरी सारी कमाई एक अनजाने देश के लोग खा जाएँगे; और सर्वदा तू केवल अत्याचार सहता और पिसता रहेगा;
Le fruit de ton sol, tout ton labeur, sera dévoré par un peuple à toi inconnu; tu seras en butte à une oppression, à une tyrannie de tous les jours,
34 ३४ यहाँ तक कि तू उन बातों के कारण जो अपनी आँखों से देखेगा पागल हो जाएगा।
et tu tomberas en démence, au spectacle que verront tes yeux.
35 ३५ यहोवा तेरे घुटनों और टाँगों में, वरन् नख से शीर्ष तक भी असाध्य फोड़े निकालकर तुझको पीड़ित करेगा।
Le Seigneur te frappera d’une éruption maligne sur les genoux, sur les cuisses, d’une éruption incurable, qui gagnera depuis la plante du pied jusqu’au sommet de la tête.
36 ३६ “यहोवा तुझको उस राजा समेत, जिसको तू अपने ऊपर ठहराएगा, तेरे और तेरे पूर्वजों के लिए अनजानी एक जाति के बीच पहुँचाएगा; और उसके मध्य में रहकर तू काठ और पत्थर के दूसरे देवताओं की उपासना और पूजा करेगा।
Le Seigneur te fera passer, toi et le roi que tu te seras donné, chez une nation que tu n’auras jamais connue, toi ni tes pères; là, tu serviras des dieux étrangers, du bois et de la pierre!
37 ३७ और उन सब जातियों में जिनके मध्य में यहोवा तुझको पहुँचाएगा, वहाँ के लोगों के लिये तू चकित होने का, और दृष्टान्त और श्राप का कारण समझा जाएगा।
Et tu deviendras l’étonnement, puis la fable et la risée de tous les peuples chez lesquels te conduira le Seigneur.
38 ३८ तू खेत में बीज तो बहुत सा ले जाएगा, परन्तु उपज थोड़ी ही बटोरेगा; क्योंकि टिड्डियाँ उसे खा जाएँगी।
Tu auras confié à ton champ de nombreuses semences; mince sera ta récolte, car la sauterelle la dévorera.
39 ३९ तू दाख की बारियाँ लगाकर उनमें काम तो करेगा, परन्तु उनकी दाख का मधु पीने न पाएगा, वरन् फल भी तोड़ने न पाएगा; क्योंकि कीड़े उनको खा जाएँगे।
Tu planteras des vignes et les cultiveras; mais tu n’en boiras pas le vin et tu ne l’encaveras point, car elles seront rongées par la chenille.
40 ४० तेरे सारे देश में जैतून के वृक्ष तो होंगे, परन्तु उनका तेल तू अपने शरीर में लगाने न पाएगा; क्योंकि वे झड़ जाएँगे।
Tu posséderas des oliviers sur tout ton territoire; mais tu ne te parfumeras pas de leur huile, car tes oliviers couleront.
41 ४१ तेरे बेटे-बेटियाँ तो उत्पन्न होंगे, परन्तु तेरे रहेंगे नहीं; क्योंकि वे बन्धुवाई में चले जाएँगे।
Tu engendreras des fils et des filles et ils ne seront pas à toi, car ils s’en iront en captivité.
42 ४२ तेरे सब वृक्ष और तेरी भूमि की उपज टिड्डियाँ खा जाएँगी।
Tous tes arbres et les produits de ton sol, la courtilière les dévastera.
43 ४३ जो परदेशी तेरे मध्य में रहेगा वह तुझ से बढ़ता जाएगा; और तू आप घटता चला जाएगा।
L’Étranger qui sera chez toi s’élèvera de plus en plus au-dessus de toi, et toi tu descendras de plus en plus.
44 ४४ “वह तुझको उधार देगा, परन्तु तू उसको उधार न दे सकेगा; वह तो सिर और तू पूँछ ठहरेगा।
C’Est lui qui te prêtera, loin que tu puisses lui prêter; lui, il occupera le premier rang, toi, tu seras au dernier.
45 ४५ तू जो अपने परमेश्वर यहोवा की दी हुई आज्ञाओं और विधियों के मानने को उसकी न सुनेगा, इस कारण ये सब श्राप तुझ पर आ पड़ेंगे, और तेरे पीछे पड़े रहेंगे, और तुझको पकड़ेंगे, और अन्त में तू नष्ट हो जाएगा।
Et toutes ces malédictions doivent se réaliser sur toi, te poursuivre et t’atteindre jusqu’à ta ruine, parce que tu n’auras pas obéi à la voix de l’Éternel, ton Dieu, en gardant les préceptes et les lois qu’il t’a imposés.
46 ४६ और वे तुझ पर और तेरे वंश पर सदा के लिये बने रहकर चिन्ह और चमत्कार ठहरेंगे;
Elles s’attacheront, comme un stigmate miraculeux, à toi et à ta postérité, indéfiniment.
47 ४७ “तू जो सब पदार्थ की बहुतायत होने पर भी आनन्द और प्रसन्नता के साथ अपने परमेश्वर यहोवा की सेवा नहीं करेगा,
Et parce que tu n’auras pas servi l’Éternel, ton Dieu, avec joie et contentement de cœur, au sein de l’abondance,
48 ४८ इस कारण तुझको भूखा, प्यासा, नंगा, और सब पदार्थों से रहित होकर अपने उन शत्रुओं की सेवा करनी पड़ेगी जिन्हें यहोवा तेरे विरुद्ध भेजेगा; और जब तक तू नष्ट न हो जाए तब तक वह तेरी गर्दन पर लोहे का जूआ डाल रखेगा।
tu serviras tes ennemis, suscités contre toi par l’Éternel, en proie à la faim, à la soif, au dénuement, à une pénurie absolue; et ils te mettront sur le cou un joug de fer, jusqu’à ce qu’ils t’aient anéanti.
49 ४९ यहोवा तेरे विरुद्ध दूर से, वरन् पृथ्वी के छोर से वेग से उड़नेवाले उकाब सी एक जाति को चढ़ा लाएगा जिसकी भाषा को तू न समझेगा;
Le Seigneur lancera sur toi une nation lointaine, venue des confins de la terre, rapide comme l’aigle en son vol; nation dont tu n’entendras point la langue,
50 ५० उस जाति के लोगों का व्यवहार क्रूर होगा, वे न तो बूढ़ों का मुँह देखकर आदर करेंगे, और न बालकों पर दया करेंगे;
nation inexorable, qui n’aura point de respect pour le vieillard, point de merci pour l’adolescent!
51 ५१ और वे तेरे पशुओं के बच्चे और भूमि की उपज यहाँ तक खा जाएँगे कि तू नष्ट हो जाएगा; और वे तेरे लिये न अन्न, और न नया दाखमधु, और न टटका तेल, और न बछड़े, न मेम्ने छोड़ेंगे, यहाँ तक कि तू नाश हो जाएगा।
Elle se repaîtra du fruit de ton bétail et du fruit de ton sol, jusqu’à ce que tu succombes; elle enlèvera, sans t’en rien laisser, le blé, le vin et l’huile, les produits de tes taureaux et de tes fécondes brebis, jusqu’à ta ruine entière.
52 ५२ और वे तेरे परमेश्वर यहोवा के दिये हुए सारे देश के सब फाटकों के भीतर तुझे घेर रखेंगे; वे तेरे सब फाटकों के भीतर तुझे उस समय तक घेरेंगे, जब तक तेरे सारे देश में तेरी ऊँची-ऊँची और दृढ़ शहरपनाहें जिन पर तू भरोसा करेगा गिर न जाएँ।
Elle mettra le siège devant toutes tes portes, jusqu’à ce que tombent, dans tout ton pays, ces murailles si hautes et si fortes en qui tu mets ta confiance; oui, elle t’assiégera dans toutes tes villes, dans tout ce pays que l’Éternel, ton Dieu, t’aura donné.
53 ५३ तब घिर जाने और उस संकट के समय जिसमें तेरे शत्रु तुझको डालेंगे, तू अपने निज जन्माए बेटे-बेटियों का माँस जिन्हें तेरा परमेश्वर यहोवा तुझको देगा खाएगा।
Et tu dévoreras le fruit de tes entrailles, la chair de tes fils et de tes filles, ces présents de l’Éternel, ton Dieu, par suite du siège et de la détresse où t’étreindra ton ennemi.
54 ५४ और तुझ में जो पुरुष कोमल और अति सुकुमार हो वह भी अपने भाई, और अपनी प्राणप्रिय, और अपने बचे हुए बालकों को क्रूर दृष्टि से देखेगा;
L’Homme le plus délicat parmi vous et le plus voluptueux verra d’un œil hostile son frère, sa compagne et le reste d’enfants qu’il aura encore,
55 ५५ और वह उनमें से किसी को भी अपने बालकों के माँस में से जो वह आप खाएगा कुछ न देगा, क्योंकि घिर जाने और उस संकट में, जिसमें तेरे शत्रु तेरे सारे फाटकों के भीतर तुझे घेर डालेंगे, उसके पास कुछ न रहेगा।
ne voulant donner à aucun d’eux de la chair de ses enfants, qu’il mangera faute d’autres ressources; tellement tu seras assiégé et cerné par ton ennemi dans toutes tes villes.
56 ५६ और तुझ में जो स्त्री यहाँ तक कोमल और सुकुमार हो कि सुकुमारपन के और कोमलता के मारे भूमि पर पाँव धरते भी डरती हो, वह भी अपने प्राणप्रिय पति, और बेटे, और बेटी को,
La plus sensible parmi vous et la plus délicate, si délicate et si sensible qu’elle n’aurait jamais risqué de poser la plante de son pied sur la terre, verra d’un œil hostile l’homme qu’elle serrait dans ses bras, et son fils et sa fille,
57 ५७ अपनी खेरी, वरन् अपने जने हुए बच्चों को क्रूर दृष्टि से देखेगी, क्योंकि घिर जाने और उस संकट के समय जिसमें तेरे शत्रु तुझे तेरे फाटकों के भीतर घेरकर रखेंगे, वह सब वस्तुओं की घटी के मारे उन्हें छिपके खाएगी।
jusqu’au nouveau-né sorti de ses flancs, jusqu’aux jeunes enfants dont elle est la mère, car, dénuée de tout, elle se cachera pour les dévorer! Telle sera la détresse où te réduira ton ennemi, t’assiégeant dans tes murs.
58 ५८ “यदि तू इन व्यवस्था के सारे वचनों का पालन करने में, जो इस पुस्तक में लिखे हैं, चौकसी करके उस आदरणीय और भययोग्य नाम का, जो यहोवा तेरे परमेश्वर का है भय न माने,
Oui, si tu n’as soin d’observer toutes les paroles de cette doctrine, écrites dans ce livre; de révérer ce nom auguste et redoutable: l’ETERNEL, ton Dieu,
59 ५९ तो यहोवा तुझको और तेरे वंश को भयानक-भयानक दण्ड देगा, वे दुष्ट और बहुत दिन रहनेवाले रोग और भारी-भारी दण्ड होंगे।
l’Éternel donnera une gravité insigne à tes plaies et à celles de ta postérité: plaies intenses et tenaces, maladies cruelles et persistantes.
60 ६० और वह मिस्र के उन सब रोगों को फिर तेरे ऊपर लगा देगा, जिनसे तू भय खाता था; और वे तुझ में लगे रहेंगे।
Il déchaînera sur toi tous les fléaux de l’Egypte, objets de ta terreur, et ils seront chez toi en permanence.
61 ६१ और जितने रोग आदि दण्ड इस व्यवस्था की पुस्तक में नहीं लिखे हैं, उन सभी को भी यहोवा तुझको यहाँ तक लगा देगा, कि तेरा सत्यानाश हो जाएगा।
Bien d’autres maladies encore, bien d’autres plaies non consignées dans le livre de cette doctrine, le Seigneur les fera surgir contre toi, jusqu’à ce que tu sois exterminé.
62 ६२ और तू जो अपने परमेश्वर यहोवा की न मानेगा, इस कारण आकाश के तारों के समान अनगिनत होने के बदले तुझ में से थोड़े ही मनुष्य रह जाएँगे।
Et vous serez réduits à une poignée d’hommes, après avoir égalé en multitude les étoiles du ciel, parce que tu auras été sourd à la voix de l’Éternel, ton Dieu.
63 ६३ और जैसे अब यहोवा को तुम्हारी भलाई और बढ़ती करने से हर्ष होता है, वैसे ही तब उसको तुम्हारा नाश वरन् सत्यानाश करने से हर्ष होगा; और जिस भूमि के अधिकारी होने को तुम जा रहे हो उस पर से तुम उखाड़े जाओगे।
Alors, autant le Seigneur s’était plu à vous combler de ses bienfaits et à vous multiplier, autant il se plaira à consommer votre perte, à vous anéantir; et vous serez arrachés de ce sol dont vous allez prendre possession.
64 ६४ और यहोवा तुझको पृथ्वी के इस छोर से लेकर उस छोर तक के सब देशों के लोगों में तितर-बितर करेगा; और वहाँ रहकर तू अपने और अपने पुरखाओं के अनजाने काठ और पत्थर के दूसरे देवताओं की उपासना करेगा।
Et l’Éternel te dispersera parmi tous les peuples, d’une extrémité de la terre à l’autre; et là tu serviras des dieux étrangers, jadis inconnus à toi comme à tes pères, faits de bois et de pierre.
65 ६५ और उन जातियों में तू कभी चैन न पाएगा, और न तेरे पाँव को ठिकाना मिलेगा; क्योंकि वहाँ यहोवा ऐसा करेगा कि तेरा हृदय काँपता रहेगा, और तेरी आँखें धुँधली पड़ जाएँगी, और तेरा मन व्याकुल रहेगा;
Et parmi ces nations mêmes tu ne trouveras pas de repos, pas un point d’appui pour la plante de ton pied; là, le Seigneur te donnera un cœur effaré, mettra la défaillance dans tes yeux, l’angoisse dans ton âme,
66 ६६ और तुझको जीवन का नित्य सन्देह रहेगा; और तू दिन-रात थरथराता रहेगा, और तेरे जीवन का कुछ भरोसा न रहेगा।
et ton existence flottera incertaine devant toi, et tu trembleras nuit et jour, et tu ne croiras pas à ta propre vie!
67 ६७ तेरे मन में जो भय बना रहेगा, और तेरी आँखों को जो कुछ दिखता रहेगा, उसके कारण तू भोर को आह मारकर कहेगा, ‘साँझ कब होगी!’ और साँझ को आह मारकर कहेगा, ‘भोर कब होगा!’
Tu diras chaque matin: "Fût-ce encore hier soir!" Chaque soir tu diras: "Fût-ce encore ce matin!" Si horribles seront les transes de ton cœur et le spectacle qui frappera tes yeux.
68 ६८ और यहोवा तुझको नावों पर चढ़ाकर मिस्र में उस मार्ग से लौटा देगा, जिसके विषय में मैंने तुझ से कहा था, कि वह फिर तेरे देखने में न आएगा; और वहाँ तुम अपने शत्रुओं के हाथ दास-दासी होने के लिये बिकाऊ तो रहोगे, परन्तु तुम्हारा कोई ग्राहक न होगा।”
Et le Seigneur te fera reprendre, sur des navires, la route de l’Egypte, cette route où je t’avais dit que tu ne repasserais plus; et là vous vous offrirez en vente à vos ennemis comme esclaves et servantes, mais personne ne voudra vous acheter!"