< व्यवस्था विवरण 28 >
1 १ “यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की सब आज्ञाएँ, जो मैं आज तुझे सुनाता हूँ, चौकसी से पूरी करने को चित्त लगाकर उसकी सुने, तो वह तुझे पृथ्वी की सब जातियों में श्रेष्ठ करेगा।
It shall happen, if you shall listen diligently to the LORD your God’s voice, to observe to do all his commandments which I command you today, that the LORD your God will set you high above all the nations of the earth.
2 २ फिर अपने परमेश्वर यहोवा की सुनने के कारण ये सब आशीर्वाद तुझ पर पूरे होंगे।
All these blessings will come upon you, and overtake you, if you listen to the LORD your God’s voice.
3 ३ धन्य हो तू नगर में, धन्य हो तू खेत में।
You shall be blessed in the city, and you shall be blessed in the field.
4 ४ धन्य हो तेरी सन्तान, और तेरी भूमि की उपज, और गाय और भेड़-बकरी आदि पशुओं के बच्चे।
You shall be blessed in the fruit of your body, the fruit of your ground, the fruit of your animals, the increase of your livestock, and the young of your flock.
5 ५ धन्य हो तेरी टोकरी और तेरा आटा गूँधने का पात्र।
Your basket and your kneading trough shall be blessed.
6 ६ धन्य हो तू भीतर आते समय, और धन्य हो तू बाहर जाते समय।
You shall be blessed when you come in, and you shall be blessed when you go out.
7 ७ “यहोवा ऐसा करेगा कि तेरे शत्रु जो तुझ पर चढ़ाई करेंगे वे तुझ से हार जाएँगे; वे एक मार्ग से तुझ पर चढ़ाई करेंगे, परन्तु तेरे सामने से सात मार्ग से होकर भाग जाएँगे।
The LORD will cause your enemies who rise up against you to be struck before you. They will come out against you one way, and will flee before you seven ways.
8 ८ तेरे खत्तों पर और जितने कामों में तू हाथ लगाएगा उन सभी पर यहोवा आशीष देगा; इसलिए जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उसमें वह तुझे आशीष देगा।
The LORD will command the blessing on you in your barns, and in all that you put your hand to. He will bless you in the land which the LORD your God gives you.
9 ९ यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं को मानते हुए उसके मार्गों पर चले, तो वह अपनी शपथ के अनुसार तुझे अपनी पवित्र प्रजा करके स्थिर रखेगा।
The LORD will establish you for a holy people to himself, as he has sworn to you, if you shall keep the commandments of the LORD your God, and walk in his ways.
10 १० और पृथ्वी के देश-देश के सब लोग यह देखकर, कि तू यहोवा का कहलाता है, तुझ से डर जाएँगे।
All the peoples of the earth shall see that you are called by the LORD’s name, and they will be afraid of you.
11 ११ और जिस देश के विषय यहोवा ने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर तुझे देने को कहा था, उसमें वह तेरी सन्तान की, और भूमि की उपज की, और पशुओं की बढ़ती करके तेरी भलाई करेगा।
The LORD will grant you abundant prosperity in the fruit of your body, in the fruit of your livestock, and in the fruit of your ground, in the land which the LORD swore to your fathers to give you.
12 १२ यहोवा तेरे लिए अपने आकाशरूपी उत्तम भण्डार को खोलकर तेरी भूमि पर समय पर मेंह बरसाया करेगा, और तेरे सारे कामों पर आशीष देगा; और तू बहुतेरी जातियों को उधार देगा, परन्तु किसी से तुझे उधार लेना न पड़ेगा।
The LORD will open to you his good treasure in the sky, to give the rain of your land in its season, and to bless all the work of your hand. You will lend to many nations, and you will not borrow.
13 १३ और यहोवा तुझको पूँछ नहीं, किन्तु सिर ही ठहराएगा, और तू नीचे नहीं, परन्तु ऊपर ही रहेगा; यदि परमेश्वर यहोवा की आज्ञाएँ जो मैं आज तुझको सुनाता हूँ, तू उनके मानने में मन लगाकर चौकसी करे;
The LORD will make you the head, and not the tail. You will be above only, and you will not be beneath, if you listen to the commandments of the LORD your God which I command you today, to observe and to do,
14 १४ और जिन वचनों की मैं आज तुझे आज्ञा देता हूँ उनमें से किसी से दाएँ या बाएँ मुड़कर पराए देवताओं के पीछे न हो ले, और न उनकी सेवा करे।
and shall not turn away from any of the words which I command you today, to the right hand or to the left, to go after other gods to serve them.
15 १५ “परन्तु यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की बात न सुने, और उसकी सारी आज्ञाओं और विधियों के पालन करने में जो मैं आज सुनाता हूँ चौकसी नहीं करेगा, तो ये सब श्राप तुझ पर आ पड़ेंगे।
But it shall come to pass, if you will not listen to the LORD your God’s voice, to observe to do all his commandments and his statutes which I command you today, that all these curses will come on you and overtake you.
16 १६ श्रापित हो तू नगर में, श्रापित हो तू खेत में।
You will be cursed in the city, and you will be cursed in the field.
17 १७ श्रापित हो तेरी टोकरी और तेरा आटा गूँधने का पात्र।
Your basket and your kneading trough will be cursed.
18 १८ श्रापित हो तेरी सन्तान, और भूमि की उपज, और गायों और भेड़-बकरियों के बच्चे।
The fruit of your body, the fruit of your ground, the increase of your livestock, and the young of your flock will be cursed.
19 १९ श्रापित हो तू भीतर आते समय, और श्रापित हो तू बाहर जाते समय।
You will be cursed when you come in, and you will be cursed when you go out.
20 २० “फिर जिस-जिस काम में तू हाथ लगाए, उसमें यहोवा तब तक तुझको श्राप देता, और भयातुर करता, और धमकी देता रहेगा, जब तक तू मिट न जाए, और शीघ्र नष्ट न हो जाए; यह इस कारण होगा कि तू यहोवा को त्याग कर दुष्ट काम करेगा।
The LORD will send on you cursing, confusion, and rebuke in all that you put your hand to do, until you are destroyed and until you perish quickly, because of the evil of your doings, by which you have forsaken me.
21 २१ और यहोवा ऐसा करेगा कि मरी तुझ में फैलकर उस समय तक लगी रहेगी, जब तक जिस भूमि के अधिकारी होने के लिये तू जा रहा है उस पर से तेरा अन्त न हो जाए।
The LORD will make the pestilence cling to you, until he has consumed you from off the land where you go in to possess it.
22 २२ यहोवा तुझको क्षयरोग से, और ज्वर, और दाह, और बड़ी जलन से, और तलवार, और झुलस, और गेरूई से मारेगा; और ये उस समय तक तेरा पीछा किए रहेंगे, जब तक तेरा सत्यानाश न हो जाए।
The LORD will strike you with consumption, with fever, with inflammation, with fiery heat, with the sword, with blight, and with mildew. They will pursue you until you perish.
23 २३ और तेरे सिर के ऊपर आकाश पीतल का, और तेरे पाँव के तले भूमि लोहे की हो जाएगी।
Your sky that is over your head will be bronze, and the earth that is under you will be iron.
24 २४ यहोवा तेरे देश में पानी के बदले रेत और धूलि बरसाएगा; वह आकाश से तुझ पर यहाँ तक बरसेगी कि तेरा सत्यानाश हो जाएगा।
The LORD will make the rain of your land powder and dust. It will come down on you from the sky, until you are destroyed.
25 २५ “यहोवा तुझको शत्रुओं से हरवाएगा; और तू एक मार्ग से उनका सामना करने को जाएगा, परन्तु सात मार्ग से होकर उनके सामने से भाग जाएगा; और पृथ्वी के सब राज्यों में मारा-मारा फिरेगा।
The LORD will cause you to be struck before your enemies. You will go out one way against them, and will flee seven ways before them. You will be tossed back and forth among all the kingdoms of the earth.
26 २६ और तेरा शव आकाश के भाँति-भाँति के पक्षियों, और धरती के पशुओं का आहार होगा; और उनको कोई भगानेवाला न होगा।
Your dead bodies will be food to all birds of the sky, and to the animals of the earth; and there will be no one to frighten them away.
27 २७ यहोवा तुझको मिस्र के से फोड़े, और बवासीर, और दाद, और खुजली से ऐसा पीड़ित करेगा, कि तू चंगा न हो सकेगा।
The LORD will strike you with the boils of Egypt, with the tumors, with the scurvy, and with the itch, of which you can not be healed.
28 २८ यहोवा तुझे पागल और अंधा कर देगा, और तेरे मन को अत्यन्त घबरा देगा;
The LORD will strike you with madness, with blindness, and with astonishment of heart.
29 २९ और जैसे अंधा अंधियारे में टटोलता है वैसे ही तू दिन दुपहरी में टटोलता फिरेगा, और तेरे काम-काज सफल न होंगे; और तू सदैव केवल अत्याचार सहता और लुटता ही रहेगा, और तेरा कोई छुड़ानेवाला न होगा।
You will grope at noonday, as the blind gropes in darkness, and you shall not prosper in your ways. You will only be oppressed and robbed always, and there will be no one to save you.
30 ३० तू स्त्री से ब्याह की बात लगाएगा, परन्तु दूसरा पुरुष उसको भ्रष्ट करेगा; घर तू बनाएगा, परन्तु उसमें बसने न पाएगा; दाख की बारी तू लगाएगा, परन्तु उसके फल खाने न पाएगा।
You will betroth a wife, and another man shall lie with her. You will build a house, and you won’t dwell in it. You will plant a vineyard, and not use its fruit.
31 ३१ तेरा बैल तेरी आँखों के सामने मारा जाएगा, और तू उसका माँस खाने न पाएगा; तेरा गदहा तेरी आँख के सामने लूट में चला जाएगा, और तुझे फिर न मिलेगा; तेरी भेड़-बकरियाँ तेरे शत्रुओं के हाथ लग जाएँगी, और तेरी ओर से उनका कोई छुड़ानेवाला न होगा।
Your ox will be slain before your eyes, and you will not eat any of it. Your donkey will be violently taken away from before your face, and will not be restored to you. Your sheep will be given to your enemies, and you will have no one to save you.
32 ३२ तेरे बेटे-बेटियाँ दूसरे देश के लोगों के हाथ लग जाएँगे, और उनके लिये चाव से देखते-देखते तेरी आँखें रह जाएँगी; और तेरा कुछ बस न चलेगा।
Your sons and your daughters will be given to another people. Your eyes will look and fail with longing for them all day long. There will be no power in your hand.
33 ३३ तेरी भूमि की उपज और तेरी सारी कमाई एक अनजाने देश के लोग खा जाएँगे; और सर्वदा तू केवल अत्याचार सहता और पिसता रहेगा;
A nation which you don’t know will eat the fruit of your ground and all of your work. You will only be oppressed and crushed always,
34 ३४ यहाँ तक कि तू उन बातों के कारण जो अपनी आँखों से देखेगा पागल हो जाएगा।
so that the sights that you see with your eyes will drive you mad.
35 ३५ यहोवा तेरे घुटनों और टाँगों में, वरन् नख से शीर्ष तक भी असाध्य फोड़े निकालकर तुझको पीड़ित करेगा।
The LORD will strike you in the knees and in the legs with a sore boil, of which you cannot be healed, from the sole of your foot to the crown of your head.
36 ३६ “यहोवा तुझको उस राजा समेत, जिसको तू अपने ऊपर ठहराएगा, तेरे और तेरे पूर्वजों के लिए अनजानी एक जाति के बीच पहुँचाएगा; और उसके मध्य में रहकर तू काठ और पत्थर के दूसरे देवताओं की उपासना और पूजा करेगा।
The LORD will bring you, and your king whom you will set over yourselves, to a nation that you have not known, you nor your fathers. There you will serve other gods of wood and stone.
37 ३७ और उन सब जातियों में जिनके मध्य में यहोवा तुझको पहुँचाएगा, वहाँ के लोगों के लिये तू चकित होने का, और दृष्टान्त और श्राप का कारण समझा जाएगा।
You will become an astonishment, a proverb, and a byword among all the peoples where the LORD will lead you away.
38 ३८ तू खेत में बीज तो बहुत सा ले जाएगा, परन्तु उपज थोड़ी ही बटोरेगा; क्योंकि टिड्डियाँ उसे खा जाएँगी।
You will carry much seed out into the field, and will gather little in, for the locust will consume it.
39 ३९ तू दाख की बारियाँ लगाकर उनमें काम तो करेगा, परन्तु उनकी दाख का मधु पीने न पाएगा, वरन् फल भी तोड़ने न पाएगा; क्योंकि कीड़े उनको खा जाएँगे।
You will plant vineyards and dress them, but you will neither drink of the wine, nor harvest, because worms will eat them.
40 ४० तेरे सारे देश में जैतून के वृक्ष तो होंगे, परन्तु उनका तेल तू अपने शरीर में लगाने न पाएगा; क्योंकि वे झड़ जाएँगे।
You will have olive trees throughout all your borders, but you won’t anoint yourself with the oil, for your olives will drop off.
41 ४१ तेरे बेटे-बेटियाँ तो उत्पन्न होंगे, परन्तु तेरे रहेंगे नहीं; क्योंकि वे बन्धुवाई में चले जाएँगे।
You will father sons and daughters, but they will not be yours, for they will go into captivity.
42 ४२ तेरे सब वृक्ष और तेरी भूमि की उपज टिड्डियाँ खा जाएँगी।
Locusts will consume all of your trees and the fruit of your ground.
43 ४३ जो परदेशी तेरे मध्य में रहेगा वह तुझ से बढ़ता जाएगा; और तू आप घटता चला जाएगा।
The foreigner who is among you will mount up above you higher and higher, and you will come down lower and lower.
44 ४४ “वह तुझको उधार देगा, परन्तु तू उसको उधार न दे सकेगा; वह तो सिर और तू पूँछ ठहरेगा।
He will lend to you, and you won’t lend to him. He will be the head, and you will be the tail.
45 ४५ तू जो अपने परमेश्वर यहोवा की दी हुई आज्ञाओं और विधियों के मानने को उसकी न सुनेगा, इस कारण ये सब श्राप तुझ पर आ पड़ेंगे, और तेरे पीछे पड़े रहेंगे, और तुझको पकड़ेंगे, और अन्त में तू नष्ट हो जाएगा।
All these curses will come on you, and will pursue you and overtake you, until you are destroyed, because you didn’t listen to the LORD your God’s voice, to keep his commandments and his statutes which he commanded you.
46 ४६ और वे तुझ पर और तेरे वंश पर सदा के लिये बने रहकर चिन्ह और चमत्कार ठहरेंगे;
They will be for a sign and for a wonder to you and to your offspring forever.
47 ४७ “तू जो सब पदार्थ की बहुतायत होने पर भी आनन्द और प्रसन्नता के साथ अपने परमेश्वर यहोवा की सेवा नहीं करेगा,
Because you didn’t serve the LORD your God with joyfulness and with gladness of heart, by reason of the abundance of all things;
48 ४८ इस कारण तुझको भूखा, प्यासा, नंगा, और सब पदार्थों से रहित होकर अपने उन शत्रुओं की सेवा करनी पड़ेगी जिन्हें यहोवा तेरे विरुद्ध भेजेगा; और जब तक तू नष्ट न हो जाए तब तक वह तेरी गर्दन पर लोहे का जूआ डाल रखेगा।
therefore you will serve your enemies whom the LORD sends against you, in hunger, in thirst, in nakedness, and in lack of all things. He will put an iron yoke on your neck until he has destroyed you.
49 ४९ यहोवा तेरे विरुद्ध दूर से, वरन् पृथ्वी के छोर से वेग से उड़नेवाले उकाब सी एक जाति को चढ़ा लाएगा जिसकी भाषा को तू न समझेगा;
The LORD will bring a nation against you from far away, from the end of the earth, as the eagle flies: a nation whose language you will not understand,
50 ५० उस जाति के लोगों का व्यवहार क्रूर होगा, वे न तो बूढ़ों का मुँह देखकर आदर करेंगे, और न बालकों पर दया करेंगे;
a nation of fierce facial expressions, that doesn’t respect the elderly, nor show favor to the young.
51 ५१ और वे तेरे पशुओं के बच्चे और भूमि की उपज यहाँ तक खा जाएँगे कि तू नष्ट हो जाएगा; और वे तेरे लिये न अन्न, और न नया दाखमधु, और न टटका तेल, और न बछड़े, न मेम्ने छोड़ेंगे, यहाँ तक कि तू नाश हो जाएगा।
They will eat the fruit of your livestock and the fruit of your ground, until you are destroyed. They also won’t leave you grain, new wine, oil, the increase of your livestock, or the young of your flock, until they have caused you to perish.
52 ५२ और वे तेरे परमेश्वर यहोवा के दिये हुए सारे देश के सब फाटकों के भीतर तुझे घेर रखेंगे; वे तेरे सब फाटकों के भीतर तुझे उस समय तक घेरेंगे, जब तक तेरे सारे देश में तेरी ऊँची-ऊँची और दृढ़ शहरपनाहें जिन पर तू भरोसा करेगा गिर न जाएँ।
They will besiege you in all your gates until your high and fortified walls in which you trusted come down throughout all your land. They will besiege you in all your gates throughout all your land which the LORD your God has given you.
53 ५३ तब घिर जाने और उस संकट के समय जिसमें तेरे शत्रु तुझको डालेंगे, तू अपने निज जन्माए बेटे-बेटियों का माँस जिन्हें तेरा परमेश्वर यहोवा तुझको देगा खाएगा।
You will eat the fruit of your own body, the flesh of your sons and of your daughters, whom the LORD your God has given you, in the siege and in the distress with which your enemies will distress you.
54 ५४ और तुझ में जो पुरुष कोमल और अति सुकुमार हो वह भी अपने भाई, और अपनी प्राणप्रिय, और अपने बचे हुए बालकों को क्रूर दृष्टि से देखेगा;
The man who is tender among you, and very delicate, his eye will be evil toward his brother, toward the wife whom he loves, and toward the remnant of his children whom he has remaining,
55 ५५ और वह उनमें से किसी को भी अपने बालकों के माँस में से जो वह आप खाएगा कुछ न देगा, क्योंकि घिर जाने और उस संकट में, जिसमें तेरे शत्रु तेरे सारे फाटकों के भीतर तुझे घेर डालेंगे, उसके पास कुछ न रहेगा।
so that he will not give to any of them of the flesh of his children whom he will eat, because he has nothing left to him, in the siege and in the distress with which your enemy will distress you in all your gates.
56 ५६ और तुझ में जो स्त्री यहाँ तक कोमल और सुकुमार हो कि सुकुमारपन के और कोमलता के मारे भूमि पर पाँव धरते भी डरती हो, वह भी अपने प्राणप्रिय पति, और बेटे, और बेटी को,
The tender and delicate woman among you, who would not venture to set the sole of her foot on the ground for delicateness and tenderness, her eye will be evil toward the husband that she loves, toward her son, toward her daughter,
57 ५७ अपनी खेरी, वरन् अपने जने हुए बच्चों को क्रूर दृष्टि से देखेगी, क्योंकि घिर जाने और उस संकट के समय जिसमें तेरे शत्रु तुझे तेरे फाटकों के भीतर घेरकर रखेंगे, वह सब वस्तुओं की घटी के मारे उन्हें छिपके खाएगी।
toward her young one who comes out from between her feet, and toward her children whom she bears; for she will eat them secretly for lack of all things in the siege and in the distress with which your enemy will distress you in your gates.
58 ५८ “यदि तू इन व्यवस्था के सारे वचनों का पालन करने में, जो इस पुस्तक में लिखे हैं, चौकसी करके उस आदरणीय और भययोग्य नाम का, जो यहोवा तेरे परमेश्वर का है भय न माने,
If you will not observe to do all the words of this law that are written in this book, that you may fear this glorious and fearful name, THE LORD your God,
59 ५९ तो यहोवा तुझको और तेरे वंश को भयानक-भयानक दण्ड देगा, वे दुष्ट और बहुत दिन रहनेवाले रोग और भारी-भारी दण्ड होंगे।
then the LORD will make your plagues and the plagues of your offspring fearful, even great plagues, and of long duration, and severe sicknesses, and of long duration.
60 ६० और वह मिस्र के उन सब रोगों को फिर तेरे ऊपर लगा देगा, जिनसे तू भय खाता था; और वे तुझ में लगे रहेंगे।
He will bring on you again all the diseases of Egypt, which you were afraid of; and they will cling to you.
61 ६१ और जितने रोग आदि दण्ड इस व्यवस्था की पुस्तक में नहीं लिखे हैं, उन सभी को भी यहोवा तुझको यहाँ तक लगा देगा, कि तेरा सत्यानाश हो जाएगा।
Also every sickness and every plague which is not written in the book of this law, the LORD will bring them on you until you are destroyed.
62 ६२ और तू जो अपने परमेश्वर यहोवा की न मानेगा, इस कारण आकाश के तारों के समान अनगिनत होने के बदले तुझ में से थोड़े ही मनुष्य रह जाएँगे।
You will be left few in number, even though you were as the stars of the sky for multitude, because you didn’t listen to the LORD your God’s voice.
63 ६३ और जैसे अब यहोवा को तुम्हारी भलाई और बढ़ती करने से हर्ष होता है, वैसे ही तब उसको तुम्हारा नाश वरन् सत्यानाश करने से हर्ष होगा; और जिस भूमि के अधिकारी होने को तुम जा रहे हो उस पर से तुम उखाड़े जाओगे।
It will happen that as the LORD rejoiced over you to do you good, and to multiply you, so the LORD will rejoice over you to cause you to perish and to destroy you. You will be plucked from the land that you are going in to possess.
64 ६४ और यहोवा तुझको पृथ्वी के इस छोर से लेकर उस छोर तक के सब देशों के लोगों में तितर-बितर करेगा; और वहाँ रहकर तू अपने और अपने पुरखाओं के अनजाने काठ और पत्थर के दूसरे देवताओं की उपासना करेगा।
The LORD will scatter you among all peoples, from one end of the earth to the other end of the earth. There you will serve other gods which you have not known, you nor your fathers, even wood and stone.
65 ६५ और उन जातियों में तू कभी चैन न पाएगा, और न तेरे पाँव को ठिकाना मिलेगा; क्योंकि वहाँ यहोवा ऐसा करेगा कि तेरा हृदय काँपता रहेगा, और तेरी आँखें धुँधली पड़ जाएँगी, और तेरा मन व्याकुल रहेगा;
Among these nations you will find no ease, and there will be no rest for the sole of your foot; but the LORD will give you there a trembling heart, failing of eyes, and pining of soul.
66 ६६ और तुझको जीवन का नित्य सन्देह रहेगा; और तू दिन-रात थरथराता रहेगा, और तेरे जीवन का कुछ भरोसा न रहेगा।
Your life will hang in doubt before you. You will be afraid night and day, and will have no assurance of your life.
67 ६७ तेरे मन में जो भय बना रहेगा, और तेरी आँखों को जो कुछ दिखता रहेगा, उसके कारण तू भोर को आह मारकर कहेगा, ‘साँझ कब होगी!’ और साँझ को आह मारकर कहेगा, ‘भोर कब होगा!’
In the morning you will say, “I wish it were evening!” and at evening you will say, “I wish it were morning!” for the fear of your heart which you will fear, and for the sights which your eyes will see.
68 ६८ और यहोवा तुझको नावों पर चढ़ाकर मिस्र में उस मार्ग से लौटा देगा, जिसके विषय में मैंने तुझ से कहा था, कि वह फिर तेरे देखने में न आएगा; और वहाँ तुम अपने शत्रुओं के हाथ दास-दासी होने के लिये बिकाऊ तो रहोगे, परन्तु तुम्हारा कोई ग्राहक न होगा।”
The LORD will bring you into Egypt again with ships, by the way of which I told you that you would never see it again. There you will offer yourselves to your enemies for male and female slaves, and nobody will buy you.