< व्यवस्था विवरण 25 >
1 १ “यदि मनुष्यों के बीच कोई झगड़ा हो, और वे न्याय करवाने के लिये न्यायियों के पास जाएँ, और वे उनका न्याय करें, तो निर्दोष को निर्दोष और दोषी को दोषी ठहराएँ।
"Ist Streit zwischen Männern, und treten sie vor Gericht, dann richte man sie! Den Unschuldigen spreche man frei und verurteile den Schuldigen!
2 २ और यदि दोषी मार खाने के योग्य ठहरे, तो न्यायी उसको गिरवाकर अपने सामने जैसा उसका दोष हो उसके अनुसार कोड़े गिनकर लगवाए।
Verdient der Schuldige Schläge, dann lasse ihn der Richter hinlegen und ihm vor ihm Schläge geben seines Frevels wegen zur Genüge an Zahl.
3 ३ वह उसे चालीस कोड़े तक लगवा सकता है, इससे अधिक नहीं लगवा सकता; ऐसा न हो कि इससे अधिक बहुत मार खिलवाने से तेरा भाई तेरी दृष्टि में तुच्छ ठहरे।
Vierzig Hiebe lasse er ihm geben, aber nicht mehr, damit dein Bruder nicht vor deinen Augen zerfleischt würde, versetzte man ihm noch mehr Hiebe.
4 ४ “दाँवते समय चलते हुए बैल का मुँह न बाँधना।
Du sollst einem Rinde beim Dreschen keinen Maulkorb anlegen!
5 ५ “जब कई भाई संग रहते हों, और उनमें से एक निपुत्र मर जाए, तो उसकी स्त्री का ब्याह परगोत्री से न किया जाए; उसके पति का भाई उसके पास जाकर उसे अपनी पत्नी कर ले, और उससे पति के भाई का धर्म पालन करे।
Leben Brüder beisammen und stirbt einer von ihnen, ohne daß er einen Sohn gehabt, so soll die Frau des Verstorbenen nicht nach auswärts eines fremden Mannes werden! Ihr Schwager soll zu ihr eingehen! Er nehme sie sich zum Weibe und leiste ihr die Schwagerpflicht!
6 ६ और जो पहला बेटा उस स्त्री से उत्पन्न हो वह उस मरे हुए भाई के नाम का ठहरे, जिससे कि उसका नाम इस्राएल में से मिट न जाए।
Der Erstgeborene, den sie gebiert, komme auf den Namen seines verstorbenen Bruders, daß nicht sein Name in Israel erlösche!
7 ७ यदि उस स्त्री के पति के भाई को उससे विवाह करना न भाए, तो वह स्त्री नगर के फाटक पर वृद्ध लोगों के पास जाकर कहे, ‘मेरे पति के भाई ने अपने भाई का नाम इस्राएल में बनाए रखने से मना कर दिया है, और मुझसे पति के भाई का धर्म पालन करना नहीं चाहता।’
Hat aber der Mann keine Lust, seine Schwägerin zu heiraten so gehe seine Schwägerin an das Tor zu den Ältesten und spreche: 'Mein Schwager weigert sich, seines Bruders Namen in Israel zu erhalten! Er will mir die Schwagerpflicht nicht leisten.'
8 ८ तब उस नगर के वृद्ध लोग उस पुरुष को बुलवाकर उसको समझाएँ; और यदि वह अपनी बात पर अड़ा रहे, और कहे, ‘मुझे इससे विवाह करना नहीं भावता,’
Da sollen ihn die Ältesten seiner Stadt vorladen und ihm zureden! Bleibt er aber dabei und sagt: 'Ich habe keine Lust, sie zu nehmen',
9 ९ तो उसके भाई की पत्नी उन वृद्ध लोगों के सामने उसके पास जाकर उसके पाँव से जूती उतारे, और उसके मुँह पर थूक दे; और कहे, ‘जो पुरुष अपने भाई के वंश को चलाना न चाहे उससे इसी प्रकार व्यवहार किया जाएगा।’
so trete seine Schwägerin in Gegenwart der Ältesten zu ihm, ziehe ihm den Schuh vom Fuße, speie ihm ins Angesicht, hebe an und sage: 'Also ergehe es jedermann, der seines Bruders Haus nicht aufbauen will!'
10 १० तब इस्राएल में उस पुरुष का यह नाम पड़ेगा, अर्थात् जूती उतारे हुए पुरुष का घराना।
Und sein Name heiße in Israel: 'Elender Barfüßer'!
11 ११ “यदि दो पुरुष आपस में मारपीट करते हों, और उनमें से एक की पत्नी अपने पति को मारनेवाले के हाथ से छुड़ाने के लिये पास जाए, और अपना हाथ बढ़ाकर उसके गुप्त अंग को पकड़े,
Raufen zwei Brüder miteinander, und eilt das Weib des einen herbei, ihren Mann zu befreien aus der Hand dessen, der ihn schlägt, und packt sie ihn mit der Hand an den Schamteilen,
12 १२ तो उस स्त्री का हाथ काट डालना; उस पर तरस न खाना।
dann haue ihr schonungslos die Hand ab!
13 १३ “अपनी थैली में भाँति-भाँति के अर्थात् घटती-बढ़ती बटखरे न रखना।
In deiner Tasche sollst du nicht zweierlei Gewichtssteine tragen, einen größeren und einen kleineren!
14 १४ अपने घर में भाँति-भाँति के, अर्थात् घटती-बढ़ती नपुए न रखना।
In deinem Hause sollst du nicht zweierlei Scheffel haben, einen größeren und einen kleineren!
15 १५ तेरे बटखरे और नपुए पूरे-पूरे और धर्म के हों; इसलिए कि जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उसमें तेरी आयु बहुत हो।
Nur volles und richtiges Gewicht sollst du haben, vollen und richtigen Scheffel, auf daß du lange lebst in dem Land, das dir der Herr, dein Gott, gibt!
16 १६ क्योंकि ऐसे कामों में जितने कुटिलता करते हैं वे सब तेरे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में घृणित हैं।
Denn ein Greuel für den Herrn, deinen Gott, ist jeder, der solches tut und solche Unredlichkeit verübt.
17 १७ “स्मरण रख कि जब तू मिस्र से निकलकर आ रहा था तब अमालेक ने तुझ से मार्ग में क्या किया,
Bedenke, was dir die Amalekiter unterwegs getan, auf deinem Zuge aus Ägypten,
18 १८ अर्थात् उनको परमेश्वर का भय न था; इस कारण उसने जब तू मार्ग में थका-माँदा था, तब तुझ पर चढ़ाई करके जितने निर्बल होने के कारण सबसे पीछे थे उन सभी को मारा।
wie sie dich unterwegs überfallen und all deine ermatteten Nachzügler von dir abschnitten, als du erschöpft und müde geworden, und wie sie Gott nicht gefürchtet haben!
19 १९ इसलिए जब तेरा परमेश्वर यहोवा उस देश में, जो वह तेरा भाग करके तेरे अधिकार में कर देता है, तुझे चारों ओर के सब शत्रुओं से विश्राम दे, तब अमालेक का नाम धरती पर से मिटा डालना; और तुम इस बात को न भूलना।
Darum sollst du in dem Lande, das dir der Herr, dein Gott, zu eigen gibt, des Amalekiters Namen unter dem Himmel auslöschen, wenn dir der Herr, dein Gott, vor all deinen Feinden ringsum Ruhe schafft! Du sollst es nicht vergessen!"