< व्यवस्था विवरण 21 >
1 १ “यदि उस देश के मैदान में जो तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है किसी मारे हुए का शव पड़ा हुआ मिले, और उसको किसने मार डाला है यह पता न चले,
তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু যে দেশ অধিকার করার জন্য তোমাদের দিতে যাচ্ছেন সেখানকার কোনো মাঠে হয়তো কাউকে খুন হয়ে পড়ে থাকতে দেখা যেতে পারে, কিন্তু কে হত্যা করেছে তা জানা যায়নি,
2 २ तो तेरे पुरनिये और न्यायी निकलकर उस शव के चारों ओर के एक-एक नगर की दूरी को नापें;
তাহলে তোমাদের প্রবীণ নেতারা ও বিচারকেরা বাইরে গিয়ে সেই মৃতদেহ থেকে সবচেয়ে কাছের নগর কত দূর তা মেপে দেখবে।
3 ३ तब जो नगर उस शव के सबसे निकट ठहरे, उसके पुरनिये एक ऐसी बछिया ले ले, जिससे कुछ काम न लिया गया हो, और जिस पर जूआ कभी न रखा गया हो।
তারপর যে নগর মৃতদেহের কাছে সেখানকার প্রবীণ নেতারা একটি বকনা-বাছুর নেবে যেটি কখনও কোনও কাজ করেনি ও যার কাঁধে কখনও জোয়াল দেওয়া হয়নি
4 ४ तब उस नगर के पुरनिये उस बछिया को एक बारहमासी नदी की ऐसी तराई में जो न जोती और न बोई गई हो ले जाएँ, और उसी तराई में उस बछिया का गला तोड़ दें।
এবং তারা সেটিকে এমন এক উপত্যকায় নিয়ে যাবে যেখানে একটি জলস্রোত আছে আর চাষ বা বীজবপন করা হয়নি। সেই উপত্যকায় তারা বকনা-বাছুরটির ঘাড় ভেঙে দেবে।
5 ५ और लेवीय याजक भी निकट आएँ, क्योंकि तेरे परमेश्वर यहोवा ने उनको चुन लिया है कि उसकी सेवा टहल करें और उसके नाम से आशीर्वाद दिया करें, और उनके कहने के अनुसार हर एक झगड़े और मारपीट के मुकद्दमे का निर्णय हो।
লেবীয় যাজকেরা সামনে এগিয়ে যাবে, কারণ তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু তাদের মনোনীত করেছেন পরিচর্যা কাজের জন্য, সদাপ্রভুর নামে আশীর্বাদ উচ্চারণ করার জন্য এবং বিবাদের ও শারীরিক আক্রমণের বিচার করার জন্য।
6 ६ फिर जो नगर उस शव के सबसे निकट ठहरे, उसके सब पुरनिए उस बछिया के ऊपर जिसका गला तराई में तोड़ा गया हो अपने-अपने हाथ धोकर कहें,
তারপর মৃতদেহের সব থেকে কাছের নগরের প্রবীণ নেতারা উপত্যকায় যে বকনা-বাছুরটির ঘাড় ভাঙা হয়েছিল তার উপরে তাদের হাত ধুয়ে ফেলবে,
7 ७ ‘यह खून हमने नहीं किया, और न यह काम हमारी आँखों के सामने हुआ है।
আর তারা ঘোষণা করবে “এই রক্তপাত আমরা নিজেরা করিনি, এবং হতেও দেখিনি।
8 ८ इसलिए, हे यहोवा, अपनी छुड़ाई हुई इस्राएली प्रजा का पाप ढाँपकर निर्दोष खून का पाप अपनी इस्राएली प्रजा के सिर पर से उतार।’ तब उस खून के दोष से उनको क्षमा कर दिया जाएगा।
হে সদাপ্রভু, যে ইস্রায়েলীদের তুমি মুক্ত করেছ তাদের ক্ষমা করো, এবং এই নির্দোষ লোকটির রক্তপাতের জন্য তুমি তোমার লোকদের দায়ী কোরো না।” এতে সেই রক্তপাতের দোষ ক্ষমা করা হবে,
9 ९ इस प्रकार वह काम करके जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है तू निर्दोष के खून का दोष अपने मध्य में से दूर करना।
এবং তোমরা নিজেদের মধ্য থেকে নির্দোষ লোকের রক্তপাতের দোষ মুছে ফেলতে পারবে, কারণ তোমরা সদাপ্রভুর চোখে যা ভালো তাই করেছ।
10 १० “जब तू अपने शत्रुओं से युद्ध करने को जाए, और तेरा परमेश्वर यहोवा उन्हें तेरे हाथ में कर दे, और तू उन्हें बन्दी बना ले,
তোমরা যখন শত্রুদের সঙ্গে যুদ্ধ করতে যাবে এবং তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাদের হাতে তাদের তুলে দেবেন আর তোমরা তাদের বন্দি করবে,
11 ११ तब यदि तू बन्दियों में किसी सुन्दर स्त्री को देखकर उस पर मोहित हो जाए, और उससे ब्याह कर लेना चाहे,
তখন যদি তাদের মধ্যে কোনও সুন্দরী স্ত্রীলোককে দেখে তোমাদের কারও তাকে ভালো লাগে তবে সে তাকে স্ত্রী হিসেবে গ্রহণ করতে পারবে।
12 १२ तो उसे अपने घर के भीतर ले आना, और वह अपना सिर मुँड़ाएँ, नाखून कटाएँ,
স্ত্রীলোকটিকে তোমার বাড়িতে নিয়ে যাবে আর তার মাথার চুল কামিয়ে দেবে ও তার নখ কেটে ফেলবে
13 १३ और अपने बन्धन के वस्त्र उतारकर तेरे घर में महीने भर रहकर अपने माता पिता के लिये विलाप करती रहे; उसके बाद तू उसके पास जाना, और तू उसका पति और वह तेरी पत्नी बने।
এবং বন্দি হবার সময় সে যে কাপড় পরেছিল সেগুলি খুলে ফেলবে। সে যখন তোমার বাড়িতে থেকে এক মাস তার বাবা-মায়ের জন্য শোক করবে, তারপর তুমি তার কাছে যেতে পারবে ও তার স্বামী হবে এবং সে তোমার স্ত্রী হবে।
14 १४ फिर यदि वह तुझको अच्छी न लगे, तो जहाँ वह जाना चाहे वहाँ उसे जाने देना; उसको रुपया लेकर कहीं न बेचना, और तेरा उससे शारीरिक सम्बंध था, इस कारण उससे दासी के समान व्यवहार न करना।
যদি তুমি তার উপর সন্তুষ্ট না হও, তাকে যেখানে তার ইচ্ছা সেখানে তাকে যেতে দেবে। তুমি তাকে বিক্রি করবে না বা তাকে দাসী করবে না, কারণ তুমি তাকে অসম্মান করেছ।
15 १५ “यदि किसी पुरुष की दो पत्नियाँ हों, और उसे एक प्रिय और दूसरी अप्रिय हो, और प्रिया और अप्रिय दोनों स्त्रियाँ बेटे जनें, परन्तु जेठा अप्रिय का हो,
যদি কোনও পুরুষের দুই স্ত্রী থাকে, এবং সে একজনকে ভালোবাসে অন্যজনকে নয়, এবং তাদের দুজনেরই ছেলে হয় কিন্তু যার প্রথমে ছেলে হয় তাকে সে ভালোবাসে না,
16 १६ तो जब वह अपने पुत्रों को अपनी सम्पत्ति का बँटवारा करे, तब यदि अप्रिय का बेटा जो सचमुच जेठा है यदि जीवित हो, तो वह प्रिया के बेटे को जेठांस न दे सकेगा;
সে যখন ছেলেদের জন্য তার সম্পত্তির উইল করবে, যে স্ত্রীকে সে ভালোবাসে না তার ছেলেকে বাদ দিয়ে অন্য স্ত্রীর ছেলেটিকে প্রথম ছেলের প্রাপ্য অধিকার দিতে পারবে না।
17 १७ वह यह जानकर कि अप्रिय का बेटा मेरे पौरूष का पहला फल है, और जेठे का अधिकार उसी का है, उसी को अपनी सारी सम्पत्ति में से दो भाग देकर जेठांसी माने।
যে স্ত্রীকে সে ভালোবাসে না তার ছেলেকে প্রথম ছেলে বলে স্বীকার করে তাকে তার নিজের সর্বস্ব থেকে অন্যদের চেয়ে দ্বিগুণ দিতে হবে। সেই ছেলেই তার বাবার শক্তির প্রথম ফল। প্রথমজাতকের অধিকার তারই পাওনা।
18 १८ “यदि किसी का हठीला और विद्रोही बेटा हो, जो अपने माता-पिता की बात न माने, किन्तु ताड़ना देने पर भी उनकी न सुने,
যদি কারও ছেলে একগুঁয়ে এবং বিদ্রোহী হয় যে তার বাবা-মায়ের অবাধ্য এবং তাদের কথা শোনে না যখন তারা তাকে শাসন করে,
19 १९ तो उसके माता-पिता उसे पकड़कर अपने नगर से बाहर फाटक के निकट नगर के पुरनियों के पास ले जाएँ,
তার বাবা-মা তাকে তাদের নগরের দ্বারে প্রবীণ নেতাদের কাছে ধরে নিয়ে যাবে।
20 २० और वे नगर के पुरनियों से कहें, ‘हमारा यह बेटा हठीला और दंगैत है, यह हमारी नहीं सुनता; यह उड़ाऊ और पियक्कड़ है।’
তারা নগরের বয়স্ক নেতাদের বলবে, “আমাদের এই ছেলে একগুঁয়ে এবং বিদ্রোহী। সে আমাদের অবাধ্য। সে আমাদের অর্থ উড়িয়ে দেয় এবং সে মাতাল।”
21 २१ तब उस नगर के सब पुरुष उसको पथराव करके मार डालें, इस रीति से तू अपने मध्य में से ऐसी बुराई को दूर करना, तब सारे इस्राएली सुनकर भय खाएँगे।
তখন সেই নগরের সমস্ত পুরুষ তাকে পাথর ছুঁড়ে মেরে ফেলবে। তোমাদের মধ্য থেকে সেই দুষ্টতা শেষ করতে হবে। সমস্ত ইস্রায়েল সেই বিষয় শুনবে এবং ভয় পাবে।
22 २२ “फिर यदि किसी से प्राणदण्ड के योग्य कोई पाप हुआ हो जिससे वह मार डाला जाए, और तू उसके शव को वृक्ष पर लटका दे,
যদি কোনও লোক মৃত্যুর শাস্তি পাবার মতো কোনও দোষ করে এবং তাকে মেরে ফেলে গাছে টাঙিয়ে রাখা হয়,
23 २३ तो वह शव रात को वृक्ष पर टँगा न रहे, अवश्य उसी दिन उसे मिट्टी देना, क्योंकि जो लटकाया गया हो वह परमेश्वर की ओर से श्रापित ठहरता है; इसलिए जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तेरा भाग करके देता है उस भूमि को अशुद्ध न करना।
তবে সকাল পর্যন্ত তার দেহ গাছে টাঙিয়ে রাখবে না। সেদিনই তাকে কবর দিতে হবে, কারণ যাকে গাছে টাঙানো হয় সে ঈশ্বরের অভিশপ্ত। তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাদের যে দেশ দিচ্ছেন তা তোমরা অশুচি করবে না।