< व्यवस्था विवरण 17 >
1 १ “तू अपने परमेश्वर यहोवा के लिये कोई बैल या भेड़-बकरी बलि न करना जिसमें दोष या किसी प्रकार की खोट हो; क्योंकि ऐसा करना तेरे परमेश्वर यहोवा के समीप घृणित है।
Não sacrificarás ao Senhor teu Deus, boi ou gado miúdo em que haja defeito ou alguma coisa má; pois abominação é ao Senhor teu Deus.
2 २ “जो बस्तियाँ तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है, यदि उनमें से किसी में कोई पुरुष या स्त्री ऐसी पाई जाए, जिसने तेरे परमेश्वर यहोवा की वाचा तोड़कर ऐसा काम किया हो, जो उसकी दृष्टि में बुरा है,
Quando no meio de ti, em alguma das tuas portas que te dá o Senhor teu Deus, se achar algum homem ou mulher que fizer mal aos olhos do Senhor teu Deus, traspassando o seu concerto,
3 ३ अर्थात् मेरी आज्ञा का उल्लंघन करके पराए देवताओं की, या सूर्य, या चन्द्रमा, या आकाश के गण में से किसी की उपासना की हो, या उनको दण्डवत् किया हो,
Que se for, e servir a outros deuses, e se encurvar a eles, ou ao sol, ou à lua, ou a todo o exército do céu; o que eu não ordenei;
4 ४ और यह बात तुझे बताई जाए और तेरे सुनने में आए; तब भली भाँति पूछपाछ करना, और यदि यह बात सच ठहरे कि इस्राएल में ऐसा घृणित कर्म किया गया है,
E te for denunciado, e o ouvires; então bem o inquirirás: e eis que, sendo verdade, e certo que se fez tal abominação em Israel.
5 ५ तो जिस पुरुष या स्त्री ने ऐसा बुरा काम किया हो, उस पुरुष या स्त्री को बाहर अपने फाटकों पर ले जाकर ऐसा पथराव करना कि वह मर जाए।
Então tirarás o homem ou a mulher que fez este malefício, às tuas portas, sim, o tal homem ou mulher: e os apedrejarás com pedras, até que morram.
6 ६ जो प्राणदण्ड के योग्य ठहरे वह एक ही की साक्षी से न मार डाला जाए, किन्तु दो या तीन मनुष्यों की साक्षी से मार डाला जाए।
Por boca de duas testemunhas, ou três testemunhas, será morto o que houver de morrer: por boca de uma só testemunha não morrerá.
7 ७ उसके मार डालने के लिये सबसे पहले साक्षियों के हाथ, और उनके बाद और सब लोगों के हाथ उठें। इसी रीति से ऐसी बुराई को अपने मध्य से दूर करना।
A mão das testemunhas será primeiro contra ele, para mata-lo; e depois a mão de todo o povo: assim tirarás o mal do meio de ti.
8 ८ “यदि तेरी बस्तियों के भीतर कोई झगड़े की बात हो, अर्थात् आपस के खून, या विवाद, या मारपीट का कोई मुकद्दमा उठे, और उसका न्याय करना तेरे लिये कठिन जान पड़े, तो उस स्थान को जाकर जो तेरा परमेश्वर यहोवा चुन लेगा;
Quando alguma coisa te for dificultosa em juízo, entre sangue e sangue, entre demanda e demanda, entre ferida e ferida, em negócios de pendências nas tuas portas, então te levantarás, e subirás ao lugar que escolher o Senhor teu Deus;
9 ९ लेवीय याजकों के पास और उन दिनों के न्यायियों के पास जाकर पूछताछ करना, कि वे तुम को न्याय की बातें बताएँ।
E virás aos sacerdotes levitas, e ao juiz que houver naqueles dias, e inquirirás, e te anunciarão a palavra que for do juízo.
10 १० और न्याय की जैसी बात उस स्थान के लोग जो यहोवा चुन लेगा तुझे बता दें, उसी के अनुसार करना; और जो व्यवस्था वे तुझे दें उसी के अनुसार चलने में चौकसी करना;
E farás conforme ao mandado da palavra que te anunciarão do lugar que escolher o Senhor; e terás cuidado de fazer conforme a tudo o que te ensinarem.
11 ११ व्यवस्था की जो बात वे तुझे बताएँ, और न्याय की जो बात वे तुझ से कहें, उसी के अनुसार करना; जो बात वे तुझको बताएँ उससे दाएँ या बाएँ न मुड़ना।
Conforme ao mandado da lei que te ensinarem, e conforme ao juízo que te disserem, farás: da palavra que te anunciarem te não desviarás, nem para a direita nem para a esquerda.
12 १२ और जो मनुष्य अभिमान करके उस याजक की, जो वहाँ तेरे परमेश्वर यहोवा की सेवा टहल करने को उपस्थित रहेगा, न माने, या उस न्यायी की न सुने, तो वह मनुष्य मार डाला जाए; इस प्रकार तू इस्राएल में से ऐसी बुराई को दूर कर देना।
O homem pois que se houver soberbamente, não dando ouvidos ao sacerdote, que está ali para servir ao Senhor teu Deus, nem ao juiz, o tal homem morrerá: e tirarás o mal de Israel:
13 १३ इससे सब लोग सुनकर डर जाएँगे, और फिर अभिमान नहीं करेंगे।
Para que todo o povo o ouça, e tema, e nunca mais se ensoberbeça.
14 १४ “जब तू उस देश में पहुँचे जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है, और उसका अधिकारी हो, और उनमें बसकर कहने लगे, कि चारों ओर की सब जातियों के समान मैं भी अपने ऊपर राजा ठहराऊँगा;
Quando entrares na terra, que te dá o Senhor teu Deus, e a possuires, e nela habitares, e disseres: Porei sobre mim um rei, assim como tem todas as gentes que estão em redor de mim:
15 १५ तब जिसको तेरा परमेश्वर यहोवा चुन ले अवश्य उसी को राजा ठहराना। अपने भाइयों ही में से किसी को अपने ऊपर राजा ठहराना; किसी परदेशी को जो तेरा भाई न हो तू अपने ऊपर अधिकारी नहीं ठहरा सकता।
Porás certamente sobre ti como rei aquele que escolher o Senhor teu Deus: dentre teus irmãos porás rei sobre ti: não poderás pôr homem estranho sobre ti, que não seja de teus irmãos
16 १६ और वह बहुत घोड़े न रखे, और न इस मनसा से अपनी प्रजा के लोगों को मिस्र में भेजे कि उसके पास बहुत से घोड़े हो जाएँ, क्योंकि यहोवा ने तुम से कहा है, कि तुम उस मार्ग से फिर कभी न लौटना।
Porém não multiplicará para si cavalos, nem fará voltar o povo ao Egito, para multiplicar cavalos; pois o Senhor vos tem dito: Nunca mais voltareis por este caminho.
17 १७ और वह बहुत स्त्रियाँ भी न रखे, ऐसा न हो कि उसका मन यहोवा की ओर से पलट जाए; और न वह अपना सोना-चाँदी बहुत बढ़ाए।
Tão pouco para si multiplicará mulheres, para que o seu coração se não desvie: nem prata nem ouro multiplicará muito para si.
18 १८ और जब वह राजगद्दी पर विराजमान हो, तब इसी व्यवस्था की पुस्तक, जो लेवीय याजकों के पास रहेगी, उसकी एक नकल अपने लिये कर ले।
Será também que, quando se assentar sobre o trono do seu reino, então escreverá para si um traslado desta lei num livro, do que está diante dos sacerdotes levitas.
19 १९ और वह उसे अपने पास रखे, और अपने जीवन भर उसको पढ़ा करे, जिससे वह अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानना, और इस व्यवस्था और इन विधियों की सारी बातों को मानने में चौकसी करना, सीखे;
E o terá consigo, e nele lerá todos os dias da sua vida; para que aprenda a temer ao Senhor seu Deus, para guardar todas as palavras desta lei, e estes estatutos, para faze-los;
20 २० जिससे वह अपने मन में घमण्ड करके अपने भाइयों को तुच्छ न जाने, और इन आज्ञाओं से न तो दाएँ मुड़ें और न बाएँ; जिससे कि वह और उसके वंश के लोग इस्राएलियों के मध्य बहुत दिनों तक राज्य करते रहें।
Para que o seu coração não se levante sobre os seus irmãos, e não se aparte do mandamento, nem para a direita nem para a esquerda: para que prolongue os dias no seu reino, ele e seus filhos no meio de Israel.