< व्यवस्था विवरण 15 >

1 “सात-सात वर्ष बीतने पर तुम छुटकारा दिया करना,
তুমি প্রত্যেক সাত বছরের শেষে ঋণ বাদ দেবে। সেই ঋণ ক্ষমার এই ব্যবস্থা;
2 अर्थात् जिस किसी ऋण देनेवाले ने अपने पड़ोसी को कुछ उधार दिया हो, तो वह उसे छोड़ दे; और अपने पड़ोसी या भाई से उसको बरबस न भरवाए, क्योंकि यहोवा के नाम से इस छुटकारे का प्रचार हुआ है।
যে কোনো মহাজন নিজের প্রতিবেশীকে ঋণ দিয়েছে, সে নিজের দেওয়া সেই ঋণ বাদ দেবে, নিজের প্রতিবেশী কিংবা ভাইয়ের কাছ থেকে ঋণ আদায় করবে না, কারণ সদাপ্রভুর আদেশ ঋণ বাদ দেওয়ার ঘোষণা হয়েছে!
3 परदेशी मनुष्य से तू उसे बरबस भरवा सकता है, परन्तु जो कुछ तेरे भाई के पास तेरा हो उसे तू बिना भरवाए छोड़ देना।
তুমি বিদেশীর কাছে আদায় করতে পার; কিন্তু তোমার ভাইয়ের কাছে তোমার যা আছে, তা তুমি ছেড়ে দেবে।
4 तेरे बीच कोई दरिद्र न रहेगा, क्योंकि जिस देश को तेरा परमेश्वर यहोवा तेरा भाग करके तुझे देता है, कि तू उसका अधिकारी हो, उसमें वह तुझे बहुत ही आशीष देगा।
প্রকৃত পক্ষে তোমাদের মধ্যে কেউ যেন গরিব না থাকে; কারণ তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমার অধিকারের জন্যে যে দেশ দিচ্ছেন, সেই দেশে সদাপ্রভু তোমাকে নিশ্চয়ই আশীর্বাদ করবেন;
5 इतना अवश्य है कि तू अपने परमेश्वर यहोवा की बात चित्त लगाकर सुने, और इन सारी आज्ञाओं के मानने में जो मैं आज तुझे सुनाता हूँ चौकसी करे।
শুধু আমি আজ তোমাকে এই যে সব আদেশ দিচ্ছি, এটা যত্নসহকারে পালনের জন্যে তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভুর রবে কান দিতে হবে।
6 तब तेरा परमेश्वर यहोवा अपने वचन के अनुसार तुझे आशीष देगा, और तू बहुत जातियों को उधार देगा, परन्तु तुझे उधार लेना न पड़ेगा; और तू बहुत जातियों पर प्रभुता करेगा, परन्तु वे तेरे ऊपर प्रभुता न करने पाएँगी।
কারণ তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু যেমন তোমার কাছে প্রতিজ্ঞা করেছেন, তেমনি তোমাকে আশীর্বাদ করবেন; আর তুমি অনেক জাতিকে ঋণ দেবে, কিন্তু নিজে ঋণ নেবে না এবং অনেক জাতির ওপরে শাসন করবে, কিন্তু তারা তোমার ওপরে শাসন করবে না।
7 “जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उसके किसी फाटक के भीतर यदि तेरे भाइयों में से कोई तेरे पास दरिद्र हो, तो अपने उस दरिद्र भाई के लिये न तो अपना हृदय कठोर करना, और न अपनी मुट्ठी कड़ी करना;
তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাকে যে দেশ দিচ্ছেন, সেখানকার কোনো শহরের দরজার ভিতরে যদি তোমার কাছে অবস্থিত কোনো ভাই গরিব হয়, তবে তুমি নিজের হৃদয় কঠিন কর না বা গরিব ভাইয়ের প্রতি নিজের হাত বন্ধ কর না;
8 जिस वस्तु की घटी उसको हो, उसकी जितनी आवश्यकता हो उतना अवश्य अपना हाथ ढीला करके उसको उधार देना।
কিন্তু তার প্রতি মুক্ত হাতে তার অভাবের জন্য প্রয়োজন অনুসারে তাকে অবশ্য ঋণ দিও।
9 सचेत रह कि तेरे मन में ऐसी अधर्मी चिन्ता न समाए, कि सातवाँ वर्ष जो छुटकारे का वर्ष है वह निकट है, और अपनी दृष्टि तू अपने उस दरिद्र भाई की ओर से क्रूर करके उसे कुछ न दे, और वह तेरे विरुद्ध यहोवा की दुहाई दे, तो यह तेरे लिये पाप ठहरेगा।
সাবধান, সপ্তম বছর অর্থাৎ ক্ষমার বছর কাছাকাছি, এটা বলে তোমার হৃদয়ে যেন খারাপ চিন্তা মনে না আসে; তুমি যদি নিজে গরিব ভাইয়ের প্রতি খারাপভাবে তাকিয়ে তাকে কিছু না দাও, তবে সে তোমার বিরুদ্ধে সদাপ্রভুর কাছে প্রার্থনা করলে তোমার পাপ হবে।
10 १० तू उसको अवश्य देना, और उसे देते समय तेरे मन को बुरा न लगे; क्योंकि इसी बात के कारण तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे सब कामों में जिनमें तू अपना हाथ लगाएगा तुझे आशीष देगा।
১০তুমি তাকে অবশ্যই দেবে, দেবার দিনের হৃদয়ে দুঃখিত হবে না; কারণ এই কাজের জন্য তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমার সব কাজে এবং তুমি যাতে যাতে হাত দেবে, সেই সব কিছুতে তোমাকে আশীর্বাদ করবেন।
11 ११ तेरे देश में दरिद्र तो सदा पाए जाएँगे, इसलिए मैं तुझे यह आज्ञा देता हूँ कि तू अपने देश में अपने दीन-दरिद्र भाइयों को अपना हाथ ढीला करके अवश्य दान देना।
১১কারণ তোমার দেশের মধ্যে গরিবের অভাব হবে না; অতএব আমি তোমাকে এই আদেশ দিচ্ছি, তুমি নিজের দেশে তোমার ভাইয়ের প্রতি, তোমার দুঃখী ও দীনহীনের প্রতি, তোমার হাত অবশ্য খুলে রাখবে।
12 १२ “यदि तेरा कोई भाई-बन्धु, अर्थात् कोई इब्री या इब्रिन, तेरे हाथ बिके, और वह छः वर्ष तेरी सेवा कर चुके, तो सातवें वर्ष उसको अपने पास से स्वतंत्र करके जाने देना।
১২তোমার ভাই অর্থাৎ কোনো ইব্রীয় পুরুষ কিংবা ইব্রীয় মহিলা যদি তোমার কাছে বিক্রীত হয় এবং ছয় বছর পর্যন্ত তোমার সেবা করবে; তবে সপ্তম বছরে তুমি তাকে ছেড়ে দিয়ে নিজের কাছ থেকে বিদায় দেবে।
13 १३ और जब तू उसको स्वतंत्र करके अपने पास से जाने दे तब उसे खाली हाथ न जाने देना;
১৩আর ছেড়ে দিয়ে তোমার কাছ থেকে বিদায় দেবার দিনের তুমি তাকে খালি হাতে বিদায় করবে না;
14 १४ वरन् अपनी भेड़-बकरियों, और खलिहान, और दाखमधु के कुण्ड में से बहुतायत से देना; तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे जैसी आशीष दी हो उसी के अनुसार उसे देना।
১৪তুমি নিজের পাল, শস্য ও আঙ্গুর কুণ্ড থেকে তাকে প্রচুর পুরষ্কার দেবে; তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাকে যেমন আশীর্বাদ করেছেন, সেই অনুসারে তাকে দেবে।
15 १५ और इस बात को स्मरण रखना कि तू भी मिस्र देश में दास था, और तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे छुड़ा लिया; इस कारण मैं आज तुझे यह आज्ञा सुनाता हूँ।
১৫আর মনে রাখবে, তুমি মিশর দেশে দাস ছিলে এবং তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাকে মুক্ত করেছেন; এই জন্য আমি আজ তোমাকে এই আদেশ দিচ্ছি।
16 १६ और यदि वह तुझ से और तेरे घराने से प्रेम रखता है, और तेरे संग आनन्द से रहता हो, और इस कारण तुझ से कहने लगे, ‘मैं तेरे पास से न जाऊँगा,’
১৬কিন্তু তোমার কাছে সুখে থাকাতে সে তোমাকে ও তোমার আত্মীয়দেরকে ভালবাসে বলে যদি বলে, “আমি তোমাকে ছেড়ে যাব না;”
17 १७ तो सुतारी लेकर उसका कान किवाड़ पर लगाकर छेदना, तब वह सदा तेरा दास बना रहेगा। और अपनी दासी से भी ऐसा ही करना।
১৭তবে তুমি এক সুঁচ দিয়ে দরজার সঙ্গে তার কান বেঁধে দেবে, তাতে সে চিরকাল তোমার দাস থাকবে; আর দাসীর প্রতিও সেরকম করবে।
18 १८ जब तू उसको अपने पास से स्वतंत्र करके जाने दे, तब उसे छोड़ देना तुझको कठिन न जान पड़े; क्योंकि उसने छः वर्ष दो मजदूरों के बराबर तेरी सेवा की है। और तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे सारे कामों में तुझको आशीष देगा।
১৮ছয় বছর পর্যন্ত সে তোমার কাছে বেতনজীবীর বেতন থেকে দ্বিগুন দাসের কাজ করেছ, এই কারণ তাকে মুক্ত করে বিদায় দেওয়া কঠিন মনে করবে না; তাতে তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমার সব কাজে তোমাকে আশীর্বাদ করবেন।
19 १९ “तेरी गायों और भेड़-बकरियों के जितने पहलौठे नर हों उन सभी को अपने परमेश्वर यहोवा के लिये पवित्र रखना; अपनी गायों के पहिलौठों से कोई काम न लेना, और न अपनी भेड़-बकरियों के पहिलौठों का ऊन कतरना।
১৯তুমি নিজের গরু মেষের পশুপাল থেকে উৎপন্ন সমস্ত প্রথমজাত পুরুষপশুকে নিজের ঈশ্বর সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে পবিত্র করবে; তুমি গরুর প্রথমজন্মানো বাচ্চার মাধ্যমে কোনো কাজ করবে না এবং তোমার প্রথমজন্মানো বাচ্চা মেষের লোম কাটবে না।
20 २० उस स्थान पर जो तेरा परमेश्वर यहोवा चुन लेगा तू यहोवा के सामने अपने-अपने घराने समेत प्रतिवर्ष उसका माँस खाना।
২০সদাপ্রভু যে জায়গা মনোনীত করবেন, সেই জায়গায় তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভুর সামনে তুমি সপরিবারে প্রতি বছর তা খাবে।
21 २१ परन्तु यदि उसमें किसी प्रकार का दोष हो, अर्थात् वह लँगड़ा या अंधा हो, या उसमें किसी और ही प्रकार की बुराई का दोष हो, तो उसे अपने परमेश्वर यहोवा के लिये बलि न करना।
২১যদি তাতে কোনো দোষ থাকে, অর্থাৎ সে যদি খোঁড়া কিংবা অন্ধ হয়, কোনোভাবে দোষী হয়, তবে তুমি নিজের ঈশ্বর সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে তা বলিদান করবে না।
22 २२ उसको अपने फाटकों के भीतर खाना; शुद्ध और अशुद्ध दोनों प्रकार के मनुष्य जैसे चिकारे और हिरन का माँस खाते हैं वैसे ही उसका भी खा सकेंगे।
২২নিজের শহরের দরজার ভিতরে তা খেয়ো অশুচি কি শুচী, উভয় লোকই কৃষ্ণসারের কিংবা হরিণের মতো তা খেতে পারে।
23 २३ परन्तु उसका लहू न खाना; उसे जल के समान भूमि पर उण्डेल देना।
২৩তুমি শুধু তার রক্ত খাবে না, তা জলের মতো মাটিতে ঢেলে দেবে।

< व्यवस्था विवरण 15 >