< आमोस 6 >

1 “हाय उन पर जो सिय्योन में सुख से रहते, और उन पर जो सामरिया के पर्वत पर निश्चिन्त रहते हैं, वे जो श्रेष्ठ जाति में प्रसिद्ध हैं, जिनके पास इस्राएल का घराना आता है!
وَيْلٌ لِلْمُتْرَفِينَ فِي صِهْيَوْنَ وَالْمُطْمَئِنِّينَ فِي جَبَلِ السَّامِرَةِ، نُبلاءِ طَلِيعَةِ الأُمَمِ الَّذِينَ يَتَوَافَدُ إِلَيْهِمْ شَعْبُ إِسْرَائِيلَ.١
2 कलने नगर को जाकर देखो, और वहाँ से हमात नामक बड़े नगर को जाओ; फिर पलिश्तियों के गत नगर को जाओ। क्या वे इन राज्यों से उत्तम हैं? क्या उनका देश तुम्हारे देश से कुछ बड़ा है?
تَوَجَّهُوا إِلَى مَدِينَةِ كَلْنَةَ وَتَأَمَّلُوا، ثُمَّ انْتَقِلُوا إِلَى حَمَاةَ الْعَظِيمَةِ، وَمِنْهَا انْحَدِرُوا إِلَى جَتَّ مَدِينَةِ الْفِلِسْطِينِيِّينَ. هَلْ هِيَ خَيْرٌ مِنْ هَذِهِ الْمَمَالِكِ أَمْ تُخُومُهُمْ أَعْظَمُ مِنْ تُخُومِكُمْ؟٢
3 तुम बुरे दिन को दूर कर देते, और उपद्रव की गद्दी को निकट ले आते हो।
أَنْتُمْ يَا مَنْ تَتَجَاهَلُونَ يَوْمَ السُّوءِ وَتُقَرِّبُونَ كُرْسِيَّ الظُّلْمِ.٣
4 “तुम हाथी दाँत के पलंगों पर लेटते, और अपने-अपने बिछौने पर पाँव फैलाए सोते हो, और भेड़-बकरियों में से मेम्ने और गौशालाओं में से बछड़े खाते हो।
وَيْلٌ لِلرَّاقِدِينَ فَوْقَ أَسِرَّةٍ مِنْ عَاجٍ، الْمُسْتَرْخِينَ فَوْقَ الأَرَائِكِ، الآكِلِينَ لَحْمَ خَيْرَةِ الْحُمْلانِ وَالْعُجُولِ الْمُخْتَارَةِ مِنْ وَسَطِ الْمَعْلِفِ.٤
5 तुम सारंगी के साथ गीत गाते, और दाऊद के समान भाँति-भाँति के बाजे बुद्धि से निकालते हो;
الْمُغَنِّينَ عَلَى صَوْتِ الرَّبَابِ، الْمُخْتَرِعِينَ لأَنْفُسِهِمْ آلاتِ غِنَاءٍ كَدَاوُدَ.٥
6 और कटोरों में से दाखमधु पीते, और उत्तम-उत्तम तेल लगाते हो, परन्तु यूसुफ पर आनेवाली विपत्ति का हाल सुनकर शोकित नहीं होते।
الشَّارِبِينَ خَمْراً فِي كُؤُوسٍ، الْمُتَطَيِّبِينَ بِأَفْضَلِ الْعُطُورِ، وَلا يَكْتَئِبُونَ عَلَى خَرَابِ يُوسُفَ.٦
7 इस कारण वे अब बँधुआई में पहले जाएँगे, और जो पाँव फैलाए सोते थे, उनकी विलासिता जाती रहेगी।”
لِهَذَا سَيَكُونُونَ أَوَّلَ الذَّاهِبِينَ إِلَى السَّبْيِ، وَيَزُولُ مَا أَنْتُمْ عَلَيْهِ مِنْ لَهْوٍ وَعَبَثٍ.٧
8 सेनाओं के परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, (परमेश्वर यहोवा ने अपनी ही शपथ खाकर कहा है): “जिस पर याकूब घमण्ड करता है, उससे मैं घृणा, और उसके राजभवनों से बैर रखता हूँ; और मैं इस नगर को उस सब समेत जो उसमें है, शत्रु के वश में कर दूँगा।”
وَيَقُولُ الرَّبُّ الْقَدِيرُ: قَدْ أَقْسَمْتُ بِذَاتِي، أَنْ أَمْقُتَ زَهْوَ يَعْقُوبَ، وَأُبْغِضَ قُصُورَهُ، فَأُسَلِّمُ الْمَدِينَةَ بِكُلِّ مَا فِيهَا.٨
9 यदि किसी घर में दस पुरुष बचे रहें, तो भी वे मर जाएँगे।
فَيَكُونُ إِذَا بَقِيَ عَشَرَةُ رِجَالٍ فِي بَيْتٍ وَاحِدٍ، أَنَّهُمْ يَلْقَوْنَ حَتْفَهُمْ.٩
10 १० जब किसी का चाचा, जो उसका जलानेवाला हो, उसकी हड्डियों को घर से निकालने के लिये उठाएगा, और जो घर के कोने में हो उससे कहेगा, “क्या तेरे पास कोई और है?” तब वह कहेगा, “कोई नहीं;” तब वह कहेगा, “चुप रह! हमें यहोवा का नाम नहीं लेना चाहिए।”
وَعِنْدَمَا يُقْبِلُ عَمُّ الْمَيْتِ الْمُشْرِفُ عَلَى إِحْرَاقِ الْجُثَثِ لِيُخْرِجَ عِظَامَهُ مِنَ الْبَيْتِ، وَيَسْأَلُ مَنْ هُوَ مُخْتَبِئٌ فِي أَقْصَى الْمَنْزِلِ: أَمَا بَقِيَ وَاحِدٌ مَعَكَ؟ فَيُجِيبُ: لا، ثُمَّ يُضِيفُ: اصْمُتْ وَلا تَذْكُرِ اسْمَ الرَّبِّ.١٠
11 ११ क्योंकि यहोवा की आज्ञा से बड़े घर में छेद, और छोटे घर में दरार होगी।
لأَنَّهُ هَا الرَّبُّ يَأْمُرُ، فَيَهْدِمُ الْبَيْتَ الْكَبِيرَ فَيَصِيرُ رُكَاماً، وَالْبَيْتَ الصَّغِيرَ حُطَاماً.١١
12 १२ क्या घोड़े चट्टान पर दौड़ें? क्या कोई ऐसे स्थान में बैलों से जोते जहाँ तुम लोगों ने न्याय को विष से, और धार्मिकता के फल को कड़वे फल में बदल डाला है?
أَتَجْرِي الْخُيُولُ عَلَى الصُّخُورِ؟ وَهَلْ يُحْرَثُ الْبَحْرُ بِثِيرَانٍ؟ لَقَدْ حَوَّلْتُمُ الْحَقَّ سُمّاً زُعَافاً، وَثِمَارَ الْبِرِّ مَرَارَةً.١٢
13 १३ तुम ऐसी वस्तु के कारण आनन्द करते हो जो व्यर्थ है; और कहते हो, “क्या हम अपने ही यत्न से सामर्थी नहीं हो गए?”
أَنْتُمْ أَيُّهَا الْمُبْتَهِجُونَ بِالْعَدَمِ الْقَائِلُونَ: أَلَيْسَ بِقُوَّتِنَا ظَفِرْنَا؟١٣
14 १४ इस कारण सेनाओं के परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, “हे इस्राएल के घराने, देख, मैं तुम्हारे विरुद्ध एक ऐसी जाति खड़ी करूँगा, जो हमात की घाटी से लेकर अराबा की नदी तक तुम को संकट में डालेगी।”
هَا أَنَا أُثِيرُ عَلَيْكُمْ أُمَّةً يَا بَيْتَ إِسْرَائِيلَ، يَقُولُ السَّيِّدُ الرَّبُّ الْقَدِيرُ، فَيَسُومُونَكُمُ الْعَذَابَ مِنْ مَدْخَلِ حَمَاةَ إِلَى وَادِي الْعَرَبَةِ».١٤

< आमोस 6 >