< आमोस 4 >

1 “हे बाशान की गायों, यह वचन सुनो, तुम जो सामरिया पर्वत पर हो, जो कंगालों पर अंधेर करती, और दरिद्रों को कुचल डालती हो, और अपने-अपने पति से कहती हो, ‘ला, दे हम पीएँ!’
اِسْمَعِي هَذَا ٱلْقَوْلَ يَا بَقَرَاتِ بَاشَانَ ٱلَّتِي فِي جَبَلِ ٱلسَّامِرَةِ، ٱلظَّالِمَةَ ٱلْمَسَاكِينِ، ٱلسَّاحِقَةَ ٱلْبَائِسِينَ، ٱلْقَائِلَةَ لِسَادَتِهَا: «هَاتِ لِنَشْرَبَ».١
2 परमेश्वर यहोवा अपनी पवित्रता की शपथ खाकर कहता है, देखो, तुम पर ऐसे दिन आनेवाले हैं, कि तुम काँटों से, और तुम्हारी सन्तान मछली की बंसियों से खींच ली जाएँगी।
قَدْ أَقْسَمَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ بِقُدْسِهِ: «هُوَذَا أَيَّامٌ تَأْتِي عَلَيْكُنَّ، يَأْخُذُونَكُنَّ بِخَزَائِمَ، وَذُرِّيَّتَكُنَّ بِشُصُوصِ ٱلسَّمَكِ.٢
3 और तुम बाड़े के नाकों से होकर सीधी निकल जाओगी और हेर्मोन में डाली जाओगी,” यहोवा की यही वाणी है।
وَمِنَ ٱلشُّقُوقِ تَخْرُجْنَ كُلُّ وَاحِدَةٍ عَلَى وَجْهِهَا، وَتَنْدَفِعْنَ إِلَى ٱلْحِصْنِ، يَقُولُ ٱلرَّبُّ.٣
4 “बेतेल में आकर अपराध करो, और गिलगाल में आकर बहुत से अपराध करो; अपने चढ़ावे भोर को, और अपने दशमांश हर तीसरे दिन ले आया करो;
«هَلُمَّ إِلَى بَيْتِ إِيلَ، وَأَذْنِبُوا إِلَى ٱلْجِلْجَالِ، وَأَكْثِرُوا ٱلذُّنُوبَ، وَأَحْضِرُوا كُلَّ صَبَاحٍ ذَبَائِحَكُمْ، وَكُلَّ ثَلَاثَةِ أَيَّامٍ عُشُورَكُمْ.٤
5 धन्यवाद-बलि ख़मीर मिलाकर चढ़ाओ, और अपने स्वेच्छाबलियों की चर्चा चलाकर उनका प्रचार करो; क्योंकि हे इस्राएलियों, ऐसा करना तुम को भाता है,” परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
وَأَوْقِدُوا مِنَ ٱلْخَمِيرِ تَقْدِمَةَ شُكْرٍ، وَنَادُوا بِنَوَافِلَ وَسَمِّعُوا، لِأَنَّكُمْ هَكَذَا أَحْبَبْتُمْ يَا بَنِي إِسْرَائِيلَ، يَقُولُ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ.٥
6 “मैंने तुम्हारे सब नगरों में दाँत की सफाई करा दी, और तुम्हारे सब स्थानों में रोटी की घटी की है, तो भी तुम मेरी ओर फिरकर न आए,” यहोवा की यही वाणी है।
«وَأَنَا أَيْضًا أَعْطَيْتُكُمْ نَظَافَةَ ٱلْأَسْنَانِ فِي جَمِيعِ مُدُنِكُمْ، وَعَوَزَ ٱلْخُبْزِ فِي جَمِيعِ أَمَاكِنِكُمْ، فَلَمْ تَرْجِعُوا إِلَيَّ، يَقُولُ ٱلرَّبُّ.٦
7 “और जब कटनी के तीन महीने रह गए, तब मैंने तुम्हारे लिये वर्षा न की; मैंने एक नगर में जल बरसाकर दूसरे में न बरसाया; एक खेत में जल बरसा, और दूसरा खेत जिसमें न बरसा; वह सूख गया।
وَأَنَا أَيْضًا مَنَعْتُ عَنْكُمُ ٱلْمَطَرَ إِذْ بَقِيَ ثَلَاثَةُ أَشْهُرٍ لِلْحَصَادِ، وَأَمْطَرْتُ عَلَى مَدِينَةٍ وَاحِدَةٍ، وَعَلَى مَدِينَةٍ أُخْرَى لَمْ أُمْطِرْ. أُمْطِرَ عَلَى ضَيْعَةٍ وَاحِدَةٍ، وَٱلضَّيْعَةُ ٱلَّتِي لَمْ يُمْطَرْ عَلَيْهَا جَفَّتْ.٧
8 इसलिए दो तीन नगरों के लोग पानी पीने को मारे-मारे फिरते हुए एक ही नगर में आए, परन्तु तृप्त न हुए; तो भी तुम मेरी ओर न फिरे,” यहोवा की यही वाणी है।
فَجَالَتْ مَدِينَتَانِ أَوْ ثَلَاثٌ إِلَى مَدِينَةٍ وَاحِدَةٍ لِتَشْرَبَ مَاءً وَلَمْ تَشْبَعْ، فَلَمْ تَرْجِعُوا إِلَيَّ، يَقُولُ ٱلرَّبُّ.٨
9 “मैंने तुम को लूह और गेरूई से मारा है; और जब तुम्हारी वाटिकाएँ और दाख की बारियाँ, और अंजीर और जैतून के वृक्ष बहुत हो गए, तब टिड्डियाँ उन्हें खा गईं; तो भी तुम मेरी ओर फिरकर न आए,” यहोवा की यही वाणी है।
ضَرْبَتُكُمْ بِٱللَّفْحِ وَٱلْيَرَقَانِ. كَثِيرًا مَا أَكَلَ ٱلْقَمَصُ جَنَّاتِكُمْ وَكُرُومَكُمْ وَتِينَكُمْ وَزَيْتُونَكُمْ، فَلَمْ تَرْجِعُوا إِلَيَّ، يَقُولُ ٱلرَّبُّ.٩
10 १० “मैंने तुम्हारे बीच में मिस्र देश की सी मरी फैलाई; मैंने तुम्हारे घोड़ों को छिनवा कर तुम्हारे जवानों को तलवार से घात करा दिया; और तुम्हारी छावनी की दुर्गन्ध तुम्हारे पास पहुँचाई; तो भी तुम मेरी ओर फिरकर न आए,” यहोवा की यही वाणी है।
أَرْسَلْتُ بَيْنَكُمْ وَبَأً عَلَى طَرِيقَةِ مِصْرَ. قَتَلْتُ بِٱلسَّيْفِ فِتْيَانَكُمْ مَعَ سَبْيِ خَيْلِكُمْ، وَأَصْعَدْتُ نَتْنَ مَحَالِّكُمْ حَتَّى إِلَى أُنُوفِكُمْ، فَلَمْ تَرْجِعُوا إِلَيَّ، يَقُولُ ٱلرَّبُّ.١٠
11 ११ “मैंने तुम में से कई एक को ऐसा उलट दिया, जैसे परमेश्वर ने सदोम और गमोरा को उलट दिया था, और तुम आग से निकाली हुई लकड़ी के समान ठहरे; तो भी तुम मेरी ओर फिरकर न आए,” यहोवा की यही वाणी है।
قَلَبْتُ بَعْضَكُمْ كَمَا قَلَبَ ٱللهُ سَدُومَ وَعَمُورَةَ، فَصِرْتُمْ كَشُعْلَةٍ مُنْتَشَلَةٍ مِنَ ٱلْحَرِيقِ، فَلَمْ تَرْجِعُوا إِلَيَّ، يَقُولُ ٱلرَّبُّ.١١
12 १२ “इस कारण, हे इस्राएल, मैं तुझ से ऐसा ही करूँगा, और इसलिए कि मैं तुझ में यह काम करने पर हूँ, हे इस्राएल, अपने परमेश्वर के सामने आने के लिये तैयार हो जा!”
«لِذَلِكَ هَكَذَا أَصْنَعُ بِكَ يَا إِسْرَائِيلُ. فَمِنْ أَجْلِ أَنِّي أَصْنَعُ بِكَ هَذَا، فَٱسْتَعِدَّ لِلِقَاءِ إِلَهِكَ يَا إِسْرَائِيلُ».١٢
13 १३ देख, पहाड़ों का बनानेवाला और पवन का सिरजनेवाला, और मनुष्य को उसके मन का विचार बतानेवाला और भोर को अंधकार करनेवाला, और जो पृथ्वी के ऊँचे स्थानों पर चलनेवाला है, उसी का नाम सेनाओं का परमेश्वर यहोवा है!
فَإِنَّهُ هُوَذَا ٱلَّذِي صَنَعَ ٱلْجِبَالَ وَخَلَقَ ٱلرِّيحَ وَأَخْبَرَ ٱلْإِنْسَانَ مَا هُوَ فِكْرُهُ، ٱلَّذِي يَجْعَلُ ٱلْفَجْرَ ظَلَامًا، وَيَمْشِي عَلَى مَشَارِفِ ٱلْأَرْضِ، يَهْوَهُ إِلَهُ ٱلْجُنُودِ ٱسْمُهُ.١٣

< आमोस 4 >