< आमोस 2 >
1 १ यहोवा यह कहता है: “मोआब के तीन क्या, वरन् चार अपराधों के कारण, मैं उसका दण्ड न छोड़ूँगा; क्योंकि उसने एदोम के राजा की हड्डियों को जलाकर चूना कर दिया।
[Hæc dicit Dominus: Super tribus sceleribus Moab, et super quatuor non convertam eum, eo quod incenderit ossa regis Idumææ usque ad cinerem.
2 २ इसलिए मैं मोआब में आग लगाऊँगा, और उससे करिय्योत के भवन भस्म हो जाएँगे; और मोआब हुल्लड़ और ललकार, और नरसिंगे के शब्द होते-होते मर जाएगा।
Et mittam ignem in Moab, et devorabit ædes Carioth: et morietur in sonitu Moab, in clangore tubæ.
3 ३ मैं उसके बीच में से न्यायी का नाश करूँगा, और साथ ही साथ उसके सब हाकिमों को भी घात करूँगा,” यहोवा का यही वचन है।
Et disperdam judicem de medio ejus, et omnes principes ejus interficiam cum eo, dicit Dominus.]
4 ४ यहोवा यह कहता है: “यहूदा के तीन क्या, वरन् चार अपराधों के कारण, मैं उसका दण्ड न छोड़ूँगा; क्योंकि उन्होंने यहोवा की व्यवस्था को तुच्छ जाना और मेरी विधियों को नहीं माना; और अपने झूठे देवताओं के कारण जिनके पीछे उनके पुरखा चलते थे, वे भी भटक गए हैं।
[Hæc dicit Dominus: Super tribus sceleribus Juda, et super quatuor non convertam eum, eo quod abjecerit legem Domini et mandata ejus non custodierit: deceperant enim eos idola sua, post quæ abierant patres eorum.
5 ५ इसलिए मैं यहूदा में आग लगाऊँगा, और उससे यरूशलेम के भवन भस्म हो जाएँगे।”
Et mittam ignem in Juda, et devorabit ædes Jerusalem.
6 ६ यहोवा यह कहता है: “इस्राएल के तीन क्या, वरन् चार अपराधों के कारण, मैं उसका दण्ड न छोड़ूँगा; क्योंकि उन्होंने निर्दोष को रुपये के लिये और दरिद्र को एक जोड़ी जूतियों के लिये बेच डाला है।
Hæc dicit Dominus: Super tribus sceleribus Israël, et super quatuor non convertam eum, pro eo quod vendiderit pro argento justum, et pauperem pro calceamentis.
7 ७ वे कंगालों के सिर पर की धूल का भी लालच करते, और नम्र लोगों को मार्ग से हटा देते हैं; और बाप-बेटा दोनों एक ही कुमारी के पास जाते हैं, जिससे मेरे पवित्र नाम को अपवित्र ठहराएँ।
Qui conterunt super pulverem terræ capita pauperum, et viam humilium declinant: et filius ac pater ejus ierunt ad puellam, ut violarent nomen sanctum meum.
8 ८ वे हर एक वेदी के पास बन्धक के वस्त्रों पर सोते हैं, और दण्ड के रुपये से मोल लिया हुआ दाखमधु अपने देवता के घर में पी लेते हैं।
Et super vestimentis pignoratis accubuerunt juxta omne altare, et vinum damnatorum bibebant in domo Dei sui.
9 ९ “मैंने उनके सामने से एमोरियों को नष्ट किया था, जिनकी लम्बाई देवदारों की सी, और जिनका बल बांजवृक्षों का सा था; तो भी मैंने ऊपर से उसके फल, और नीचे से उसकी जड़ नष्ट की।
Ego autem exterminavi Amorrhæum a facie eorum, cujus altitudo, cedrorum altitudo ejus, et fortis ipse quasi quercus; et contrivi fructum ejus desuper, et radices ejus subter.
10 १० और मैं तुम को मिस्र देश से निकाल लाया, और जंगल में चालीस वर्ष तक लिए फिरता रहा, कि तुम एमोरियों के देश के अधिकारी हो जाओ।
Ego sum qui ascendere vos feci de terra Ægypti, et duxi vos in deserto quadraginta annis, ut possideretis terram Amorrhæi.
11 ११ और मैंने तुम्हारे पुत्रों में से नबी होने के लिये और तुम्हारे कुछ जवानों में से नाज़ीर होने के लिये ठहराया। हे इस्राएलियों, क्या यह सब सच नहीं है?” यहोवा की यही वाणी है।
Et suscitavi de filiis vestris in prophetas, et de juvenibus vestris nazaræos. Numquid non ita est, filii Israël? dicit Dominus.
12 १२ परन्तु तुम ने नाज़ीरों को दाखमधु पिलाया, और नबियों को आज्ञा दी कि भविष्यद्वाणी न करें।
Et propinabitis nazaræis vinum, et prophetis mandabitis, dicentes: Ne prophetetis.
13 १३ “देखो, मैं तुम को ऐसा दबाऊँगा, जैसे पूलों से भरी हुई गाड़ी नीचे को दबाई जाती है।
Ecce ego stridebo subter vos, sicut stridet plaustrum onustum fœno.
14 १४ इसलिए वेग दौड़नेवाले को भाग जाने का स्थान न मिलेगा, और सामर्थी का सामर्थ्य कुछ काम न देगा; और न पराक्रमी अपना प्राण बचा सकेगा;
Et peribit fuga a veloce, et fortis non obtinebit virtutem suam, et robustus non salvabit animam suam:
15 १५ धनुर्धारी खड़ा न रह सकेगा, और फुर्ती से दौड़नेवाला न बचेगा; घुड़सवार भी अपना प्राण न बचा सकेगा;
et tenens arcum non stabit, et velox pedibus suis non salvabitur, et ascensor equi non salvabit animam suam:
16 १६ और शूरवीरों में जो अधिक वीर हो, वह भी उस दिन नंगा होकर भाग जाएगा,” यहोवा की यही वाणी है।
et robustus corde inter fortes nudus fugiet in illa die, dicit Dominus.]