< प्रेरितों के काम 8 >
1 १ शाऊल उसकी मृत्यु के साथ सहमत था। उसी दिन यरूशलेम की कलीसिया पर बड़ा उपद्रव होने लगा और प्रेरितों को छोड़ सब के सब यहूदिया और सामरिया देशों में तितर-बितर हो गए।
১তস্য হত্যাকরণং শৌলোপি সমমন্যত| তস্মিন্ সমযে যিরূশালম্নগরস্থাং মণ্ডলীং প্রতি মহাতাডনাযাং জাতাযাং প্রেরিতলোকান্ হিৎৱা সর্ৱ্ৱেঽপরে যিহূদাশোমিরোণদেশযো র্নানাস্থানে ৱিকীর্ণাঃ সন্তো গতাঃ|
2 २ और भक्तों ने स्तिफनुस को कब्र में रखा; और उसके लिये बड़ा विलाप किया।
২অন্যচ্চ ভক্তলোকাস্তং স্তিফানং শ্মশানে স্থাপযিৎৱা বহু ৱ্যলপন্|
3 ३ पर शाऊल कलीसिया को उजाड़ रहा था; और घर-घर घुसकर पुरुषों और स्त्रियों को घसीट-घसीट कर बन्दीगृह में डालता था।
৩কিন্তু শৌলো গৃহে গৃহে ভ্রমিৎৱা স্ত্রিযঃ পুরুষাংশ্চ ধৃৎৱা কারাযাং বদ্ধ্ৱা মণ্ডল্যা মহোৎপাতং কৃতৱান্|
4 ४ मगर जो तितर-बितर हुए थे, वे सुसमाचार सुनाते हुए फिरे।
৪অন্যচ্চ যে ৱিকীর্ণা অভৱন্ তে সর্ৱ্ৱত্র ভ্রমিৎৱা সুসংৱাদং প্রাচারযন্|
5 ५ और फिलिप्पुस सामरिया नगर में जाकर लोगों में मसीह का प्रचार करने लगा।
৫তদা ফিলিপঃ শোমিরোণ্নগরং গৎৱা খ্রীষ্টাখ্যানং প্রাচারযৎ;
6 ६ जो बातें फिलिप्पुस ने कहीं उन्हें लोगों ने सुनकर और जो चिन्ह वह दिखाता था उन्हें देख देखकर, एक चित्त होकर मन लगाया।
৬ততোঽশুচি-ভৃতগ্রস্তলোকেভ্যো ভূতাশ্চীৎকৃত্যাগচ্ছন্ তথা বহৱঃ পক্ষাঘাতিনঃ খঞ্জা লোকাশ্চ স্ৱস্থা অভৱন্|
7 ७ क्योंकि बहुतों में से अशुद्ध आत्माएँ बड़े शब्द से चिल्लाती हुई निकल गईं, और बहुत से लकवे के रोगी और लँगड़े भी अच्छे किए गए।
৭তস্মাৎ লাকা ঈদৃশং তস্যাশ্চর্য্যং কর্ম্ম ৱিলোক্য নিশম্য চ সর্ৱ্ৱ একচিত্তীভূয তেনোক্তাখ্যানে মনাংসি ন্যদধুঃ|
8 ८ और उस नगर में बड़ा आनन्द छा गया।
৮তস্মিন্নগরে মহানন্দশ্চাভৱৎ|
9 ९ इससे पहले उस नगर में शमौन नामक एक मनुष्य था, जो जादू-टोना करके सामरिया के लोगों को चकित करता और अपने आपको एक बड़ा पुरुष बताता था।
৯ততঃ পূর্ৱ্ৱং তস্মিন্নগরে শিমোন্নামা কশ্চিজ্জনো বহ্ৱী র্মাযাক্রিযাঃ কৃৎৱা স্ৱং কঞ্চন মহাপুরুষং প্রোচ্য শোমিরোণীযানাং মোহং জনযামাস|
10 १० और सब छोटे से लेकर बड़े तक उसका सम्मान कर कहते थे, “यह मनुष्य परमेश्वर की वह शक्ति है, जो महान कहलाती है।”
১০তস্মাৎ স মানুষ ঈশ্ৱরস্য মহাশক্তিস্ৱরূপ ইত্যুক্ত্ৱা বালৱৃদ্ধৱনিতাঃ সর্ৱ্ৱে লাকাস্তস্মিন্ মনাংসি ন্যদধুঃ|
11 ११ उसने बहुत दिनों से उन्हें अपने जादू के कामों से चकित कर रखा था, इसलिए वे उसको बहुत मानते थे।
১১স বহুকালান্ মাযাৱিক্রিযযা সর্ৱ্ৱান্ অতীৱ মোহযাঞ্চকার, তস্মাৎ তে তং মেনিরে|
12 १२ परन्तु जब उन्होंने फिलिप्पुस का विश्वास किया जो परमेश्वर के राज्य और यीशु मसीह के नाम का सुसमाचार सुनाता था तो लोग, क्या पुरुष, क्या स्त्री बपतिस्मा लेने लगे।
১২কিন্ত্ৱীশ্ৱরস্য রাজ্যস্য যীশুখ্রীষ্টস্য নাম্নশ্চাখ্যানপ্রচারিণঃ ফিলিপস্য কথাযাং ৱিশ্ৱস্য তেষাং স্ত্রীপুরুষোভযলোকা মজ্জিতা অভৱন্|
13 १३ तब शमौन ने स्वयं भी विश्वास किया और बपतिस्मा लेकर फिलिप्पुस के साथ रहने लगा और चिन्ह और बड़े-बड़े सामर्थ्य के काम होते देखकर चकित होता था।
১৩শেষে স শিমোনপি স্ৱযং প্রত্যৈৎ ততো মজ্জিতঃ সন্ ফিলিপেন কৃতাম্ আশ্চর্য্যক্রিযাং লক্ষণঞ্চ ৱিলোক্যাসম্ভৱং মন্যমানস্তেন সহ স্থিতৱান্|
14 १४ जब प्रेरितों ने जो यरूशलेम में थे सुना कि सामरियों ने परमेश्वर का वचन मान लिया है तो पतरस और यूहन्ना को उनके पास भेजा।
১৪ইত্থং শোমিরোণ্দেশীযলোকা ঈশ্ৱরস্য কথাম্ অগৃহ্লন্ ইতি ৱার্ত্তাং যিরূশালম্নগরস্থপ্রেরিতাঃ প্রাপ্য পিতরং যোহনঞ্চ তেষাং নিকটে প্রেষিতৱন্তঃ|
15 १५ और उन्होंने जाकर उनके लिये प्रार्थना की ताकि पवित्र आत्मा पाएँ।
১৫ততস্তৌ তৎ স্থানম্ উপস্থায লোকা যথা পৱিত্রম্ আত্মানং প্রাপ্নুৱন্তি তদর্থং প্রার্থযেতাং|
16 १६ क्योंकि पवित्र आत्मा अब तक उनमें से किसी पर न उतरा था, उन्होंने तो केवल प्रभु यीशु के नाम में बपतिस्मा लिया था।
১৬যতস্তে পুরা কেৱলপ্রভুযীশো র্নাম্না মজ্জিতমাত্রা অভৱন্, ন তু তেষাং মধ্যে কমপি প্রতি পৱিত্রস্যাত্মন আৱির্ভাৱো জাতঃ|
17 १७ तब उन्होंने उन पर हाथ रखे और उन्होंने पवित्र आत्मा पाया।
১৭কিন্তু প্রেরিতাভ্যাং তেষাং গাত্রেষু করেষ্ৱর্পিতেষু সৎসু তে পৱিত্রম্ আত্মানম্ প্রাপ্নুৱন্|
18 १८ जब शमौन ने देखा कि प्रेरितों के हाथ रखने से पवित्र आत्मा दिया जाता है, तो उनके पास रुपये लाकर कहा,
১৮ইত্থং লোকানাং গাত্রেষু প্রেরিতযোঃ করার্পণেন তান্ পৱিত্রম্ আত্মানং প্রাপ্তান্ দৃষ্ট্ৱা স শিমোন্ তযোঃ সমীপে মুদ্রা আনীয কথিতৱান্;
19 १९ “यह शक्ति मुझे भी दो, कि जिस किसी पर हाथ रखूँ, वह पवित्र आत्मा पाए।”
১৯অহং যস্য গাত্রে হস্তম্ অর্পযিষ্যামি তস্যাপি যথেত্থং পৱিত্রাত্মপ্রাপ্তি র্ভৱতি তাদৃশীং শক্তিং মহ্যং দত্তং|
20 २० पतरस ने उससे कहा, “तेरे रुपये तेरे साथ नाश हों, क्योंकि तूने परमेश्वर का दान रुपयों से मोल लेने का विचार किया।
২০কিন্তু পিতরস্তং প্রত্যৱদৎ তৱ মুদ্রাস্ত্ৱযা ৱিনশ্যন্তু যত ঈশ্ৱরস্য দানং মুদ্রাভিঃ ক্রীযতে ৎৱমিত্থং বুদ্ধৱান্;
21 २१ इस बात में न तेरा हिस्सा है, न भाग; क्योंकि तेरा मन परमेश्वर के आगे सीधा नहीं।
২১ঈশ্ৱরায তাৱন্তঃকরণং সরলং নহি, তস্মাদ্ অত্র তৱাংশোঽধিকারশ্চ কোপি নাস্তি|
22 २२ इसलिए अपनी इस बुराई से मन फिराकर प्रभु से प्रार्थना कर, सम्भव है तेरे मन का विचार क्षमा किया जाए।
২২অত এতৎপাপহেতোঃ খেদান্ৱিতঃ সন্ কেনাপি প্রকারেণ তৱ মনস এতস্যাঃ কুকল্পনাযাঃ ক্ষমা ভৱতি, এতদর্থম্ ঈশ্ৱরে প্রার্থনাং কুরু;
23 २३ क्योंकि मैं देखता हूँ, कि तू पित्त की कड़वाहट और अधर्म के बन्धन में पड़ा है।”
২৩যতস্ত্ৱং তিক্তপিত্তে পাপস্য বন্ধনে চ যদসি তন্মযা বুদ্ধম্|
24 २४ शमौन ने उत्तर दिया, “तुम मेरे लिये प्रभु से प्रार्थना करो कि जो बातें तुम ने कहीं, उनमें से कोई मुझ पर न आ पड़े।”
২৪তদা শিমোন্ অকথযৎ তর্হি যুৱাভ্যামুদিতা কথা মযি যথা ন ফলতি তদর্থং যুৱাং মন্নিমিত্তং প্রভৌ প্রার্থনাং কুরুতং|
25 २५ अतः पतरस और यूहन्ना गवाही देकर और प्रभु का वचन सुनाकर, यरूशलेम को लौट गए, और सामरियों के बहुत से गाँवों में सुसमाचार सुनाते गए।
২৫অনেন প্রকারেণ তৌ সাক্ষ্যং দত্ত্ৱা প্রভোঃ কথাং প্রচারযন্তৌ শোমিরোণীযানাম্ অনেকগ্রামেষু সুসংৱাদঞ্চ প্রচারযন্তৌ যিরূশালম্নগরং পরাৱৃত্য গতৌ|
26 २६ फिर प्रभु के एक स्वर्गदूत ने फिलिप्पुस से कहा, “उठकर दक्षिण की ओर उस मार्ग पर जा, जो यरूशलेम से गाज़ा को जाता है। यह रेगिस्तानी मार्ग है।”
২৬ততঃ পরম্ ঈশ্ৱরস্য দূতঃ ফিলিপম্ ইত্যাদিশৎ, ৎৱমুত্থায দক্ষিণস্যাং দিশি যো মার্গো প্রান্তরস্য মধ্যেন যিরূশালমো ঽসানগরং যাতি তং মার্গং গচ্ছ|
27 २७ वह उठकर चल दिया, और तब, कूश देश का एक मनुष्य आ रहा था, जो खोजा और कूशियों की रानी कन्दाके का मंत्री और खजांची था, और आराधना करने को यरूशलेम आया था।
২৭ততঃ স উত্থায গতৱান্; তদা কন্দাকীনাম্নঃ কূশ্লোকানাং রাজ্ঞ্যাঃ সর্ৱ্ৱসম্পত্তেরধীশঃ কূশদেশীয একঃ ষণ্ডো ভজনার্থং যিরূশালম্নগরম্ আগত্য
28 २८ और वह अपने रथ पर बैठा हुआ था, और यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्तक पढ़ता हुआ लौटा जा रहा था।
২৮পুনরপি রথমারুহ্য যিশযিযনাম্নো ভৱিষ্যদ্ৱাদিনো গ্রন্থং পঠন্ প্রত্যাগচ্ছতি|
29 २९ तब पवित्र आत्मा ने फिलिप्पुस से कहा, “निकट जाकर इस रथ के साथ हो ले।”
২৯এতস্মিন্ সমযে আত্মা ফিলিপম্ অৱদৎ, ৎৱম্ রথস্য সমীপং গৎৱা তেন সার্দ্ধং মিল|
30 ३० फिलिप्पुस उसकी ओर दौड़ा और उसे यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्तक पढ़ते हुए सुना, और पूछा, “तू जो पढ़ रहा है क्या उसे समझता भी है?”
৩০তস্মাৎ স ধাৱন্ তস্য সন্নিধাৱুপস্থায তেন পঠ্যমানং যিশযিযথৱিষ্যদ্ৱাদিনো ৱাক্যং শ্রুৎৱা পৃষ্টৱান্ যৎ পঠসি তৎ কিং বুধ্যসে?
31 ३१ उसने कहा, “जब तक कोई मुझे न समझाए तो मैं कैसे समझूँ?” और उसने फिलिप्पुस से विनती की, कि चढ़कर उसके पास बैठे।
৩১ততঃ স কথিতৱান্ কেনচিন্ন বোধিতোহং কথং বুধ্যেয? ততঃ স ফিলিপং রথমারোঢুং স্ৱেন সার্দ্ধম্ উপৱেষ্টুঞ্চ ন্যৱেদযৎ|
32 ३२ पवित्रशास्त्र का जो अध्याय वह पढ़ रहा था, वह यह था: “वह भेड़ के समान वध होने को पहुँचाया गया, और जैसा मेम्ना अपने ऊन कतरनेवालों के सामने चुपचाप रहता है, वैसे ही उसने भी अपना मुँह न खोला,
৩২স শাস্ত্রস্যেতদ্ৱাক্যং পঠিতৱান্ যথা, সমানীযত ঘাতায স যথা মেষশাৱকঃ| লোমচ্ছেদকসাক্ষাচ্চ মেষশ্চ নীরৱো যথা| আবধ্য ৱদনং স্ৱীযং তথা স সমতিষ্ঠত|
33 ३३ उसकी दीनता में उसका न्याय होने नहीं पाया, और उसके समय के लोगों का वर्णन कौन करेगा? क्योंकि पृथ्वी से उसका प्राण उठा लिया जाता है।”
৩৩অন্যাযেন ৱিচারেণ স উচ্ছিন্নো ঽভৱৎ তদা| তৎকালীনমনুষ্যান্ কো জনো ৱর্ণযিতুং ক্ষমঃ| যতো জীৱন্নৃণাং দেশাৎ স উচ্ছিন্নো ঽভৱৎ ধ্রুৱং|
34 ३४ इस पर खोजे ने फिलिप्पुस से पूछा, “मैं तुझ से विनती करता हूँ, यह बता कि भविष्यद्वक्ता यह किसके विषय में कहता है, अपने या किसी दूसरे के विषय में?”
৩৪অনন্তরং স ফিলিপম্ অৱদৎ নিৱেদযামি, ভৱিষ্যদ্ৱাদী যামিমাং কথাং কথযামাস স কিং স্ৱস্মিন্ ৱা কস্মিংশ্চিদ্ অন্যস্মিন্?
35 ३५ तब फिलिप्पुस ने अपना मुँह खोला, और इसी शास्त्र से आरम्भ करके उसे यीशु का सुसमाचार सुनाया।
৩৫ততঃ ফিলিপস্তৎপ্রকরণম্ আরভ্য যীশোরুপাখ্যানং তস্যাগ্রে প্রাস্তৌৎ|
36 ३६ मार्ग में चलते-चलते वे किसी जल की जगह पहुँचे, तब खोजे ने कहा, “देख यहाँ जल है, अब मुझे बपतिस्मा लेने में क्या रोक है?”
৩৬ইত্থং মার্গেণ গচ্ছন্তৌ জলাশযস্য সমীপ উপস্থিতৌ; তদা ক্লীবোঽৱাদীৎ পশ্যাত্র স্থানে জলমাস্তে মম মজ্জনে কা বাধা?
37 ३७ फिलिप्पुस ने कहा, “यदि तू सारे मन से विश्वास करता है तो ले सकता है।” उसने उत्तर दिया, “मैं विश्वास करता हूँ कि यीशु मसीह परमेश्वर का पुत्र है।”
৩৭ততঃ ফিলিপ উত্তরং ৱ্যাহরৎ স্ৱান্তঃকরণেন সাকং যদি প্রত্যেষি তর্হি বাধা নাস্তি| ততঃ স কথিতৱান্ যীশুখ্রীষ্ট ঈশ্ৱরস্য পুত্র ইত্যহং প্রত্যেমি|
38 ३८ तब उसने रथ खड़ा करने की आज्ञा दी, और फिलिप्पुस और खोजा दोनों जल में उतर पड़े, और उसने उसे बपतिस्मा दिया।
৩৮তদা রথং স্থগিতং কর্ত্তুম্ আদিষ্টে ফিলিপক্লীবৌ দ্ৱৌ জলম্ অৱারুহতাং; তদা ফিলিপস্তম্ মজ্জযামাস|
39 ३९ जब वे जल में से निकलकर ऊपर आए, तो प्रभु का आत्मा फिलिप्पुस को उठा ले गया, और खोजे ने उसे फिर न देखा, और वह आनन्द करता हुआ अपने मार्ग चला गया।
৩৯তৎপশ্চাৎ জলমধ্যাদ্ উত্থিতযোঃ সতোঃ পরমেশ্ৱরস্যাত্মা ফিলিপং হৃৎৱা নীতৱান্, তস্মাৎ ক্লীবঃ পুনস্তং ন দৃষ্টৱান্ তথাপি হৃষ্টচিত্তঃ সন্ স্ৱমার্গেণ গতৱান্|
40 ४० पर फिलिप्पुस अश्दोद में आ निकला, और जब तक कैसरिया में न पहुँचा, तब तक नगर-नगर सुसमाचार सुनाता गया।
৪০ফিলিপশ্চাস্দোদ্নগরম্ উপস্থায তস্মাৎ কৈসরিযানগর উপস্থিতিকালপর্য্যনতং সর্ৱ্ৱস্মিন্নগরে সুসংৱাদং প্রচারযন্ গতৱান্|