< प्रेरितों के काम 7 >

1 तब महायाजक ने कहा, “क्या ये बातें सत्य है?”
آنگاه رئیس کهنه گفت: «آیا این امور چنین است؟»۱
2 उसने कहा, “हे भाइयों, और पिताओं सुनो, हमारा पिता अब्राहम हारान में बसने से पहले जब मेसोपोटामिया में था; तो तेजोमय परमेश्वर ने उसे दर्शन दिया।
او گفت: «ای برادران و پدران، گوش دهید. خدای ذوالجلال بر پدر ما ابراهیم ظاهر شد وقتی که در جزیره بود قبل از توقفش در حران.۲
3 और उससे कहा, ‘तू अपने देश और अपने कुटुम्ब से निकलकर उस देश में चला जा, जिसे मैं तुझे दिखाऊँगा।’
و بدوگفت: “از وطن خود و خویشانت بیرون شده، به زمینی که تو را نشان دهم برو.”۳
4 तब वह कसदियों के देश से निकलकर हारान में जा बसा; और उसके पिता की मृत्यु के बाद परमेश्वर ने उसको वहाँ से इस देश में लाकर बसाया जिसमें अब तुम बसते हो,
پس از دیارکلدانیان روانه شده، در حران درنگ نمود؛ و بعداز وفات پدرش، او را کوچ داد به سوی این زمین که شما الان در آن ساکن می‌باشید.۴
5 और परमेश्वर ने उसको कुछ विरासत न दी, वरन् पैर रखने भर की भी उसमें जगह न दी, यद्यपि उस समय उसके कोई पुत्र भी न था। फिर भी प्रतिज्ञा की, ‘मैं यह देश, तेरे और तेरे बाद तेरे वंश के हाथ कर दूँगा।’
و او را در این زمین میراثی، حتی بقدر جای پای خود نداد، لیکن وعده داد که آن را به وی و بعد از او به ذریتش به ملکیت دهد، هنگامی که هنوز اولادی نداشت.۵
6 और परमेश्वर ने यह कहा, ‘तेरी सन्तान के लोग पराए देश में परदेशी होंगे, और वे उन्हें दास बनाएँगे, और चार सौ वर्ष तक दुःख देंगे।’
و خدا گفت که “ذریت تو در ملک بیگانه، غریب خواهند بود و مدت چهار صد سال ایشان را به بندگی کشیده، معذب خواهندداشت.”۶
7 फिर परमेश्वर ने कहा, ‘जिस जाति के वे दास होंगे, उसको मैं दण्ड दूँगा; और इसके बाद वे निकलकर इसी जगह मेरी सेवा करेंगे।’
و خدا گفت: “من بر آن طایفه‌ای که ایشان را مملوک سازند داوری خواهم نمود و بعداز آن بیرون آمده، در این مکان مرا عبادت خواهند نمود.”۷
8 और उसने उससे खतने की वाचा बाँधी; और इसी दशा में इसहाक उससे उत्पन्न हुआ; और आठवें दिन उसका खतना किया गया; और इसहाक से याकूब और याकूब से बारह कुलपति उत्पन्न हुए।
و عهد ختنه را به وی داد که بنابراین چون اسحاق را آورد، در روز هشتم او رامختون ساخت و اسحاق یعقوب را و یعقوب دوازده پطریارخ را.۸
9 “और कुलपतियों ने यूसुफ से ईर्ष्या करके उसे मिस्र देश जानेवालों के हाथ बेचा; परन्तु परमेश्वर उसके साथ था।
«و پطریارخان به یوسف حسد برده، او را به مصر فروختند. اما خدا با وی می‌بود۹
10 १० और उसे उसके सब क्लेशों से छुड़ाकर मिस्र के राजा फ़िरौन के आगे अनुग्रह और बुद्धि दी, उसने उसे मिस्र पर और अपने सारे घर पर राज्यपाल ठहराया।
و او را ازتمامی زحمت او رستگار نموده، در حضورفرعون، پادشاه مصر توفیق و حکمت عطا فرمودتا او را بر مصر و تمام خاندان خود فرمان فرما قرارداد.۱۰
11 ११ तब मिस्र और कनान के सारे देश में अकाल पड़ा; जिससे भारी क्लेश हुआ, और हमारे पूर्वजों को अन्न नहीं मिलता था।
پس قحطی و ضیقی شدید بر همه ولایت مصر و کنعان رخ نمود، بحدی که اجداد ما قوتی نیافتند.۱۱
12 १२ परन्तु याकूब ने यह सुनकर, कि मिस्र में अनाज है, हमारे पूर्वजों को पहली बार भेजा।
اما چون یعقوب شنید که در مصر غله یافت می‌شود، بار اول اجداد ما را فرستاد.۱۲
13 १३ और दूसरी बार यूसुफ अपने भाइयों पर प्रगट हो गया, और यूसुफ की जाति फ़िरौन को मालूम हो गई।
ودر کرت دوم یوسف خود را به برادران خودشناسانید و قبیله یوسف به نظر فرعون رسیدند.۱۳
14 १४ तब यूसुफ ने अपने पिता याकूब और अपने सारे कुटुम्ब को, जो पचहत्तर व्यक्ति थे, बुला भेजा।
پس یوسف فرستاده، پدر خود یعقوب و سایرعیالش را که هفتاد و پنج نفر بودند، طلبید.۱۴
15 १५ तब याकूब मिस्र में गया; और वहाँ वह और हमारे पूर्वज मर गए।
پس یعقوب به مصر فرود آمده، او و اجداد ما وفات یافتند.۱۵
16 १६ उनके शव शेकेम में पहुँचाए जाकर उस कब्र में रखे गए, जिसे अब्राहम ने चाँदी देकर शेकेम में हमोर की सन्तान से मोल लिया था।
و ایشان را به شکیم برده، در مقبره‌ای که ابراهیم از بنی حمور، پدر شکیم به مبلغی خریده بود، دفن کردند.۱۶
17 १७ “परन्तु जब उस प्रतिज्ञा के पूरे होने का समय निकट आया, जो परमेश्वर ने अब्राहम से की थी, तो मिस्र में वे लोग बढ़ गए; और बहुत हो गए।
«و چون هنگام وعده‌ای که خدا با ابراهیم قسم خورده بود نزدیک شد، قوم در مصر نموکرده، کثیر می‌گشتند.۱۷
18 १८ तब मिस्र में दूसरा राजा हुआ जो यूसुफ को नहीं जानता था।
تا وقتی که پادشاه دیگرکه یوسف را نمی شناخت برخاست.۱۸
19 १९ उसने हमारी जाति से चतुराई करके हमारे बापदादों के साथ यहाँ तक बुरा व्यवहार किया, कि उन्हें अपने बालकों को फेंक देना पड़ा कि वे जीवित न रहें।
او با قوم ما حیله نموده، اجداد ما را ذلیل ساخت تا اولادخود را بیرون انداختند تا زیست نکنند.۱۹
20 २० उस समय मूसा का जन्म हुआ; और वह परमेश्वर की दृष्टि में बहुत ही सुन्दर था; और वह तीन महीने तक अपने पिता के घर में पाला गया।
در آن وقت موسی تولد یافت وبغایت جمیل بوده، مدت سه ماه در خانه پدر خود پرورش یافت.۲۰
21 २१ परन्तु जब फेंक दिया गया तो फ़िरौन की बेटी ने उसे उठा लिया, और अपना पुत्र करके पाला।
و چون او را بیرون افکندند، دختر فرعون او رابرداشته، برای خود به فرزندی تربیت نمود.۲۱
22 २२ और मूसा को मिस्रियों की सारी विद्या पढ़ाई गई, और वह वचन और कामों में सामर्थी था।
وموسی در تمامی حکمت اهل مصر تربیت یافته، در قول و فعل قوی گشت.۲۲
23 २३ “जब वह चालीस वर्ष का हुआ, तो उसके मन में आया कि अपने इस्राएली भाइयों से भेंट करे।
چون چهل سال ازعمر وی سپری گشت، به‌خاطرش رسید که ازبرادران خود، خاندان اسرائیل تفقد نماید.۲۳
24 २४ और उसने एक व्यक्ति पर अन्याय होते देखकर, उसे बचाया, और मिस्री को मारकर सताए हुए का पलटा लिया।
وچون یکی را مظلوم دید او را حمایت نمود وانتقام آن عاجز را کشیده، آن مصری را بکشت.۲۴
25 २५ उसने सोचा, कि उसके भाई समझेंगे कि परमेश्वर उसके हाथों से उनका उद्धार करेगा, परन्तु उन्होंने न समझा।
پس گمان برد که بردرانش خواهند فهمید که خدا به‌دست او ایشان را نجات خواهد داد. امانفهمیدند.۲۵
26 २६ दूसरे दिन जब इस्राएली आपस में लड़ रहे थे, तो वह वहाँ जा पहुँचा; और यह कहकर उन्हें मेल करने के लिये समझाया, कि हे पुरुषों, ‘तुम तो भाई-भाई हो, एक दूसरे पर क्यों अन्याय करते हो?’
و در فردای آن روز خود را به دو نفراز ایشان که منازعه می‌نمودند، ظاهر کرد وخواست مابین ایشان مصالحه دهد. پس گفت: “ای مردان، شما برادر می‌باشید. به یکدیگر چرا ظلم می‌کنید؟”۲۶
27 २७ परन्तु जो अपने पड़ोसी पर अन्याय कर रहा था, उसने उसे यह कहकर धक्का दिया, ‘तुझे किसने हम पर अधिपति और न्यायाधीश ठहराया है?
آنگاه آنکه بر همسایه خودتعدی می‌نمود، او را رد کرده، گفت: “که تو را بر ماحاکم و داور ساخت؟۲۷
28 २८ क्या जिस रीति से तूने कल मिस्री को मार डाला मुझे भी मार डालना चाहता है?’
آیا می‌خواهی مرابکشی چنانکه آن مصری را دیروز کشتی؟”۲۸
29 २९ यह बात सुनकर, मूसा भागा और मिद्यान देश में परदेशी होकर रहने लगा: और वहाँ उसके दो पुत्र उत्पन्न हुए।
پس موسی از این سخن فرار کرده، در زمین مدیان غربت اختیار کرد و در آنجا دو پسر آورد.۲۹
30 ३० “जब पूरे चालीस वर्ष बीत गए, तो एक स्वर्गदूत ने सीनै पहाड़ के जंगल में उसे जलती हुई झाड़ी की ज्वाला में दर्शन दिया।
و چون چهل سال گذشت، در بیابان کوه سینا، فرشته خداوند در شعله آتش از بوته به وی ظاهر شد.۳۰
31 ३१ मूसा ने उस दर्शन को देखकर अचम्भा किया, और जब देखने के लिये पास गया, तो प्रभु की यह वाणी सुनाई दी,
موسی چون این را دید از آن رویا درعجب شد و چون نزدیک می‌آمد تا نظر کند، خطاب از خداوند به وی رسید۳۱
32 ३२ ‘मैं तेरे पूर्वज, अब्राहम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर और याकूब का परमेश्वर हूँ।’ तब तो मूसा काँप उठा, यहाँ तक कि उसे देखने का साहस न रहा।
که “منم خدای پدرانت، خدای ابراهیم و خدای اسحاق و خدای یعقوب.” آنگاه موسی به لرزه درآمده، جسارت نکرد که نظر کند.۳۲
33 ३३ तब प्रभु ने उससे कहा, ‘अपने पाँवों से जूती उतार ले, क्योंकि जिस जगह तू खड़ा है, वह पवित्र भूमि है।
خداوند به وی گفت: “نعلین از پایهایت بیرون کن زیرا جایی که در آن ایستاده‌ای، زمین مقدس است.۳۳
34 ३४ मैंने सचमुच अपने लोगों की दुर्दशा को जो मिस्र में है, देखी है; और उनकी आहें और उनका रोना सुन लिया है; इसलिए उन्हें छुड़ाने के लिये उतरा हूँ। अब आ, मैं तुझे मिस्र में भेजूँगा।
همانا مشقت قوم خود را که در مصرند دیدم و ناله ایشان راشنیدم و برای رهانیدن ایشان نزول فرمودم. الحال بیا تا تو را به مصر فرستم.”۳۴
35 ३५ “जिस मूसा को उन्होंने यह कहकर नकारा था, ‘तुझे किसने हम पर अधिपति और न्यायाधीश ठहराया है?’ उसी को परमेश्वर ने अधिपति और छुड़ानेवाला ठहराकर, उस स्वर्गदूत के द्वारा जिसने उसे झाड़ी में दर्शन दिया था, भेजा।
همان موسی را که رد کرده، گفتند: “که تو را حاکم و داورساخت؟” خدا حاکم و نجات‌دهنده مقرر فرموده، به‌دست فرشته‌ای که در بوته بر وی ظاهر شد، فرستاد.۳۵
36 ३६ यही व्यक्ति मिस्र और लाल समुद्र और जंगल में चालीस वर्ष तक अद्भुत काम और चिन्ह दिखा दिखाकर उन्हें निकाल लाया।
او با معجزات و آیاتی که مدت چهل سال در زمین مصر و بحر قلزم و صحرا به ظهورمی آورد، ایشان را بیرون آورد.۳۶
37 ३७ यह वही मूसा है, जिसने इस्राएलियों से कहा, ‘परमेश्वर तुम्हारे भाइयों में से तुम्हारे लिये मेरे जैसा एक भविष्यद्वक्ता उठाएगा।’
این همان موسی است که به بنی‌اسرائیل گفت: “خدا نبی‌ای را مثل من از میان برادران شما برای شما مبعوث خواهد کرد. سخن او را بشنوید.”۳۷
38 ३८ यह वही है, जिसने जंगल में मण्डली के बीच उस स्वर्गदूत के साथ सीनै पहाड़ पर उससे बातें की, और हमारे पूर्वजों के साथ था, उसी को जीवित वचन मिले, कि हम तक पहुँचाए।
همین است آنکه در جماعت در صحرا باآن فرشته‌ای که در کوه سینا بدو سخن می‌گفت وبا پدران ما بود و کلمات زنده را یافت تا به مارساند،۳۸
39 ३९ परन्तु हमारे पूर्वजों ने उसकी मानना न चाहा; वरन् उसे ठुकराकर अपने मन मिस्र की ओर फेरे,
که پدران ما نخواستند او را مطیع شوندبلکه او را رد کرده، دلهای خود را به سوی مصرگردانیدند،۳۹
40 ४० और हारून से कहा, ‘हमारे लिये ऐसा देवता बना, जो हमारे आगे-आगे चलें; क्योंकि यह मूसा जो हमें मिस्र देश से निकाल लाया, हम नहीं जानते उसे क्या हुआ?’
و به هارون گفتند: “برای ما خدایان ساز که در‌پیش ما بخرامند زیرا این موسی که ما رااز زمین مصر برآورد، نمی دانیم او را چه شده است.”۴۰
41 ४१ उन दिनों में उन्होंने एक बछड़ा बनाकर, उसकी मूरत के आगे बलि चढ़ाया; और अपने हाथों के कामों में मगन होने लगे।
پس در آن ایام گوساله‌ای ساختند وبدان بت قربانی گذرانیده به اعمال دستهای خودشادی کردند.۴۱
42 ४२ अतः परमेश्वर ने मुँह मोड़कर उन्हें छोड़ दिया, कि आकाशगण पूजें, जैसा भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तक में लिखा है, ‘हे इस्राएल के घराने, क्या तुम जंगल में चालीस वर्ष तक पशुबलि और अन्नबलि मुझ ही को चढ़ाते रहे?
از این جهت خدا رو گردانیده، ایشان را واگذاشت تا جنود آسمان را پرستش نمایند، چنانکه در صحف انبیا نوشته شده است که “ای خاندان اسرائیل، آیا مدت چهل سال دربیابان برای من قربانی‌ها و هدایا گذرانیدید؟۴۲
43 ४३ और तुम मोलेक के तम्बू और रिफान देवता के तारे को लिए फिरते थे, अर्थात् उन मूर्तियों को जिन्हें तुम ने दण्डवत् करने के लिये बनाया था। अतः मैं तुम्हें बाबेल के परे ले जाकर बसाऊँगा।’
وخیمه ملوک و کوکب، خدای خود رمفان رابرداشتید یعنی اصنامی را که ساختید تا آنها راعبادت کنید. پس شما را بدان طرف بابل منتقل سازم.”۴۳
44 ४४ “साक्षी का तम्बू जंगल में हमारे पूर्वजों के बीच में था; जैसा उसने ठहराया, जिसने मूसा से कहा, ‘जो आकार तूने देखा है, उसके अनुसार इसे बना।’
و خیمه شهادت با پدران ما در صحرابود چنانکه امر فرموده، به موسی گفت: “آن رامطابق نمونه‌ای که دیده‌ای بساز.”۴۴
45 ४५ उसी तम्बू को हमारे पूर्वजों ने पूर्वकाल से पाकर यहोशू के साथ यहाँ ले आए; जिस समय कि उन्होंने उन अन्यजातियों पर अधिकार पाया, जिन्हें परमेश्वर ने हमारे पूर्वजों के सामने से निकाल दिया, और वह दाऊद के समय तक रहा।
و آن را اجداد ما یافته، همراه یوشع درآوردند به ملک امت هایی که خدا آنها را ازپیش روی پدران ما بیرون افکند تا ایام داود.۴۵
46 ४६ उस पर परमेश्वर ने अनुग्रह किया; अत: उसने विनती की कि वह याकूब के परमेश्‍वर के लिये निवास-स्थान बनाए।
که او در حضور خدا مستفیض گشت و درخواست نمود که خود مسکنی برای خدای یعقوب پیدانماید.۴۶
47 ४७ परन्तु सुलैमान ने उसके लिये घर बनाया।
اما سلیمان برای او خانه‌ای بساخت.۴۷
48 ४८ परन्तु परमप्रधान हाथ के बनाए घरों में नहीं रहता, जैसा कि भविष्यद्वक्ता ने कहा,
و لیکن حضرت اعلی در خانه های مصنوع دستها ساکن نمی شود چنانکه نبی گفته است۴۸
49 ४९ ‘प्रभु कहता है, स्वर्ग मेरा सिंहासन और पृथ्वी मेरे पाँवों तले की चौकी है, मेरे लिये तुम किस प्रकार का घर बनाओगे? और मेरे विश्राम का कौन सा स्थान होगा?
که “خداوند می‌گوید آسمان کرسی من است وزمین پای انداز من. چه خانه‌ای برای من بنامی کنید و محل آرامیدن من کجاست؟۴۹
50 ५० क्या ये सब वस्तुएँ मेरे हाथ की बनाई नहीं?’
مگردست من جمیع این چیزها را نیافرید.”۵۰
51 ५१ “हे हठीले, और मन और कान के खतनारहित लोगों, तुम सदा पवित्र आत्मा का विरोध करते हो। जैसा तुम्हारे पूर्वज करते थे, वैसे ही तुम भी करते हो।
‌ای گردنکشان که به دل و گوش نامختونید، شما پیوسته با روح‌القدس مقاومت می‌کنید، چنانکه پدران شما همچنین شما.۵۱
52 ५२ भविष्यद्वक्ताओं में से किसको तुम्हारे पूर्वजों ने नहीं सताया? और उन्होंने उस धर्मी के आगमन का पूर्वकाल से सन्देश देनेवालों को मार डाला, और अब तुम भी उसके पकड़वानेवाले और मार डालनेवाले हुए
کیست ازانبیا که پدران شما بدو جفا نکردند؟ و آنانی راکشتند که از آمدن آن عادلی که شما بالفعل تسلیم کنندگان و قاتلان او شدید، پیش اخبارنمودند.۵۲
53 ५३ तुम ने स्वर्गदूतों के द्वारा ठहराई हुई व्यवस्था तो पाई, परन्तु उसका पालन नहीं किया।”
شما که به توسط فرشتگان شریعت رایافته، آن را حفظ نکردید!»۵۳
54 ५४ ये बातें सुनकर वे क्रोधित हुए और उस पर दाँत पीसने लगे।
چون این را شنیدند دلریش شده، بر وی دندانهای خود را فشردند.۵۴
55 ५५ परन्तु उसने पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होकर स्वर्ग की ओर देखा और परमेश्वर की महिमा को और यीशु को परमेश्वर की दाहिनी ओर खड़ा देखकर
اما او از روح‌القدس پر بوده، به سوی آسمان نگریست و جلال خدا رادید و عیسی را بدست راست خدا ایستاده وگفت:۵۵
56 ५६ कहा, “देखों, मैं स्वर्ग को खुला हुआ, और मनुष्य के पुत्र को परमेश्वर के दाहिनी ओर खड़ा हुआ देखता हूँ।”
«اینک آسمان را گشاده، و پسر انسان رابه‌دست راست خدا ایستاده می‌بینم.»۵۶
57 ५७ तब उन्होंने बड़े शब्द से चिल्लाकर कान बन्द कर लिए, और एक चित्त होकर उस पर झपटे।
آنگاه به آواز بلند فریاد برکشیدند و گوشهای خود راگرفته، به یکدل بر او حمله کردند،۵۷
58 ५८ और उसे नगर के बाहर निकालकर पथराव करने लगे, और गवाहों ने अपने कपड़े शाऊल नामक एक जवान के पाँवों के पास उतार कर रखे।
و از شهربیرون کشیده، سنگسارش کردند. و شاهدان، جامه های خود را نزد پایهای جوانی که سولس نام داشت گذاردند.۵۸
59 ५९ और वे स्तिफनुस को पथराव करते रहे, और वह यह कहकर प्रार्थना करता रहा, “हे प्रभु यीशु, मेरी आत्मा को ग्रहण कर।”
و چون استیفان را سنگسارمی کردند، او دعا نموده، گفت: «ای عیسی خداوند، روح مرا بپذیر.»۵۹
60 ६० फिर घुटने टेककर ऊँचे शब्द से पुकारा, “हे प्रभु, यह पाप उन पर मत लगा।” और यह कहकर सो गया।
پس زانو زده، به آوازبلند ندا در‌داد که «خداوندا این گناه را بر اینهامگیر.» این را گفت و خوابید.۶۰

< प्रेरितों के काम 7 >