< प्रेरितों के काम 19 >

1 जब अपुल्लोस कुरिन्थुस में था, तो पौलुस ऊपर के सारे देश से होकर इफिसुस में आया और वहाँ कुछ चेले मिले।
ଆପୋଲୋ କରିନ୍ଥିରେ ତାଇକେନ୍‌ ଇମ୍‌ତା, ପାଉଲୁସ୍‌ ସିଙ୍ଗିତୁରଃସାଃ ପାର୍‌ଗାନ୍‌କରେ ହରାସେନ୍‌ତାନ୍‌ଲଃ ଏଫିସୁସ୍‌ତେ ସେଟେର୍‌ୟାନା । ଏନ୍ତାଃରେ ଇନିଃ ଚିମିନ୍‌ ଚେଲାକଲଃ ନାପାମ୍‌ୟାନା
2 उसने कहा, “क्या तुम ने विश्वास करते समय पवित्र आत्मा पाया?” उन्होंने उससे कहा, “हमने तो पवित्र आत्मा की चर्चा भी नहीं सुनी।”
ଆଡଃ କୁଲିକେଦ୍‍କଆ, “ଆପେ ବିଶ୍ୱାସୀ ହବାୟାନ୍‌ ଇମ୍‌ତା ଚିନାଃ ପାବିତାର୍‍ ଆତ୍ମାକେପେ ନାମ୍‍କିୟା?” ଇନ୍‌କୁ କାଜିରୁହାଡ଼୍‌କିୟାକ, “ପାବିତାର୍‌ ଆତ୍ମା ମେନ୍ତେ ଜେତାଏ ମେନାଇୟା, ନେ କାଜିୟ ଆଲେ କାଲେ ଆୟୁମ୍‌କାଦା ।”
3 उसने उनसे कहा, “तो फिर तुम ने किसका बपतिस्मा लिया?” उन्होंने कहा, “यूहन्ना का बपतिस्मा।”
ପାଉଲୁସ୍‌ କୁଲିକେଦ୍‌କଆଏ, “ତାବ୍‍ଦ, ଆପେ ଅକ ଲେକାନ୍‌ ବାପ୍ତିସ୍ମା ଇଦିକାଦାପେ?” ଇନ୍‌କୁ କାଜିରୁହାଡ଼୍‌କିୟାକ, “ଯୋହାନ୍‌ଆଃ ବାପ୍ତିସ୍ମାରେ ।”
4 पौलुस ने कहा, “यूहन्ना ने यह कहकर मन फिराव का बपतिस्मा दिया, कि जो मेरे बाद आनेवाला है, उस पर अर्थात् यीशु पर विश्वास करना।”
ପାଉଲୁସ୍‌ କାଜିକେଦ୍‌କଆଏ, “ଅକ ହଡ଼କ ପାପ୍‌ହେତେ ହେୟାତିଙ୍ଗ୍‌ ତାଇକେନାକ, ଯୋହାନ୍‌ଆଃ ବାପ୍ତିସ୍ମା ଇନ୍‌କୁ ନାଗେନ୍ତେ ଲାଗାତିଙ୍ଗ୍‌ ତାଇକେନା । ମେନ୍‌ଦ ଆୟାଃ ତାୟମ୍‌ତେ ଅକଏ ହିଜୁଃରାଃ ତାଇକେନା, ଇନିଃତାଃରେ ଚାଏ ୟୀଶୁତାଃରେ ବିଶ୍ୱାସ୍‌ ରିକା ଲାଗାତିୟାଃଁ ମେନ୍ତେ ଯୋହାନ୍‌ ଇସ୍ରାଏଲ୍‌ ହଡ଼କକେ କାଜିକାକ ତାଇକେନା ।”
5 यह सुनकर उन्होंने प्रभु यीशु के नाम का बपतिस्मा लिया।
ନେଆଁଁ ଆୟୁମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଇନ୍‌କୁ ପ୍ରାଭୁ ୟୀଶୁଆଃ ନୁତୁମ୍‌ତେକ ବାପ୍ତିସ୍ମାୟାନା ।
6 और जब पौलुस ने उन पर हाथ रखे, तो उन पर पवित्र आत्मा उतरा, और वे भिन्न-भिन्न भाषा बोलने और भविष्यद्वाणी करने लगे।
ପାଉଲୁସ୍‌ ଇନ୍‌କୁଆଃ ଚେତାନ୍‌ରେ ତିଃଇ ଦହକେଦାଏ ଆଡଃ ପାବିତାର୍‌ ଆତ୍ମା ଇନ୍‌କୁ ଚେତାନ୍‌ରେ ଆଡ଼୍‌ଗୁୟାନା । ଇନ୍‌କୁ ରାକାମ୍‌ ରାକାମ୍‌ ଜାଗାର୍‌ତେ କାଜିକେଦାକ ଆଡଃ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ କାନାଜିକ ଉଦୁବ୍‌କେଦା ।
7 ये सब लगभग बारह पुरुष थे।
ଇନ୍‌କୁ ସବେନ୍‌ ଗେଲ୍‌ବାର୍‌ ହାଗାକ ତାଇକେନା ।
8 और वह आराधनालय में जाकर तीन महीने तक निडर होकर बोलता रहा, और परमेश्वर के राज्य के विषय में विवाद करता और समझाता रहा।
ପାଉଲୁସ୍‌ ଆପି ଚାଣ୍ଡୁଃ ଜାକେଦ୍‌ ସାମାଜ୍‌ ଅଡ଼ାଃକରେ ବେଗାର୍‌ ବରତେ ହଡ଼କଲଃ ଜାଗାର୍‌ତାନ୍‌ଲଃ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ରାଇଜ୍‌ ବିଷାଏରେ ଇନ୍‌କୁଆଃ ମନ୍‌କରେ ବିଶ୍ୱାସ୍‌ ଉପ୍‌ଜାଅ ସାନାଙ୍ଗ୍‌କେଦାଏ ।
9 परन्तु जब कुछ लोगों ने कठोर होकर उसकी नहीं मानी वरन् लोगों के सामने इस पंथ को बुरा कहने लगे, तो उसने उनको छोड़कर चेलों को अलग कर लिया, और प्रतिदिन तुरन्नुस की पाठशाला में वाद-विवाद किया करता था।
ମେନ୍‌ଦ ଇନ୍‌କୁଏତେ ଚିମିନ୍‌ ହଡ଼କ କେଟେଦ୍‌ ମନ୍‌ରେନ୍‌ ତାଇକେନାକ, ଇନ୍‌କୁ କାକ ବିଶ୍ୱାସ୍‌କେଦା । ଇନ୍‌କୁ ଝୁଣ୍ଡ୍‌ରେନ୍‌ ସବେନ୍‌କଆଃ ସାମ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌ରେ ପ୍ରାଭୁଆଃ ହରା ବିଷାଏରେ ଏତ୍‌କାନ୍‌ କାଜିକ କାଜିକେଦା । ଏନାତେ ପାଉଲୁସ୍‌ ଇନ୍‌କୁକେ ବାଗିକେଦ୍‌କଆ ଆଡଃ ବିଶ୍ୱାସୀକକେ ଇଦିକେଦ୍‌ତେ ସବେନ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ ତିରାନସ୍‌ ନୁତୁମ୍‌ ଇତୁନ୍‌ ଅଡ଼ାଃତାଃରେ ଜାଗାର୍‌ତାନ୍‌ ତାଇକେନା ।
10 १० दो वर्ष तक यही होता रहा, यहाँ तक कि आसिया के रहनेवाले क्या यहूदी, क्या यूनानी सब ने प्रभु का वचन सुन लिया।
୧୦ବାର୍‌ ସିର୍ମା ଜାକେଦ୍‌ ନେଆଁଁ ହବାୟାନା । ଏସିଆ ପାର୍‌ଗାନ୍‌ରେ ତାଇନ୍‌ତାନ୍‌ ପୁରାଃ ଯିହୁଦୀ ଆଡଃ ସାଅଁସାର୍‌ ହଡ଼କ ପ୍ରାଭୁଆଃ ବାଚାନ୍‌ ଆୟୁମ୍‌କେଦାକ ।
11 ११ और परमेश्वर पौलुस के हाथों से सामर्थ्य के अद्भुत काम दिखाता था।
୧୧ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ ପାଉଲୁସ୍‌ଆଃ ହରାତେ ମାପ୍‍ରାଙ୍ଗ୍‌ ଆକ୍‌ଦାନ୍ଦାଅ କାମିକଏ ରିକାକେଦା ।
12 १२ यहाँ तक कि रूमाल और अँगोछे उसकी देह से स्पर्श कराकर बीमारों पर डालते थे, और उनकी बीमारियाँ दूर हो जाती थी; और दुष्टात्माएँ उनमें से निकल जाया करती थीं।
୧୨ନେ'ଲେକାଚି ପାଉଲୁସ୍‌ ସାବାକାଦ୍‌ ରୁମାଲ୍‌ ଆଡଃ ଲିଜାଃକ ବେମାର୍‌ ହଡ଼କତାଃତେ ଇଦିୟଃରେ ଇନ୍‌କୁ ବୁଗିୟଃ ତାଇକେନାକ ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁଆଃ ହଡ଼୍‌ମଏତେ ଏତ୍‌କାନ୍‌ ଆତ୍ମାକ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ଅଃ ତାଇକେନା ।
13 १३ परन्तु कुछ यहूदी जो झाड़ा फूँकी करते फिरते थे, यह करने लगे कि जिनमें दुष्टात्मा हों उन पर प्रभु यीशु का नाम यह कहकर फूँकने लगे, “जिस यीशु का प्रचार पौलुस करता है, मैं तुम्हें उसी की शपथ देता हूँ।”
୧୩ଚିମିନ୍‌ ହନର୍‌ବାଡ଼ାତାନ୍ ଯିହୁଦୀ ହଡ଼କହଗି ପ୍ରାଭୁ ୟୀଶୁଆଃ ନୁତୁମ୍‌ ସାବ୍‌କେଦ୍‌ତେ ବଙ୍ଗା ହାର୍‌ଅଡଙ୍ଗ୍‌ ନାଙ୍ଗ୍‌ ସାନାଙ୍ଗ୍‌କେଦାକ । ଇନ୍‌କୁ ଏତ୍‌କାନ୍‌ ଆତ୍ମାକକେ କାଜିକ ତାଇକେନାକ, “ପାଉଲୁସ୍‌ ଉଦୁବ୍‌ତାନ୍‌ ୟୀଶୁଆଃ ନୁତୁମ୍‌ତେ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆମ୍‌କେ ଆଚୁମେତାନା ।”
14 १४ और स्क्किवा नाम के एक यहूदी प्रधान याजक के सात पुत्र थे, जो ऐसा ही करते थे।
୧୪ସ୍କେବା ନୁତୁମ୍‌ ମିଆଁଦ୍‌ ଯିହୁଦୀ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ ଯାଜାକ୍‌ଆଃ ଏୟା କଡ଼ା ହନ୍‍କ ଏନ୍‍ଲେକାକ କାମିତାଇକେନା ।
15 १५ पर दुष्टात्मा ने उत्तर दिया, “यीशु को मैं जानती हूँ, और पौलुस को भी पहचानती हूँ; परन्तु तुम कौन हो?”
୧୫ମେନ୍‌ଦ ଏତ୍‍କାନ୍‍ ଆତ୍ମା ଇନ୍‌କୁକେ କାଜିକେଦ୍‌କଆ, “ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ୟୀଶୁକେଇଙ୍ଗ୍‌ ସାରିୟା ଆଡଃ ପାଉଲୁସ୍‌ଆଃ ବିଷାଏରେଇଙ୍ଗ୍‌ ସାରିୟା, ମେନ୍‌ଦ ଆପେ ଅକଏ ତାନ୍‌ପେ?”
16 १६ और उस मनुष्य ने जिसमें दुष्ट आत्मा थी; उन पर लपककर, और उन्हें काबू में लाकर, उन पर ऐसा उपद्रव किया, कि वे नंगे और घायल होकर उस घर से निकल भागे।
୧୬ଏତ୍‍କାନ୍‍ ଆତ୍ମାତେ ଏସେରେକାନ୍‌ ହଡ଼, ଇନ୍‌କୁକେ ପୁରାଃ ପେଡ଼େଃଲଃ ସାବ୍‌କେଟେଦ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଥାପୁଇଃତାନ୍‌ ଇମ୍‌ତା ଇନ୍‌କୁଆଃ ଲିଜାଃକ ଚାଗାଡ଼୍‌ୟାନା ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁଆଃ ହଡ଼୍‌ମକରେ ଘାଅବାଡ଼ାକେଦ୍‌ତେ ଇନିୟାଃ ଅଡ଼ାଃଏତେ ନିର୍‌ୟାନାକ ।
17 १७ और यह बात इफिसुस के रहनेवाले यहूदी और यूनानी भी सब जान गए, और उन सब पर भय छा गया; और प्रभु यीशु के नाम की बड़ाई हुई।
୧୭ଏଫିସୁସ୍‌ରେ ତାଇନ୍‍ତାନ୍ ସବେନ୍‌ ଯିହୁଦୀ ଆଡଃ ସାଅଁସାର୍‌ ହଡ଼କ ନେ ବିଷାଏ ଆୟୁମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ବରତେ ପେରେଃୟାନାକ ଆଡଃ ଏନ୍ତାଃରେ ପ୍ରାଭୁ ୟୀଶୁଆଃ ନୁତୁମ୍‌ ଆଡଃଗି ପୁରାଃତେ ମାଇନ୍‌ୟାନା ।
18 १८ और जिन्होंने विश्वास किया था, उनमें से बहुतों ने आकर अपने-अपने बुरे कामों को मान लिया और प्रगट किया।
୧୮ବିଶ୍ୱାସୀକଏତେ ପୁରାଃ ହଡ଼କ ହିଜୁଃକେଦ୍‍ତେ ଆକଆଃ ଏତ୍‌କାନ୍‌ କାମିକ ରିକାକାଦ୍‌ତେୟାଃ ହଡ଼କଆଃ ସାମ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌ରେକ ମାନାତିଙ୍ଗ୍‌ୟାନା ଆଡଃକ ଉଦୁବ୍‍କେଦା ।
19 १९ और जादू-टोना करनेवालों में से बहुतों ने अपनी-अपनी पोथियाँ इकट्ठी करके सब के सामने जला दीं; और जब उनका दाम जोड़ा गया, जो पचास हजार चाँदी के सिक्कों के बराबर निकला।
୧୯ଦେଅଁଣାକାମି ରିକାତାନ୍‍କଏତେ ପୁରାଃ ହଡ଼କ ଆକଆଃ ପୁଥିକ ଆଉ ହୁଣ୍ଡିକେଦ୍‌ତେ ହଡ଼କଆଃ ସାମ୍‍ନାଙ୍ଗ୍‌ରେକ ଅଣ୍ଡର୍‌କେଦା । ଇନ୍‌କୁଆଃ ପୁଥିକରାଃ ଗନଙ୍ଗ୍‌ ଲେକାକେଦ୍‌ରେ ବାର୍‌ହିସି ଗେଲ୍‌ ହାଜାର୍‌ ରୁପା ସିକା ହବାୟାନା ।
20 २० इस प्रकार प्रभु का वचन सामर्थ्यपूर्वक फैलता गया और प्रबल होता गया।
୨୦ନେ'ଲେକାତେ ପ୍ରାଭୁଆଃ ବାଚାନ୍‌ ପୁରାଃଗି ନିତିର୍‌ୟାନା ଆଡଃ ପୁରାଃତେ ପେଡ଼େଃଇଦିୟାନା ।
21 २१ जब ये बातें हो चुकी तो पौलुस ने आत्मा में ठाना कि मकिदुनिया और अखाया से होकर यरूशलेम को जाऊँ, और कहा, “वहाँ जाने के बाद मुझे रोम को भी देखना अवश्य है।”
୨୧ନେଆଁଁ ସବେନ୍‌ ହବାୟାନ୍‌ ତାୟମ୍‌ତେ ପାଉଲୁସ୍‌ ମାକିଦନିଆ ଆଡଃ ଆଖାୟା ହରାତେ ଯୀରୁଶାଲେମ୍‌ତେ ସେନଃ ନାଙ୍ଗ୍‌ ମନ୍‌ରେ ଉହାଟ୍‌କେଦା । ଇନିଃ କାଜିକେଦାଏ, “ଏନ୍ତାଃତେ ସେନ୍‌ ତାୟମ୍‌ତେ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଜାରୁଡ଼୍‌ଗି ରୋମ୍‌ତେହଗି ସେନାଇଙ୍ଗ୍‌ ।”
22 २२ इसलिए अपनी सेवा करनेवालों में से तीमुथियुस और इरास्तुस को मकिदुनिया में भेजकर आप कुछ दिन आसिया में रह गया।
୨୨ଏନାତେ ଇନିଃ ଆଇଃକ୍‌କେ ଦେଙ୍ଗାଇତାନ୍‌ ବାରାନ୍‌କିନ୍‌ ତୀମଥି ଆଡଃ ଏରାଷ୍ଟକେ ମାକିଦନିଆତେ କୁଲ୍‌କେଦ୍‌କିନା, ମେନ୍‌ଦ ଆଇଃକ୍‌ଗି ଏସିଆ ଦିଶୁମ୍‌ରେ ଆଡଃଚିମିନ୍‌ ମାହାଁ ତାଇନ୍‌ୟାନାଏ ।
23 २३ उस समय उस पन्थ के विषय में बड़ा हुल्लड़ हुआ।
୨୩ଏନ୍‌ ଦିପିଲିରେ ପ୍ରାଭୁଆଃ ହରା ବିଷାଏ ନାଗେନ୍ତେ ଏଫିସୁସ୍‌ରେ ପୁରାଃ ବରୱାନ୍‌ଗି ହାଲାଗୁଲା ହବାୟାନା ।
24 २४ क्योंकि दिमेत्रियुस नाम का एक सुनार अरतिमिस के चाँदी के मन्दिर बनवाकर, कारीगरों को बहुत काम दिलाया करता था।
୨୪ଦିମତ୍ରିୟ ନୁତୁମ୍‌ ମିଆଁଦ୍‌ ସୁନାରିହଡ଼ ଆର୍ତ୍ତେମୀ ମାହାପୁରୁଆଃ ରୁପାରାଃ ମାନ୍ଦିର୍‌ ବାଇତାଇକେନାଏ, ନେ କାମିରେ କାମିତାଇକେନ୍‌ ହଡ଼କ ପୁରାଃଗି ଟାକା ପାଏସାକ ନାମେ ତାଇକେନା ।
25 २५ उसने उनको और ऐसी वस्तुओं के कारीगरों को इकट्ठे करके कहा, “हे मनुष्यों, तुम जानते हो कि इस काम से हमें कितना धन मिलता है।
୨୫ଏନାମେନ୍ତେ ଇନିଃ କାମିତାନ୍‌ ସବେନ୍‌ ହଡ଼କକେ ଆଡଃ ଏନ୍‌ ଲେକାନ୍‌ କାମିତାନ୍‌ ଏଟାଃସାଃରେନ୍‌ ହଡ଼କକେ ହାକାଅକେଦ୍‌ତେ କାଜିକେଦ୍‌କଆ, “ମାଇନାନ୍‌କ, ନେ କାମିରେ ଆବୁ ସବେନ୍‌କ ପୁରାଃଗି ଟାକା ପାଏସାବୁ କାମିତାନା ଏନାଦପେ ସାରିତାନା ।
26 २६ और तुम देखते और सुनते हो कि केवल इफिसुस ही में नहीं, वरन् प्रायः सारे आसिया में यह कह कहकर इस पौलुस ने बहुत लोगों को समझाया और भरमाया भी है, कि जो हाथ की कारीगरी है, वे ईश्वर नहीं।
୨୬ନାହାଁଃ ନେ ହଡ଼ ପାଉଲୁସ୍‌ ଚିନାଃଏ ଚିକାଏତାନା, ଏନା ଆପେ ନେଲ୍‌ ଦାଡ଼ିତାନାପେ ଆଡଃ ଆୟୁମ୍‌ ଦାଡ଼ିତାନାପେ । ଇନିଃ କାଜିତାନାଏ, ହଡ଼ଆଃ ତିଃଇତେ ବାଇକାନ୍‌ ମାହାପୁରୁକ ମାହାପୁରୁ ନାହାଁଲାକ, ଆଡଃ ଇନିଃ ନେତାଃରେ ଏଫିସୁସ୍‌ ଆଡଃ ପୁରା ଏସିଆ ପାର୍‌ଗାନ୍‌ରେ ପୁରାଃ ହଡ଼କକେ ନେ ବିଷାଏରେ କାଜିକତାନା ।
27 २७ और अब केवल इसी एक बात का ही डर नहीं कि हमारे इस धन्धे की प्रतिष्ठा जाती रहेगी; वरन् यह कि महान देवी अरतिमिस का मन्दिर तुच्छ समझा जाएगा और जिसे सारा आसिया और जगत पूजता है उसका महत्त्व भी जाता रहेगा।”
୨୭ଏନାତେ ଆବୁଆଃ କାମାନି ଜିୟନ୍‌କେନଃଆ, ଇମ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌ ଏସ୍‌କାର୍‌ କାହାଗି, ମେନ୍‌ଦ ଅକ ମାହାପୁରୁ ଆର୍ତ୍ତେମୀକେ ଗଟା ଏସିଆରେ ଆଡଃ ପୁରା ଅତେଦିଶୁମ୍‌ରେନ୍‌ ହଡ଼କ ବରଭାକ୍ତିତାନା, ଏନ୍‌ ପୁରାଃମାରାଙ୍ଗ୍‌ ଆର୍ତ୍ତେମୀ ମାହାପୁରୁଆଃ ମାନାରାଙ୍ଗ୍‌ କା ତାଇନା ଆଡଃ ମାନ୍ଦିର୍‌ ଜିୟନଃଆ, ଏନାରେୟାଃ ବରମେନାଃ ।”
28 २८ वे यह सुनकर क्रोध से भर गए और चिल्ला चिल्लाकर कहने लगे, “इफिसियों की अरतिमिस, महान है!”
୨୮ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କ ନେଆଁଁ ଆୟୁମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଖିସ୍‍ତେକ ପେରେଃୟାନା ଆଡଃ କାଉରିକେଦ୍‍ତେ କାଜିକେଦାକ, “ଏଫିସୁସ୍‌ରେନ୍‌କଆଃ ଆର୍ତ୍ତେମୀ ମାହାପୁରୁଆଃ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ ହବାଅଃକା ।”
29 २९ और सारे नगर में बड़ा कोलाहल मच गया और लोगों ने गयुस और अरिस्तर्खुस, मकिदुनियों को जो पौलुस के संगी यात्री थे, पकड़ लिया, और एक साथ होकर रंगशाला में दौड़ गए।
୨୯ନେ ହାଲାଗୁଲା ଗଟା ନାଗାର୍‌ରେ ନିତିର୍‌ୟାନା । ଆଡଃ ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କ ପାଉଲୁସ୍‌ଲଃ ହରାସେନ୍‌ତାନ୍‌ ମାକିଦନିଆରେନ୍‌ ଗାୟସ୍‌ ଆଡଃ ଆରିସ୍ତାର୍ଖକେ ସାବ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଇନ୍‌କୁ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ ଆଖ୍‌ଡ଼ାତେକ ଥାଇଜ୍‌ ଇଦିକେଦ୍‌କିନା ।
30 ३० जब पौलुस ने लोगों के पास भीतर जाना चाहा तो चेलों ने उसे जाने न दिया।
୩୦ପାଉଲୁସ୍‌ ଆଇଃକ୍‌ଗି ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କ ଆୟାର୍‌ତେ ସେନ୍‌ ନାଙ୍ଗ୍‌ ସାନାଙ୍ଗ୍‌କେଦାଏ, ମେନ୍‌ଦ ବିଶ୍ୱାସୀକ କାକ ସେନ୍‌ ଇଚିକିୟା ।
31 ३१ आसिया के हाकिमों में से भी उसके कई मित्रों ने उसके पास कहला भेजा और विनती की, कि रंगशाला में जाकर जोखिम न उठाना।
୩୧ଚିମିନ୍‌ଝାନ୍‌ ଏସିଆରେ ଆକ୍‌ତେୟାର୍‌ ନାମାକାଦ୍‌ ପାଉଲୁସ୍‌ଆଃ ଗାତିକ ନେଆଁ ଆୟୁମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ପାଉଲୁସ୍‌କେ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ ଆଖ୍‌ଡ଼ାତେ ଆଲକାଏ ସେନ୍‌କା ମେନ୍ତେ ମିହୁଡ଼୍‌ତାଃରେ କାଜିଗହାର୍‌ କାଜିକୁଲ୍‌କେଦାକ ।
32 ३२ वहाँ कोई कुछ चिल्लाता था, और कोई कुछ; क्योंकि सभा में बड़ी गड़बड़ी हो रही थी, और बहुत से लोग तो यह जानते भी नहीं थे कि वे किस लिये इकट्ठे हुए हैं।
୩୨ନେ ଘାଡ଼ି ଭିତାର୍‌ରେ ଗଟା ପାଞ୍ଚେଟ୍‌ରେନ୍‌ ହଡ଼କ ଖିସ୍‌ତେ ପେରେଃୟାନାକ । ହଡ଼କ ଏଟାଃ ଏଟାଃ ଝୁଣ୍ଡ୍‌ରେ ରାକାମ୍‌ ରାକାମ୍‌କ କାଉରିତାନ୍‌ ତାଇକେନା, ଚିଆଃଚି ଇନ୍‌କୁଏତେ ଚିମିନ୍‌ ହଡ଼କ ଏନ୍ତାଃରେ ଚିନାଃନାଙ୍ଗ୍‌କ ହୁଣ୍ଡିକାନା ଏନାହ କାକ ସାରିକାଦ୍‌ ତାଇକେନା ।
33 ३३ तब उन्होंने सिकन्दर को, जिसे यहूदियों ने खड़ा किया था, भीड़ में से आगे बढ़ाया, और सिकन्दर हाथ से संकेत करके लोगों के सामने उत्तर देना चाहता था।
୩୩ହଡ଼କଏତେ ଚିମିନ୍‌ ହଡ଼କ କାଜିକେଦାକ ଯେ, ଆଲେକ୍‌ଜାଣ୍ଡାର୍‌ ନେଆଁ ନାଗେନ୍ତେ ଦାୟୀ ତାନିଃ, ଚିଆଃଚି ଯିହୁଦୀ ହଡ଼କ ଇନିଃକେ ଆୟାର୍‌ରେ ତିଙ୍ଗୁକାଇ ତାଇକେନାକ । ଏନ୍ତେ ଆଲେକ୍‌ଜାଣ୍ଡାର୍‌ ତିଃଇ ଉଠାଅକେଦ୍‌ତେ ହଡ଼କକେ ହାପାଅଃପେ ମେନ୍ତେ ଠାରାଅକେଦ୍‌କଆ ଆଡଃ ବିଶ୍ୱାସୀକଆଃସାଃଏତେ କାଜିତାନ୍‌ଲଃ ଇନିଃ ବୁଝାଅକ ନାଙ୍ଗ୍‌ ଚେଷ୍ଟାକେଦାଏ ।
34 ३४ परन्तु जब उन्होंने जान लिया कि वह यहूदी है, तो सब के सब एक स्वर से कोई दो घंटे तक चिल्लाते रहे, “इफिसियों की अरतिमिस, महान है।”
୩୪ମେନ୍‌ଦ ଇନିଃ ମିଆଁଦ୍‌ ଯିହୁଦୀ ତାନିଃ, ମେନ୍ତେ ସାରିକେଦ୍‌ତେ ଇନ୍‌କୁ ସବେନ୍‌କ ମିସାତେ କାଉରିତାନ୍‌ଲଃ କାଜିକେଦାକ, “ଏଫିସୁସ୍‌ରେନ୍‌ ଆର୍ତ୍ତେମୀ ମାହାପୁରୁଆଃ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ଅଃକା ।” ନେ'ଲେକା ବାର୍‌ ଘାଡ଼ି ଜାକେଦ୍‌କ କାଉରିକେଦା ।
35 ३५ तब नगर के मंत्री ने लोगों को शान्त करके कहा, “हे इफिसियों, कौन नहीं जानता, कि इफिसियों का नगर महान देवी अरतिमिस के मन्दिर, और आकाश से गिरी हुई मूरत का रखवाला है।
୩୫ଟୁଣ୍ଡୁରେ ସାହାର୍‌ରେନ୍‌ ମୁନ୍‌ସି ହଡ଼କକେ ହାପାଅଃ ନାଗେନ୍ତେ କାଜିକେଦ୍‌କଆ, “ଏଫିସୁସ୍‌ରେନ୍‌ ହାଗାକ, ସବେନ୍‌କ ସାରିତାନା ଯେ, ଏଫିସୁସ୍‌ ନାଗାର୍‌ରେନ୍‌ ଆର୍ତ୍ତେମୀ ମାହାପୁରୁଆଃ ମାନ୍ଦିର୍‌ ଆଡଃ ସିର୍ମାଏତେ ଆଡ଼୍‌ଗୁକାନ୍‌ ପାବିତାର୍‌ ମୁରୁତ୍‌ରାଃ ବାଞ୍ଚାଅ ହବାଆଉଃତାନା ।
36 ३६ अतः जबकि इन बातों का खण्डन ही नहीं हो सकता, तो उचित है, कि तुम शान्त रहो; और बिना सोचे-विचारे कुछ न करो।
୩୬ଜେତାଏ ନେଆଁକେ କାହା ମେନ୍ତେ କାକ କାଜି ଦାଡ଼ିୟା । ଏନାତେ ଆପେ ସବେନ୍‌କ ହାପାଅଃପେ ଆଡଃ କା ଲାଗାତିଙ୍ଗ୍‌ ଲେକା ଜେତାନ୍‌ କାମି ଆଲପେ କାମିୟା ।
37 ३७ क्योंकि तुम इन मनुष्यों को लाए हो, जो न मन्दिर के लूटनेवाले हैं, और न हमारी देवी के निन्दक हैं।
୩୭ନେ ହଡ଼କିନ୍‌ ମାନ୍ଦିର୍‌ହେତେ ଜେତ୍‌ନାଃ କାକିନ୍‌ କୁମ୍ବୁଡ଼ୁକାଦା, ଚାଏ ଆବୁଆଃ ମାହାପୁରୁ ବିଷାଏରେ ଜେତାନ୍‌ ଏତ୍‌କାନାଃ କାକିନ୍‌ କାଜିକାଦା, ଏନ୍‌ରେୟ ଆପେ ନେ ହଡ଼କିନ୍‌କେ ନେତାଃତେପେ ଆଉକାଦ୍‌କିନା ।
38 ३८ यदि दिमेत्रियुस और उसके साथी कारीगरों को किसी से विवाद हो तो कचहरी खुली है, और हाकिम भी हैं; वे एक दूसरे पर आरोप लगाए।
୩୮ଦିମତ୍ରିୟ ଆଡଃ ଇନିୟାଃ କାମି ହଡ଼କଆଃ ବିରୁଧ୍‌ରେ ଜେତାନ୍‌ କାଜି ମେନାଃରେଦ, ଏନା ବିଚାରେ ନାଗେନ୍ତେ ଆବୁଆଃ ଆକ୍‌ତେୟାର୍‌ ନାମାକାଦ୍‌ ହଡ଼କ ମେନାକଆ ଆଡଃ କାଚାଇରି ମେନାଃ, ଏନ୍ତାଃରେ ଏନ୍‌ ବିରୁଧ୍‌କାନ୍‌ କାଜିକ ଉଦୁବଃଆ ।
39 ३९ परन्तु यदि तुम किसी और बात के विषय में कुछ पूछना चाहते हो, तो नियत सभा में फैसला किया जाएगा।
୩୯ମେନ୍‌ଦ ନେଆଁଏତେ ଆଡଃ ଆଦ୍‌କାପେ ସାନାଙ୍ଗ୍‌ତାନ୍‌ରେଦ, ଆପ୍‌ନାଃ ଦିଶୁମ୍‌ରେନ୍‌ ହଡ଼କଆଃ ଆଇନ୍‌ ମାନାତିୟଁଃ ପାଞ୍ଚେଟ୍‌ରେ ଏନା ବିଚାରଃକା ।
40 ४० क्योंकि आज के बलवे के कारण हम पर दोष लगाए जाने का डर है, इसलिए कि इसका कोई कारण नहीं, अतः हम इस भीड़ के इकट्ठा होने का कोई उत्तर न दे सकेंगे।”
୪୦ଚିଆଃଚି ତିସିଙ୍ଗ୍‌ ଅକ୍‌ନାଃ ହବାକାନା, ଏନା ବରୱାନ୍‌ଗିଆ ଏନା ହିସିଙ୍ଗାତେ ନେଆଁ ହବାକାନା ମେନ୍ତେ ଆଲେୟାଃ ବିରୁଧ୍‌ରେ କାଜିୟଃତାନା । ଆଲେ ନେ ସବେନ୍‌ ହାଲାଗୁଲାରେୟାଃ ଜେତାନ୍‌ ବୁଗିନ୍‌ କାଜି କାଲେ କାଜି ଦାଡ଼ିୟା ।”
41 ४१ और यह कह के उसने सभा को विदा किया।
୪୧ନେ ସବେନ୍‌ କାଜି କାଜିକେଦ୍‌ତେ ଇନିଃ ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କକେ ହାପାକେଦ୍‌କଆଏ ଆଡଃ ପାଞ୍ଚେଟ୍‌ରେନ୍‌ ହଡ଼କକେ ବିଦାକେଦ୍‌କଆ ।

< प्रेरितों के काम 19 >