< प्रेरितों के काम 13 >

1 अन्ताकिया की कलीसिया में कई भविष्यद्वक्ता और उपदेशक थे; अर्थात् बरनबास और शमौन जो नीगर कहलाता है; और लूकियुस कुरेनी, और चौथाई देश के राजा हेरोदेस का दूधभाई मनाहेम और शाऊल।
وَكَانَ فِي أَنْطَاكِيَةَ فِي ٱلْكَنِيسَةِ هُنَاكَ أَنْبِيَاءُ وَمُعَلِّمُونَ: بَرْنَابَا، وَسِمْعَانُ ٱلَّذِي يُدْعَى نِيجَرَ، وَلُوكِيُوسُ ٱلْقَيْرَوَانِيُّ، وَمَنَايِنُ ٱلَّذِي تَرَبَّى مَعَ هِيرُودُسَ رَئِيسِ ٱلرُّبْعِ، وَشَاوُلُ.١
2 जब वे उपवास सहित प्रभु की उपासना कर रहे थे, तो पवित्र आत्मा ने कहा, “मेरे लिये बरनबास और शाऊल को उस काम के लिये अलग करो जिसके लिये मैंने उन्हें बुलाया है।”
وَبَيْنَمَا هُمْ يَخْدِمُونَ ٱلرَّبَّ وَيَصُومُونَ، قَالَ ٱلرُّوحُ ٱلْقُدُسُ: «أَفْرِزُوا لِي بَرْنَابَا وَشَاوُلَ لِلْعَمَلِ ٱلَّذِي دَعَوْتُهُمَا إِلَيْهِ».٢
3 तब उन्होंने उपवास और प्रार्थना करके और उन पर हाथ रखकर उन्हें विदा किया।
فَصَامُوا حِينَئِذٍ وَصَلُّوا وَوَضَعُوا عَلَيْهِمَا ٱلْأَيَادِيَ، ثُمَّ أَطْلَقُوهُمَا.٣
4 अतः वे पवित्र आत्मा के भेजे हुए सिलूकिया को गए; और वहाँ से जहाज पर चढ़कर साइप्रस को चले।
فَهَذَانِ إِذْ أُرْسِلَا مِنَ ٱلرُّوحِ ٱلْقُدُسِ ٱنْحَدَرَا إِلَى سَلُوكِيَةَ، وَمِنْ هُنَاكَ سَافَرَا فِي ٱلْبَحْرِ إِلَى قُبْرُسَ.٤
5 और सलमीस में पहुँचकर, परमेश्वर का वचन यहूदियों के आराधनालयों में सुनाया; और यूहन्ना उनका सेवक था।
وَلَمَّا صَارَا فِي سَلَامِيسَ نَادَيَا بِكَلِمَةِ ٱللهِ فِي مَجَامِعِ ٱلْيَهُودِ. وَكَانَ مَعَهُمَا يُوحَنَّا خَادِمًا.٥
6 और उस सारे टापू में से होते हुए, पाफुस तक पहुँचे। वहाँ उन्हें बार-यीशु नामक एक जादूगर मिला, जो यहूदी और झूठा भविष्यद्वक्ता था।
وَلَمَّا ٱجْتَازَا ٱلْجَزِيرَةَ إِلَى بَافُوسَ، وَجَدَا رَجُلًا سَاحِرًا نَبِيًّا كَذَّابًا يَهُودِيًّا ٱسْمُهُ بَارْيَشُوعُ،٦
7 वह हाकिम सिरगियुस पौलुस के साथ था, जो बुद्धिमान पुरुष था। उसने बरनबास और शाऊल को अपने पास बुलाकर परमेश्वर का वचन सुनना चाहा।
كَانَ مَعَ ٱلْوَالِي سَرْجِيُوسَ بُولُسَ، وَهُوَ رَجُلٌ فَهِيمٌ. فَهَذَا دَعَا بَرْنَابَا وَشَاوُلَ وَٱلْتَمَسَ أَنْ يَسْمَعَ كَلِمَةَ ٱللهِ.٧
8 परन्तु एलीमास जादूगर ने, (क्योंकि यही उसके नाम का अर्थ है) उनका सामना करके, हाकिम को विश्वास करने से रोकना चाहा।
فَقَاوَمَهُمَا عَلِيمٌ ٱلسَّاحِرُ، لِأَنْ هَكَذَا يُتَرْجَمُ ٱسْمُهُ، طَالِبًا أَنْ يُفْسِدَ ٱلْوَالِيَ عَنِ ٱلْإِيمَانِ.٨
9 तब शाऊल ने जिसका नाम पौलुस भी है, पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होकर उसकी ओर टकटकी लगाकर कहा,
وَأَمَّا شَاوُلُ، ٱلَّذِي هُوَ بُولُسُ أَيْضًا، فَٱمْتَلَأَ مِنَ ٱلرُّوحِ ٱلْقُدُسِ وَشَخَصَ إِلَيْهِ٩
10 १० “हे सारे कपट और सब चतुराई से भरे हुए शैतान की सन्तान, सकल धार्मिकता के बैरी, क्या तू प्रभु के सीधे मार्गों को टेढ़ा करना न छोड़ेगा?
وَقَالَ: «أَيُّهَا ٱلْمُمْتَلِئُ كُلَّ غِشٍّ وَكُلَّ خُبْثٍ! يَا ٱبْنَ إِبْلِيسَ! يَاعَدُوَّ كُلِّ بِرٍّ! أَلَا تَزَالُ تُفْسِدُ سُبُلَ ٱللهِ ٱلْمُسْتَقِيمَةَ؟١٠
11 ११ अब देख, प्रभु का हाथ तुझ पर पड़ा है; और तू कुछ समय तक अंधा रहेगा और सूर्य को न देखेगा।” तब तुरन्त धुंधलापन और अंधेरा उस पर छा गया, और वह इधर-उधर टटोलने लगा ताकि कोई उसका हाथ पकड़कर ले चले।
فَٱلْآنَ هُوَذَا يَدُ ٱلرَّبِّ عَلَيْكَ، فَتَكُونُ أَعْمَى لَا تُبْصِرُ ٱلشَّمْسَ إِلَى حِينٍ». فَفِي ٱلْحَالِ سَقَطَ عَلَيْهِ ضَبَابٌ وَظُلْمَةٌ، فَجَعَلَ يَدُورُ مُلْتَمِسًا مَنْ يَقُودُهُ بِيَدِهِ.١١
12 १२ तब हाकिम ने जो कुछ हुआ था, देखकर और प्रभु के उपदेश से चकित होकर विश्वास किया।
فَٱلْوَالِي حِينَئِذٍ لَمَّا رَأَى مَا جَرَى، آمَنَ مُنْدَهِشًا مِنْ تَعْلِيمِ ٱلرَّبِّ.١٢
13 १३ पौलुस और उसके साथी पाफुस से जहाज खोलकर पंफूलिया के पिरगा में आए; और यूहन्ना उन्हें छोड़कर यरूशलेम को लौट गया।
ثُمَّ أَقْلَعَ مِنْ بَافُوسَ بُولُسُ وَمَنْ مَعَهُ وَأَتَوْا إِلَى بَرْجَةِ بَمْفِيلِيَّةَ. وَأَمَّا يُوحَنَّا فَفَارَقَهُمْ وَرَجَعَ إِلَى أُورُشَلِيمَ.١٣
14 १४ और पिरगा से आगे बढ़कर पिसिदिया के अन्ताकिया में पहुँचे; और सब्त के दिन आराधनालय में जाकर बैठ गए।
وَأَمَّا هُمْ فَجَازُوا مِنْ بَرْجَةَ وَأَتَوْا إِلَى أَنْطَاكِيَةِ بِيسِيدِيَّةَ، وَدَخَلُوا ٱلْمَجْمَعَ يَوْمَ ٱلسَّبْتِ وَجَلَسُوا.١٤
15 १५ व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तक से पढ़ने के बाद आराधनालय के सरदारों ने उनके पास कहला भेजा, “हे भाइयों, यदि लोगों के उपदेश के लिये तुम्हारे मन में कोई बात हो तो कहो।”
وَبَعْدَ قِرَاءَةِ ٱلنَّامُوسِ وَٱلْأَنْبِيَاءِ، أَرْسَلَ إِلَيْهِمْ رُؤَسَاءُ ٱلْمَجْمَعِ قَائِلِينَ: «أَيُّهَا ٱلرِّجَالُ ٱلْإِخْوَةُ، إِنْ كَانَتْ عِنْدَكُمْ كَلِمَةُ وَعْظٍ لِلشَّعْبِ فَقُولُوا».١٥
16 १६ तब पौलुस ने खड़े होकर और हाथ से इशारा करके कहा, “हे इस्राएलियों, और परमेश्वर से डरनेवालों, सुनो
فَقَامَ بُولُسُ وَأَشَارَ بِيَدِهِ وَقَالَ: «أَيُّهَا ٱلرِّجَالُ ٱلْإِسْرَائِيلِيُّونَ وَٱلَّذِينَ يَتَّقُونَ ٱللهَ، ٱسْمَعُوا!١٦
17 १७ इन इस्राएली लोगों के परमेश्वर ने हमारे पूर्वजों को चुन लिया, और जब ये मिस्र देश में परदेशी होकर रहते थे, तो उनकी उन्नति की; और बलवन्त भुजा से निकाल लाया।
إِلَهُ شَعْبِ إِسْرَائِيلَ هَذَا ٱخْتَارَ آبَاءَنَا، وَرَفَعَ ٱلشَّعْبَ فِي ٱلْغُرْبَةِ فِي أَرْضِ مِصْرَ، وَبِذِرَاعٍ مُرْتَفِعَةٍ أَخْرَجَهُمْ مِنْهَا.١٧
18 १८ और वह कोई चालीस वर्ष तक जंगल में उनकी सहता रहा,
وَنَحْوَ مُدَّةِ أَرْبَعِينَ سَنَةً، ٱحْتَمَلَ عَوَائِدَهُمْ فِي ٱلْبَرِّيَّةِ.١٨
19 १९ और कनान देश में सात जातियों का नाश करके उनका देश लगभग साढ़े चार सौ वर्ष में इनकी विरासत में कर दिया।
ثُمَّ أَهْلَكَ سَبْعَ أُمَمٍ فِي أَرْضِ كَنْعَانَ وَقَسَمَ لَهُمْ أَرْضَهُمْ بِٱلْقُرْعَةِ.١٩
20 २० इसके बाद उसने शमूएल भविष्यद्वक्ता तक उनमें न्यायी ठहराए।
وَبَعْدَ ذَلِكَ فِي نَحْوِ أَرْبَعَمِئَةٍ وَخَمْسِينَ سَنَةً أَعْطَاهُمْ قُضَاةً حَتَّى صَمُوئِيلَ ٱلنَّبِيِّ.٢٠
21 २१ उसके बाद उन्होंने एक राजा माँगा; तब परमेश्वर ने चालीस वर्ष के लिये बिन्यामीन के गोत्र में से एक मनुष्य अर्थात् कीश के पुत्र शाऊल को उन पर राजा ठहराया।
وَمِنْ ثَمَّ طَلَبُوا مَلِكًا، فَأَعْطَاهُمُ ٱللهُ شَاوُلَ بْنَ قَيْسٍ، رَجُلًا مِنْ سِبْطِ بِنْيَامِينَ، أَرْبَعِينَ سَنَةً.٢١
22 २२ फिर उसे अलग करके दाऊद को उनका राजा बनाया; जिसके विषय में उसने गवाही दी, ‘मुझे एक मनुष्य, यिशै का पुत्र दाऊद, मेरे मन के अनुसार मिल गया है। वही मेरी सारी इच्छा पूरी करेगा।’
ثُمَّ عَزَلَهُ وَأَقَامَ لَهُمْ دَاوُدَ مَلِكًا، ٱلَّذِي شَهِدَ لَهُ أَيْضًا، إِذْ قَالَ: وَجَدْتُ دَاوُدَ بْنَ يَسَّى رَجُلًا حَسَبَ قَلْبِي، ٱلَّذِي سَيَصْنَعُ كُلَّ مَشِيئَتِي.٢٢
23 २३ उसी के वंश में से परमेश्वर ने अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार इस्राएल के पास एक उद्धारकर्ता, अर्थात् यीशु को भेजा।
مِنْ نَسْلِ هَذَا، حَسَبَ ٱلْوَعْدِ، أَقَامَ ٱللهُ لإِسْرَائِيلَ مُخَلِّصًا، يَسُوعَ.٢٣
24 २४ जिसके आने से पहले यूहन्ना ने सब इस्राएलियों को मन फिराव के बपतिस्मा का प्रचार किया।
إِذْ سَبَقَ يُوحَنَّا فَكَرَزَ قَبْلَ مَجِيئِهِ بِمَعْمُودِيَّةِ ٱلتَّوْبَةِ لِجَمِيعِ شَعْبِ إِسْرَائِيلَ.٢٤
25 २५ और जब यूहन्ना अपनी सेवा पूरी करने पर था, तो उसने कहा, ‘तुम मुझे क्या समझते हो? मैं वह नहीं! वरन् देखो, मेरे बाद एक आनेवाला है, जिसके पाँवों की जूती के बन्ध भी मैं खोलने के योग्य नहीं।’
وَلَمَّا صَارَ يُوحَنَّا يُكَمِّلُ سَعْيَهُ جَعَلَ يَقُولُ: مَنْ تَظُنُّونَ أَنِّي أَنَا؟ لَسْتُ أَنَا إِيَّاهُ، لَكِنْ هُوَذَا يَأْتِي بَعْدِي ٱلَّذِي لَسْتُ مُسْتَحِقًّا أَنْ أَحُلَّ حِذَاءَ قَدَمَيْهِ.٢٥
26 २६ “हे भाइयों, तुम जो अब्राहम की सन्तान हो; और तुम जो परमेश्वर से डरते हो, तुम्हारे पास इस उद्धार का वचन भेजा गया है।
«أَيُّهَا ٱلرِّجَالُ ٱلْإِخْوَةُ بَنِي جِنْسِ إِبْرَاهِيمَ، وَٱلَّذِينَ بَيْنَكُمْ يَتَّقُونَ ٱللهَ، إِلَيْكُمْ أُرْسِلَتْ كَلِمَةُ هَذَا ٱلْخَلَاصِ.٢٦
27 २७ क्योंकि यरूशलेम के रहनेवालों और उनके सरदारों ने, न उसे पहचाना, और न भविष्यद्वक्ताओं की बातें समझी; जो हर सब्त के दिन पढ़ी जाती हैं, इसलिए उसे दोषी ठहराकर उनको पूरा किया।
لِأَنَّ ٱلسَّاكِنِينَ فِي أُورُشَلِيمَ وَرُؤَسَاءَهُمْ لَمْ يَعْرِفُوا هَذَا. وَأَقْوَالُ ٱلْأَنْبِيَاءِ ٱلَّتِي تُقْرَأُ كُلَّ سَبْتٍ تَمَّمُوهَا، إِذْ حَكَمُوا عَلَيْهِ.٢٧
28 २८ उन्होंने मार डालने के योग्य कोई दोष उसमें न पाया, फिर भी पिलातुस से विनती की, कि वह मार डाला जाए।
وَمَعْ أَنَّهُمْ لَمْ يَجِدُوا عِلَّةً وَاحِدَةً لِلْمَوْتِ طَلَبُوا مِنْ بِيلَاطُسَ أَنْ يُقْتَلَ.٢٨
29 २९ और जब उन्होंने उसके विषय में लिखी हुई सब बातें पूरी की, तो उसे क्रूस पर से उतार कर कब्र में रखा।
وَلَمَّا تَمَّمُوا كُلَّ مَا كُتِبَ عَنْهُ، أَنْزَلُوهُ عَنِ ٱلْخَشَبَةِ وَوَضَعُوهُ فِي قَبْرٍ.٢٩
30 ३० परन्तु परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया,
وَلَكِنَّ ٱللهَ أَقَامَهُ مِنَ ٱلْأَمْوَاتِ.٣٠
31 ३१ और वह उन्हें जो उसके साथ गलील से यरूशलेम आए थे, बहुत दिनों तक दिखाई देता रहा; लोगों के सामने अब वे ही उसके गवाह हैं।
وَظَهَرَ أَيَّامًا كَثِيرَةً لِلَّذِينَ صَعِدُوا مَعَهُ مِنَ ٱلْجَلِيلِ إِلَى أُورُشَلِيمَ، ٱلَّذِينَ هُمْ شُهُودُهُ عِنْدَ ٱلشَّعْبِ.٣١
32 ३२ और हम तुम्हें उस प्रतिज्ञा के विषय में जो पूर्वजों से की गई थी, यह सुसमाचार सुनाते हैं,
وَنَحْنُ نُبَشِّرُكُمْ بِٱلْمَوْعِدِ ٱلَّذِي صَارَ لِآبَائِنَا،٣٢
33 ३३ कि परमेश्वर ने यीशु को जिलाकर, वही प्रतिज्ञा हमारी सन्तान के लिये पूरी की; जैसा दूसरे भजन में भी लिखा है, ‘तू मेरा पुत्र है; आज मैं ही ने तुझे जन्माया है।’
إِنَّ ٱللهَ قَدْ أَكْمَلَ هَذَا لَنَا نَحْنُ أَوْلَادَهُمْ، إِذْ أَقَامَ يَسُوعَ كَمَا هُوَ مَكْتُوبٌ أَيْضًا فِي ٱلْمَزْمُورِ ٱلثَّانِي: أَنْتَ ٱبْنِي، أَنَا ٱلْيَوْمَ وَلَدْتُكَ.٣٣
34 ३४ और उसके इस रीति से मरे हुओं में से जिलाने के विषय में भी, कि वह कभी न सड़े, उसने यह कहा है, ‘मैं दाऊद पर की पवित्र और अटल कृपा तुम पर करूँगा।’
إِنَّهُ أَقَامَهُ مِنَ ٱلْأَمْوَاتِ، غَيْرَ عَتِيدٍ أَنْ يَعُودَ أَيْضًا إِلَى فَسَادٍ، فَهَكَذَا قَالَ: إِنِّي سَأُعْطِيكُمْ مَرَاحِمَ دَاوُدَ ٱلصَّادِقَةَ.٣٤
35 ३५ इसलिए उसने एक और भजन में भी कहा है, ‘तू अपने पवित्र जन को सड़ने न देगा।’
وَلِذَلِكَ قَالَ أَيْضًا فِي مَزْمُورٍ آخَرَ: لَنْ تَدَعَ قُدُّوسَكَ يَرَى فَسَادًا.٣٥
36 ३६ “क्योंकि दाऊद तो परमेश्वर की इच्छा के अनुसार अपने समय में सेवा करके सो गया, और अपने पूर्वजों में जा मिला, और सड़ भी गया।
لِأَنَّ دَاوُدَ بَعْدَ مَا خَدَمَ جِيلَهُ بِمَشُورَةِ ٱللهِ، رَقَدَ وَٱنْضَمَّ إِلَى آبَائِهِ، وَرَأَى فَسَادًا.٣٦
37 ३७ परन्तु जिसको परमेश्वर ने जिलाया, वह सड़ने नहीं पाया।
وَأَمَّا ٱلَّذِي أَقَامَهُ ٱللهُ فَلَمْ يَرَ فَسَادًا.٣٧
38 ३८ इसलिए, हे भाइयों; तुम जान लो कि यीशु के द्वारा पापों की क्षमा का समाचार तुम्हें दिया जाता है।
فَلْيَكُنْ مَعْلُومًا عِنْدَكُمْ أَيُّهَا ٱلرِّجَالُ ٱلْإِخْوَةُ، أَنَّهُ بِهَذَا يُنَادَى لَكُمْ بِغُفْرَانِ ٱلْخَطَايَا،٣٨
39 ३९ और जिन बातों से तुम मूसा की व्यवस्था के द्वारा निर्दोष नहीं ठहर सकते थे, उन्हीं सबसे हर एक विश्वास करनेवाला उसके द्वारा निर्दोष ठहरता है।
وَبِهَذَا يَتَبَرَّرُ كُلُّ مَنْ يُؤْمِنُ مِنْ كُلِّ مَا لَمْ تَقْدِرُوا أَنْ تَتَبَرَّرُوا مِنْهُ بِنَامُوسِ مُوسَى.٣٩
40 ४० इसलिए चौकस रहो, ऐसा न हो, कि जो भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तक में लिखित है, तुम पर भी आ पड़े:
فَٱنْظُرُوا لِئَلَّا يَأْتِيَ عَلَيْكُمْ مَا قِيلَ فِي ٱلْأَنْبِيَاءِ:٤٠
41 ४१ ‘हे निन्दा करनेवालों, देखो, और चकित हो, और मिट जाओ; क्योंकि मैं तुम्हारे दिनों में एक काम करता हूँ; ऐसा काम, कि यदि कोई तुम से उसकी चर्चा करे, तो तुम कभी विश्वास न करोगे।’”
اُنْظُرُوا أَيُّهَا ٱلْمُتَهَاوِنُونَ، وَتَعَجَّبُوا وَٱهْلِكُوا! لِأَنَّنِي عَمَلًا أَعْمَلُ فِي أَيَّامِكُمْ. عَمَلًا لَا تُصَدِّقُونَ إِنْ أَخْبَرَكُمْ أَحَدٌ بِهِ».٤١
42 ४२ उनके बाहर निकलते समय लोग उनसे विनती करने लगे, कि अगले सब्त के दिन हमें ये बातें फिर सुनाई जाएँ।
وَبَعْدَمَا خَرَجَ ٱلْيَهُودُ مِنَ ٱلْمَجْمَعِ جَعَلَ ٱلْأُمَمُ يَطْلُبُونَ إِلَيْهِمَا أَنْ يُكَلِّمَاهُمْ بِهَذَا ٱلْكَلَامِ فِي ٱلسَّبْتِ ٱلْقَادِمِ.٤٢
43 ४३ और जब आराधनालय उठ गई तो यहूदियों और यहूदी मत में आए हुए भक्तों में से बहुत से पौलुस और बरनबास के पीछे हो लिए; और उन्होंने उनसे बातें करके समझाया, कि परमेश्वर के अनुग्रह में बने रहो।
وَلَمَّا ٱنْفَضَّتِ ٱلْجَمَاعَةُ، تَبِعَ كَثِيرُونَ مِنَ ٱلْيَهُودِ وَٱلدُّخَلَاءِ ٱلْمُتَعَبِّدِينَ بُولُسَ وَبَرْنَابَا، ٱللَّذَيْنِ كَانَا يُكَلِّمَانِهِمْ وَيُقْنِعَانِهِمْ أَنْ يَثْبُتُوا فِي نِعْمَةِ ٱللهِ.٤٣
44 ४४ अगले सब्त के दिन नगर के प्रायः सब लोग परमेश्वर का वचन सुनने को इकट्ठे हो गए।
وَفِي ٱلسَّبْتِ ٱلتَّالِي ٱجْتَمَعَتْ كُلُّ ٱلْمَدِينَةِ تَقْرِيبًا لِتَسْمَعَ كَلِمَةَ ٱللهِ.٤٤
45 ४५ परन्तु यहूदी भीड़ को देखकर ईर्ष्या से भर गए, और निन्दा करते हुए पौलुस की बातों के विरोध में बोलने लगे।
فَلَمَّا رَأَى ٱلْيَهُودُ ٱلْجُمُوعَ ٱمْتَلَأُوا غَيْرَةً، وَجَعَلُوا يُقَاوِمُونَ مَا قَالَهُ بُولُسُ مُنَاقِضِينَ وَمُجَدِّفِينَ.٤٥
46 ४६ तब पौलुस और बरनबास ने निडर होकर कहा, “अवश्य था, कि परमेश्वर का वचन पहले तुम्हें सुनाया जाता; परन्तु जबकि तुम उसे दूर करते हो, और अपने को अनन्त जीवन के योग्य नहीं ठहराते, तो अब, हम अन्यजातियों की ओर फिरते हैं। (aiōnios g166)
فَجَاهَرَ بُولُسُ وَبَرْنَابَا وَقَالَا: «كَانَ يَجِبُ أَنْ تُكَلَّمُوا أَنْتُمْ أَوَّلًا بِكَلِمَةِ ٱللهِ، وَلَكِنْ إِذْ دَفَعْتُمُوهَا عَنْكُمْ، وَحَكَمْتُمْ أَنَّكُمْ غَيْرُ مُسْتَحِقِّينَ لِلْحَيَاةِ ٱلْأَبَدِيَّةِ، هُوَذَا نَتَوَجَّهُ إِلَى ٱلْأُمَمِ. (aiōnios g166)٤٦
47 ४७ क्योंकि प्रभु ने हमें यह आज्ञा दी है, ‘मैंने तुझे अन्यजातियों के लिये ज्योति ठहराया है, ताकि तू पृथ्वी की छोर तक उद्धार का द्वार हो।’”
لِأَنْ هَكَذَا أَوْصَانَا ٱلرَّبُّ: قَدْ أَقَمْتُكَ نُورًا لِلْأُمَمِ، لِتَكُونَ أَنْتَ خَلَاصًا إِلَى أَقْصَى ٱلْأَرْضِ».٤٧
48 ४८ यह सुनकर अन्यजाति आनन्दित हुए, और परमेश्वर के वचन की बड़ाई करने लगे, और जितने अनन्त जीवन के लिये ठहराए गए थे, उन्होंने विश्वास किया। (aiōnios g166)
فَلَمَّا سَمِعَ ٱلْأُمَمُ ذَلِكَ كَانُوا يَفْرَحُونَ وَيُمَجِّدُونَ كَلِمَةَ ٱلرَّبِّ. وَآمَنَ جَمِيعُ ٱلَّذِينَ كَانُوا مُعَيَّنِينَ لِلْحَيَاةِ ٱلْأَبَدِيَّةِ. (aiōnios g166)٤٨
49 ४९ तब प्रभु का वचन उस सारे देश में फैलने लगा।
وَٱنْتَشَرَتْ كَلِمَةُ ٱلرَّبِّ فِي كُلِّ ٱلْكُورَةِ.٤٩
50 ५० परन्तु यहूदियों ने भक्त और कुलीन स्त्रियों को और नगर के प्रमुख लोगों को भड़काया, और पौलुस और बरनबास पर उपद्रव करवाकर उन्हें अपनी सीमा से बाहर निकाल दिया।
وَلَكِنَّ ٱلْيَهُودَ حَرَّكُوا ٱلنِّسَاءَ ٱلْمُتَعَبِّدَاتِ ٱلشَّرِيفَاتِ وَوُجُوهَ ٱلْمَدِينَةِ، وَأَثَارُوا ٱضْطِهَادًا عَلَى بُولُسَ وَبَرْنَابَا، وَأَخْرَجُوهُمَا مِنْ تُخُومِهِمْ.٥٠
51 ५१ तब वे उनके सामने अपने पाँवों की धूल झाड़कर इकुनियुम को चले गए।
أَمَّا هُمَا فَنَفَضَا غُبَارَ أَرْجُلِهِمَا عَلَيْهِمْ، وَأَتَيَا إِلَى إِيقُونِيَةَ.٥١
52 ५२ और चेले आनन्द से और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होते रहे।
وَأَمَّا ٱلتَّلَامِيذُ فَكَانُوا يَمْتَلِئُونَ مِنَ ٱلْفَرَحِ وَٱلرُّوحِ ٱلْقُدُسِ.٥٢

< प्रेरितों के काम 13 >