< 2 तीमुथियुस 4 >

1 परमेश्वर और मसीह यीशु को गवाह करके, जो जीवितों और मरे हुओं का न्याय करेगा, उसे और उसके प्रगट होने, और राज्य को सुधि दिलाकर मैं तुझे आदेश देता हूँ।
Ishvarasya gochare yashcha yIshuH khrIShTaH svIyAgamanakAle svarAjatvena jIvatAM mR^itAnA ncha lokAnAM vichAraM kariShyati tasya gochare. ahaM tvAm idaM dR^iDham Aj nApayAmi|
2 कि तू वचन का प्रचार कर; समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डाँट, और समझा।
tvaM vAkyaM ghoShaya kAle. akAle chotsuko bhava pUrNayA sahiShNutayA shikShayA cha lokAn prabodhaya bhartsaya vinayasva cha|
3 क्योंकि ऐसा समय आएगा, कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपने लिये बहुत सारे उपदेशक बटोर लेंगे।
yata etAdR^ishaH samaya AyAti yasmin lokA yathArtham upadesham asahyamAnAH karNakaNDUyanavishiShTA bhUtvA nijAbhilAShAt shikShakAn saMgrahIShyanti
4 और अपने कान सत्य से फेरकर कथा-कहानियों पर लगाएँगे।
satyamatAchcha shrotrANi nivarttya vipathagAmino bhUtvopAkhyAneShu pravarttiShyante;
5 पर तू सब बातों में सावधान रह, दुःख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर।
kintu tvaM sarvvaviShaye prabuddho bhava duHkhabhogaM svIkuru susaMvAdaprachArakasya karmma sAdhaya nijaparicharyyAM pUrNatvena kuru cha|
6 क्योंकि अब मैं अर्घ के समान उण्डेला जाता हूँ, और मेरे संसार से जाने का समय आ पहुँचा है।
mama prANAnAm utsargo bhavati mama prasthAnakAlashchopAtiShThat|
7 मैं अच्छी कुश्ती लड़ चुका हूँ, मैंने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैंने विश्वास की रखवाली की है।
aham uttamayuddhaM kR^itavAn gantavyamArgasyAntaM yAvad dhAvitavAn vishvAsa ncha rakShitavAn|
8 भविष्य में मेरे लिये धार्मिकता का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन् उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं।
sheShaM puNyamukuTaM madarthaM rakShitaM vidyate tachcha tasmin mahAdine yathArthavichArakeNa prabhunA mahyaM dAyiShyate kevalaM mahyam iti nahi kintu yAvanto lokAstasyAgamanam AkA NkShante tebhyaH sarvvebhyo. api dAyiShyate|
9 मेरे पास शीघ्र आने का प्रयत्न कर।
tvaM tvarayA matsamIpam AgantuM yatasva,
10 १० क्योंकि देमास ने इस संसार को प्रिय जानकर मुझे छोड़ दिया है, और थिस्सलुनीके को चला गया है, और क्रेसकेंस गलातिया को और तीतुस दलमतिया को चला गया है। (aiōn g165)
yato dImA aihikasaMsAram IhamAno mAM parityajya thiShalanIkIM gatavAn tathA krIShki rgAlAtiyAM gatavAn tItashcha dAlmAtiyAM gatavAn| (aiōn g165)
11 ११ केवल लूका मेरे साथ है मरकुस को लेकर चला आ; क्योंकि सेवा के लिये वह मेरे बहुत काम का है।
kevalo lUko mayA sArddhaM vidyate| tvaM mArkaM sa NginaM kR^itvAgachCha yataH sa paricharyyayA mamopakArI bhaviShyati,
12 १२ तुखिकुस को मैंने इफिसुस को भेजा है।
tukhika nchAham iphiShanagaraM preShitavAn|
13 १३ जो बागा मैं त्रोआस में करपुस के यहाँ छोड़ आया हूँ, जब तू आए, तो उसे और पुस्तकें विशेष करके चर्मपत्रों को लेते आना।
yad AchChAdanavastraM troyAnagare kArpasya sannidhau mayA nikShiptaM tvamAgamanasamaye tat pustakAni cha visheShatashcharmmagranthAn Anaya|
14 १४ सिकन्दर ठठेरे ने मुझसे बहुत बुराइयाँ की हैं प्रभु उसे उसके कामों के अनुसार बदला देगा।
kAMsyakAraH sikandaro mama bahvaniShTaM kR^itavAn prabhustasya karmmaNAM samuchitaphalaM dadAtu|
15 १५ तू भी उससे सावधान रह, क्योंकि उसने हमारी बातों का बहुत ही विरोध किया।
tvamapi tasmAt sAvadhAnAstiShTha yataH so. asmAkaM vAkyAnAm atIva vipakSho jAtaH|
16 १६ मेरे पहले प्रत्युत्तर करने के समय में किसी ने भी मेरा साथ नहीं दिया, वरन् सब ने मुझे छोड़ दिया था भला हो, कि इसका उनको लेखा देना न पड़े।
mama prathamapratyuttarasamaye ko. api mama sahAyo nAbhavat sarvve mAM paryyatyajan tAn prati tasya doShasya gaNanA na bhUyAt;
17 १७ परन्तु प्रभु मेरा सहायक रहा, और मुझे सामर्थ्य दी; ताकि मेरे द्वारा पूरा-पूरा प्रचार हो, और सब अन्यजाति सुन लें; और मैं तो सिंह के मुँह से छुड़ाया गया।
kintu prabhu rmama sahAyo. abhavat yathA cha mayA ghoShaNA sAdhyeta bhinnajAtIyAshcha sarvve susaMvAdaM shR^iNuyustathA mahyaM shaktim adadAt tato. ahaM siMhasya mukhAd uddhR^itaH|
18 १८ और प्रभु मुझे हर एक बुरे काम से छुड़ाएगा, और अपने स्वर्गीय राज्य में उद्धार करके पहुँचाएगा उसी की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
aparaM sarvvasmAd duShkarmmataH prabhu rmAm uddhariShyati nijasvargIyarAjyaM netuM mAM tArayiShyati cha| tasya dhanyavAdaH sadAkAlaM bhUyAt| Amen| (aiōn g165)
19 १९ प्रिस्का और अक्विला को, और उनेसिफुरूस के घराने को नमस्कार।
tvaM priShkAm Akkilam anIShipharasya parijanAMshcha namaskuru|
20 २० इरास्तुस कुरिन्थुस में रह गया, और त्रुफिमुस को मैंने मीलेतुस में बीमार छोड़ा है।
irAstaH karinthanagare. atiShThat traphimashcha pIDitatvAt milItanagare mayA vyahIyata|
21 २१ जाड़े से पहले चले आने का प्रयत्न कर: यूबूलुस, और पूदेंस, और लीनुस और क्लौदिया, और सब भाइयों का तुझे नमस्कार।
tvaM hemantakAlAt pUrvvam AgantuM yatasva| ubUlaH pUdi rlInaH klaudiyA sarvve bhrAtarashcha tvAM namaskurvvate|
22 २२ प्रभु तेरी आत्मा के साथ रहे, तुम पर अनुग्रह होता रहे।
prabhu ryIshuH khrIShTastavAtmanA saha bhUyAt| yuShmAsvanugraho bhUyAt| Amen|

< 2 तीमुथियुस 4 >