< 2 तीमुथियुस 1 >
1 १ पौलुस की ओर से जो उस जीवन की प्रतिज्ञा के अनुसार जो मसीह यीशु में है, परमेश्वर की इच्छा से मसीह यीशु का प्रेरित है,
Pablo, un apóstol de Cristo Jesús por voluntad de Dios, según [la] promesa de [la ]vida en Cristo Jesús,
2 २ प्रिय पुत्र तीमुथियुस के नाम। परमेश्वर पिता और हमारे प्रभु मसीह यीशु की ओर से तुझे अनुग्रह और दया और शान्ति मिलती रहे।
a Timoteo, amado hijo. Gracia, misericordia, paz de Dios Padre y de Cristo Jesús nuestro Señor.
3 ३ जिस परमेश्वर की सेवा मैं अपने पूर्वजों की रीति पर शुद्ध विवेक से करता हूँ, उसका धन्यवाद हो कि अपनी प्रार्थनाओं में रात दिन तुझे लगातार स्मरण करता हूँ,
Doy gracias a Dios a Quien sirvo con limpia conciencia, como lo hicieron mis antepasados, cuando sin cesar me recuerdo de ti en mis conversaciones con Dios de noche y de día,
4 ४ और तेरे आँसुओं की सुधि कर करके तुझ से भेंट करने की लालसा रखता हूँ, कि आनन्द से भर जाऊँ।
al recordar tus lágrimas y anhelar verte para regocijarme.
5 ५ और मुझे तेरे उस निष्कपट विश्वास की सुधि आती है, जो पहले तेरी नानी लोइस, और तेरी माता यूनीके में थी, और मुझे निश्चय हुआ है, कि तुझ में भी है।
Tengo presente el recuerdo de la fe sincera que hay en ti, la cual residió primero en tu abuela Loida y en tu madre Eunice, y estoy persuadido de que también en ti.
6 ६ इसी कारण मैं तुझे सुधि दिलाता हूँ, कि तू परमेश्वर के उस वरदान को जो मेरे हाथ रखने के द्वारा तुझे मिला है प्रज्वलित कर दे।
Por esta razón te recuerdo que avives el fuego, el don de Dios que está en ti por medio de la imposición de mis manos.
7 ७ क्योंकि परमेश्वर ने हमें भय की नहीं पर सामर्थ्य, और प्रेम, और संयम की आत्मा दी है।
Porque Dios no nos dio espíritu de cobardía, sino de poder, de amor y de dominio propio.
8 ८ इसलिए हमारे प्रभु की गवाही से, और मुझसे जो उसका कैदी हूँ, लज्जित न हो, पर उस परमेश्वर की सामर्थ्य के अनुसार सुसमाचार के लिये मेरे साथ दुःख उठा।
Por tanto no te avergüences del testimonio de nuestro Señor, ni de mí, su prisionero. Sino comparte conmigo el sufrimiento en las Buenas Noticias según [el] poder de Dios,
9 ९ जिसने हमारा उद्धार किया, और पवित्र बुलाहट से बुलाया, और यह हमारे कामों के अनुसार नहीं; पर अपनी मनसा और उस अनुग्रह के अनुसार है; जो मसीह यीशु में अनादिकाल से हम पर हुआ है। (aiōnios )
Quien nos salvó y llamó con vocación santa, no según nuestras obras, sino según su propio propósito y gracia que nos fue dada en Cristo Jesús antes de [los ]tiempos eternos. (aiōnios )
10 १० पर अब हमारे उद्धारकर्ता मसीह यीशु के प्रगट होने के द्वारा प्रकाशित हुआ, जिसने मृत्यु का नाश किया, और जीवन और अमरता को उस सुसमाचार के द्वारा प्रकाशमान कर दिया।
Pero ahora [la gracia ]fue manifestada por medio de la aparición de nuestro Salvador, Cristo Jesús, Quien ciertamente abolió la muerte al sacar a luz [la] vida y [la] inmortalidad por medio de las Buenas Noticias,
11 ११ जिसके लिये मैं प्रचारक, और प्रेरित, और उपदेशक भी ठहरा।
para las cuales yo fui designado predicador, apóstol y maestro,
12 १२ इस कारण मैं इन दुःखों को भी उठाता हूँ, पर लजाता नहीं, क्योंकि जिस पर मैंने विश्वास रखा है, जानता हूँ; और मुझे निश्चय है, कि वह मेरी धरोहर की उस दिन तक रखवाली कर सकता है।
razón por la cual también soporto estas cosas. Pero no me avergüenzo, porque sé en Quién creí y me persuadí de que es poderoso para guardar mi depósito hasta aquel día.
13 १३ जो खरी बातें तूने मुझसे सुनी हैं उनको उस विश्वास और प्रेम के साथ जो मसीह यीशु में है, अपना आदर्श बनाकर रख।
Retén copia calcada de las palabras sanas que escuchaste de mí, la fe y el amor en Cristo Jesús.
14 १४ और पवित्र आत्मा के द्वारा जो हम में बसा हुआ है, इस अच्छी धरोहर की रखवाली कर।
Guarda el buen depósito por medio del Espíritu Santo que vive en nosotros.
15 १५ तू जानता है, कि आसियावाले सब मुझसे फिर गए हैं, जिनमें फूगिलुस और हिरमुगिनेस हैं।
Sabes que todos los de Asia se alejaron de mí, de los cuales son Figelo y Hermógenes.
16 १६ उनेसिफुरूस के घराने पर प्रभु दया करे, क्योंकि उसने बहुत बार मेरे जी को ठंडा किया, और मेरी जंजीरों से लज्जित न हुआ।
El Señor conceda misericordia a la casa de Onesíforo, pues muchas veces me refrescó y no se avergonzó de mi cautividad.
17 १७ पर जब वह रोम में आया, तो बड़े यत्न से ढूँढ़कर मुझसे भेंट की।
Al hallarse en Roma, diligentemente me buscó y [me] encontró.
18 १८ (प्रभु करे, कि उस दिन उस पर प्रभु की दया हो)। और जो-जो सेवा उसने इफिसुस में की है उन्हें भी तू भली भाँति जानता है।
El Señor tenga misericordia de él en aquel día. Tú sabes bien cuántos servicios nos brindó en Éfeso.