< 2 शमूएल 23 >
1 १ दाऊद के अन्तिम वचन ये हैं: “यिशै के पुत्र की यह वाणी है, उस पुरुष की वाणी है जो ऊँचे पर खड़ा किया गया, और याकूब के परमेश्वर का अभिषिक्त, और इस्राएल का मधुर भजन गानेवाला है:
Hæc autem sunt verba David novissima. Dixit David filius Isai: [Dixit vir, cui constitutum est de christo Dei Jacob, egregius psaltes Israël:
2 २ “यहोवा का आत्मा मुझ में होकर बोला, और उसी का वचन मेरे मुँह में आया।
Spiritus Domini locutus est per me, et sermo ejus per linguam meam.
3 ३ इस्राएल के परमेश्वर ने कहा है, इस्राएल की चट्टान ने मुझसे बातें की हैं, कि मनुष्यों में प्रभुता करनेवाला एक धर्मी होगा, जो परमेश्वर का भय मानता हुआ प्रभुता करेगा,
Dixit Deus Israël mihi, locutus est fortis Israël: Dominator hominum, justus dominator in timore Dei,
4 ४ वह मानो भोर का प्रकाश होगा जब सूर्य निकलता है, ऐसा भोर जिसमें बादल न हों, जैसा वर्षा के बाद निर्मल प्रकाश के कारण भूमि से हरी-हरी घास उगती है।
sicut lux auroræ, oriente sole, mane absque nubibus rutilat: et sicut pluviis germinat herba de terra.
5 ५ क्या मेरा घराना परमेश्वर की दृष्टि में ऐसा नहीं है? उसने तो मेरे साथ सदा की एक ऐसी वाचा बाँधी है, जो सब बातों में ठीक की हुई और अटल भी है। क्योंकि चाहे वह उसको प्रगट न करे, तो भी मेरा पूर्ण उद्धार और पूर्ण अभिलाषा का विषय वही है।
Nec tanta est domus mea apud Deum, ut pactum æternum iniret mecum, firmum in omnibus atque munitum. Cuncta enim salus mea, et omnis voluntas, nec est quidquam ex ea quod non germinet.
6 ६ परन्तु ओछे लोग सब के सब निकम्मी झाड़ियों के समान हैं जो हाथ से पकड़ी नहीं जातीं;
Prævaricatores autem quasi spinæ evellentur universi, quæ non tolluntur manibus.
7 ७ परन्तु जो पुरुष उनको छूए उसे लोहे और भाले की छड़ से सुसज्जित होना चाहिये। इसलिए वे अपने ही स्थान में आग से भस्म कर दिए जाएँगे।”
Et si quis tangere voluerit eas, armabitur ferro et ligno lanceato, igneque succensæ comburentur usque ad nihilum.]
8 ८ दाऊद के शूरवीरों के नाम ये हैं: अर्थात् तहकमोनी योशेब्यश्शेबेत, जो सरदारों में मुख्य था; वह एस्नी अदीनो भी कहलाता था; जिसने एक ही समय में आठ सौ पुरुष मार डाले।
Hæc nomina fortium David. Sedens in cathedra sapientissimus princeps inter tres, ipse est quasi tenerrimus ligni vermiculus, qui octingentos interfecit impetu uno.
9 ९ उसके बाद अहोही दोदै का पुत्र एलीआजर था। वह उस समय दाऊद के संग के तीनों वीरों में से था, जबकि उन्होंने युद्ध के लिये एकत्रित हुए पलिश्तियों को ललकारा, और इस्राएली पुरुष चले गए थे।
Post hunc, Eleazar filius patrui ejus Ahohites inter tres fortes, qui erant cum David quando exprobraverunt Philisthiim, et congregati sunt illuc in prælium.
10 १० वह कमर बाँधकर पलिश्तियों को तब तक मारता रहा जब तक उसका हाथ थक न गया, और तलवार हाथ से चिपट न गई; और उस दिन यहोवा ने बड़ी विजय कराई; और जो लोग उसके पीछे हो लिए वे केवल लूटने ही के लिये उसके पीछे हो लिए।
Cumque ascendissent viri Israël, ipse stetit et percussit Philisthæos donec deficeret manus ejus, et obrigesceret cum gladio: fecitque Dominus salutem magnam in die illa: et populus qui fugerat, reversus est ad cæsorum spolia detrahenda.
11 ११ उसके बाद आगै नामक एक हरारी का पुत्र शम्मा था। पलिश्तियों ने इकट्ठे होकर एक स्थान में दल बाँधा, जहाँ मसूर का एक खेत था; और लोग उनके डर के मारे भागे।
Et post hunc, Semma filius Age de Arari. Et congregati sunt Philisthiim in statione: erat quippe ibi ager lente plenus. Cumque fugisset populus a facie Philisthiim,
12 १२ तब उसने खेत के मध्य में खड़े होकर उसे बचाया, और पलिश्तियों को मार लिया; और यहोवा ने बड़ी विजय दिलाई।
stetit ille in medio agri, et tuitus est eum, percussitque Philisthæos: et fecit Dominus salutem magnam.
13 १३ फिर तीसों मुख्य सरदारों में से तीन जन कटनी के दिनों में दाऊद के पास अदुल्लाम नामक गुफा में आए, और पलिश्तियों का दल रपाईम नामक तराई में छावनी किए हुए था।
Necnon et ante descenderant tres qui erant principes inter triginta, et venerant tempore messis ad David in speluncam Odollam: castra autem Philisthinorum erant posita in Valle gigantum.
14 १४ उस समय दाऊद गढ़ में था; और उस समय पलिश्तियों की चौकी बैतलहम में थी।
Et David erat in præsidio: porro statio Philisthinorum tunc erat in Bethlehem.
15 १५ तब दाऊद ने बड़ी अभिलाषा के साथ कहा, “कौन मुझे बैतलहम के फाटक के पास के कुएँ का पानी पिलाएगा?”
Desideravit ergo David, et ait: O si quis mihi daret potum aquæ de cisterna quæ est in Bethlehem juxta portam!
16 १६ अतः वे तीनों वीर पलिश्तियों की छावनी पर टूट पड़े, और बैतलहम के फाटक के कुएँ से पानी भरकर दाऊद के पास ले आए। परन्तु उसने पीने से इन्कार किया, और यहोवा के सामने अर्घ करके उण्डेला,
Irruperunt ergo tres fortes castra Philisthinorum, et hauserunt aquam de cisterna Bethlehem, quæ erat juxta portam, et attulerunt ad David: at ille noluit bibere, sed libavit eam Domino,
17 १७ और कहा, “हे यहोवा, मुझसे ऐसा काम दूर रहे। क्या मैं उन मनुष्यों का लहू पीऊँ जो अपने प्राणों पर खेलकर गए थे?” इसलिए उसने उस पानी को पीने से इन्कार किया। इन तीन वीरों ने तो ये ही काम किए।
dicens: Propitius sit mihi Dominus, ne faciam hoc: num sanguinem hominum istorum qui profecti sunt, et animarum periculum bibam? Noluit ergo bibere. Hæc fecerunt tres robustissimi.
18 १८ अबीशै जो सरूयाह के पुत्र योआब का भाई था, वह तीनों से मुख्य था। उसने अपना भाला चलाकर तीन सौ को मार डाला, और तीनों में नामी हो गया।
Abisai quoque frater Joab filius Sarviæ, princeps erat de tribus: ipse est qui levavit hastam suam contra trecentos, quos interfecit: nominatus in tribus,
19 १९ क्या वह तीनों से अधिक प्रतिष्ठित न था? और इसी से वह उनका प्रधान हो गया; परन्तु मुख्य तीनों के पद को न पहुँचा।
et inter tres nobilior, eratque eorum princeps, sed usque ad tres primos non pervenerat.
20 २० फिर यहोयादा का पुत्र बनायाह था, जो कबसेलवासी एक बड़ा काम करनेवाले वीर का पुत्र था; उसने सिंह सरीखे दो मोआबियों को मार डाला। बर्फ गिरने के समय उसने एक गड्ढे में उतर के एक सिंह को मार डाला।
Et Banaias filius Jojadæ viri fortissimi, magnorum operum, de Cabseel. Ipse percussit duos leones Moab, et ipse descendit, et percussit leonem in media cisterna in diebus nivis.
21 २१ फिर उसने एक रूपवान मिस्री पुरुष को मार डाला। मिस्री तो हाथ में भाला लिए हुए था; परन्तु बनायाह एक लाठी ही लिए हुए उसके पास गया, और मिस्री के हाथ से भाला छीनकर उसी के भाले से उसे घात किया।
Ipse quoque interfecit virum ægyptium, virum dignum spectaculo, habentem in manu hastam: itaque cum descendisset ad eum in virga, vi extorsit hastam de manu Ægyptii, et interfecit eum hasta sua.
22 २२ ऐसे-ऐसे काम करके यहोयादा का पुत्र बनायाह उन तीनों वीरों में नामी हो गया।
Hæc fecit Banaias filius Jojadæ.
23 २३ वह तीसों से अधिक प्रतिष्ठित तो था, परन्तु मुख्य तीनों के पद को न पहुँचा। उसको दाऊद ने अपनी निज सभा का सभासद नियुक्त किया।
Et ipse nominatus inter tres robustos, qui erant inter triginta nobiliores: verumtamen usque ad tres non pervenerat: fecitque eum sibi David auricularium, a secreto.
24 २४ फिर तीसों में योआब का भाई असाहेल; बैतलहमी दोदो का पुत्र एल्हनान,
Asaël frater Joab inter triginta, Elehanan filius patrui ejus de Bethlehem,
25 २५ हेरोदी शम्मा, और एलीका,
Semma de Harodi, Elica de Harodi,
26 २६ पेलेती हेलेस, तकोई इक्केश का पुत्र ईरा,
Heles de Phalti, Hira filius Acces de Thecua,
27 २७ अनातोती अबीएजेर, हूशाई मबुन्ने,
Abiezer de Anathoth, Mobonnai de Husati,
28 २८ अहोही सल्मोन, नतोपाही महरै,
Selmon Ahohites, Maharai Netophathites,
29 २९ एक और नतोपाही बानाह का पुत्र हेलेब, बिन्यामीनियों के गिबा नगर के रीबै का पुत्र इत्तै,
Heled filius Baana, et ipse Netophathites, Ithai filius Ribai de Gabaath filiorum Benjamin,
30 ३० पिरातोनी, बनायाह, गाश के नालों के पास रहनेवाला हिद्दै,
Banaia Pharathonites, Heddai de torrente Gaas,
31 ३१ अराबा का अबीअल्बोन, बहूरीमी अज्मावेत,
Abialbon Arbathites, Azmaveth de Beromi,
32 ३२ शालबोनी एल्यहबा, याशेन के वंश में से योनातान,
Eliaba de Salaboni. Filii Jassen, Jonathan,
33 ३३ हरारी शम्मा, हरारी शारार का पुत्र अहीआम,
Semma de Orori, Ajam filius Sarar Arorites,
34 ३४ माका देश के अहसबै का पुत्र एलीपेलेत, गीलोवासी अहीतोपेल का पुत्र एलीआम,
Eliphelet filius Aasbai filii Machati, Eliam filius Achitophel Gelonites,
35 ३५ कर्मेली हेस्रो, अराबी पारै
Hesrai de Carmelo, Pharai de Arbi,
36 ३६ सोबा नातान का पुत्र यिगाल, गादी बानी,
Igaal filius Nathan de Soba, Bonni de Gadi,
37 ३७ अम्मोनी सेलेक, बेरोती नहरै जो सरूयाह के पुत्र योआब का हथियार ढोनेवाला था,
Selec de Ammoni, Naharai Berothites armiger Joab filii Sarviæ,
38 ३८ येतेरी ईरा, और गारेब,
Ira Jethrites, Gareb et ipse Jethrites,
39 ३९ और हित्ती ऊरिय्याह थाः सब मिलाकर सैंतीस थे।
Urias Hethæus: omnes triginta septem.