< 2 शमूएल 10 >

1 इसके बाद अम्मोनियों का राजा मर गया, और उसका हानून नामक पुत्र उसके स्थान पर राजा हुआ।
And it came to pass after this, that the king of the children of Ammon died, and Hanun his son reigned in his stead.
2 तब दाऊद ने यह सोचा, “जैसे हानून के पिता नाहाश ने मुझ को प्रीति दिखाई थी, वैसे ही मैं भी हानून को प्रीति दिखाऊँगा।” तब दाऊद ने अपने कई कर्मचारियों को उसके पास उसके पिता की मृत्यु के विषय शान्ति देने के लिये भेज दिया। और दाऊद के कर्मचारी अम्मोनियों के देश में आए।
Then said David, I will show kindness to Hanun the son of Nahash, as his father showed kindness to me. And David sent to comfort him by the hand of his servants for his father. And David's servants came into the land of the children of Ammon.
3 परन्तु अम्मोनियों के हाकिम अपने स्वामी हानून से कहने लगे, “दाऊद ने जो तेरे पास शान्ति देनेवाले भेजे हैं, वह क्या तेरी समझ में तेरे पिता का आदर करने के विचार से भेजे गए हैं? वह क्या दाऊद ने अपने कर्मचारियों को तेरे पास इसी विचार से नहीं भेजा कि इस नगर में ढूँढ़-ढाँढ़ करके और इसका भेद लेकर इसको उलट दे?”
And the princes of the children of Ammon said to Hanun their lord, Thinkest thou that David doth honor thy father, that he hath sent comforters to thee? hath not David [rather] sent his servants to thee, to search the city, and to spy it out, and to overthrow it?
4 इसलिए हानून ने दाऊद के कर्मचारियों को पकड़ा, और उनकी आधी-आधी दाढ़ी मुँण्डवाकर और आधे वस्त्र, अर्थात् नितम्ब तक कटवाकर, उनको जाने दिया।
Wherefore Hanun took David's servants, and shaved off the one half of their beards, and cut off their garments in the middle, [even] to their buttocks, and sent them away.
5 इस घटना का समाचार पाकर दाऊद ने कुछ लोगों को उनसे मिलने के लिये भेजा, क्योंकि वे राजा के सामने आने से बहुत लजाते थे। और राजा ने यह कहा, “जब तक तुम्हारी दाढ़ियाँ बढ़ न जाएँ तब तक यरीहो में ठहरे रहो, फिर लौट आना।”
When they told [it] to David, he sent to meet them, because the men were greatly ashamed. And the king said, Tarry at Jericho until your beards are grown, and [then] return.
6 जब अम्मोनियों ने देखा कि हम से दाऊद अप्रसन्न है, तब अम्मोनियों ने बेत्रहोब और सोबा के बीस हजार अरामी प्यादों को, और एक हजार पुरुषों समेत माका के राजा को, और बारह हजार तोबी पुरुषों को, वेतन पर बुलवाया।
And when the children of Ammon saw that they had made themselves odious before David, the children of Ammon sent and hired the Syrians of Beth-rehob, and the Syrians of Zoba, twenty thousand footmen, and of king Maacah a thousand men, and of Ish-tob twelve thousand men.
7 यह सुनकर दाऊद ने योआब और शूरवीरों की समस्त सेना को भेजा।
And when David heard of [it], he sent Joab, and all the host of the mighty men.
8 तब अम्मोनी निकले और फाटक ही के पास पाँति बाँधी; और सोबा और रहोब के अरामी और तोब और माका के पुरुष उनसे अलग मैदान में थे।
And the children of Ammon came out, and put the battle in array at the entrance of the gate: and the Syrians of Zoba, and of Rehob, and Ish-tob, and Maacah, [were] by themselves in the field.
9 यह देखकर कि आगे-पीछे दोनों हमारे विरुद्ध पाँति बंधी है, योआब ने सब बड़े-बड़े इस्राएली वीरों में से बहुतों को छाँटकर अरामियों के सामने उनकी पाँति बँधाई,
When Joab saw that the front of the battle was against him before and behind, he selected of all the choice [men] of Israel, and put [them] in array against the Syrians:
10 १० और अन्य लोगों को अपने भाई अबीशै के हाथ सौंप दिया, और उसने अम्मोनियों के सामने उनकी पाँति बँधाई।
And the rest of the people he delivered into the hand of Abishai his brother, that he might put [them] in array against the children of Ammon.
11 ११ फिर उसने कहा, “यदि अरामी मुझ पर प्रबल होने लगें, तो तू मेरी सहायता करना; और यदि अम्मोनी तुझ पर प्रबल होने लगेंगे, तो मैं आकर तेरी सहायता करूँगा।
And he said, If the Syrians shall be too strong for me, then thou shalt help me: but if the children of Ammon shall be too strong for thee, then I will come and help thee.
12 १२ तू हियाव बाँध, और हम अपने लोगों और अपने परमेश्वर के नगरों के निमित्त पुरुषार्थ करें; और यहोवा जैसा उसको अच्छा लगे वैसा करे।”
Be of good courage, and let us play the men for our people, and for the cities of our God: and the LORD do that which seemeth him good.
13 १३ तब योआब और जो लोग उसके साथ थे अरामियों से युद्ध करने को निकट गए; और वे उसके सामने से भागे।
And Joab and the people that [were] with him drew near to the battle against the Syrians: and they fled before him.
14 १४ यह देखकर कि अरामी भाग गए हैं अम्मोनी भी अबीशै के सामने से भागकर नगर के भीतर घुसे। तब योआब अम्मोनियों के पास से लौटकर यरूशलेम को आया।
And when the children of Ammon saw that the Syrians had fled, then fled they also before Abishai, and entered into the city. So Joab returned from the children of Ammon, and came to Jerusalem.
15 १५ फिर यह देखकर कि हम इस्राएलियों से हार गए है सब अरामी इकट्ठे हुए।
And when the Syrians saw that they were smitten before Israel, they assembled themselves.
16 १६ और हदादेजेर ने दूत भेजकर फरात के पार के अरामियों को बुलवाया; और वे हदादेजेर के सेनापति शोबक को अपना प्रधान बनाकर हेलाम को आए।
And Hadarezer sent, and brought out the Syrians that [were] beyond the river: and they came to Helam; and Shobach the captain of the host of Hadarezer [went] before them.
17 १७ इसका समाचार पाकर दाऊद ने समस्त इस्राएलियों को इकट्ठा किया, और यरदन के पार होकर हेलाम में पहुँचा। तब अराम दाऊद के विरुद्ध पाँति बाँधकर उससे लड़ा।
And when it was told David, he assembled all Israel, and passed over Jordan, and came to Helam. And the Syrians set themselves in array against David, and fought with him.
18 १८ परन्तु अरामी इस्राएलियों से भागे, और दाऊद ने अरामियों में से सात सौ रथियों और चालीस हजार सवारों को मार डाला, और उनके सेनापति शोबक को ऐसा घायल किया कि वह वहीं मर गया।
And the Syrians fled before Israel; and David slew [the men of] seven hundred chariots of the Syrians, and forty thousand horsemen, and smote Shobach the captain of their host, who died there.
19 १९ यह देखकर कि हम इस्राएल से हार गए हैं, जितने राजा हदादेजेर के अधीन थे उन सभी ने इस्राएल के साथ संधि की, और उसके अधीन हो गए। इसलिए अरामी अम्मोनियों की और सहायता करने से डर गए।
And when all the kings [that were] servants to Hadarezer saw that they were smitten before Israel, they made peace with Israel, and served them. So the Syrians feared to help the children of Ammon any more.

< 2 शमूएल 10 >