< 2 पतरस 2 >

1 जिस प्रकार उन लोगों में झूठे भविष्यद्वक्ता थे उसी प्रकार तुम में भी झूठे उपदेशक होंगे, जो नाश करनेवाले पाखण्ड का उद्घाटन छिप छिपकर करेंगे और उस प्रभु का जिसने उन्हें मोल लिया है इन्कार करेंगे और अपने आपको शीघ्र विनाश में डाल देंगे।
εγενοντο δε και ψευδοπροφηται εν τω λαω ως και εν υμιν εσονται ψευδοδιδασκαλοι οιτινες παρεισαξουσιν αιρεσεις απωλειας και τον αγορασαντα αυτους δεσποτην αρνουμενοι επαγοντες εαυτοις ταχινην απωλειαν
2 और बहुत सारे उनके समान लुचपन करेंगे, जिनके कारण सत्य के मार्ग की निन्दा की जाएगी।
και πολλοι εξακολουθησουσιν αυτων ταις ασελγειαις δι ας η οδος της αληθειας βλασφημηθησεται
3 और वे लोभ के लिये बातें गढ़कर तुम्हें अपने लाभ का कारण बनाएँगे, और जो दण्ड की आज्ञा उन पर पहले से हो चुकी है, उसके आने में कुछ भी देर नहीं, और उनका विनाश उँघता नहीं।
και εν πλεονεξια πλαστοις λογοις υμας εμπορευσονται οις το κριμα εκπαλαι ουκ αργει και η απωλεια αυτων ου νυσταξει
4 क्योंकि जब परमेश्वर ने उन दूतों को जिन्होंने पाप किया नहीं छोड़ा, पर नरक में भेजकर अंधेरे कुण्डों में डाल दिया, ताकि न्याय के दिन तक बन्दी रहें। (Tartaroō g5020)
ει γαρ ο θεος αγγελων αμαρτησαντων ουκ εφεισατο αλλα σειραις ζοφου ταρταρωσας παρεδωκεν εις κρισιν τηρουμενους (Tartaroō g5020)
5 और प्राचीन युग के संसार को भी न छोड़ा, वरन् भक्तिहीन संसार पर महा जल-प्रलय भेजकर धार्मिकता के प्रचारक नूह समेत आठ व्यक्तियों को बचा लिया;
και αρχαιου κοσμου ουκ εφεισατο αλλ ογδοον νωε δικαιοσυνης κηρυκα εφυλαξεν κατακλυσμον κοσμω ασεβων επαξας
6 और सदोम और गमोरा के नगरों को विनाश का ऐसा दण्ड दिया, कि उन्हें भस्म करके राख में मिला दिया ताकि वे आनेवाले भक्तिहीन लोगों की शिक्षा के लिये एक दृष्टान्त बनें
και πολεις σοδομων και γομορρας τεφρωσας καταστροφη κατεκρινεν υποδειγμα μελλοντων ασεβειν τεθεικως
7 और धर्मी लूत को जो अधर्मियों के अशुद्ध चाल-चलन से बहुत दुःखी था छुटकारा दिया।
και δικαιον λωτ καταπονουμενον υπο της των αθεσμων εν ασελγεια αναστροφης ερρυσατο
8 (क्योंकि वह धर्मी उनके बीच में रहते हुए, और उनके अधर्म के कामों को देख देखकर, और सुन सुनकर, हर दिन अपने सच्चे मन को पीड़ित करता था)।
βλεμματι γαρ και ακοη ο δικαιος εγκατοικων εν αυτοις ημεραν εξ ημερας ψυχην δικαιαν ανομοις εργοις εβασανιζεν
9 तो प्रभु के भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना और अधर्मियों को न्याय के दिन तक दण्ड की दशा में रखना भी जानता है।
οιδεν κυριος ευσεβεις εκ πειρασμων ρυεσθαι αδικους δε εις ημεραν κρισεως κολαζομενους τηρειν
10 १० विशेष करके उन्हें जो अशुद्ध अभिलाषाओं के पीछे शरीर के अनुसार चलते, और प्रभुता को तुच्छ जानते हैं वे ढीठ, और हठी हैं, और ऊँचे पदवालों को बुरा-भला कहने से नहीं डरते।
μαλιστα δε τους οπισω σαρκος εν επιθυμια μιασμου πορευομενους και κυριοτητος καταφρονουντας τολμηται αυθαδεις δοξας ου τρεμουσιν βλασφημουντες
11 ११ तो भी स्वर्गदूत जो शक्ति और सामर्थ्य में उनसे बड़े हैं, प्रभु के सामने उन्हें बुरा-भला कहकर दोष नहीं लगाते।
οπου αγγελοι ισχυι και δυναμει μειζονες οντες ου φερουσιν κατ αυτων παρα κυριω βλασφημον κρισιν
12 १२ पर ये लोग निर्बुद्धि पशुओं ही के तुल्य हैं, जो पकड़े जाने और नाश होने के लिये उत्पन्न हुए हैं; और जिन बातों को जानते ही नहीं, उनके विषय में औरों को बुरा-भला कहते हैं, वे अपनी सड़ाहट में आप ही सड़ जाएँगे।
ουτοι δε ως αλογα ζωα γεγενημενα φυσικα εις αλωσιν και φθοραν εν οις αγνοουσιν βλασφημουντες εν τη φθορα αυτων καταφθαρησονται
13 १३ औरों का बुरा करने के बदले उन्हीं का बुरा होगा; उन्हें दिन दोपहर सुख-विलास करना भला लगता है; यह कलंक और दोष है जब वे तुम्हारे साथ खाते पीते हैं, तो अपनी ओर से प्रेम भोज करके भोग-विलास करते हैं।
κομιουμενοι μισθον αδικιας ηδονην ηγουμενοι την εν ημερα τρυφην σπιλοι και μωμοι εντρυφωντες εν ταις απαταις αυτων συνευωχουμενοι υμιν
14 १४ उनकी आँखों में व्यभिचार बसा हुआ है, और वे पाप किए बिना रुक नहीं सकते; वे चंचल मनवालों को फुसला लेते हैं; उनके मन को लोभ करने का अभ्यास हो गया है, वे सन्ताप की सन्तान हैं।
οφθαλμους εχοντες μεστους μοιχαλιδος και ακαταπαυστους αμαρτιας δελεαζοντες ψυχας αστηρικτους καρδιαν γεγυμνασμενην πλεονεξιας εχοντες καταρας τεκνα
15 १५ वे सीधे मार्ग को छोड़कर भटक गए हैं, और बओर के पुत्र बिलाम के मार्ग पर हो लिए हैं; जिसने अधर्म की मजदूरी को प्रिय जाना;
καταλιποντες ευθειαν οδον επλανηθησαν εξακολουθησαντες τη οδω του βαλααμ του βοσορ ος μισθον αδικιας ηγαπησεν
16 १६ पर उसके अपराध के विषय में उलाहना दिया गया, यहाँ तक कि अबोल गदही ने मनुष्य की बोली से उस भविष्यद्वक्ता को उसके बावलेपन से रोका।
ελεγξιν δε εσχεν ιδιας παρανομιας υποζυγιον αφωνον εν ανθρωπου φωνη φθεγξαμενον εκωλυσεν την του προφητου παραφρονιαν
17 १७ ये लोग सूखे कुएँ, और आँधी के उड़ाए हुए बादल हैं, उनके लिये अनन्त अंधकार ठहराया गया है। (questioned)
ουτοι εισιν πηγαι ανυδροι νεφελαι υπο λαιλαπος ελαυνομεναι οις ο ζοφος του σκοτους εις αιωνας τετηρηται (questioned)
18 १८ वे व्यर्थ घमण्ड की बातें कर करके लुचपन के कामों के द्वारा, उन लोगों को शारीरिक अभिलाषाओं में फँसा लेते हैं, जो भटके हुओं में से अभी निकल ही रहे हैं।
υπερογκα γαρ ματαιοτητος φθεγγομενοι δελεαζουσιν εν επιθυμιαις σαρκος ασελγειας τους οντως αποφυγοντας τους εν πλανη αναστρεφομενους
19 १९ वे उन्हें स्वतंत्र होने की प्रतिज्ञा तो देते हैं, पर आप ही सड़ाहट के दास हैं, क्योंकि जो व्यक्ति जिससे हार गया है, वह उसका दास बन जाता है।
ελευθεριαν αυτοις επαγγελλομενοι αυτοι δουλοι υπαρχοντες της φθορας ω γαρ τις ηττηται τουτω και δεδουλωται
20 २० और जब वे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की पहचान के द्वारा संसार की नाना प्रकार की अशुद्धता से बच निकले, और फिर उनमें फँसकर हार गए, तो उनकी पिछली दशा पहली से भी बुरी हो गई है।
ει γαρ αποφυγοντες τα μιασματα του κοσμου εν επιγνωσει του κυριου και σωτηρος ιησου χριστου τουτοις δε παλιν εμπλακεντες ηττωνται γεγονεν αυτοις τα εσχατα χειρονα των πρωτων
21 २१ क्योंकि धार्मिकता के मार्ग का न जानना ही उनके लिये इससे भला होता, कि उसे जानकर, उस पवित्र आज्ञा से फिर जाते, जो उन्हें सौंपी गई थी।
κρειττον γαρ ην αυτοις μη επεγνωκεναι την οδον της δικαιοσυνης η επιγνουσιν επιστρεψαι εκ της παραδοθεισης αυτοις αγιας εντολης
22 २२ उन पर यह कहावत ठीक बैठती है, कि कुत्ता अपनी छाँट की ओर और नहलाई हुई सूअरनी कीचड़ में लोटने के लिये फिर चली जाती है।
συμβεβηκεν δε αυτοις το της αληθους παροιμιας κυων επιστρεψας επι το ιδιον εξεραμα και υς λουσαμενη εις κυλισμα βορβορου

< 2 पतरस 2 >