< 2 पतरस 2 >
1 १ जिस प्रकार उन लोगों में झूठे भविष्यद्वक्ता थे उसी प्रकार तुम में भी झूठे उपदेशक होंगे, जो नाश करनेवाले पाखण्ड का उद्घाटन छिप छिपकर करेंगे और उस प्रभु का जिसने उन्हें मोल लिया है इन्कार करेंगे और अपने आपको शीघ्र विनाश में डाल देंगे।
But false prophets also arose among the people, as false teachers will also be among you, who will secretly bring in destructive heresies, denying even the Master who bought them, bringing on themselves swift destruction.
2 २ और बहुत सारे उनके समान लुचपन करेंगे, जिनके कारण सत्य के मार्ग की निन्दा की जाएगी।
Many will follow their immoral ways, and as a result, the way of the truth will be maligned.
3 ३ और वे लोभ के लिये बातें गढ़कर तुम्हें अपने लाभ का कारण बनाएँगे, और जो दण्ड की आज्ञा उन पर पहले से हो चुकी है, उसके आने में कुछ भी देर नहीं, और उनका विनाश उँघता नहीं।
In covetousness they will exploit you with deceptive words: whose sentence now from of old does not linger, and their destruction will not slumber.
4 ४ क्योंकि जब परमेश्वर ने उन दूतों को जिन्होंने पाप किया नहीं छोड़ा, पर नरक में भेजकर अंधेरे कुण्डों में डाल दिया, ताकि न्याय के दिन तक बन्दी रहें। (Tartaroō )
For if God did not spare angels when they sinned, but cast them down to Tartarus (Tartaroō ), and committed them to pits of darkness to be reserved for judgment;
5 ५ और प्राचीन युग के संसार को भी न छोड़ा, वरन् भक्तिहीन संसार पर महा जल-प्रलय भेजकर धार्मिकता के प्रचारक नूह समेत आठ व्यक्तियों को बचा लिया;
and did not spare the ancient world, but preserved Noah with seven others, a preacher of righteousness, when he brought a flood on the world of the ungodly,
6 ६ और सदोम और गमोरा के नगरों को विनाश का ऐसा दण्ड दिया, कि उन्हें भस्म करके राख में मिला दिया ताकि वे आनेवाले भक्तिहीन लोगों की शिक्षा के लिये एक दृष्टान्त बनें
and turning the cities of Sodom and Gomorrah into ashes, condemned them to destruction, having made them an example to those who would live in an ungodly way,
7 ७ और धर्मी लूत को जो अधर्मियों के अशुद्ध चाल-चलन से बहुत दुःखी था छुटकारा दिया।
and delivered righteous Lot, who was very distressed by the lustful life of the wicked
8 ८ (क्योंकि वह धर्मी उनके बीच में रहते हुए, और उनके अधर्म के कामों को देख देखकर, और सुन सुनकर, हर दिन अपने सच्चे मन को पीड़ित करता था)।
(for that righteous man dwelling among them was tormented in his righteous soul from day to day with seeing and hearing lawless deeds),
9 ९ तो प्रभु के भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना और अधर्मियों को न्याय के दिन तक दण्ड की दशा में रखना भी जानता है।
then the Lord knows how to deliver the godly out of temptation and to keep the unrighteous under punishment for the day of judgment,
10 १० विशेष करके उन्हें जो अशुद्ध अभिलाषाओं के पीछे शरीर के अनुसार चलते, और प्रभुता को तुच्छ जानते हैं वे ढीठ, और हठी हैं, और ऊँचे पदवालों को बुरा-भला कहने से नहीं डरते।
but chiefly those who walk after the flesh in the lust of defilement and despise authority. Daring, self-willed, they are not afraid to speak evil of dignitaries,
11 ११ तो भी स्वर्गदूत जो शक्ति और सामर्थ्य में उनसे बड़े हैं, प्रभु के सामने उन्हें बुरा-भला कहकर दोष नहीं लगाते।
whereas angels, though greater in might and power, do not bring a slanderous judgment against them before the Lord.
12 १२ पर ये लोग निर्बुद्धि पशुओं ही के तुल्य हैं, जो पकड़े जाने और नाश होने के लिये उत्पन्न हुए हैं; और जिन बातों को जानते ही नहीं, उनके विषय में औरों को बुरा-भला कहते हैं, वे अपनी सड़ाहट में आप ही सड़ जाएँगे।
But these, as unreasoning creatures, born natural animals to be taken and destroyed, speaking evil in matters about which they are ignorant, will in their destroying surely be destroyed,
13 १३ औरों का बुरा करने के बदले उन्हीं का बुरा होगा; उन्हें दिन दोपहर सुख-विलास करना भला लगता है; यह कलंक और दोष है जब वे तुम्हारे साथ खाते पीते हैं, तो अपनी ओर से प्रेम भोज करके भोग-विलास करते हैं।
receiving the wages of unrighteousness; people who count it pleasure to revel in the daytime, spots and defects, reveling in their deceit while they feast with you;
14 १४ उनकी आँखों में व्यभिचार बसा हुआ है, और वे पाप किए बिना रुक नहीं सकते; वे चंचल मनवालों को फुसला लेते हैं; उनके मन को लोभ करने का अभ्यास हो गया है, वे सन्ताप की सन्तान हैं।
having eyes full of adultery, and who cannot cease from sin, enticing unsettled souls, having a heart trained in greed, accursed children!
15 १५ वे सीधे मार्ग को छोड़कर भटक गए हैं, और बओर के पुत्र बिलाम के मार्ग पर हो लिए हैं; जिसने अधर्म की मजदूरी को प्रिय जाना;
Forsaking the right way, they went astray, having followed the way of Balaam the son of Beor, who loved the wages of wrongdoing;
16 १६ पर उसके अपराध के विषय में उलाहना दिया गया, यहाँ तक कि अबोल गदही ने मनुष्य की बोली से उस भविष्यद्वक्ता को उसके बावलेपन से रोका।
but he was rebuked for his own disobedience. A speechless donkey spoke with a man’s voice and stopped the madness of the prophet.
17 १७ ये लोग सूखे कुएँ, और आँधी के उड़ाए हुए बादल हैं, उनके लिये अनन्त अंधकार ठहराया गया है। ()
These are wells without water, clouds driven by a storm; for whom the blackness of darkness has been reserved.
18 १८ वे व्यर्थ घमण्ड की बातें कर करके लुचपन के कामों के द्वारा, उन लोगों को शारीरिक अभिलाषाओं में फँसा लेते हैं, जो भटके हुओं में से अभी निकल ही रहे हैं।
For, uttering great swelling words of emptiness, they entice in the lusts of the flesh, by licentiousness, those who are indeed escaping from those who live in error;
19 १९ वे उन्हें स्वतंत्र होने की प्रतिज्ञा तो देते हैं, पर आप ही सड़ाहट के दास हैं, क्योंकि जो व्यक्ति जिससे हार गया है, वह उसका दास बन जाता है।
promising them liberty, while they themselves are bondservants of corruption; for a man is brought into bondage by whoever overcomes him.
20 २० और जब वे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की पहचान के द्वारा संसार की नाना प्रकार की अशुद्धता से बच निकले, और फिर उनमें फँसकर हार गए, तो उनकी पिछली दशा पहली से भी बुरी हो गई है।
For if, after they have escaped the defilement of the world through the knowledge of the Lord and Savior Jesus Christ, they are again entangled in it and overcome, the last state has become worse for them than the first.
21 २१ क्योंकि धार्मिकता के मार्ग का न जानना ही उनके लिये इससे भला होता, कि उसे जानकर, उस पवित्र आज्ञा से फिर जाते, जो उन्हें सौंपी गई थी।
For it would be better for them not to have known the way of righteousness, than after knowing it, to turn back from the holy commandment delivered to them.
22 २२ उन पर यह कहावत ठीक बैठती है, कि कुत्ता अपनी छाँट की ओर और नहलाई हुई सूअरनी कीचड़ में लोटने के लिये फिर चली जाती है।
But it has happened to them according to the true proverb, “The dog turns to his own vomit again,” and “the sow that has washed to wallowing in the mire.”