< 2 पतरस 1 >
1 १ शमौन पतरस की और से जो यीशु मसीह का दास और प्रेरित है, उन लोगों के नाम जिन्होंने हमारे परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की धार्मिकता से हमारे जैसा बहुमूल्य विश्वास प्राप्त किया है।
या चिट्ठी शमौन पतरस की ओड़ तै सै, जो यीशु मसीह का दास अर प्रेरित सै, उन माणसां के नाम सै, जिन नै म्हारै परमेसवर अर उद्धारकर्ता यीशु मसीह की धार्मिकता के जरिये म्हारी तरियां बेसकिमती बिश्वास पाया सै।
2 २ परमेश्वर के और हमारे प्रभु यीशु की पहचान के द्वारा अनुग्रह और शान्ति तुम में बहुतायत से बढ़ती जाए।
मै प्रार्थना करुँ सूं, के परमेसवर थारे ताहीं ज्यादा तै ज्यादा अनुग्रह अर शान्ति दे, जिस तरियां थम परमेसवर के ज्ञान अर म्हारै प्रभु यीशु मसीह म्ह बढ़ण लागरे सों।
3 ३ क्योंकि उसके ईश्वरीय सामर्थ्य ने सब कुछ जो जीवन और भक्ति से सम्बंध रखता है, हमें उसी की पहचान के द्वारा दिया है, जिसने हमें अपनी ही महिमा और सद्गुण के अनुसार बुलाया है।
परमेसवर जिसनै अपणी शक्ति के जरिये म्हारे ताहीं वो सब दिया सै, जो हमनै भगतिमय जिन्दगी जीण खात्तर चाहिए, यो इस खात्तर मुमकिन सै, क्यूँके हम परमेसवर नै जाणा सां, अर उसनै अपणी महिमा अर सद्गुणा के मुताबिक अपणे माणस होण खात्तर बुलाया सै।
4 ४ जिनके द्वारा उसने हमें बहुमूल्य और बहुत ही बड़ी प्रतिज्ञाएँ दी हैं ताकि इनके द्वारा तुम उस सड़ाहट से छूटकर जो संसार में बुरी अभिलाषाओं से होती है, ईश्वरीय स्वभाव के सहभागी हो जाओ।
अर उसकी महिमा अर भलाई के कारण उसनै म्हारै ताहीं बड़े महान अर कीमती वादे करे सै, ताके इनकै जरिये थम इस दुनिया की बुरी लालसा तै बच जाओ, जिन ताहीं वे लोग करणा चाहवै सै, जो मसीह पै बिश्वास न्ही करदे, पर थम ईश्वरीय सुभाव के गैल-साझ्झी हो जाओ।
5 ५ और इसी कारण तुम सब प्रकार का यत्न करके, अपने विश्वास पर सद्गुण, और सद्गुण पर समझ,
इस कारण थम सिर्फ मसीह पैए बिश्वास करण आळे न्ही, पर हमेशा दुसरयां की भलाई करण म्ह लाग्गै रहों, अर सिर्फ भलाई ए न्ही बल्के बुध्दिमानी तै बरताव करण आळे भी बणो।
6 ६ और समझ पर संयम, और संयम पर धीरज, और धीरज पर भक्ति,
थम सिर्फ बुध्दिमानी तै ए बरताव करण आळे न्ही बल्के अपणे-आप पै काब्बू राक्खण आळे भी बणो, अर अपणे-आप पै काब्बू राक्खण आळे ए न्ही बल्के दुखां नै धीरज तै सहण आळे भी बणो, अर दुखां नै धीरज तै सहण आळे ए न्ही बल्के भगति म्ह जिन्दगी बिताण आळे भी बणो।
7 ७ और भक्ति पर भाईचारे की प्रीति, और भाईचारे की प्रीति पर प्रेम बढ़ाते जाओ।
ना सिर्फ थम परमेसवर नै भावण आळी जिन्दगी जिओ, बल्के बिश्वासियाँ तै भी अपणे परिवार के माणस की तरियां प्यार करो, एक-दुसरे ताहीं अपणे परिवार के माणस की तरियां प्यार करण आळे ए न्ही बल्के सब नै प्यार करण आळे भी बणो।
8 ८ क्योंकि यदि ये बातें तुम में वर्तमान रहें, और बढ़ती जाएँ, तो तुम्हें हमारे प्रभु यीशु मसीह की पहचान में निकम्मे और निष्फल न होने देंगी।
जै थारे म्ह ये गुण मौजूद सै अर जै थारे म्ह इनकी बढ़ोतरी होण लागरी सै तो इनकै कारण थम म्हारे प्रभु यीशु मसीह के सम्पूर्ण ज्ञान म्ह ना तो निकम्मे अर ना बिना फळ के होओगे।
9 ९ क्योंकि जिसमें ये बातें नहीं, वह अंधा है, और धुन्धला देखता है, और अपने पूर्वकाली पापों से धुलकर शुद्ध होने को भूल बैठा है।
जै कोए इन्सान इसी जिन्दगी न्ही बितान्दा, तो वो उस इन्सान की तरियां सै, जो सही तै न्ही देख पान्दा, अर वो आन्धा से। वो भूल जावै सै के परमेसवर नै उसके पाप माफ कर दिये, जो उसनै मसीह पै बिश्वास करण तै पैहले करे सै।
10 १० इस कारण हे भाइयों, अपने बुलाए जाने, और चुन लिये जाने को सिद्ध करने का भली भाँति यत्न करते जाओ, क्योंकि यदि ऐसा करोगे, तो कभी भी ठोकर न खाओगे;
इस कारण हे बिश्वासी भाईयो, आच्छा करण की कोशिश करदे रहों, ताके थम अपणे-आपनै अर दुसरे माणसां नै दिखा सको, के परमेसवर नै थारे ताहीं चुण्या सै, अर बुलाया सै। जै थम इसाए करदे रहों, तो थम कदे भी परमेसवर तै अलग न्ही होओगे
11 ११ वरन् इस रीति से तुम हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनन्त राज्य में बड़े आदर के साथ प्रवेश करने पाओगे। (aiōnios )
बल्के इस तरियां तै थम म्हारै प्रभु अर उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनन्त राज्य म्ह बड़े आदर कै गैल बड़ण पाओगे। (aiōnios )
12 १२ इसलिए यद्यपि तुम ये बातें जानते हो, और जो सत्य वचन तुम्हें मिला है, उसमें बने रहते हो, तो भी मैं तुम्हें इन बातों की सुधि दिलाने को सर्वदा तैयार रहूँगा।
ज्यांतै हालाकि थम ये बात जाणो सो, अर जो सच्चा वचन थारे ताहीं मिल्या सै उस म्ह बणे रहो सो, तोभी मै थारे ताहीं ये बात याद दुवाण खात्तर सारी हाण त्यार रहूँगा।
13 १३ और मैं यह अपने लिये उचित समझता हूँ, कि जब तक मैं इस डेरे में हूँ, तब तक तुम्हें सुधि दिलाकर उभारता रहूँ।
मै यो जाणु सूं के जिब तक मै जिन्दा सूं, यो सही सै, के मै उन बात्तां के बारें म्ह थारे तै बात करदा रहूँ, ताके थम इन बात्तां नै कदे भूल ना जाओ।
14 १४ क्योंकि यह जानता हूँ, कि मसीह के वचन के अनुसार मेरे डेरे के गिराए जाने का समय शीघ्र आनेवाला है, जैसा कि हमारे प्रभु यीशु मसीह ने मुझ पर प्रकट किया है।
क्यूँके मै जांणु सूं के मै तावळा मरण आळा सूं, अर प्रभु यीशु मसीह नै मेरै ताहीं इस बारें म्ह बता दिया सै।
15 १५ इसलिए मैं ऐसा यत्न करूँगा, कि मेरे संसार से जाने के बाद तुम इन सब बातों को सर्वदा स्मरण कर सको।
ज्यांतै मै इसी कोशिश करुँगा, के मेरे इस दुनिया तै जाये पाच्छै, थम इन सारी बात्तां नै सारी हाण याद कर सको।
16 १६ क्योंकि जब हमने तुम्हें अपने प्रभु यीशु मसीह की सामर्थ्य का, और आगमन का समाचार दिया था तो वह चतुराई से गढ़ी हुई कहानियों का अनुकरण नहीं किया था वरन् हमने आप ही उसके प्रताप को देखा था।
क्यूँके जिब हमनै थारे ताहीं, अपणे प्रभु यीशु मसीह की सामर्थ अर बोहड़ण की खबर दी थी, तो हमनै श्याणपत तै गढ़ी होई कहाँनियाँ का सहारा कोनी लिया, बल्के हमनै आप ए उसकै प्रताप ताहीं देख्या था।
17 १७ कि उसने परमेश्वर पिता से आदर, और महिमा पाई जब उस प्रतापमय महिमा में से यह वाणी आई “यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिससे मैं प्रसन्न हूँ।”
क्यूँके जिब उसनै परमेसवर पिता तै आदर अर महिमा पाई जो के प्रतापमय महिमा सै, हमनै उस ताहीं यो कहन्दे सुणा, “यो मेरा प्यारा बेट्टा सै, जिसतै मै राज्जी सूं।” फेर हम उसकै गेल्या पवित्र पहाड़ पै थे, अर सुर्ग तै योए बोल आन्दे सुण्या।
18 १८ और जब हम उसके साथ पवित्र पहाड़ पर थे, तो स्वर्ग से यही वाणी आते सुनी।
19 १९ और हमारे पास जो भविष्यद्वक्ताओं का वचन है, वह इस घटना से दृढ़ ठहरा है और तुम यह अच्छा करते हो, कि जो यह समझकर उस पर ध्यान करते हो, कि वह एक दीया है, जो अंधियारे स्थान में उस समय तक प्रकाश देता रहता है जब तक कि पौ न फटे, और भोर का तारा तुम्हारे हृदयों में न चमक उठे।
हम जाणा सां के जो वचन नबियाँ नै मसीह के बारें म्ह लिख्या सै, वो सच सै, थम इन वचनां नै गौर तै सुणो, जिस तरियां अन्धकार म्ह दीवै का चाँदणा, माणसां नै राह दिखावै सै, उस्से तरियां ये वचन भी सच्चाई नै जाणण म्ह थारी मदद करैंगें, थम इन वचनां नै ध्यान तै सुणते रहो, जिब तक के यीशु मसीह बोहड़कै ना आ जावै। उसका आणा एक नये दिन की सुबह की तरियां सै, जो उजाळा लेकै आवै सै, अर वो सुबह के तारे की तरियां होगा। उस बखत उसका चाँदणा थारे मन म्ह चमकैगा, अर परमेसवर नै साफ तौर पै थारे पै जाहिर करैगा।
20 २० पर पहले यह जान लो कि पवित्रशास्त्र की कोई भी भविष्यद्वाणी किसी की अपने ही विचारधारा के आधार पर पूर्ण नहीं होती।
पर सबतै पैहले यो जाण ल्यो के पवित्र ग्रन्थ की कोए भी भविष्यवाणी, खुद नबियाँ का अपणा विचार कोनी
21 २१ क्योंकि कोई भी भविष्यद्वाणी मनुष्य की इच्छा से कभी नहीं हुई पर भक्त जन पवित्र आत्मा के द्वारा उभारे जाकर परमेश्वर की ओर से बोलते थे।
क्यूँके कोए भी भविष्यवाणी माणस की मर्जी तै कदे न्ही होई, पर भगतजन पवित्र आत्मा के जरिये उभारे जाकै परमेसवर की ओड़ तै बोल्लै थे।