< 2 राजा 17 >

1 यहूदा के राजा आहाज के राज्य के बारहवें वर्ष में एला का पुत्र होशे सामरिया में, इस्राएल पर राज्य करने लगा, और नौ वर्ष तक राज्य करता रहा।
La douzième année d'Achaz, roi de Juda, Osée, fils d'Éla, régna à Samarie sur Israël pendant neuf ans.
2 उसने वही किया जो यहोवा की दृष्टि में बुरा था, परन्तु इस्राएल के उन राजाओं के बराबर नहीं जो उससे पहले थे।
Il fit ce qui est mal aux yeux de Yahvé, mais pas comme les rois d'Israël qui l'ont précédé.
3 उस पर अश्शूर के राजा शल्मनेसेर ने चढ़ाई की, और होशे उसके अधीन होकर, उसको भेंट देने लगा।
Shalmaneser, roi d'Assyrie, monta contre lui; Hoshea devint son serviteur et lui apporta un tribut.
4 परन्तु अश्शूर के राजा ने होशे के राजद्रोह की गोष्ठी को जान लिया, क्योंकि उसने सो नामक मिस्र के राजा के पास दूत भेजे थे और अश्शूर के राजा के पास वार्षिक भेंट भेजनी छोड़ दी; इस कारण अश्शूर के राजा ने उसको बन्दी बनाया, और बेड़ी डालकर बन्दीगृह में डाल दिया।
Le roi d'Assyrie découvrit une conspiration chez Hosée, car il avait envoyé des messagers à So, roi d'Égypte, et n'avait pas offert de tribut au roi d'Assyrie, comme il l'avait fait d'année en année. C'est pourquoi le roi d'Assyrie se saisit de lui et le fit mettre en prison.
5 तब अश्शूर के राजा ने पूरे देश पर चढ़ाई की, और सामरिया को जाकर तीन वर्ष तक उसे घेरे रहा।
Puis le roi d'Assyrie parcourut tout le pays, monta à Samarie et l'assiégea pendant trois ans.
6 होशे के नौवें वर्ष में अश्शूर के राजा ने सामरिया को ले लिया, और इस्राएलियों को अश्शूर में ले जाकर, हलह में और गोजान की नदी हाबोर के पास और मादियों के नगरों में बसाया।
La neuvième année d'Osée, le roi d'Assyrie prit Samarie et emmena Israël en Assyrie. Il les plaça à Halah, sur le Habor, le fleuve de Gozan, et dans les villes des Mèdes.
7 इसका यह कारण है, कि यद्यपि इस्राएलियों का परमेश्वर यहोवा उनको मिस्र के राजा फ़िरौन के हाथ से छुड़ाकर मिस्र देश से निकाल लाया था, तो भी उन्होंने उसके विरुद्ध पाप किया, और पराए देवताओं का भय माना,
C'est parce que les enfants d'Israël avaient péché contre l'Éternel, leur Dieu, qui les avait fait monter du pays d'Égypte, de dessous la main de Pharaon, roi d'Égypte, et qu'ils avaient craint d'autres dieux,
8 और जिन जातियों को यहोवा ने इस्राएलियों के सामने से देश से निकाला था, उनकी रीति पर, और अपने राजाओं की चलाई हुई रीतियों पर चलते थे।
et suivi les lois des nations que l'Éternel avait chassées devant les enfants d'Israël, et des rois d'Israël, qu'ils avaient établis.
9 इस्राएलियों ने कपट करके अपने परमेश्वर यहोवा के विरुद्ध अनुचित काम किए, अर्थात् पहरुओं के गुम्मट से लेकर गढ़वाले नगर तक अपनी सारी बस्तियों में ऊँचे स्थान बना लिए;
Les enfants d'Israël firent en secret des choses injustes à l'égard de Yahvé, leur Dieu; ils se bâtirent des hauts lieux dans toutes leurs villes, depuis la tour de guet jusqu'à la ville fortifiée;
10 १० और सब ऊँची पहाड़ियों पर, और सब हरे वृक्षों के नीचे लाठें और अशेरा खड़े कर लिए।
ils se dressèrent des colonnes et des mâts d'Astarté sur toute colline élevée et sous tout arbre vert;
11 ११ ऐसे ऊँचे स्थानों में उन जातियों के समान जिनको यहोवा ने उनके सामने से निकाल दिया था, धूप जलाया, और यहोवा को क्रोध दिलाने के योग्य बुरे काम किए,
Ils brûlèrent de l'encens sur tous les hauts lieux, comme le faisaient les nations que Yahvé avait chassées avant eux, et ils firent des choses méchantes pour irriter Yahvé.
12 १२ और मूरतों की उपासना की, जिसके विषय यहोवा ने उनसे कहा था, “तुम यह काम न करना।”
Ils servirent des idoles dont Yahvé leur avait dit: « Tu ne feras pas cela ». »
13 १३ तो भी यहोवा ने सब भविष्यद्वक्ताओं और सब दर्शियों के द्वारा इस्राएल और यहूदा को यह कहकर चिताया था, “अपनी बुरी चाल छोड़कर उस सारी व्यवस्था के अनुसार जो मैंने तुम्हारे पुरखाओं को दी थी, और अपने दास भविष्यद्वक्ताओं के हाथ तुम्हारे पास पहुँचाई है, मेरी आज्ञाओं और विधियों को माना करो।”
Mais l'Éternel a rendu témoignage à Israël et à Juda, par tous les prophètes et tous les voyants, en disant: « Revenez de vos mauvaises voies, et observez mes commandements et mes statuts, selon toute la loi que j'ai prescrite à vos pères et que je vous ai envoyée par mes serviteurs les prophètes. »
14 १४ परन्तु उन्होंने न माना, वरन् अपने उन पुरखाओं के समान, जिन्होंने अपने परमेश्वर यहोवा का विश्वास न किया था, वे भी हठीले बन गए।
Mais ils n'ont pas voulu écouter, et ils ont endurci leur cou, comme le cou de leurs pères qui n'ont pas cru en Yahvé, leur Dieu.
15 १५ वे उसकी विधियों और अपने पुरखाओं के साथ उसकी वाचा, और जो चितौनियाँ उसने उन्हें दी थीं, उनको तुच्छ जानकर, निकम्मी बातों के पीछे हो लिए; जिससे वे आप निकम्मे हो गए, और अपने चारों ओर की उन जातियों के पीछे भी हो लिए जिनके विषय यहोवा ने उन्हें आज्ञा दी थी कि उनके से काम न करना।
Ils rejetèrent ses lois et l'alliance qu'il avait conclue avec leurs pères, et les témoignages qu'il leur avait adressés; ils suivirent la vanité, ils devinrent vains, et ils suivirent les nations qui les entouraient, au sujet desquelles l'Éternel leur avait ordonné de ne pas faire comme elles.
16 १६ वरन् उन्होंने अपने परमेश्वर यहोवा की सब आज्ञाओं को त्याग दिया, और दो बछड़ों की मूरतें ढालकर बनाईं, और अशेरा भी बनाई; और आकाश के सारे गणों को दण्डवत् की, और बाल की उपासना की।
Ils abandonnèrent tous les commandements de l'Éternel, leur Dieu, et se firent des images en fonte, deux veaux, ils se firent une idole, ils se prosternèrent devant toute l'armée du ciel et servirent Baal.
17 १७ उन्होंने अपने बेटे-बेटियों को आग में होम करके चढ़ाया; और भावी कहनेवालों से पूछने, और टोना करने लगे; और जो यहोवा की दृष्टि में बुरा था जिससे वह क्रोधित भी होता है, उसके करने को अपनी इच्छा से बिक गए।
Ils firent passer leurs fils et leurs filles par le feu, utilisèrent la divination et les enchantements, et se vendirent pour faire ce qui est mal aux yeux de l'Éternel, pour l'irriter.
18 १८ इस कारण यहोवा इस्राएल से अति क्रोधित हुआ, और उन्हें अपने सामने से दूर कर दिया; यहूदा का गोत्र छोड़ और कोई बचा न रहा।
C'est pourquoi l'Éternel fut très irrité contre Israël, et il l'éloigna de sa vue. Il ne resta plus que la tribu de Juda seule.
19 १९ यहूदा ने भी अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाएँ न मानीं, वरन् जो विधियाँ इस्राएल ने चलाई थीं, उन पर चलने लगे।
Juda aussi n'a pas gardé les commandements de l'Éternel, son Dieu, et il a suivi les lois d'Israël qu'il avait établies.
20 २० तब यहोवा ने इस्राएल की सारी सन्तान को छोड़कर, उनको दुःख दिया, और लूटनेवालों के हाथ कर दिया, और अन्त में उन्हें अपने सामने से निकाल दिया।
L'Éternel rejeta toute la descendance d'Israël, il l'affligea et la livra entre les mains de pillards, jusqu'à ce qu'il l'eût chassée de sa vue.
21 २१ जब उसने इस्राएल को दाऊद के घराने के हाथ से छीन लिया, तो उन्होंने नबात के पुत्र यारोबाम को अपना राजा बनाया; और यारोबाम ने इस्राएल को यहोवा के पीछे चलने से दूर खींचकर उनसे बड़ा पाप कराया।
Car il arracha Israël de la maison de David, et ils firent roi Jéroboam, fils de Nebath; et Jéroboam éloigna Israël de la suite de l'Éternel, et lui fit commettre un grand péché.
22 २२ अतः जैसे पाप यारोबाम ने किए थे, वैसे ही पाप इस्राएली भी करते रहे, और उनसे अलग न हुए।
Les enfants d'Israël marchèrent dans tous les péchés que Jéroboam avait commis; ils ne s'en détournèrent pas
23 २३ अन्त में यहोवा ने इस्राएल को अपने सामने से दूर कर दिया, जैसे कि उसने अपने सब दास भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा कहा था। इस प्रकार इस्राएल अपने देश से निकालकर अश्शूर को पहुँचाया गया, जहाँ वह आज के दिन तक रहता है।
jusqu'à ce que Yahvé eût éloigné Israël de sa face, comme il l'avait annoncé par tous ses serviteurs les prophètes. C'est ainsi qu'Israël fut transporté hors de son pays, en Assyrie, jusqu'à ce jour.
24 २४ अश्शूर के राजा ने बाबेल, कूता, अव्वा, हमात और सपर्वैम नगरों से लोगों को लाकर, इस्राएलियों के स्थान पर सामरिया के नगरों में बसाया; सो वे सामरिया के अधिकारी होकर उसके नगरों में रहने लगे।
Le roi d'Assyrie fit venir des gens de Babylone, de Cuthah, d'Avva, de Hamath et de Sépharvaïm, et les plaça dans les villes de Samarie à la place des enfants d'Israël; ils possédèrent Samarie et habitèrent dans ses villes.
25 २५ जब वे वहाँ पहले-पहले रहने लगे, तब यहोवा का भय न मानते थे, इस कारण यहोवा ने उनके बीच सिंह भेजे, जो उनको मार डालने लगे।
Au début de leur séjour dans cette ville, ils ne craignaient pas Yahvé. L'Éternel envoya contre eux des lions qui tuèrent quelques-uns d'entre eux.
26 २६ इस कारण उन्होंने अश्शूर के राजा के पास कहला भेजा कि जो जातियाँ तूने उनके देशों से निकालकर सामरिया के नगरों में बसा दी हैं, वे उस देश के देवता की रीति नहीं जानतीं, इससे उसने उसके मध्य सिंह भेजे हैं जो उनको इसलिए मार डालते हैं कि वे उस देश के देवता की रीति नहीं जानते।
Ils parlèrent alors au roi d'Assyrie, en disant: « Les nations que tu as emmenées et placées dans les villes de Samarie ne connaissent pas la loi du dieu du pays. C'est pourquoi il a envoyé des lions parmi elles; et voici qu'ils les tuent, parce qu'elles ne connaissent pas la loi du dieu du pays. »
27 २७ तब अश्शूर के राजा ने आज्ञा दी, “जिन याजकों को तुम उस देश से ले आए, उनमें से एक को वहाँ पहुँचा दो; और वह वहाँ जाकर रहे, और वह उनको उस देश के देवता की रीति सिखाए।”
Alors le roi d'Assyrie donna cet ordre: « Porte là l'un des prêtres que tu as fait venir de là-bas; qu'il aille y demeurer, et qu'il leur enseigne la loi du dieu du pays. »
28 २८ तब जो याजक सामरिया से निकाले गए थे, उनमें से एक जाकर बेतेल में रहने लगा, और उनको सिखाने लगा कि यहोवा का भय किस रीति से मानना चाहिये।
L'un des prêtres qu'ils avaient emmenés de Samarie vint habiter à Béthel et leur enseigna comment ils devaient craindre Yahvé.
29 २९ तो भी एक-एक जाति के लोगों ने अपने-अपने निज देवता बनाकर, अपने-अपने बसाए हुए नगर में उन ऊँचे स्थानों के भवनों में रखा जो सामरिया के वासियों ने बनाए थे।
Mais chaque nation se fit ses propres dieux et les plaça dans les maisons des hauts lieux que les Samaritains avaient construits, chaque nation dans les villes qu'elle habitait.
30 ३० बाबेल के मनुष्यों ने सुक्कोतबनोत को, कूत के मनुष्यों ने नेर्गल को, हमात के मनुष्यों ने अशीमा को,
Les hommes de Babylone firent Succoth Benoth, les hommes de Cuth firent Nergal, les hommes de Hamath firent Ashima,
31 ३१ और अव्वियों ने निभज, और तर्त्ताक को स्थापित किया; और सपर्वैमी लोग अपने बेटों को अद्रम्मेलेक और अनम्मेलेक नामक सपर्वैम के देवताओं के लिये होम करके चढ़ाने लगे।
les Avvites firent Nibhaz et Tartak, et les Sépharvites brûlèrent leurs enfants au feu en l'honneur d'Adrammelech et d'Anammelech, les dieux de Sépharvaïm.
32 ३२ अतः वे यहोवा का भय मानते तो थे, परन्तु सब प्रकार के लोगों में से ऊँचे स्थानों के याजक भी ठहरा देते थे, जो ऊँचे स्थानों के भवनों में उनके लिये बलि करते थे।
Ils craignaient Yahvé, et ils se firent des prêtres des hauts lieux, qui sacrifiaient pour eux dans les maisons des hauts lieux.
33 ३३ वे यहोवा का भय मानते तो थे, परन्तु उन जातियों की रीति पर, जिनके बीच से वे निकाले गए थे, अपने-अपने देवताओं की भी उपासना करते रहे।
Ils craignaient l'Éternel, et ils servaient leurs propres dieux, selon les coutumes des nations parmi lesquelles ils avaient été transportés.
34 ३४ आज के दिन तक वे अपनी पुरानी रीतियों पर चलते हैं, वे यहोवा का भय नहीं मानते। वे न तो उन विधियों और नियमों पर और न उस व्यवस्था और आज्ञा के अनुसार चलते हैं, जो यहोवा ने याकूब की सन्तान को दी थी, जिसका नाम उसने इस्राएल रखा था।
Aujourd'hui encore, ils font ce qu'ils faisaient auparavant. Ils ne craignent pas Yahvé, et ils ne suivent ni les lois, ni les ordonnances, ni la loi, ni le commandement que Yahvé a prescrits aux enfants de Jacob, qu'il a appelés Israël,
35 ३५ उनसे यहोवा ने वाचा बाँधकर उन्हें यह आज्ञा दी थी, “तुम पराए देवताओं का भय न मानना और न उन्हें दण्डवत् करना और न उनकी उपासना करना और न उनको बलि चढ़ाना।
avec lesquels Yahvé avait fait alliance et leur avait donné cet ordre: « Vous ne craindrez point d'autres dieux, vous ne vous prosternerez point devant eux, vous ne les servirez point, et vous ne leur offrirez point de sacrifices;
36 ३६ परन्तु यहोवा जो तुम को बड़े बल और बढ़ाई हुई भुजा के द्वारा मिस्र देश से निकाल ले आया, तुम उसी का भय मानना, उसी को दण्डवत् करना और उसी को बलि चढ़ाना।
mais vous craindrez Yahvé, qui vous a fait monter du pays d'Égypte avec une grande puissance et un bras étendu; vous vous prosternerez devant lui et vous lui offrirez des sacrifices.
37 ३७ और उसने जो-जो विधियाँ और नियम और जो व्यवस्था और आज्ञाएँ तुम्हारे लिये लिखीं, उन्हें तुम सदा चौकसी से मानते रहो; और पराए देवताओं का भय न मानना।
Les statuts et les ordonnances, la loi et le commandement qu'il a écrits pour vous, vous les mettrez en pratique à jamais. Vous ne craindrez pas d'autres dieux.
38 ३८ और जो वाचा मैंने तुम्हारे साथ बाँधी है, उसे न भूलना और पराए देवताओं का भय न मानना।
Vous n'oublierez pas l'alliance que j'ai conclue avec vous. Tu ne craindras pas d'autres dieux.
39 ३९ केवल अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानना, वही तुम को तुम्हारे सब शत्रुओं के हाथ से बचाएगा।”
Mais tu craindras Yahvé ton Dieu, et il te délivrera de la main de tous tes ennemis. »
40 ४० तो भी उन्होंने न माना, परन्तु वे अपनी पुरानी रीति के अनुसार करते रहे।
Mais ils n'écoutèrent pas, et ils firent ce qu'ils faisaient auparavant.
41 ४१ अतएव वे जातियाँ यहोवा का भय मानती तो थीं, परन्तु अपनी खुदी हुई मूरतों की उपासना भी करती रहीं, और जैसे वे करते थे वैसे ही उनके बेटे पोते भी आज के दिन तक करते हैं।
Ces nations craignaient donc Yahvé et servaient aussi leurs images gravées. Leurs enfants firent de même, et les enfants de leurs enfants aussi. Ils font comme leurs pères jusqu'à ce jour.

< 2 राजा 17 >