< 2 राजा 13 >
1 १ अहज्याह के पुत्र यहूदा के राजा योआश के राज्य के तेईसवें वर्ष में येहू का पुत्र यहोआहाज सामरिया में इस्राएल पर राज्य करने लगा, और सत्रह वर्ष तक राज्य करता रहा।
Anno vigesimo tertio Ioas filii Ochoziæ regis Iuda, regnavit Ioachaz filius Iehu super Israel in Samaria decem et septem annis.
2 २ और उसने वह किया, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा था अर्थात् नबात के पुत्र यारोबाम जिसने इस्राएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार वह करता रहा, और उनको छोड़ न दिया।
Et fecit malum coram Domino, secutusque est peccata Ieroboam filii Nabat, qui peccare fecit Israel, et non declinavit ab eis.
3 ३ इसलिए यहोवा का क्रोध इस्राएलियों के विरुद्ध भड़क उठा, और उसने उनको अराम के राजा हजाएल, और उसके पुत्र बेन्हदद के अधीन कर दिया।
Iratusque est furor Domini contra Israel, et tradidit eos in manu Hazael regis Syriæ, et in manu Benadad filii Hazael cunctis diebus.
4 ४ तब यहोआहाज यहोवा के सामने गिड़गिड़ाया और यहोवा ने उसकी सुन ली; क्योंकि उसने इस्राएल पर अंधेर देखा कि अराम का राजा उन पर कैसा अंधेर करता था।
Deprecatus est autem Ioachaz faciem Domini, et audivit eum Dominus: vidit enim angustiam Israel, quia attriverat eos rex Syriæ:
5 ५ इसलिए यहोवा ने इस्राएल को एक छुड़ानेवाला दिया और वे अराम के वश से छूट गए; और इस्राएली पिछले दिनों के समान फिर अपने-अपने डेरे में रहने लगे।
et dedit Dominus salvatorem Israeli, et liberatus est de manu regis Syriæ: habitaveruntque filii Israel in tabernaculis suis sicut heri et nudiustertius.
6 ६ तो भी वे ऐसे पापों से न फिरे, जैसे यारोबाम के घराने ने किया, और जिनके अनुसार उसने इस्राएल से पाप कराए थे: परन्तु उनमें चलते रहे, और सामरिया में अशेरा भी खड़ी रही।
Verumtamen non recesserunt a peccatis domus Ieroboam, qui peccare fecit Israel, sed in ipsis ambulaverunt: siquidem et lucus permansit in Samaria.
7 ७ अराम के राजा ने यहोआहाज की सेना में से केवल पचास सवार, दस रथ, और दस हजार प्यादे छोड़ दिए थे; क्योंकि उसने उनको नाश किया, और रौंद रौंदकर के धूल में मिला दिया था।
Et non sunt derelicti Ioachaz de populo nisi quinquaginta equites, et decem currus, et decem millia peditum: interfecerat enim eos rex Syriæ, et redegerat quasi pulverem in tritura areæ.
8 ८ यहोआहाज के और सब काम जो उसने किए, और उसकी वीरता, यह सब क्या इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है?
Reliqua autem sermonum Ioachaz, et universa quæ fecit, et fortitudo eius, nonne hæc scripta sunt in Libro sermonum dierum regum Israel?
9 ९ अन्ततः यहोआहाज मरकर अपने पुरखाओं के संग जा मिला और सामरिया में उसे मिट्टी दी गई; और उसका पुत्र यहोआश उसके स्थान पर राज्य करने लगा।
Dormivitque Ioachaz cum patribus suis, et sepelierunt eum in Samaria: regnavitque Ioas filius eius pro eo.
10 १० यहूदा के राजा योआश के राज्य के सैंतीसवें वर्ष में यहोआहाज का पुत्र यहोआश सामरिया में इस्राएल पर राज्य करने लगा, और सोलह वर्ष तक राज्य करता रहा।
Anno trigesimo septimo Ioas regis Iuda regnavit Ioas filius Ioachaz super Israel in Samaria sedecim annis,
11 ११ और उसने वह किया जो यहोवा की दृष्टि में बुरा था, अर्थात् नबात का पुत्र यारोबाम जिसने इस्राएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार वह करता रहा, और उनसे अलग न हुआ।
et fecit quod malum est in conspectu Domini: non declinavit ab omnibus peccatis Ieroboam filii Nabat, qui peccare fecit Israel, sed in ipsis ambulavit.
12 १२ यहोआश के और सब काम जो उसने किए, और जिस वीरता से वह यहूदा के राजा अमस्याह से लड़ा, यह सब क्या इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है?
Reliqua autem sermonum Ioas, et universa quæ fecit, et fortitudo eius, quo modo pugnaverit contra Amasiam regem Iuda, nonne hæc scripta sunt in Libro sermonum dierum regum Israel?
13 १३ अन्त में यहोआश मरकर अपने पुरखाओं के संग जा मिला और यारोबाम उसकी गद्दी पर विराजमान हुआ; और यहोआश को सामरिया में इस्राएल के राजाओं के बीच मिट्टी दी गई।
Et dormivit Ioas cum patribus suis: Ieroboam autem sedit super solium eius. Porro Ioas sepultus est in Samaria cum regibus Israel.
14 १४ एलीशा को वह रोग लग गया जिससे उसकी मृत्यु होने पर थी, तब इस्राएल का राजा यहोआश उसके पास गया, और उसके ऊपर रोकर कहने लगा, “हाय मेरे पिता! हाय मेरे पिता! हाय इस्राएल के रथ और सवारों!” एलीशा ने उससे कहा, “धनुष और तीर ले आ।”
Eliseus autem ægrotabat infirmitate, qua et mortuus est: descenditque ad eum Ioas rex Israel, et flebat coram eo, dicebatque: Pater mi, pater mi, currus Israel et auriga eius.
15 १५ वह उसके पास धनुष और तीर ले आया।
Et ait illi Eliseus: Affer arcum, et sagittas. Cumque attulisset ad eum arcum, et sagittas,
16 १६ तब उसने इस्राएल के राजा से कहा, “धनुष पर अपना हाथ लगा।” जब उसने अपना हाथ लगाया, तब एलीशा ने अपने हाथ राजा के हाथों पर रख दिए।
dixit ad regem Israel: Pone manum tuam super arcum. Et cum posuisset ille manum suam, superposuit Eliseus manus suas manibus regis,
17 १७ तब उसने कहा, “पूर्व की खिड़की खोल।” जब उसने उसे खोल दिया, तब एलीशा ने कहा, “तीर छोड़ दे;” उसने तीर छोड़ा। और एलीशा ने कहा, “यह तीर यहोवा की ओर से छुटकारे अर्थात् अराम से छुटकारे का चिन्ह है, इसलिए तू अपेक में अराम को यहाँ तक मार लेगा कि उनका अन्त कर डालेगा।”
et ait: Aperi fenestram Orientalem. Cumque aperuisset, dixit Eliseus: Iace sagittam. Et iecit. Et ait Eliseus: Sagitta salutis Domini, et sagitta salutis contra Syriam: percutiesque Syriam in Aphec, donec consumas eam.
18 १८ फिर उसने कहा, “तीरों को ले;” और जब उसने उन्हें लिया, तब उसने इस्राएल के राजा से कहा, “भूमि पर मार;” तब वह तीन बार मारकर ठहर गया।
Et ait: Tolle sagittas. Qui cum tulisset, rursum dixit ei: Percute iaculo terram. Et cum percussisset tribus vicibus, et stetisset,
19 १९ और परमेश्वर के जन ने उस पर क्रोधित होकर कहा, “तुझे तो पाँच छः बार मारना चाहिये था। ऐसा करने से तो तू अराम को यहाँ तक मारता कि उनका अन्त कर डालता, परन्तु अब तू उन्हें तीन ही बार मारेगा।”
iratus est vir Dei contra eum, et ait: Si percussisses quinquies, aut sexies, sive septies, percussisses Syriam usque ad consumptionem: nunc autem tribus vicibus percuties eam.
20 २० तब एलीशा मर गया, और उसे मिट्टी दी गई। प्रतिवर्ष वसन्त ऋतु में मोआब के दल, देश पर आक्रमण करते थे।
Mortuus est ergo Eliseus, et sepelierunt eum. Latrunculi autem de Moab venerunt in terram in ipso anno.
21 २१ लोग किसी मनुष्य को मिट्टी दे रहे थे, कि एक दल उन्हें दिखाई पड़ा, तब उन्होंने उस शव को एलीशा की कब्र में डाल दिया, और एलीशा की हड्डियों से छूते ही वह जी उठा, और अपने पाँवों के बल खड़ा हो गया।
Quidam autem sepelientes hominem, viderunt latrunculos, et proiecerunt cadaver in sepulchro Elisei. Quod cum tetigisset ossa Elisei, revixit homo, et stetit super pedes suos.
22 २२ यहोआहाज के जीवन भर अराम का राजा हजाएल इस्राएल पर अंधेर ही करता रहा।
Igitur Hazael rex Syriæ afflixit Israel cunctis diebus Ioachaz:
23 २३ परन्तु यहोवा ने उन पर अनुग्रह किया, और उन पर दया करके अपनी उस वाचा के कारण जो उसने अब्राहम, इसहाक और याकूब से बाँधी थी, उन पर कृपादृष्टि की, और न तो उन्हें नाश किया, और न अपने सामने से निकाल दिया।
et misertus est Dominus eorum, et reversus est ad eos propter pactum suum, quod habebat cum Abraham, et Isaac, et Iacob: et noluit disperdere eos, neque proiicere penitus usque in præsens tempus.
24 २४ तब अराम का राजा हजाएल मर गया, और उसका पुत्र बेन्हदद उसके स्थान पर राजा बन गया।
Mortuus est autem Hazael rex Syriæ, et regnavit Benadad filius eius pro eo.
25 २५ तब यहोआहाज के पुत्र यहोआश ने हजाएल के पुत्र बेन्हदद के हाथ से वे नगर फिर ले लिए, जिन्हें उसने युद्ध करके उसके पिता यहोआहाज के हाथ से छीन लिया था। यहोआश ने उसको तीन बार जीतकर इस्राएल के नगर फिर ले लिए।
Porro Ioas filius Ioachaz tulit urbes de manu Benadad filii Hazael, quas tulerat de manu Ioachaz patris sui iure prælii, tribus vicibus percussit eum Ioas, et reddidit civitates Israel.