< 2 इतिहास 5 >
1 १ इस प्रकार सुलैमान ने यहोवा के भवन के लिये जो-जो काम बनवाया वह सब पूरा हो गया। तब सुलैमान ने अपने पिता दाऊद के पवित्र किए हुए सोने, चाँदी और सब पात्रों को भीतर पहुँचाकर परमेश्वर के भवन के भण्डारों में रखवा दिया।
After Solomon’s workers had finished building the temple, Solomon put in the temple storage rooms everything that his father David had dedicated to Yahweh—all the silver and gold and all the other things that were used at the temple.
2 २ तब सुलैमान ने इस्राएल के पुरनियों को और गोत्रों के सब मुख्य पुरुष, जो इस्राएलियों के पितरों के घरानों के प्रधान थे, उनको भी यरूशलेम में इस उद्देश्य से इकट्ठा किया कि वे यहोवा की वाचा का सन्दूक दाऊदपुर से अर्थात् सिय्योन से ऊपर ले आएँ।
Then King Solomon summoned to Jerusalem all the elders of Israel, all the leaders of the tribes and of the families/clans. He wanted them to help to bring to the temple Yahweh’s Sacred Chest from Zion [Hill], where it was in [the part of the city called] ‘The City of David’.
3 ३ सब इस्राएली पुरुष सातवें महीने के पर्व के समय राजा के पास इकट्ठा हुए।
So all the leaders of Israel gathered together along with the king, during the Festival of [Living in Temporary] Shelters, in October.
4 ४ जब इस्राएल के सब पुरनिये आए, तब लेवियों ने सन्दूक को उठा लिया।
When they had all arrived, the descendants of Levi lifted up the Sacred Chest,
5 ५ और लेवीय याजक सन्दूक और मिलापवाले तम्बू और जितने पवित्र पात्र उस तम्बू में थे उन सभी को ऊपर ले गए।
and they carried it and the Sacred Tent and the sacred things that were inside it. The priests, who were also descended from Levi, carried them.
6 ६ और राजा सुलैमान और सब इस्राएली मण्डली के लोग जो उसके पास इकट्ठा हुए थे, उन्होंने सन्दूक के सामने इतने भेड़ और बैल बलि किए, जिनकी गिनती और हिसाब बहुतायत के कारण न हो सकता था।
King Solomon and many of the other people of Israel who had gathered there walked in front of the Sacred Chest. And they sacrificed a huge amount of sheep and cattle. No one was able to count them [because there were very many].
7 ७ तब याजकों ने यहोवा की वाचा का सन्दूक उसके स्थान में, अर्थात् भवन की भीतरी कोठरी में जो परमपवित्र स्थान है, पहुँचाकर, करूबों के पंखों के तले रख दिया।
The priests then brought the Sacred Chest into the Most Holy Place, the inner room of the temple, and they placed it under the wings of the statues of winged creatures.
8 ८ सन्दूक के स्थान के ऊपर करूब पंख फैलाए हुए थे, जिससे वे ऊपर से सन्दूक और उसके डंडों को ढाँके थे।
The wings of those statues spread out over the Sacred Chest and over the poles by which it was carried.
9 ९ डंडे तो इतने लम्बे थे, कि उनके सिरे सन्दूक से निकले हुए भीतरी कोठरी के सामने देख पड़ते थे, परन्तु बाहर से वे दिखाई न पड़ते थे। वे आज के दिन तक वहीं हैं।
The poles were very long, with the result that they could be seen by [those who were standing] at the entrance to the Most Holy Place, but they could not be seen by anyone standing outside the temple. Those poles are still there.
10 १० सन्दूक में पत्थर की उन दो पटियाओं को छोड़ कुछ न था, जिन्हें मूसा ने होरेब में उसके भीतर उस समय रखा, जब यहोवा ने इस्राएलियों के मिस्र से निकलने के बाद उनके साथ वाचा बाँधी थी।
The only things that were inside the Sacred Chest were the two stone tablets that Moses had put there at Sinai Mountain, where Yahweh made an agreement with the Israeli people after they came out of Egypt.
11 ११ जब याजक पवित्रस्थान से निकले (जितने याजक उपस्थित थे, उन सभी ने अपने-अपने को पवित्र किया था, और अलग-अलग दलों में होकर सेवा न करते थे;
Then the priests left the Holy Place. All the priests who were there, from every group, had performed the rituals to cause them to be acceptable to God.
12 १२ और जितने लेवीय गायक थे, वे सब के सब अर्थात् पुत्रों और भाइयों समेत आसाप, हेमान और यदूतून सन के वस्त्र पहने झाँझ, सारंगियाँ और वीणाएँ लिये हुए, वेदी के पूर्व की ओर खड़े थे, और उनके साथ एक सौ बीस याजक तुरहियां बजा रहे थे।)
All the descendants of Levi who were musicians—Asaph, Heman, Jeduthun, their sons and their other relatives—stood on the east side of the altar. They were wearing linen clothes, and they were playing cymbals, harps, and lyres. There were 120 other priests who were blowing trumpets.
13 १३ और जब तुरहियां बजानेवाले और गानेवाले एक स्वर से यहोवा की स्तुति और धन्यवाद करने लगे, और तुरहियां, झाँझ आदि बाजे बजाते हुए यहोवा की यह स्तुति ऊँचे शब्द से करने लगे, “वह भला है और उसकी करुणा सदा की है,” तब यहोवा के भवन में बादल छा गया,
The men blowing trumpets, those playing the cymbals and other musical instruments, and the singers, made music together, praising Yahweh and singing this song: “Yahweh is good [to us]; he faithfully loves us forever.” Then [suddenly] the temple was filled with a cloud.
14 १४ और बादल के कारण याजक लोग सेवा-टहल करने को खड़े न रह सके, क्योंकि यहोवा का तेज परमेश्वर के भवन में भर गया था।
The glorious radiance of Yahweh filled the temple, with the result that the priests were not able to continue doing their work.