< 1 थिस्सलुनीकियों 4 >
1 १ इसलिए हे भाइयों, हम तुम से विनती करते हैं, और तुम्हें प्रभु यीशु में समझाते हैं, कि जैसे तुम ने हम से योग्य चाल चलना, और परमेश्वर को प्रसन्न करना सीखा है, और जैसा तुम चलते भी हो, वैसे ही और भी बढ़ते जाओ।
Furthermore then we beseech you, brethren, and exhort [you] by the Lord Jesus, that as ye have received of us how ye ought to walk and to please God, [ so] ye would abound more and more.
2 २ क्योंकि तुम जानते हो, कि हमने प्रभु यीशु की ओर से तुम्हें कौन-कौन से निर्देश पहुँचाए।
For ye know what commandments we gave you by the Lord Jesus.
3 ३ क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम पवित्र बनो अर्थात् व्यभिचार से बचे रहो,
For this is the will of God, [even] your sanctification, that ye should abstain from fornication:
4 ४ और तुम में से हर एक पवित्रता और आदर के साथ अपने पात्र को प्राप्त करना जाने।
That every one of you should know how to possess his vessel in sanctification and honour;
5 ५ और यह काम अभिलाषा से नहीं, और न अन्यजातियों के समान, जो परमेश्वर को नहीं जानतीं।
Not in the lust of concupiscence, even as the Gentiles which know not God:
6 ६ कि इस बात में कोई अपने भाई को न ठगे, और न उस पर दाँव चलाए, क्योंकि प्रभु इस सब बातों का पलटा लेनेवाला है; जैसा कि हमने पहले तुम से कहा, और चिताया भी था।
That no [man] go beyond and defraud his brother in [any] matter: because that the Lord [is] the avenger of all such, as we also have forewarned you and testified.
7 ७ क्योंकि परमेश्वर ने हमें अशुद्ध होने के लिये नहीं, परन्तु पवित्र होने के लिये बुलाया है।
For God hath not called us unto uncleanness, but unto holiness.
8 ८ इसलिए जो इसे तुच्छ जानता है, वह मनुष्य को नहीं, परन्तु परमेश्वर को तुच्छ जानता है, जो अपना पवित्र आत्मा तुम्हें देता है।
He therefore that despiseth, despiseth not man, but God, who hath also given unto us his holy Spirit.
9 ९ किन्तु भाईचारे के प्रेम के विषय में यह आवश्यक नहीं, कि मैं तुम्हारे पास कुछ लिखूँ; क्योंकि आपस में प्रेम रखना तुम ने आप ही परमेश्वर से सीखा है;
But as touching brotherly love ye need not that I write unto you: for ye yourselves are taught of God to love one another.
10 १० और सारे मकिदुनिया के सब भाइयों के साथ ऐसा करते भी हो, पर हे भाइयों, हम तुम्हें समझाते हैं, कि और भी बढ़ते जाओ,
And indeed ye do it toward all the brethren which are in all Macedonia: but we beseech you, brethren, that ye increase more and more;
11 ११ और जैसा हमने तुम्हें समझाया, वैसे ही चुपचाप रहने और अपना-अपना काम-काज करने, और अपने-अपने हाथों से कमाने का प्रयत्न करो।
And that ye study to be quiet, and to do your own business, and to work with your own hands, as we commanded you;
12 १२ कि बाहरवालों के साथ सभ्यता से बर्ताव करो, और तुम्हें किसी वस्तु की घटी न हो।
That ye may walk honestly toward them that are without, and [that] ye may have lack of nothing.
13 १३ हे भाइयों, हम नहीं चाहते, कि तुम उनके विषय में जो सोते हैं, अज्ञानी रहो; ऐसा न हो, कि तुम औरों के समान शोक करो जिन्हें आशा नहीं।
But I would not have you to be ignorant, brethren, concerning them which are asleep, that ye sorrow not, even as others which have no hope.
14 १४ क्योंकि यदि हम विश्वास करते हैं, कि यीशु मरा, और जी भी उठा, तो वैसे ही परमेश्वर उन्हें भी जो यीशु में सो गए हैं, उसी के साथ ले आएगा।
For if we believe that Jesus died and rose again, even so them also which sleep in Jesus will God bring with him.
15 १५ क्योंकि हम प्रभु के वचन के अनुसार तुम से यह कहते हैं, कि हम जो जीवित हैं, और प्रभु के आने तक बचे रहेंगे तो सोए हुओं से कभी आगे न बढ़ेंगे।
For this we say unto you by the word of the Lord, that we which are alive [and] remain unto the coming of the Lord shall not prevent them which are asleep.
16 १६ क्योंकि प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा; उस समय ललकार, और प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगा, और परमेश्वर की तुरही फूँकी जाएगी, और जो मसीह में मरे हैं, वे पहले जी उठेंगे।
For the Lord himself shall descend from heaven with a shout, with the voice of the archangel, and with the trump of God: and the dead in Christ shall rise first:
17 १७ तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे, उनके साथ बादलों पर उठा लिए जाएँगे, कि हवा में प्रभु से मिलें, और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे।
Then we which are alive [and] remain shall be caught up together with them in the clouds, to meet the Lord in the air: and so shall we ever be with the Lord.
18 १८ इसलिए इन बातों से एक दूसरे को शान्ति दिया करो।
Wherefore comfort one another with these words.