< 1 थिस्सलुनीकियों 2 >

1 हे भाइयों, तुम आप ही जानते हो कि हमारा तुम्हारे पास आना व्यर्थ न हुआ।
Porque, hermanos, vosotros mismos sabéis que nuestra entrada a vosotros no fue vana,
2 वरन् तुम आप ही जानते हो, कि पहले फिलिप्पी में दुःख उठाने और उपद्रव सहने पर भी हमारे परमेश्वर ने हमें ऐसा साहस दिया, कि हम परमेश्वर का सुसमाचार भारी विरोधों के होते हुए भी तुम्हें सुनाएँ।
pues aun habiendo padecido antes, y sido afrentados en Filipos, como sabéis, tuvimos denuedo en nuestro Dios para anunciaros el Evangelio de Dios con mucha diligencia.
3 क्योंकि हमारा उपदेश न भ्रम से है और न अशुद्धता से, और न छल के साथ है।
Porque nuestra exhortación no fue de error, ni de inmundicia, ni por engaño;
4 पर जैसा परमेश्वर ने हमें योग्य ठहराकर सुसमाचार सौंपा, हम वैसा ही वर्णन करते हैं; और इसमें मनुष्यों को नहीं, परन्तु परमेश्वर को, जो हमारे मनों को जाँचता है, प्रसन्न करते हैं।
sino por haber sido aprobados de Dios para que se nos encargase el Evangelio, así hablamos; no como los que agradan a los hombres, sino a Dios, el cual prueba nuestros corazones.
5 क्योंकि तुम जानते हो, कि हम न तो कभी चापलूसी की बातें किया करते थे, और न लोभ के लिये बहाना करते थे, परमेश्वर गवाह है।
Porque nunca fuimos lisonjeros en la palabra, como sabéis, ni tocados de avaricia; Dios es testigo;
6 और यद्यपि हम मसीह के प्रेरित होने के कारण तुम पर बोझ डाल सकते थे, फिर भी हम मनुष्यों से आदर नहीं चाहते थे, और न तुम से, न और किसी से।
ni buscamos de los hombres gloria, ni de vosotros, ni de otros, aunque podíamos seros carga como apóstoles de Cristo.
7 परन्तु जिस तरह माता अपने बालकों का पालन-पोषण करती है, वैसे ही हमने भी तुम्हारे बीच में रहकर कोमलता दिखाई है।
Antes fuimos blandos entre vosotros como la que cría, que regala a sus hijos.
8 और वैसे ही हम तुम्हारी लालसा करते हुए, न केवल परमेश्वर का सुसमाचार, पर अपना-अपना प्राण भी तुम्हें देने को तैयार थे, इसलिए कि तुम हमारे प्यारे हो गए थे।
Tan amadores de vosotros, que quisiéramos entregaros no sólo el Evangelio de Dios, sino aun nuestras propias almas; porque nos sois carísimos.
9 क्योंकि, हे भाइयों, तुम हमारे परिश्रम और कष्ट को स्मरण रखते हो, कि हमने इसलिए रात दिन काम धन्धा करते हुए तुम में परमेश्वर का सुसमाचार प्रचार किया, कि तुम में से किसी पर भार न हों।
Porque ya, hermanos, os acordáis de nuestro trabajo y fatiga; que trabajando de noche y de día por no ser gravosos a ninguno de vosotros, predicamos entre vosotros el Evangelio de Dios.
10 १० तुम आप ही गवाह हो, और परमेश्वर भी गवाह है, कि तुम विश्वासियों के बीच में हमारा व्यवहार कैसा पवित्र और धार्मिक और निर्दोष रहा।
Vosotros sois testigos, y Dios, de cuán santa y justa e irreprensiblemente nos condujimos con vosotros que creisteis;
11 ११ जैसे तुम जानते हो, कि जैसा पिता अपने बालकों के साथ बर्ताव करता है, वैसे ही हम भी तुम में से हर एक को उपदेश देते और प्रोत्साहित करते और समझाते थे।
así como sabéis de qué modo exhortábamos y consolábamos a cada uno de vosotros, como el padre a sus hijos,
12 १२ कि तुम्हारा चाल-चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें अपने राज्य और महिमा में बुलाता है।
y os encargábamos que anduvieseis como es digno de Dios, que os llamó a su Reino y gloria.
13 १३ इसलिए हम भी परमेश्वर का धन्यवाद निरन्तर करते हैं; कि जब हमारे द्वारा परमेश्वर के सुसमाचार का वचन तुम्हारे पास पहुँचा, तो तुम ने उसे मनुष्यों का नहीं, परन्तु परमेश्वर का वचन समझकर (और सचमुच यह ऐसा ही है) ग्रहण किया और वह तुम में जो विश्वास रखते हो, कार्य करता है।
Por lo cual, también nosotros damos gracias a Dios sin cesar, de que habiendo recibido de nosotros la palabra para oír de Dios, la recibisteis no como palabra de hombres, sino (como a la verdad lo es) como palabra de Dios, la cual obra en vosotros los que creisteis.
14 १४ इसलिए कि तुम, हे भाइयों, परमेश्वर की उन कलीसियाओं के समान चाल चलने लगे, जो यहूदिया में मसीह यीशु में हैं, क्योंकि तुम ने भी अपने लोगों से वैसा ही दुःख पाया, जैसा उन्होंने यहूदियों से पाया था।
Porque vosotros, hermanos, habéis sido imitadores en Cristo Jesús de las Iglesias de Dios que están en Judea; que habéis padecido también vosotros las mismas cosas de los de vuestra propia nación, como también ellos de los judíos;
15 १५ जिन्होंने प्रभु यीशु को और भविष्यद्वक्ताओं को भी मार डाला और हमको सताया, और परमेश्वर उनसे प्रसन्न नहीं; और वे सब मनुष्यों का विरोध करते हैं।
los cuales también mataron al Señor Jesús y a sus propios profetas, y a nosotros nos han perseguido; y no agradan a Dios, y se oponen a todos los hombres;
16 १६ और वे अन्यजातियों से उनके उद्धार के लिये बातें करने से हमें रोकते हैं, कि सदा अपने पापों का घड़ा भरते रहें; पर उन पर भयानक प्रकोप आ पहुँचा है।
prohibiéndonos hablar a los gentiles, a fin de que se salven, para llenar la medida de sus pecados siempre, porque la ira (de Dios) los ha alcanzado hasta el extremo.
17 १७ हे भाइयों, जब हम थोड़ी देर के लिये मन में नहीं वरन् प्रगट में तुम से अलग हो गए थे, तो हमने बड़ी लालसा के साथ तुम्हारा मुँह देखने के लिये और भी अधिक यत्न किया।
Mas nosotros, hermanos, privados de vosotros por un poco de tiempo, de vista, no de corazón, tanto más procuramos con mucho deseo ver vuestro rostro.
18 १८ इसलिए हमने (अर्थात् मुझ पौलुस ने) एक बार नहीं, वरन् दो बार तुम्हारे पास आना चाहा, परन्तु शैतान हमें रोके रहा।
Por lo cual quisimos ir a vosotros, yo Pablo a la verdad, una y otra vez; pero Satanás nos estorbó.
19 १९ हमारी आशा, या आनन्द या बड़ाई का मुकुट क्या है? क्या हमारे प्रभु यीशु मसीह के सम्मुख उसके आने के समय, तुम ही न होगे?
Porque ¿cuál es nuestra esperanza, o gozo, o corona de que me gloríe? ¿No lo sois vosotros, delante del Señor nuestro Jesús el Cristo en su venida?
20 २० हमारी बड़ाई और आनन्द तुम ही हो।
Que vosotros sois nuestra gloria y gozo.

< 1 थिस्सलुनीकियों 2 >