< 1 शमूएल 7 >
1 १ तब किर्यत्यारीम के लोगों ने जाकर यहोवा के सन्दूक को उठाया, और अबीनादाब के घर में जो टीले पर बना था रखा, और यहोवा के सन्दूक की रक्षा करने के लिये अबीनादाब के पुत्र एलीआजर को पवित्र किया।
И приидоша мужие Кариафиаримстии и взяша кивот завета Господня, и внесоша его в дом Аминадавль иже на холме: и Елеазара сына его освятиша сохраняти кивот завета Господня.
2 २ किर्यत्यारीम में सन्दूक को रखे हुए बहुत दिन हुए, अर्थात् बीस वर्ष बीत गए, और इस्राएल का सारा घराना विलाप करता हुआ यहोवा के पीछे चलने लगा।
И бысть от негоже дне бе кивот в Кариафиариме, умножишася дние, и быти двадесять лет: и воззре весь дом Израилев вслед Господа.
3 ३ तब शमूएल ने इस्राएल के सारे घराने से कहा, “यदि तुम अपने पूर्ण मन से यहोवा की ओर फिरे हो, तो पराए देवताओं और अश्तोरेत देवियों को अपने बीच में से दूर करो, और यहोवा की ओर अपना मन लगाकर केवल उसी की उपासना करो, तब वह तुम्हें पलिश्तियों के हाथ से छुड़ाएगा।”
И рече Самуил ко всему дому Израилеву, глаголя: аще всем сердцем вашим вы обращаетеся ко Господу, отимите боги чуждыя от среды вас, и Дубравы, и уготовайте сердца ваша ко Господу, и поработайте Ему единому, и избавит вас от руки иноплеменничи.
4 ४ तब इस्राएलियों ने बाल देवताओं और अश्तोरेत देवियों को दूर किया, और केवल यहोवा ही की उपासना करने लगे।
И отвергоша сынове Израилевы Ваалима и дубравы Астарофа, и поработаша Господу единому.
5 ५ फिर शमूएल ने कहा, “सब इस्राएलियों को मिस्पा में इकट्ठा करो, और मैं तुम्हारे लिये यहोवा से प्रार्थना करूँगा।”
И рече Самуил: соберите ко мне всего Израиля в Массифаф, и помолюся о вас ко Господу.
6 ६ तब वे मिस्पा में इकट्ठे हुए, और जल भर के यहोवा के सामने उण्डेल दिया, और उस दिन उपवास किया, और वहाँ कहने लगे, “हमने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है।” और शमूएल ने मिस्पा में इस्राएलियों का न्याय किया।
И собрашася людие в Массифаф, и почерпаху воду и проливаху пред Господем на землю: и постишася в той день, и реша: согрешихом пред Господем. И судяше Самуил сыны Израилевы в Массифафе.
7 ७ जब पलिश्तियों ने सुना कि इस्राएली मिस्पा में इकट्ठे हुए हैं, तब उनके सरदारों ने इस्राएलियों पर चढ़ाई की। यह सुनकर इस्राएली पलिश्तियों से भयभीत हुए।
И услышаша иноплеменницы, яко собрашася вси сынове Израилевы в Массифаф, и взыдоша воеводы иноплеменничи на Израиля. И слышаша сынове Израилевы и убояшася от лица иноплеменник:
8 ८ और इस्राएलियों ने शमूएल से कहा, “हमारे लिये हमारे परमेश्वर यहोवा की दुहाई देना न छोड़, जिससे वह हमको पलिश्तियों के हाथ से बचाए।”
и реша сынове Израилевы к Самуилу: не премолчи о нас вопия ко Господу Богу нашему, да избавит ны от руки иноплеменничи. И рече Самуил: не буди мне еже отступити от Господа Бога моего и не вопити о вас с молением.
9 ९ तब शमूएल ने एक दूध पीता मेम्ना ले सर्वांग होमबलि करके यहोवा को चढ़ाया; और शमूएल ने इस्राएलियों के लिये यहोवा की दुहाई दी, और यहोवा ने उसकी सुन ली।
И взя Самуил ягня едино ссущее, и принесе е на всесожжение со всеми людьми Господеви: и возопи Самуил ко Господу о Израили, и послуша его Господь.
10 १० और जिस समय शमूएल होमबलि को चढ़ा रहा था उस समय पलिश्ती इस्राएलियों के संग युद्ध करने के लिये निकट आ गए, तब उसी दिन यहोवा ने पलिश्तियों के ऊपर बादल को बड़े कड़क के साथ गरजाकर उन्हें घबरा दिया; और वे इस्राएलियों से हार गए।
И бяше Самуил возносяй всесожжение, и иноплеменницы приближишася на брань на Израиля: и возгреме Господь гласом велиим в день он на иноплеменники, и смятошася и падоша пред Израилем:
11 ११ तब इस्राएली पुरुषों ने मिस्पा से निकलकर पलिश्तियों को खदेड़ा, और उन्हें बेतकर के नीचे तक मारते चले गए।
и изыдоша мужие Израилевы от Массифафа, и погнаша иноплеменников, и биша их даже до подолия Вефхор.
12 १२ तब शमूएल ने एक पत्थर लेकर मिस्पा और शेन के बीच में खड़ा किया, और यह कहकर उसका नाम एबेनेजेर रखा, “यहाँ तक यहोवा ने हमारी सहायता की है।”
И взя Самуил камень един и постави его между Массифафом и между Ветхим: и нарече имя ему Авенезер, сиречь камень помощи, и рече: до зде поможе нам Господь.
13 १३ तब पलिश्ती दब गए, और इस्राएलियों के देश में फिर न आए, और शमूएल के जीवन भर यहोवा का हाथ पलिश्तियों के विरुद्ध बना रहा।
И смири Господь иноплеменники, и не приложиша ктому ити в пределы Израилевы: и бысть рука Господня на иноплеменников во вся дни Самуиловы.
14 १४ और एक्रोन और गत तक जितने नगर पलिश्तियों ने इस्राएलियों के हाथ से छीन लिए थे, वे फिर इस्राएलियों के वश में आ गए; और उनका देश भी इस्राएलियों ने पलिश्तियों के हाथ से छुड़ाया। और इस्राएलियों और एमोरियों के बीच भी संधि हो गई।
И отдашася грады, ихже взяша иноплеменницы от сынов Израилевых, и отдаша их Израилю, от Аккарона даже до Гефа, и пределы Израиля свободишася от руки иноплеменничи: и бе мир между Израилем и между Аморреем.
15 १५ और शमूएल जीवन भर इस्राएलियों का न्याय करता रहा।
И судяше Самуил Израилю во вся дни живота своего.
16 १६ वह प्रतिवर्ष बेतेल और गिलगाल और मिस्पा में घूम-घूमकर उन सब स्थानों में इस्राएलियों का न्याय करता था।
И хождаше от года до года, и окрест Вефиля и Галгалы и Массифафа, и суждаше Израиля во всех священных сих.
17 १७ तब वह रामाह में जहाँ उसका घर था लौट आया, और वहाँ भी इस्राएलियों का न्याय करता था, और वहाँ उसने यहोवा के लिये एक वेदी बनाई।
Бяше же ему возвращение во Армафем, яко тамо бяше дом его: и судяше тамо Израиля, и созда тамо олтарь Господеви.