< 1 शमूएल 27 >
1 १ तब दाऊद सोचने लगा, “अब मैं किसी न किसी दिन शाऊल के हाथ से नष्ट हो जाऊँगा; अब मेरे लिये उत्तम यह है कि मैं पलिश्तियों के देश में भाग जाऊँ; तब शाऊल मेरे विषय निराश होगा, और मुझे इस्राएल के देश के किसी भाग में फिर न ढूँढ़ेगा, तब मैं उसके हाथ से बच निकलूँगा।”
И рече Давид в сердцы своем, глаголя: ныне впаду в день един в руки Саули, и не будет ми благо, аще не спасуся в земли иноплеменничи, и престанет Саул искати мене во всяком пределе Израилеве, и спасуся из руки его.
2 २ तब दाऊद अपने छः सौ संगी पुरुषों को लेकर चला गया, और गत के राजा माओक के पुत्र आकीश के पास गया।
И воста Давид и шесть сот мужей иже с ним, и иде ко Агхусу сыну Аммахову царю Гефску.
3 ३ और दाऊद और उसके जन अपने-अपने परिवार समेत गत में आकीश के पास रहने लगे। दाऊद तो अपनी दो स्त्रियों के साथ, अर्थात् यिज्रेली अहीनोअम, और नाबाल की स्त्री कर्मेली अबीगैल के साथ रहा।
И пребысть Давид у Агхуса в Гефе, сам и мужие его вси и дом его, и Давид и обе жены его, Ахинаам Иезраилитыня и Авигеа жена Навала Кармилскаго.
4 ४ जब शाऊल को यह समाचार मिला कि दाऊद गत को भाग गया है, तब उसने उसे फिर कभी न ढूँढ़ा।
И возвестиша Саулу, яко отбеже Давид в Геф, и не приложи ктому (Саул) искати его.
5 ५ दाऊद ने आकीश से कहा, “यदि मुझ पर तेरे अनुग्रह की दृष्टि हो, तो देश की किसी बस्ती में मुझे स्थान दिला दे जहाँ मैं रहूँ; तेरा दास तेरे साथ राजधानी में क्यों रहे?”
И рече Давид ко Агхусу: аще обрете раб твой благодать пред очима твоима, да даси ми место во единем от градов иже на селе, и сяду тамо: и вскую седит раб твой во граде царственнем с тобою?
6 ६ तब आकीश ने उसे उसी दिन सिकलग बस्ती दी; इस कारण से सिकलग आज के दिन तक यहूदा के राजाओं का बना है।
И даде ему Агхус в день той Секелаг: сего ради бысть царю Иудейску Секелаг до днешняго дне.
7 ७ पलिश्तियों के देश में रहते-रहते दाऊद को एक वर्ष चार महीने बीत गए।
И бысть число дний, в няже седяше Давид на селе иноплеменничи, четыри месяцы.
8 ८ और दाऊद ने अपने जनों समेत जाकर गशूरियों, गिर्जियों, और अमालेकियों पर चढ़ाई की; ये जातियाँ तो प्राचीनकाल से उस देश में रहती थीं जो शूर के मार्ग में मिस्र देश तक है।
И восхождаше Давид и мужие его и нападаху на всякаго Гессера и на Амаликита, и се, земля населяшеся от Ламсура и до земли Египетския:
9 ९ दाऊद ने उस देश को नष्ट किया, और स्त्री पुरुष किसी को जीवित न छोड़ा, और भेड़-बकरी, गाय-बैल, गदहे, ऊँट, और वस्त्र लेकर लौटा, और आकीश के पास गया।
и поражаше Давид землю, и не оставляше в живых мужеска полу и женска: и взимаху стада, и буйволицы и ослята, и велблюды и ризы, и возвращающеся прихождаху ко Агхусу.
10 १० आकीश ने पूछा, “आज तुम ने चढ़ाई तो नहीं की?” दाऊद ने कहा, “हाँ, यहूदा यरहमेलियों और केनियों की दक्षिण दिशा में।”
И рече Агхус к Давиду: на кого нападосте ныне? И рече Давид ко Агхусу: к югу Иудеи и к югу Иесмеги и к югу Кенезиа:
11 ११ दाऊद ने स्त्री पुरुष किसी को जीवित न छोड़ा कि उन्हें गत में पहुँचाए; उसने सोचा था, “ऐसा न हो कि वे हमारा काम बताकर यह कहें, कि दाऊद ने ऐसा-ऐसा किया है। वरन् जब से वह पलिश्तियों के देश में रहता है, तब से उसका काम ऐसा ही है।”
и мужеска полу и женска не оставлях в живых еже вводити в Геф, глаголя: да не возвестят в Гефе на нас, глаголюще: сия творит Давид. И сие оправдание его во вся дни, в няже седяше Давид на селе иноплеменничи.
12 १२ तब आकीश ने दाऊद की बात सच मानकर कहा, “यह अपने इस्राएली लोगों की दृष्टि में अति घृणित हुआ है; इसलिए यह सदा के लिये मेरा दास बना रहेगा।”
И уверися Давид Агхусу зело, глаголя: омерзением омерзе в людех своих во Израили, и будет ми раб во веки.