< 1 राजा 1 >

1 दाऊद राजा बूढ़ा और उसकी आयु बहुत बढ़ गई थी; और यद्यपि उसको कपड़े ओढ़ाए जाते थे, तो भी वह गर्म न होता था।
وَشَاخَ ٱلْمَلِكُ دَاوُدُ. تَقَدَّمَ فِي ٱلْأَيَّامِ. وَكَانُوا يُدَثِّرُونَهُ بِٱلثِّيَابِ فَلَمْ يَدْفَأْ.١
2 उसके कर्मचारियों ने उससे कहा, “हमारे प्रभु राजा के लिये कोई जवान कुँवारी ढूँढ़ी जाए, जो राजा के सम्मुख रहकर उसकी सेवा किया करे और तेरे पास लेटा करे, कि हमारे प्रभु राजा को गर्मी पहुँचे।”
فَقَالَ لَهُ عَبِيدُهُ: «لِيُفَتِّشُوا لِسَيِّدِنَا ٱلْمَلِكِ عَلَى فَتَاةٍ عَذْرَاءَ، فَلْتَقِفْ أَمَامَ ٱلْمَلِكِ وَلْتَكُنْ لَهُ حَاضِنَةً وَلْتَضْطَجِعْ فِي حِضْنِكَ فَيَدْفَأَ سَيِّدُنَا ٱلْمَلِكُ».٢
3 तब उन्होंने समस्त इस्राएली देश में सुन्दर कुँवारी ढूँढ़ते-ढूँढ़ते अबीशग नामक एक शूनेमिन कन्या को पाया, और राजा के पास ले आए।
فَفَتَّشُوا عَلَى فَتَاةٍ جَمِيلَةٍ فِي جَمِيعِ تُخُومِ إِسْرَائِيلَ، فَوَجَدُوا أَبِيشَجَ ٱلشُّونَمِيَّةَ، فَجَاءُوا بِهَا إِلَى ٱلْمَلِكِ.٣
4 वह कन्या बहुत ही सुन्दर थी; और वह राजा की दासी होकर उसकी सेवा करती रही; परन्तु राजा का उससे सहवास न हुआ।
وَكَانَتِ ٱلْفَتَاةُ جَمِيلَةً جِدًّا، فَكَانَتْ حَاضِنَةَ ٱلْمَلِكِ. وَكَانَتْ تَخْدِمُهُ، وَلَكِنَّ ٱلْمَلِكَ لَمْ يَعْرِفْهَا.٤
5 तब हग्गीत का पुत्र अदोनिय्याह सिर ऊँचा करके कहने लगा, “मैं राजा बनूँगा।” सो उसने रथ और सवार और अपने आगे-आगे दौड़ने को पचास अंगरक्षकों को रख लिए।
ثُمَّ إِنَّ أَدُونِيَّا ٱبْنَ حَجِّيثَ تَرَفَّعَ قَائِلًا: «أَنَا أَمْلِكُ». وَعَدَّ لِنَفْسِهِ عَجَلَاتٍ وَفُرْسَانًا وَخَمْسِينَ رَجُلًا يَجْرُونَ أَمَامَهُ.٥
6 उसके पिता ने तो जन्म से लेकर उसे कभी यह कहकर उदास न किया था, “तूने ऐसा क्यों किया।” वह बहुत रूपवान था, और अबशालोम के बाद उसका जन्म हुआ था।
وَلَمْ يُغْضِبْهُ أَبُوهُ قَطُّ قَائِلًا: «لِمَاذَا فَعَلْتَ هَكَذَا؟» وَهُوَ أَيْضًا جَمِيلُ ٱلصُّورَةِ جِدًّا، وَقَدْ وَلَدَتْهُ أُمُّهُ بَعْدَ أَبْشَالُومَ.٦
7 उसने सरूयाह के पुत्र योआब से और एब्यातार याजक से बातचीत की, और उन्होंने उसके पीछे होकर उसकी सहायता की।
وَكَانَ كَلَامُهُ مَعَ يُوآبَ ٱبْنِ صَرُويَةَ، وَمَعَ أَبِيَاثَارَ ٱلْكَاهِنِ، فَأَعَانَا أَدُونِيَّا.٧
8 परन्तु सादोक याजक यहोयादा का पुत्र बनायाह, नातान नबी, शिमी, रेई, और दाऊद के शूरवीरों ने अदोनिय्याह का साथ न दिया।
وَأَمَّا صَادُوقُ ٱلْكَاهِنُ وَبَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ وَنَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ وَشِمْعِي وَرِيعِي وَٱلْجَبَابِرَةُ ٱلَّذِينَ لِدَاوُدَ فَلَمْ يَكُونُوا مَعَ أَدُونِيَّا.٨
9 अदोनिय्याह ने जोहेलेत नामक पत्थर के पास जो एनरोगेल के निकट है, भेड़-बैल और तैयार किए हुए पशुबलि किए, और अपने सब भाइयों, राजकुमारों और राजा के सब यहूदी कर्मचारियों को बुला लिया।
فَذَبَحَ أَدُونِيَّا غَنَمًا وَبَقَرًا وَمَعْلُوفَاتٍ عِنْدَ حَجَرِ ٱلزَّاحِفَةِ ٱلَّذِي بِجَانِبِ عَيْنِ رُوجَلَ، وَدَعَا جَمِيعَ إِخْوَتِهِ بَنِي ٱلْمَلِكِ وَجَمِيعَ رِجَالِ يَهُوذَا عَبِيدِ ٱلْمَلِكِ،٩
10 १० परन्तु नातान नबी, और बनायाह और शूरवीरों को और अपने भाई सुलैमान को उसने न बुलाया।
وَأَمَّا نَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ وَبَنَايَاهُو وَٱلْجَبَابِرَةُ وَسُلَيْمَانُ أَخُوهُ فَلَمْ يَدْعُهُمْ.١٠
11 ११ तब नातान ने सुलैमान की माता बतशेबा से कहा, “क्या तूने सुना है कि हग्गीत का पुत्र अदोनिय्याह राजा बन बैठा है और हमारा प्रभु दाऊद इसे नहीं जानता?
فَكَلَّمَ نَاثَانُ بَثْشَبَعَ أُمِّ سُلَيْمَانَ قَائِلًا: «أَمَا سَمِعْتِ أَنَّ أَدُونِيَّا ٱبْنَ حَجِّيثَ قَدْ مَلَكَ، وَسَيِّدُنَا دَاوُدُ لَا يَعْلَمُ؟١١
12 १२ इसलिए अब आ, मैं तुझे ऐसी सम्मति देता हूँ, जिससे तू अपना और अपने पुत्र सुलैमान का प्राण बचाए।
فَٱلْآنَ تَعَالَيْ أُشِيرُ عَلَيْكِ مَشُورَةً فَتُنَجِّي نَفْسَكِ وَنَفْسَ ٱبْنِكِ سُلَيْمَانَ.١٢
13 १३ तू दाऊद राजा के पास जाकर, उससे यह पूछ, ‘हे मेरे प्रभु! हे राजा! क्या तूने शपथ खाकर अपनी दासी से नहीं कहा, कि तेरा पुत्र सुलैमान मेरे बाद राजा होगा, और वह मेरी राजगद्दी पर विराजेगा? फिर अदोनिय्याह क्यों राजा बन बैठा है?’
اِذْهَبِي وَٱدْخُلِي إِلَى ٱلْمَلِكِ دَاوُدَ وَقُولِي لَهُ: أَمَا حَلَفْتَ أَنْتَ يَا سَيِّدِي ٱلْمَلِكُ لِأَمَتِكَ قَائِلًا: إِنَّ سُلَيْمَانَ ٱبْنَكِ يَمْلِكُ بَعْدِي، وَهُوَ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّي؟ فَلِمَاذَا مَلَكَ أَدُونِيَّا؟١٣
14 १४ और जब तू वहाँ राजा से ऐसी बातें करती रहेगी, तब मैं तेरे पीछे आकर, तेरी बातों की पुष्टि करूँगा।”
وَفِيمَا أَنْتِ مُتَكَلِّمَةٌ هُنَاكَ مَعَ ٱلْمَلِكِ، أَدْخُلُ أَنَا وَرَاءَكِ وَأُكَمِّلُ كَلَامَكِ».١٤
15 १५ तब बतशेबा राजा के पास कोठरी में गई; राजा तो बहुत बूढ़ा था, और उसकी सेवा टहल शूनेमिन अबीशग करती थी।
فَدَخَلَتْ بَثْشَبَعُ إِلَى ٱلْمَلِكِ إِلَى ٱلْمِخْدَعِ. وَكَانَ ٱلْمَلِكُ قَدْ شَاخَ جِدًّا وَكَانَتْ أَبِيشَجُ ٱلشُّونَمِيَّةُ تَخْدِمُ ٱلْمَلِكَ.١٥
16 १६ बतशेबा ने झुककर राजा को दण्डवत् किया, और राजा ने पूछा, “तू क्या चाहती है?”
فَخَرَّتْ بَثْشَبَعُ وَسَجَدَتْ لِلْمَلِكِ، فَقَالَ ٱلْمَلِكُ: «مَا لَكِ؟»١٦
17 १७ उसने उत्तर दिया, “हे मेरे प्रभु, तूने तो अपने परमेश्वर यहोवा की शपथ खाकर अपनी दासी से कहा था, ‘तेरा पुत्र सुलैमान मेरे बाद राजा होगा और वह मेरी गद्दी पर विराजेगा।’
فَقَالَتْ لَهُ «أَنْتَ يَا سَيِّدِي حَلَفْتَ بِٱلرَّبِّ إِلَهِكَ لِأَمَتِكَ قَائِلًا: إِنَّ سُلَيْمَانَ ٱبْنَكِ يَمْلِكُ بَعْدِي وَهُوَ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّي.١٧
18 १८ अब देख अदोनिय्याह राजा बन बैठा है, और अब तक मेरा प्रभु राजा इसे नहीं जानता।
وَٱلْآنَ هُوَذَا أَدُونِيَّا قَدْ مَلَكَ. وَٱلْآنَ أَنْتَ يَاسَيِّدِي ٱلْمَلِكُ لَا تَعْلَمُ ذَلِكَ.١٨
19 १९ उसने बहुत से बैल तैयार किए, पशु और भेड़ें बलि की, और सब राजकुमारों को और एब्यातार याजक और योआब सेनापति को बुलाया है, परन्तु तेरे दास सुलैमान को नहीं बुलाया।
وَقَدْ ذَبَحَ ثِيرَانًا وَمَعْلُوفَاتٍ وَغَنَمًا بِكَثْرَةٍ، وَدَعَا جَمِيعَ بَنِي ٱلْمَلِكِ، وَأَبِيَاثَارَ ٱلْكَاهِنَ وَيُوآبَ رَئِيسَ ٱلْجَيْشِ، وَلَمْ يَدْعُ سُلَيْمَانَ عَبْدَكَ.١٩
20 २० और हे मेरे प्रभु! हे राजा! सब इस्राएली तुझे ताक रहे हैं कि तू उनसे कहे, कि हमारे प्रभु राजा की गद्दी पर उसके बाद कौन बैठेगा।
وَأَنْتَ يَا سَيِّدِي ٱلْمَلِكُ أَعْيُنُ جَمِيعِ إِسْرَائِيلَ نَحْوَكَ لِكَيْ تُخْبِرَهُمْ مَنْ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّ سَيِّدِي ٱلْمَلِكِ بَعْدَهُ.٢٠
21 २१ नहीं तो जब हमारा प्रभु राजा, अपने पुरखाओं के संग सोएगा, तब मैं और मेरा पुत्र सुलैमान दोनों अपराधी गिने जाएँगे।”
فَيَكُونُ إِذَا ٱضْطَجَعَ سَيِّدِي ٱلْمَلِكُ مَعَ آبَائِهِ أَنِّي أَنَا وَٱبْنِي سُلَيْمَانَ نُحْسَبُ مُذْنِبَيْنِ».٢١
22 २२ जब बतशेबा राजा से बातें कर ही रही थी, कि नातान नबी भी आ गया।
وَبَيْنَمَا هِيَ مُتَكَلِّمَةٌ مَعَ ٱلْمَلِكِ، إِذَا نَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ دَاخِلٌ.٢٢
23 २३ और राजा से कहा गया, “नातान नबी हाजिर है;” तब वह राजा के सम्मुख आया, और मुँह के बल गिरकर राजा को दण्डवत् की।
فَأَخْبَرُوا ٱلْمَلِكَ قَائِلِينَ: «هُوَذَا نَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ». فَدَخَلَ إِلَى أَمَامِ ٱلْمَلِكِ وَسَجَدَ لِلْمَلِكِ عَلَى وَجْهِهِ إِلَى ٱلْأَرْضِ.٢٣
24 २४ तब नातान कहने लगा, “हे मेरे प्रभु, हे राजा! क्या तूने कहा है, ‘अदोनिय्याह मेरे बाद राजा होगा और वह मेरी गद्दी पर विराजेगा?’
وَقَالَ نَاثَانُ: «يَا سَيِّدِي ٱلْمَلِكَ، أَأَنْتَ قُلْتَ إِنَّ أَدُونِيَّا يَمْلِكُ بَعْدِي وَهُوَ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّي؟٢٤
25 २५ देख उसने आज नीचे जाकर बहुत से बैल, तैयार किए हुए पशु और भेड़ें बलि की हैं, और सब राजकुमारों और सेनापतियों को और एब्यातार याजक को भी बुला लिया है; और वे उसके सम्मुख खाते पीते हुए कह रहे हैं, ‘अदोनिय्याह राजा जीवित रहे।’
لِأَنَّهُ نَزَلَ ٱلْيَوْمَ وَذَبَحَ ثِيرَانًا وَمَعْلُوفَاتٍ وَغَنَمًا بِكَثْرَةٍ، وَدَعَا جَمِيعَ بَنِي ٱلْمَلِكِ وَرُؤَسَاءَ ٱلْجَيْشِ وَأَبِيَاثَارَ ٱلْكَاهِنَ، وَهَا هُمْ يَأْكُلُونَ وَيَشْرَبُونَ أَمَامَهُ وَيَقُولُونَ: لِيَحْيَ ٱلْمَلِكُ أَدُونِيَّا.٢٥
26 २६ परन्तु मुझ तेरे दास को, और सादोक याजक और यहोयादा के पुत्र बनायाह, और तेरे दास सुलैमान को उसने नहीं बुलाया।
وَأَمَّا أَنَا عَبْدُكَ وَصَادُوقُ ٱلْكَاهِنُ وَبَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ وَسُلَيْمَانُ عَبْدُكَ فَلَمْ يَدْعُنَا.٢٦
27 २७ क्या यह मेरे प्रभु राजा की ओर से हुआ? तूने तो अपने दास को यह नहीं जताया है, कि प्रभु राजा की गद्दी पर कौन उसके बाद विराजेगा।”
هَلْ مِنْ قِبَلِ سَيِّدِي ٱلْمَلِكِ كَانَ هَذَا ٱلْأَمْرُ، وَلَمْ تُعْلِمْ عَبْدَكَ مَنْ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّ سَيِّدِي ٱلْمَلِكِ بَعْدَهُ؟».٢٧
28 २८ दाऊद राजा ने कहा, “बतशेबा को मेरे पास बुला लाओ।” तब वह राजा के पास आकर उसके सामने खड़ी हुई।
فَأَجَابَ ٱلْمَلِكُ دَاوُدُ وَقَالَ: «اُدْعُ لِي بَثْشَبَعَ». فَدَخَلَتْ إِلَى أَمَامِ ٱلْمَلِكِ وَوَقَفَتْ بَيْنَ يَدَيِ ٱلْمَلِكِ.٢٨
29 २९ राजा ने शपथ खाकर कहा, “यहोवा जो मेरा प्राण सब जोखिमों से बचाता आया है,
فَحَلَفَ ٱلْمَلِكُ وَقَالَ: «حَيٌّ هُوَ ٱلرَّبُّ ٱلَّذِي فَدَى نَفْسِي مِنْ كُلِّ ضِيقَةٍ،٢٩
30 ३० उसके जीवन की शपथ, जैसा मैंने तुझ से इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की शपथ खाकर कहा था, ‘तेरा पुत्र सुलैमान मेरे बाद राजा होगा, और वह मेरे बदले मेरी गद्दी पर विराजेगा,’ वैसा ही मैं निश्चय आज के दिन करूँगा।”
إِنَّهُ كَمَا حَلَفْتُ لَكِ بِٱلرَّبِّ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ قَائِلًا: إِنَّ سُلَيْمَانَ ٱبْنَكِ يَمْلِكُ بَعْدِي، وَهُوَ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّي عِوَضًا عَنِّي، كَذَلِكَ أَفْعَلُ هَذَا ٱلْيَوْمَ».٣٠
31 ३१ तब बतशेबा ने भूमि पर मुँह के बल गिर राजा को दण्डवत् करके कहा, “मेरा प्रभु राजा दाऊद सदा तक जीवित रहे!”
فَخَرَّتْ بَثْشَبَعُ عَلَى وَجْهِهَا إِلَى ٱلْأَرْضِ وَسَجَدَتْ لِلْمَلِكِ وَقَالَتْ: «لِيَحْيَ سَيِّدِي ٱلْمَلِكُ دَاوُدُ إِلَى ٱلْأَبَدِ».٣١
32 ३२ तब दाऊद राजा ने कहा, “मेरे पास सादोक याजक, नातान नबी, यहोयादा के पुत्र बनायाह को बुला लाओ।” अतः वे राजा के सामने आए।
وَقَالَ ٱلْمَلِكُ دَاوُدُ: «اُدْعُ لِي صَادُوقَ ٱلْكَاهِنَ وَنَاثَانَ ٱلنَّبِيَّ وَبَنَايَاهُوَ بْنَ يَهُويَادَاعَ». فَدَخَلُوا إِلَى أَمَامِ ٱلْمَلِكِ.٣٢
33 ३३ राजा ने उनसे कहा, “अपने प्रभु के कर्मचारियों को साथ लेकर मेरे पुत्र सुलैमान को मेरे निज खच्चर पर चढ़ाओ; और गीहोन को ले जाओ;
فَقَالَ ٱلْمَلِكُ لَهُمْ: «خُذُوا مَعَكُمْ عَبِيدَ سَيِّدِكُمْ، وَأَرْكِبُوا سُلَيْمَانَ ٱبْنِي عَلَى ٱلْبَغْلَةِ ٱلَّتِي لِي، وَٱنْزِلُوا بِهِ إِلَى جِيحُونَ،٣٣
34 ३४ और वहाँ सादोक याजक और नातान नबी इस्राएल का राजा होने को उसका अभिषेक करें; तब तुम सब नरसिंगा फूँककर कहना, ‘राजा सुलैमान जीवित रहे।’
وَلْيَمْسَحْهُ هُنَاكَ صَادُوقُ ٱلْكَاهِنُ وَنَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ مَلِكًا عَلَى إِسْرَائِيلَ، وَٱضْرِبُوا بِٱلْبُوقِ وَقُولُوا: لِيَحْيَ ٱلْمَلِكُ سُلَيْمَانُ.٣٤
35 ३५ और तुम उसके पीछे-पीछे इधर आना, और वह आकर मेरे सिंहासन पर विराजे, क्योंकि मेरे बदले में वही राजा होगा; और उसी को मैंने इस्राएल और यहूदा का प्रधान होने को ठहराया है।”
وَتَصْعَدُونَ وَرَاءَهُ، فَيَأْتِي وَيَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّي وَهُوَ يَمْلِكُ عِوَضًا عَنِّي، وَإِيَّاهُ قَدْ أَوْصَيْتُ أَنْ يَكُونَ رَئِيسًا عَلَى إِسْرَائِيلَ وَيَهُوذَا».٣٥
36 ३६ तब यहोयादा के पुत्र बनायाह ने कहा, “आमीन! मेरे प्रभु राजा का परमेश्वर यहोवा भी ऐसा ही कहे।
فَأَجَابَ بَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ ٱلْمَلِكَ وَقَالَ: «آمِينَ. هَكَذَا يَقُولُ ٱلرَّبُّ إِلَهُ سَيِّدِي ٱلْمَلِكِ.٣٦
37 ३७ जिस रीति यहोवा मेरे प्रभु राजा के संग रहा, उसी रीति वह सुलैमान के भी संग रहे, और उसका राज्य मेरे प्रभु दाऊद राजा के राज्य से भी अधिक बढ़ाए।”
كَمَا كَانَ ٱلرَّبُّ مَعَ سَيِّدِي ٱلْمَلِكِ كَذَلِكَ لِيَكُنْ مَعَ سُلَيْمَانَ، وَيَجْعَلْ كُرْسِيَّهُ أَعْظَمَ مِنْ كُرْسِيِّ سَيِّدِي ٱلْمَلِكِ دَاوُدَ».٣٧
38 ३८ तब सादोक याजक और नातान नबी और यहोयादा का पुत्र बनायाह और करेतियों और पलेतियों को संग लिए हुए नीचे गए, और सुलैमान को राजा दाऊद के खच्चर पर चढ़ाकर गीहोन को ले चले।
فَنَزَلَ صَادُوقُ ٱلْكَاهِنُ وَنَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ وَبَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ وَٱلْجَلَّادُونَ وَٱلسُّعَاةُ، وَأَرْكَبُوا سُلَيْمَانَ عَلَى بَغْلَةِ ٱلْمَلِكِ دَاوُدَ، وَذَهَبُوا بِهِ إِلَى جِيحُونَ.٣٨
39 ३९ तब सादोक याजक ने यहोवा के तम्बू में से तेल भरा हुआ सींग निकाला, और सुलैमान का राज्याभिषेक किया। और वे नरसिंगे फूँकने लगे; और सब लोग बोल उठे, “राजा सुलैमान जीवित रहे।”
فَأَخَذَ صَادُوقُ ٱلْكَاهِنُ قَرْنَ ٱلدُّهْنِ مِنَ ٱلْخَيْمَةِ وَمَسَحَ سُلَيْمَانَ. وَضَرَبُوا بِٱلْبُوقِ، وَقَالَ جَمِيعُ ٱلشَّعْبِ: «لِيَحْيَ ٱلْمَلِكُ سُلَيْمَانُ».٣٩
40 ४० तब सब लोग उसके पीछे-पीछे बाँसुरी बजाते और इतना बड़ा आनन्द करते हुए ऊपर गए, कि उनकी ध्वनि से पृथ्वी डोल उठी।
وَصَعِدَ جَمِيعُ ٱلشَّعْبِ وَرَاءَهُ. وَكَانَ ٱلشَّعْبُ يَضْرِبُونَ بِٱلنَّايِ وَيَفْرَحُونَ فَرَحًا عَظِيمًا حَتَّى ٱنْشَقَّتِ ٱلْأَرْضُ مِنْ أَصْوَاتِهِمْ.٤٠
41 ४१ जब अदोनिय्याह और उसके सब अतिथि खा चुके थे, तब यह ध्वनि उनको सुनाई पड़ी। योआब ने नरसिंगे का शब्द सुनकर पूछा, “नगर में हलचल और चिल्लाहट का शब्द क्यों हो रहा है?”
فَسَمِعَ أَدُونِيَّا وَجَمِيعُ ٱلْمَدْعُوِّينَ ٱلّذِينَ عِنْدهُ بَعْدَمَا ٱنْتَهَوْا مِنَ ٱلْأَكْلِ. وَسَمِعَ يُوآبُ صَوْتَ ٱلْبُوقِ فَقَالَ: «لِمَاذَا صَوْتُ ٱلْقَرْيَةِ مُضْطَرِبٌ؟»٤١
42 ४२ वह यह कहता ही था, कि एब्यातार याजक का पुत्र योनातान आया और अदोनिय्याह ने उससे कहा, “भीतर आ; तू तो भला मनुष्य है, और भला समाचार भी लाया होगा।”
وَفِيمَا هُوَ يَتَكَلَّمُ إِذَا بِيُونَاثَانَ بْنِ أَبِيَاثَارَ ٱلْكَاهِنِ قَدْ جَاءَ، فَقَالَ أَدُونِيَّا: «تَعَالَ، لِأَنَّكَ ذُو بَأْسٍ وَتُبَشِّرُ بِٱلْخَيْرِ».٤٢
43 ४३ योनातान ने अदोनिय्याह से कहा, “सचमुच हमारे प्रभु राजा दाऊद ने सुलैमान को राजा बना दिया।
فَأَجَابَ يُونَاثَانُ وَقَالَ لِأَدُونِيَّا: «بَلْ سَيِّدُنَا ٱلْمَلِكُ دَاوُدُ قَدْ مَلَّكَ سُلَيْمَانَ.٤٣
44 ४४ और राजा ने सादोक याजक, नातान नबी और यहोयादा के पुत्र बनायाह और करेतियों और पलेतियों को उसके संग भेज दिया, और उन्होंने उसको राजा के खच्चर पर चढ़ाया है।
وَأَرْسَلَ ٱلْمَلِكُ مَعَهُ صَادُوقَ ٱلْكَاهِنَ وَنَاثَانَ ٱلنَّبِيَّ وَبَنَايَاهُوَ بْنَ يَهُويَادَاعَ وَٱلْجَلَّادِينَ وَٱلسُّعَاةَ، وَقَدْ أَرْكَبُوهُ عَلَى بَغْلَةِ ٱلْمَلِكِ،٤٤
45 ४५ और सादोक याजक, और नातान नबी ने गीहोन में उसका राज्याभिषेक किया है; और वे वहाँ से ऐसा आनन्द करते हुए ऊपर गए हैं कि नगर में हलचल मच गई, और जो शब्द तुम को सुनाई पड़ रहा है वही है।
وَمَسَحَهُ صَادُوقُ ٱلْكَاهِنُ وَنَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ مَلِكًا فِي جِيحُونَ، وَصَعِدُوا مِنْ هُنَاكَ فَرِحِينَ حَتَّى ٱضْطَرَبَتِ ٱلْقَرْيَةُ. هَذَا هُوَ ٱلصَّوْتُ ٱلَّذِي سَمِعْتُمُوهُ.٤٥
46 ४६ सुलैमान राजगद्दी पर विराज भी रहा है।
وَأَيْضًا قَدْ جَلَسَ سُلَيْمَانُ عَلَى كُرْسِيِّ ٱلْمَمْلَكَةِ.٤٦
47 ४७ फिर राजा के कर्मचारी हमारे प्रभु दाऊद राजा को यह कहकर धन्य कहने आए, ‘तेरा परमेश्वर, सुलैमान का नाम, तेरे नाम से भी महान करे, और उसका राज्य तेरे राज्य से भी अधिक बढ़ाए;’ और राजा ने अपने पलंग पर दण्डवत् की।
وَأَيْضًا جَاءَ عَبِيدُ ٱلْمَلِكِ لِيُبَارِكُوا سَيِّدَنَا ٱلْمَلِكَ دَاوُدَ قَائِلِينَ: يَجْعَلُ إِلَهُكَ ٱسْمَ سُلَيْمَانَ أَحْسَنَ مِنِ ٱسْمِكَ، وَكُرْسِيَّهُ أَعْظَمَ مِنْ كُرْسِيِّكَ. فَسَجَدَ ٱلْمَلِكُ عَلَى سَرِيرِهِ.٤٧
48 ४८ फिर राजा ने यह भी कहा, ‘इस्राएल का परमेश्वर यहोवा धन्य है, जिसने आज मेरे देखते एक को मेरी गद्दी पर विराजमान किया है।’”
وَأَيْضًا هَكَذَا قَالَ ٱلْمَلِكُ: مُبَارَكٌ ٱلرَّبُّ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ ٱلَّذِي أَعْطَانِيَ ٱلْيَوْمَ مَنْ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّي وَعَيْنَايَ تُبْصِرَانِ».٤٨
49 ४९ तब जितने अतिथि अदोनिय्याह के संग थे वे सब थरथरा उठे, और उठकर अपना-अपना मार्ग लिया।
فَٱرْتَعَدَ وَقَامَ جَمِيعُ مَدْعُوِّي أَدُونِيَّا، وَذَهَبُوا كُلُّ وَاحِدٍ فِي طَرِيقِهِ.٤٩
50 ५० और अदोनिय्याह सुलैमान से डरकर उठा, और जाकर वेदी के सींगों को पकड़ लिया।
وَخَافَ أَدُونِيَّا مِنْ قِبَلِ سُلَيْمَانَ، وَقَامَ وَٱنْطَلَقَ وَتَمَسَّكَ بِقُرُونِ ٱلْمَذْبَحِ.٥٠
51 ५१ तब सुलैमान को यह समाचार मिला, “अदोनिय्याह सुलैमान राजा से ऐसा डर गया है कि उसने वेदी के सींगों को यह कहकर पकड़ लिया है, ‘आज राजा सुलैमान शपथ खाए कि अपने दास को तलवार से न मार डालेगा।’”
فَأُخْبِرَ سُلَيْمَانُ وَقِيلَ لَهُ: «هُوَذَا أَدُونِيَّا خَائِفٌ مِنَ ٱلْمَلِكِ سُلَيْمَانَ، وَهُوَذَا قَدْ تَمَسَّكَ بِقُرُونِ ٱلْمَذْبَحِ قَائِلًا: لِيَحْلِفْ لِي ٱلْيَوْمَ ٱلْمَلِكُ سُلَيْمَانُ إِنَّهُ لَا يَقْتُلُ عَبْدَهُ بِٱلسَّيْفِ».٥١
52 ५२ सुलैमान ने कहा, “यदि वह भलमनसी दिखाए तो उसका एक बाल भी भूमि पर गिरने न पाएगा, परन्तु यदि उसमें दुष्टता पाई जाए, तो वह मारा जाएगा।”
فَقَالَ سُلَيْمَانُ: «إِنْ كَانَ ذَا فَضِيلَةٍ لَا يَسْقُطُ مِنْ شَعْرِهِ إِلَى ٱلْأَرْضِ، وَلَكِنْ إِنْ وُجِدَ بِهِ شَرٌّ فَإِنَّهُ يَمُوتُ».٥٢
53 ५३ तब राजा सुलैमान ने लोगों को भेज दिया जो उसको वेदी के पास से उतार ले आए तब उसने आकर राजा सुलैमान को दण्डवत् की और सुलैमान ने उससे कहा, “अपने घर चला जा।”
فَأَرْسَلَ ٱلْمَلِكُ سُلَيْمَانُ فَأَنْزَلُوهُ عَنِ ٱلْمَذْبَحِ، فَأَتَى وَسَجَدَ لِلْمَلِكِ سُلَيْمَانَ. فَقَالَ لَهُ سُلَيْمَانُ: «ٱذْهَبْ إِلَى بَيْتِكَ».٥٣

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