< 1 राजा 2 >
1 १ जब दाऊद के मरने का समय निकट आया, तब उसने अपने पुत्र सुलैमान से कहा,
১দাউদের মৃত্যুর দিন কাছাকাছি আসলে, তিনি তাঁর ছেলে শলোমনকে এই সব নির্দেশ দিয়ে বললেন,
2 २ “मैं संसार की रीति पर कूच करनेवाला हूँ इसलिए तू हियाव बाँधकर पुरुषार्थ दिखा।
২“পৃথিবীর সকলেই যে পথে যায় আমিও এখন সেই পথে যাচ্ছি। তাই তুমি শক্তিশালী হও, নিজেকে উপযুক্ত পুরুষ হিসাবে দেখাও।
3 ३ और जो कुछ तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे सौंपा है, उसकी रक्षा करके उसके मार्गों पर चला करना और जैसा मूसा की व्यवस्था में लिखा है, वैसा ही उसकी विधियों तथा आज्ञाओं, और नियमों, और चितौनियों का पालन करते रहना; जिससे जो कुछ तू करे और जहाँ कहीं तू जाए, उसमें तू सफल होए;
৩তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভুর আদেশ মত তুমি তাঁর পথে চলবে এবং মোশির ব্যবস্থায় লেখা সদাপ্রভুর সব নিয়ম, তাঁর আদেশ, তাঁর নির্দেশ ও তাঁর দাবি মেনে চলবে। এতে তুমি যা কিছু কর না কেন এবং যেখানেই যাও না কেন সফল হতে পারবে।
4 ४ और यहोवा अपना वह वचन पूरा करे जो उसने मेरे विषय में कहा था, ‘यदि तेरी सन्तान अपनी चाल के विषय में ऐसे सावधान रहें, कि अपने सम्पूर्ण हृदय और सम्पूर्ण प्राण से सच्चाई के साथ नित मेरे सम्मुख चलते रहें तब तो इस्राएल की राजगद्दी पर विराजनेवाले की, तेरे कुल परिवार में घटी कभी न होगी।’
৪যেন সদাপ্রভু যে বিষয় আমার কাছে বলেছেন তা পূরণ করতে পারেন। তিনি বলেছেন, ‘যদি তোমার সন্তানেরা সমস্ত হৃদয়ে ও সমস্ত প্রাণ দিয়ে বিশ্বস্তভাবে আমার সামনে চলাফেরা করবার জন্য সাবধানে জীবন কাটায় তবে ইস্রায়েলের সিংহাসনে বসবার জন্য তোমার বংশে লোকের অভাব হবে না।’
5 ५ “फिर तू स्वयं जानता है, कि सरूयाह के पुत्र योआब ने मुझसे क्या-क्या किया! अर्थात् उसने नेर के पुत्र अब्नेर, और येतेर के पुत्र अमासा, इस्राएल के इन दो सेनापतियों से क्या-क्या किया। उसने उन दोनों को घात किया, और मेल के समय युद्ध का लहू बहाकर उससे अपनी कमर का कमरबन्द और अपने पाँवों की जूतियाँ भिगो दीं।
৫সরূয়ার ছেলে যোয়াব আমার প্রতি যা করেছে এবং ইস্রায়েলীয় সৈন্যদলের দুই সেনাপতির প্রতি, অর্থাৎ নেরের ছেলে অব্নের ও যেথরের ছেলে অমাসার প্রতি যা করেছে তা তো তুমি জান। সে তাদের খুন করেছে, শান্তির দিনের ও যুদ্ধের দিনের র মত করে সে তাদের রক্তপাত করেছে আর সেই রক্ত তাঁর কোমর বন্ধনীতে ও পায়ের জুতোতে লেগেছে।
6 ६ इसलिए तू अपनी बुद्धि से काम लेना और उस पक्के बाल वाले को अधोलोक में शान्ति से उतरने न देना। (Sheol )
৬তুমি তার সঙ্গে বুদ্ধি করে চলবে, তবে বুড়ো বয়সে তুমি তাকে শান্তিতে মৃতস্থানে যেতে দেবে না। (Sheol )
7 ७ फिर गिलादी बर्जिल्लै के पुत्रों पर कृपा रखना, और वे तेरी मेज पर खानेवालों में रहें, क्योंकि जब मैं तेरे भाई अबशालोम के सामने से भागा जा रहा था, तब उन्होंने मेरे पास आकर वैसा ही किया था।
৭কিন্তু গিলিয়দের বর্সিল্লয়ের ছেলেদের প্রতি বিশ্বস্ত থেকো। তোমার টেবিলে যারা তোমার সঙ্গে খাওয়া দাওয়া করে তাদের মধ্যে তুমি তাদেরও জায়গা দিয়ো। তোমার ভাই অবশালোমের কাছ থেকে পালিয়ে যাবার দিন তারা আমার পাশে এসে দাঁড়িয়েছিল।
8 ८ फिर सुन, तेरे पास बिन्यामीनी गेरा का पुत्र बहूरीमी शिमी रहता है, जिस दिन मैं महनैम को जाता था उस दिन उसने मुझे कड़ाई से श्राप दिया था पर जब वह मेरी भेंट के लिये यरदन को आया, तब मैंने उससे यहोवा की यह शपथ खाई, कि मैं तुझे तलवार से न मार डालूँगा।
৮মনে রেখো, বহুরীমের বিন্যামীনীয়ের গেরার ছেলে শিমিয়ি তোমার সঙ্গে আছে। আমি যেদিন মহনয়িমে যাই সেই দিন সে আমাকে ভীষণ অভিশাপ দিয়েছিল। যর্দনে সে আমার সঙ্গে দেখা করতে আসলে পর আমি সদাপ্রভুর নামে তার কাছে শপথ করেছিলাম যে, আমি তাকে মেরে ফেলব না।
9 ९ परन्तु अब तू इसे निर्दोष न ठहराना, तू तो बुद्धिमान पुरुष है; तुझे मालूम होगा कि उसके साथ क्या करना चाहिये, और उस पक्के बाल वाले का लहू बहाकर उसे अधोलोक में उतार देना।” (Sheol )
৯কিন্তু এখন তুমি তাকে নির্দোষ বলে মনে কোরো না। তুমি বুদ্ধিমান; তার প্রতি তুমি কি করবে তা তুমি নিজেই বুঝতে পারবে। তার বুড়ো বয়সে রক্তপাতের মধ্য দিয়েই তাকে মৃতস্থানে পাঠিয়ে দেবে।” (Sheol )
10 १० तब दाऊद अपने पुरखाओं के संग जा मिला और दाऊदपुर में उसे मिट्टी दी गई।
১০এর পর দায়ূদ তাঁর পূর্বপুরুষদের ন্যায় চির নিদ্রায় গেলেন এবং তাঁকে দায়ূদ শহরে কবর দেওয়া হল।
11 ११ दाऊद ने इस्राएल पर चालीस वर्ष राज्य किया, सात वर्ष तो उसने हेब्रोन में और तैंतीस वर्ष यरूशलेम में राज्य किया था।
১১তিনি ইস্রায়েলের উপরে চল্লিশ বছর রাজত্ব করেছিলেন সাত বছর হিব্রোণে আর তেত্রিশ বছর যিরূশালেমে।
12 १२ तब सुलैमान अपने पिता दाऊद की गद्दी पर विराजमान हुआ और उसका राज्य बहुत दृढ़ हुआ।
১২পরে শলোমন তাঁর বাবা দায়ূদের সিংহাসনে বসলেন এবং তাঁর রাজত্ব শক্তভাবে স্থাপিত হল।
13 १३ तब हग्गीत का पुत्र अदोनिय्याह, सुलैमान की माता बतशेबा के पास आया, बतशेबा ने पूछा, “क्या तू मित्रभाव से आता है?”
১৩পরে হগীতের ছেলে আদোনিয় শলোমনের মা বৎশেবার কাছে গেল।
14 १४ उसने उत्तर दिया, “हाँ, मित्रभाव से!” फिर वह कहने लगा, “मुझे तुझ से एक बात कहनी है।” उसने कहा, “कह!”
১৪বৎশেবা তাকে জিজ্ঞাসা করলেন, “তুমি কি শান্তিভাবে এসেছ?” সে বলল, “হ্যাঁ, শান্তিভাবে এসেছি। আপনাকে আমার কিছু বলবার আছে।” বৎশেবা বললেন, “বল।”
15 १५ उसने कहा, “तुझे तो मालूम है कि राज्य मेरा हो गया था, और समस्त इस्राएली मेरी ओर मुँह किए थे, कि मैं राज्य करूँ; परन्तु अब राज्य पलटकर मेरे भाई का हो गया है, क्योंकि वह यहोवा की ओर से उसको मिला है।
১৫তখন সে বলল, “আপনি তো জানেন রাজ্যটা আমারই ছিল। সমস্ত ইস্রায়েলীয়েরা আশা করেছিল আমি রাজা হব। কিন্তু অবস্থাটা বদলে গিয়ে রাজ্যটা আমার ভাইয়ের হাতে গেছে, কারণ এটা সদাপ্রভুর কাছ থেকেই সে পেয়েছে।
16 १६ इसलिए अब मैं तुझ से एक बात माँगता हूँ, मुझ को मना न करना।” उसने कहा, “कहे जा।”
১৬এখন আপনার কাছে আমার একটা অনুরোধ আছে। আপনি আমাকে ফিরিয়ে দেবেন না।” তিনি বললেন, “বল।”
17 १७ उसने कहा, “राजा सुलैमान तुझे इन्कार नहीं करेगा; इसलिए उससे कह, कि वह मुझे शूनेमिन अबीशग को ब्याह दे।”
১৭সে তখন বলতে লাগল, “আপনি রাজা শলোমনকে বলুন যেন তিনি শূনেমীয়া অবীশগকে আমার সঙ্গে বিয়ে দেন। তিনি আপনার কথা ফেলবেন না।”
18 १८ बतशेबा ने कहा, “अच्छा, मैं तेरे लिये राजा से कहूँगी।”
১৮উত্তরে বৎশেবা বললেন, “বেশ ভাল, আমি তোমার কথা রাজাকে বলব।”
19 १९ तब बतशेबा अदोनिय्याह के लिये राजा सुलैमान से बातचीत करने को उसके पास गई, और राजा उसकी भेंट के लिये उठा, और उसे दण्डवत् करके अपने सिंहासन पर बैठ गया: फिर राजा ने अपनी माता के लिये एक सिंहासन रख दिया, और वह उसकी दाहिनी ओर बैठ गई।
১৯বৎশেবা যখন আদোনিয়ের কথা বলবার জন্য রাজা শলোমনের কাছে গেলেন তখন রাজা উঠে তাঁর কাছে গিয়ে তাঁকে প্রণাম করলেন এবং তারপর তাঁর সিংহাসনে বসলেন। রাজা তাঁর মায়ের জন্য একটা আসন আনিয়ে তাঁর ডান পাশে রাখলেন এবং তাঁর মা সেখানে বসলেন।
20 २० तब वह कहने लगी, “मैं तुझ से एक छोटा सा वरदान माँगती हूँ इसलिए मुझ को मना न करना,” राजा ने कहा, “हे माता माँग; मैं तुझे इन्कार नहीं करूँगा।”
২০বৎশেবা বললেন, “আমি তোমাকে একটা ছোট্ট অনুরোধ করব; তুমি আমাকে ফিরিয়ে দিয়ো না।” উত্তরে রাজা বললেন, “বল মা, আমি তোমাকে ফিরিয়ে দেব না।”
21 २१ उसने कहा, “वह शूनेमिन अबीशग तेरे भाई अदोनिय्याह को ब्याह दी जाए।”
২১বৎশেবা তখন বললেন, “তোমার ভাই আদোনিয়ের সঙ্গে শূনেমীয়া অবীশগের বিয়ে দেওয়া হোক।”
22 २२ राजा सुलैमान ने अपनी माता को उत्तर दिया, “तू अदोनिय्याह के लिये शूनेमिन अबीशग ही को क्यों माँगती है? उसके लिये राज्य भी माँग, क्योंकि वह तो मेरा बड़ा भाई है, और उसी के लिये क्या! एब्यातार याजक और सरूयाह के पुत्र योआब के लिये भी माँग।”
২২উত্তরে রাজা শলোমন তাঁর মাকে বললেন, “আদোনিয়ের জন্য কেন তুমি শূনেমীয়া অবীশগকে চাইছ? তুমি তার জন্য রাজ্যটাও তো চাইতে পারতে, কারণ সে আমার বড় ভাই; হ্যাঁ, তার জন্য, যাজক অবিয়াথরের জন্য আর সরূয়ার ছেলে যোয়াবের জন্যও তা চাইতে পারতে।”
23 २३ और राजा सुलैमान ने यहोवा की शपथ खाकर कहा, “यदि अदोनिय्याह ने यह बात अपने प्राण पर खेलकर न कही हो तो परमेश्वर मुझसे वैसा ही क्या वरन् उससे भी अधिक करे।
২৩এর পর রাজা শলোমন সদাপ্রভুর নামে শপথ করে বললেন, “এই অনুরোধের জন্য যদি আদোনিয়ের প্রাণ নেওয়া না হয় তবে সদাপ্রভু যেন আমাকে শাস্তি দেন, আর তা ভীষণভাবেই দেন।
24 २४ अब यहोवा जिसने मुझे स्थिर किया, और मेरे पिता दाऊद की राजगद्दी पर विराजमान किया है और अपने वचन के अनुसार मेरा घर बसाया है, उसके जीवन की शपथ आज ही अदोनिय्याह मार डाला जाएगा।”
২৪যিনি আমার বাবা দায়ূদের সিংহাসনে আমাকে শক্তভাবে স্থাপিত করেছেন এবং তাঁর প্রতিজ্ঞা অনুসারে আমার জন্য একটা রাজবংশের প্রতিষ্ঠা করেছেন সেই জীবন্ত সদাপ্রভুর দিব্যি দিয়ে বলছি, আজই আদোনিয়কে মেরে ফেলা হবে।”
25 २५ अतः राजा सुलैमान ने यहोयादा के पुत्र बनायाह को भेज दिया और उसने जाकर, उसको ऐसा मारा कि वह मर गया।
২৫তারপর রাজা শলোমন যিহোয়াদার ছেলে বনায়কে হুকুম দিলেন, আর বনায় আদোনিয়কে মেরে ফেললেন।
26 २६ तब एब्यातार याजक से राजा ने कहा, “अनातोत में अपनी भूमि को जा; क्योंकि तू भी प्राणदण्ड के योग्य है। आज के दिन तो मैं तुझे न मार डालूँगा, क्योंकि तू मेरे पिता दाऊद के सामने प्रभु यहोवा का सन्दूक उठाया करता था; और उन सब दुःखों में जो मेरे पिता पर पड़े थे तू भी दुःखी था।”
২৬পরে রাজা যাজক অবিয়াথরকে বললেন, “আপনি অনাথোতে নিজের জায়গায় ফিরে যান। আপনি মৃত্যুর যোগ্য, কিন্তু এখন আমি আপনাকে মেরে ফেলব না, কারণ আপনি আমার বাবা দায়ূদের দিনের প্রভু সদাপ্রভুর সিন্দুকটা বয়ে নিয়ে গিয়েছিলেন এবং আমার বাবার সমস্ত দুঃখ কষ্টের ভাগী হয়েছিলেন।”
27 २७ और सुलैमान ने एब्यातार को यहोवा के याजक होने के पद से उतार दिया, इसलिए कि जो वचन यहोवा ने एली के वंश के विषय में शीलो में कहा था, वह पूरा हो जाए।
২৭এই ভাবে শলোমন অবিয়াথরকে সদাপ্রভুর যাজক পদ থেকে সরিয়ে দিলেন। সদাপ্রভু শীলোতে এলির বংশ সম্বন্ধে যা বলেছিলেন তাঁর সেই কথা এই ভাবে পূর্ণ হল।
28 २८ इसका समाचार योआब तक पहुँचा; योआब अबशालोम के पीछे तो नहीं हो लिया था, परन्तु अदोनिय्याह के पीछे हो लिया था। तब योआब यहोवा के तम्बू को भाग गया, और वेदी के सींगों को पकड़ लिया।
২৮এই সব খবর যোয়াবের কানে গেল। তিনি অবশালোমের পক্ষে না গেলেও আদোনিয়ের পক্ষে গিয়েছিলেন, তাই তিনি পালিয়ে সদাপ্রভুর তাঁবুতে গিয়ে বেদির শিং ধরে থাকলেন।
29 २९ जब राजा सुलैमान को यह समाचार मिला, “योआब यहोवा के तम्बू को भाग गया है, और वह वेदी के पास है,” तब सुलैमान ने यहोयादा के पुत्र बनायाह को यह कहकर भेज दिया, कि तू जाकर उसे मार डाल।
২৯রাজা শলোমনকে বলা হল যে, যোয়াব পালিয়ে সদাপ্রভুর তাঁবুতে গেছেন এবং বেদির কাছে আছেন। তখন শলোমন যিহোয়াদার ছেলে বনায়কে এই আদেশ দিলেন, “আপনি গিয়ে তাঁকে মেরে ফেলুন।”
30 ३० तब बनायाह ने यहोवा के तम्बू के पास जाकर उससे कहा, “राजा की यह आज्ञा है, कि निकल आ।” उसने कहा, “नहीं, मैं यहीं मर जाऊँगा।” तब बनायाह ने लौटकर यह सन्देश राजा को दिया “योआब ने मुझे यह उत्तर दिया।”
৩০কাজেই বনায় সদাপ্রভুর তাঁবুতে ঢুকে যোয়াবকে বললেন, “রাজা আপনাকে বের হয়ে আসতে বলেছেন।” কিন্তু যোয়াব বললেন, “না, আমি এখানেই মরব।” বনায় রাজাকে সেই খবর জানিয়ে বললেন, “যোয়াব আমাকে এই উত্তর দিয়েছেন।”
31 ३१ राजा ने उससे कहा, “उसके कहने के अनुसार उसको मार डाल, और उसे मिट्टी दे; ऐसा करके निर्दोषों का जो खून योआब ने किया है, उसका दोष तू मुझ पर से और मेरे पिता के घराने पर से दूर करेगा।
৩১তখন রাজা বনায়কে এই হুকুম দিলেন, “তিনি যা বলেছেন তাই করুন। তাঁকে মেরে ফেলে কবর দিয়ে দিন। যোয়াব যে নির্দোষ লোকদের রক্তপাত করেছেন তার দোষ আপনি আমার ও আমার বাবার বংশ থেকে এই ভাবে দূর করে দিন।
32 ३२ और यहोवा उसके सिर वह खून लौटा देगा क्योंकि उसने मेरे पिता दाऊद के बिना जाने अपने से अधिक धर्मी और भले दो पुरुषों पर, अर्थात् इस्राएल के प्रधान सेनापति नेर के पुत्र अब्नेर और यहूदा के प्रधान सेनापति येतेर के पुत्र अमासा पर टूटकर उनको तलवार से मार डाला था।
৩২যে রক্তপাত তিনি করেছেন তার শোধ সদাপ্রভু নেবেন, কারণ আমার বাবা দায়ূদের অজান্তে তিনি দুইজন লোককে আক্রমণ করে মেরে ফেলেছিলেন। তাঁরা হলেন ইস্রায়েলের সৈন্যদলের সেনাপতি নেরের ছেলে অব্নের আর যিহূদার সৈন্যদলের সেনাপতি যেথরের ছেলে অমাসা। এই দুইজন ছিলেন তাঁর চেয়ে আরও ধার্মিক এবং আরও ভাল লোক।
33 ३३ अतः योआब के सिर पर और उसकी सन्तान के सिर पर खून सदा तक रहेगा, परन्तु दाऊद और उसके वंश और उसके घराने और उसके राज्य पर यहोवा की ओर से शान्ति सदैव तक रहेगी।”
৩৩তাঁদের রক্তপাতের দোষ যোয়াবের ও তাঁর বংশের লোকদের মাথার উপরে চিরকাল থাকুক। কিন্তু দায়ূদ ও তাঁর বংশের লোকদের উপর এবং তাঁর পরিবার ও তাঁর সিংহাসনের উপর সদাপ্রভুর শান্তি চিরকাল থাকুক।”
34 ३४ तब यहोयादा के पुत्र बनायाह ने जाकर योआब को मार डाला; और उसको जंगल में उसी के घर में मिट्टी दी गई।
৩৪তখন যিহোয়াদার ছেলে বনায় গিয়ে যোয়াবকে মেরে ফেললেন। তাঁকে মরু এলাকায় তাঁর নিজের বাড়িতে কবর দেওয়া হল।
35 ३५ तब राजा ने उसके स्थान पर यहोयादा के पुत्र बनायाह को प्रधान सेनापति ठहराया; और एब्यातार के स्थान पर सादोक याजक को ठहराया।
৩৫রাজা তখন যোয়াবের জায়গায় যিহোয়াদার ছেলে বনায়কে সেনাপতি হিসাবে নিযুক্ত করলেন এবং অবিয়াথরের জায়গায় বসালেন যাজক সাদোককে।
36 ३६ तब राजा ने शिमी को बुलवा भेजा, और उससे कहा, “तू यरूशलेम में अपना एक घर बनाकर वहीं रहना और नगर से बाहर कहीं न जाना।
৩৬তারপর রাজা লোক পাঠিয়ে শিমিয়িকে ডেকে এনে বললেন, “তুমি যিরূশালেমে একটা বাড়ি তৈরী করে সেখানেই থাকবে, অন্য কোথাও তোমার যাওয়া চলবে না।
37 ३७ तू निश्चय जान रख कि जिस दिन तू निकलकर किद्रोन नाले के पार उतरे, उसी दिन तू निःसन्देह मार डाला जाएगा, और तेरा लहू तेरे ही सिर पर पड़ेगा।”
৩৭যেদিন তুমি সেখান থেকে বের হয়ে কিদ্রোণ উপত্যকা পার হবে সেই দিন তুমি নিশ্চয় করে জেনে রেখো যে, তোমাকে মরতেই হবে; তোমার রক্তপাতের দোষ তোমার নিজের মাথার উপরেই পড়বে।”
38 ३८ शिमी ने राजा से कहा, “बात अच्छी है; जैसा मेरे प्रभु राजा ने कहा है, वैसा ही तेरा दास करेगा।” तब शिमी बहुत दिन यरूशलेम में रहा।
৩৮উত্তরে শিমিয়ি রাজাকে বললেন, “আপনি ভালই বলেছেন। আমার মনিব মহারাজ যা বললেন আপনার দাস তাই করবে।” এর পর শিমিয়ি অনেক দিন যিরূশালেমে থাকল।
39 ३९ परन्तु तीन वर्ष के व्यतीत होने पर शिमी के दो दास, गत नगर के राजा माका के पुत्र आकीश के पास भाग गए, और शिमी को यह समाचार मिला, “तेरे दास गत में हैं।”
৩৯কিন্তু তিন বছর পরে শিমিয়ির দুইজন দাস মাখার ছেলে গাতের রাজা আখীশের কাছে পালিয়ে গেল। শিমিয়িকে বলা হল যে, তার দাসেরা গাতে আছে।
40 ४० तब शिमी उठकर अपने गदहे पर काठी कसकर, अपने दास को ढूँढ़ने के लिये गत को आकीश के पास गया, और अपने दासों को गत से ले आया।
৪০তখন শিমিয়ি তার গাধার উপর গদি চাপিয়ে তার দাসদের খোঁজে গাতে আখীশের কাছে গেল এবং সেখান থেকে তাদের ফিরিয়ে আনল।
41 ४१ जब सुलैमान राजा को इसका समाचार मिला, “शिमी यरूशलेम से गत को गया, और फिर लौट आया है,”
৪১পরে শলোমনকে জানানো হল যে, শিমিয়ি যিরূশালেম থেকে গাতে গিয়ে আবার ফিরে এসেছে।
42 ४२ तब उसने शिमी को बुलवा भेजा, और उससे कहा, “क्या मैंने तुझे यहोवा की शपथ न खिलाई थी? और तुझ से चिताकर न कहा था, ‘यह निश्चय जान रख कि जिस दिन तू निकलकर कहीं चला जाए, उसी दिन तू निःसन्देह मार डाला जाएगा?’ और क्या तूने मुझसे न कहा था, ‘जो बात मैंने सुनी, वह अच्छी है?’
৪২রাজা তখন শিমিয়িকে ডাকিয়ে এনে বললেন, “আমি কি সদাপ্রভুর নামে তোমাকে শপথ করিয়ে সাক্ষ্য দিই নি যে, যেদিন তুমি বেরিয়ে বাইরে দূরে কোথাও যাবে সেই দিন তোমাকে নিশ্চয়ই মরতে হবে? সেই দিন তুমি আমাকে বলেছিলে, যেটা বলেছিলে সেটা ভালো।
43 ४३ फिर तूने यहोवा की शपथ और मेरी दृढ़ आज्ञा क्यों नहीं मानी?”
৪৩তাহলে কেন তুমি সদাপ্রভুর কাছে করা দিব্যি ও আমার আদেশ পালন কর নি?”
44 ४४ और राजा ने शिमी से कहा, “तू आप ही अपने मन में उस सब दुष्टता को जानता है, जो तूने मेरे पिता दाऊद से की थी? इसलिए यहोवा तेरे सिर पर तेरी दुष्टता लौटा देगा।
৪৪শলোমন শিমিয়িকে আরও বললেন, “আমার বাবা দায়ূদের প্রতি তুমি যে সব অন্যায় করেছ তা তো তোমার অন্তর জানে। এখন সদাপ্রভুই তোমাকে তোমার অন্যায় কাজের প্রতিফল দেবেন।
45 ४५ परन्तु राजा सुलैमान धन्य रहेगा, और दाऊद का राज्य यहोवा के सामने सदैव दृढ़ रहेगा।”
৪৫কিন্তু রাজা শলোমনের উপরে আশীর্বাদ থাকবে, আর দায়ূদের সিংহাসন সদাপ্রভুর সামনে চিরকাল অটল থাকবে।”
46 ४६ तब राजा ने यहोयादा के पुत्र बनायाह को आज्ञा दी, और उसने बाहर जाकर, उसको ऐसा मारा कि वह भी मर गया। इस प्रकार सुलैमान के हाथ में राज्य दृढ़ हो गया।
৪৬এর পর রাজা যিহোয়াদার ছেলে বনায়কে হুকুম দিলেন আর বনায় গিয়ে শিমিয়িকে মেরে ফেললেন। এই ভাবে শলোমনের হাতে রাজ্যটা ভালোভাবে প্রতিষ্ঠিত হল।