< 1 राजा 18 >

1 बहुत दिनों के बाद, तीसरे वर्ष में यहोवा का यह वचन एलिय्याह के पास पहुँचा, “जाकर अपने आपको अहाब को दिखा, और मैं भूमि पर मेंह बरसा दूँगा।”
После много времена, треће године, дође реч Господња Илији говорећи: Иди, покажи се Ахаву, и пустићу дажд на земљу.
2 तब एलिय्याह अपने आपको अहाब को दिखाने गया। उस समय सामरिया में अकाल भारी था।
И отиде Илија да се покаже Ахаву, и беше велика глад у Самарији.
3 अहाब ने ओबद्याह को जो उसके घराने का दीवान था बुलवाया।
И Ахав дозва Авдију, који беше управитељ двора његовог; а Авдија се бојаше Господа веома.
4 ओबद्याह तो यहोवा का भय यहाँ तक मानता था कि जब ईजेबेल यहोवा के नबियों को नाश करती थी, तब ओबद्याह ने एक सौ नबियों को लेकर पचास-पचास करके गुफाओं में छिपा रखा; और अन्न जल देकर उनका पालन-पोषण करता रहा।
Јер кад Језавеља убијаше пророке Господње, узе Авдија сто пророка, и сакри их, по педесет у једну пећину, и храни их хлебом и водом.
5 और अहाब ने ओबद्याह से कहा, “देश में जल के सब सोतों और सब नदियों के पास जा, कदाचित् इतनी घास मिले कि हम घोड़ों और खच्चरों को जीवित बचा सके, और हमारे सब पशु न मर जाएँ।”
И рече Ахав Авдији: Пођи по земљи на изворе и на потоке, еда бисмо нашли траве да сачувамо у животу коње и мазге, да нам не изгине стока.
6 अतः उन्होंने आपस में देश बाँटा कि उसमें होकर चलें; एक ओर अहाब और दूसरी ओर ओबद्याह चला।
И поделише међу се земљу куда ће ићи; Ахав отиде једним путем сам, а Авдија отиде другим путем сам.
7 ओबद्याह मार्ग में था, कि एलिय्याह उसको मिला; उसे पहचानकर वह मुँह के बल गिरा, और कहा, “हे मेरे प्रभु एलिय्याह, क्या तू है?”
А кад Авдија беше на путу, гле, срете га Илија; и он га позна, и паде ничице, и рече: Јеси ли ти, господару мој Илија?
8 उसने कहा “हाँ मैं ही हूँ: जाकर अपने स्वामी से कह, ‘एलिय्याह मिला है।’”
А он му рече: Ја сам; иди, кажи господару свом: Ево Илије.
9 उसने कहा, “मैंने ऐसा क्या पाप किया है कि तू मुझे मरवा डालने के लिये अहाब के हाथ करना चाहता है?
А он рече: Шта сам згрешио, да слугу свог предаш у руке Ахаву да ме погуби?
10 १० तेरे परमेश्वर यहोवा के जीवन की शपथ कोई ऐसी जाति या राज्य नहीं, जिसमें मेरे स्वामी ने तुझे ढूँढ़ने को न भेजा हो, और जब उन लोगों ने कहा, ‘वह यहाँ नहीं है,’ तब उसने उस राज्य या जाति को इसकी शपथ खिलाई कि वह नहीं मिला।
Тако да је жив Господ Бог твој, нема народа ни царства куда није слао господар мој да те траже; и рекоше: Нема га. А он закле царства и народе да те не могу да нађу.
11 ११ और अब तू कहता है, ‘जाकर अपने स्वामी से कह, कि एलिय्याह यहाँ है।’
А ти сада кажеш: Иди, кажи господару свом: Ево Илије.
12 १२ फिर ज्यों ही मैं तेरे पास से चला जाऊँगा, त्यों ही यहोवा का आत्मा तुझे न जाने कहाँ उठा ले जाएगा, अतः जब मैं जाकर अहाब को बताऊँगा, और तू उसे न मिलेगा, तब वह मुझे मार डालेगा: परन्तु मैं तेरा दास अपने लड़कपन से यहोवा का भय मानता आया हूँ!
А кад ја отидем од тебе, дух ће те Господњи однети, а ја нећу знати куда; па да отидем и прокажем Ахаву, а он да те не нађе, убиће ме; а слуга се твој боји Господа од младости своје.
13 १३ क्या मेरे प्रभु को यह नहीं बताया गया, कि जब ईजेबेल यहोवा के नबियों को घात करती थी तब मैंने क्या किया? कि यहोवा के नबियों में से एक सौ लेकर पचास-पचास करके गुफाओं में छिपा रखा, और उन्हें अन्न जल देकर पालता रहा।
Није ли казано господару мом шта сам учинио кад Језавеља убијаше пророке Господње? Како сакрих стотину пророка Господњих, по педесет у једну пећину, и храних их хлебом и водом.
14 १४ फिर अब तू कहता है, ‘जाकर अपने स्वामी से कह, कि एलिय्याह मिला है!’ तब वह मुझे घात करेगा।”
А ти сада кажеш: Иди, кажи господару свом: Ево Илије. Убиће ме.
15 १५ एलिय्याह ने कहा, “सेनाओं का यहोवा जिसके सामने मैं रहता हूँ, उसके जीवन की शपथ आज मैं अपने आपको उसे दिखाऊँगा।”
А Илија рече: Тако да је жив Господ над војскама, пред којим стојим, данас ћу му се показати.
16 १६ तब ओबद्याह अहाब से मिलने गया, और उसको बता दिया; अतः अहाब एलिय्याह से मिलने चला।
Тада отиде Авдија пред Ахава, и каза му; и Ахав отиде пред Илију.
17 १७ एलिय्याह को देखते ही अहाब ने कहा, “हे इस्राएल के सतानेवाले क्या तू ही है?”
А кад виде Ахав Илију, рече му Ахав: Јеси ли ти онај што несрећу доносиш на Израиља?
18 १८ उसने कहा, “मैंने इस्राएल को कष्ट नहीं दिया, परन्तु तू ही ने और तेरे पिता के घराने ने दिया है; क्योंकि तुम यहोवा की आज्ञाओं को टालकर बाल देवताओं की उपासना करने लगे।
А он рече: Не доносим ја несрећу на Израиља, него ти и дом оца твог оставивши заповести Господње и приставши за Валима.
19 १९ अब दूत भेजकर सारे इस्राएल को और बाल के साढ़े चार सौ नबियों और अशेरा के चार सौ नबियों को जो ईजेबेल की मेज पर खाते हैं, मेरे पास कर्मेल पर्वत पर इकट्ठा कर ले।”
Него сада пошаљи и сабери к мени свега Израиља на гору кармилску, и четири стотине и педесет пророка Валових и четири стотине пророка из луга, који једу за столом Језавељиним.
20 २० तब अहाब ने सारे इस्राएलियों को बुला भेजा और नबियों को कर्मेल पर्वत पर इकट्ठा किया।
И посла Ахав к свим синовима Израиљевим, и сабра оне пророке на гору кармилску.
21 २१ और एलिय्याह सब लोगों के पास आकर कहने लगा, “तुम कब तक दो विचारों में लटके रहोगे, यदि यहोवा परमेश्वर हो, तो उसके पीछे हो लो; और यदि बाल हो, तो उसके पीछे हो लो।” लोगों ने उसके उत्तर में एक भी बात न कही।
Тада приступи Илија ка свему народу и рече: Докле ћете храмати на обе стране? Ако је Господ Бог, идите за Њим; ако ли је Вал, идите за њим. Али народ не одговори му ни речи.
22 २२ तब एलिय्याह ने लोगों से कहा, “यहोवा के नबियों में से केवल मैं ही रह गया हूँ; और बाल के नबी साढ़े चार सौ मनुष्य हैं।
А Илија рече народу: Ја сам сам остао пророк Господњи; а пророка Валових има четири стотине и педесет.
23 २३ इसलिए दो बछड़े लाकर हमें दिए जाएँ, और वे एक अपने लिये चुनकर उसे टुकड़े-टुकड़े काटकर लकड़ी पर रख दें, और कुछ आग न लगाएँ; और मैं दूसरे बछड़े को तैयार करके लकड़ी पर रखूँगा, और कुछ आग न लगाऊँगा।
Дајте нам два јунца, и нека они изаберу себи једног, и нека га исеку на комаде и метну на дрва, али огањ да не подмећу; а ја ћу приготовити другог јунца, и метнућу га на дрва, али огањ нећу подметати.
24 २४ तब तुम अपने देवता से प्रार्थना करना, और मैं यहोवा से प्रार्थना करूँगा, और जो आग गिराकर उत्तर दे वही परमेश्वर ठहरे।” तब सब लोग बोल उठे, “अच्छी बात।”
Тада призовите име својих богова, а ја ћу призвати име Господње, па који се Бог одазове огњем онај нека је Бог. И сав народ одговори и рече: Добро рече.
25 २५ और एलिय्याह ने बाल के नबियों से कहा, “पहले तुम एक बछड़ा चुनकर तैयार कर लो, क्योंकि तुम तो बहुत हो; तब अपने देवता से प्रार्थना करना, परन्तु आग न लगाना।”
Потом рече Илија пророцима Валовим: Изаберите себи једног јунца и приготовите га прво, јер је вас више; и призовите име богова својих, али огња не подмећите.
26 २६ तब उन्होंने उस बछड़े को जो उन्हें दिया गया था लेकर तैयार किया, और भोर से लेकर दोपहर तक वह यह कहकर बाल से प्रार्थना करते रहे, “हे बाल हमारी सुन, हे बाल हमारी सुन!” परन्तु न कोई शब्द और न कोई उत्तर देनेवाला हुआ। तब वे अपनी बनाई हुई वेदी पर उछलने कूदने लगे।
И узеше јунца, ког им даде, и приготовише, и стадоше призивати име Валово од јутра до подне говорећи: Вале, услиши нас! Али никаквог гласа ни кога да одговори. И скакаху око олтара, који начинише.
27 २७ दोपहर को एलिय्याह ने यह कहकर उनका उपहास किया, “ऊँचे शब्द से पुकारो, वह तो देवता है; वह तो ध्यान लगाए होगा, या कहीं गया होगा या यात्रा में होगा, या हो सकता है कि सोता हो और उसे जगाना चाहिए।”
А кад би у подне, стаде им се ругати Илија говорећи: Вичите већма; јер је он бог! Ваља да се нешто замислио, или је у послу, или на путу, или може бити спава, да се пробуди.
28 २८ और उन्होंने बड़े शब्द से पुकार-पुकारके अपनी रीति के अनुसार छुरियों और बर्छियों से अपने-अपने को यहाँ तक घायल किया कि लहू लुहान हो गए।
А они стадоше викати гласно, и парати се ножима и шилима по свом обичају, докле их крв не обли.
29 २९ वे दोपहर भर ही क्या, वरन् भेंट चढ़ाने के समय तक नबूवत करते रहे, परन्तु कोई शब्द सुन न पड़ा; और न तो किसी ने उत्तर दिया और न कान लगाया।
А кад дође подне, стадоше пророковати докле дође време да се принесе дар, али никаквог гласа ни кога да одговори, ни кога да чује.
30 ३० तब एलिय्याह ने सब लोगों से कहा, “मेरे निकट आओ;” और सब लोग उसके निकट आए। तब उसने यहोवा की वेदी की जो गिराई गई थी मरम्मत की।
Тада рече Илија свему народу: Приступите к мени. И приступи к њему сав народ. Тада он оправи олтар Господњи који беше разваљен.
31 ३१ फिर एलिय्याह ने याकूब के पुत्रों की गिनती के अनुसार जिसके पास यहोवा का यह वचन आया था, “तेरा नाम इस्राएल होगा,” बारह पत्थर छाँटे,
И узе Илија дванаест камена према броју племена синова Јакова, коме дође реч Господња говорећи: Израиљ ће ти бити име.
32 ३२ और उन पत्थरों से यहोवा के नाम की एक वेदी बनाई; और उसके चारों ओर इतना बड़ा एक गड्ढा खोद दिया, कि उसमें दो सआ बीज समा सके।
И начини од тог камења олтар у име Господње, и око олтара ископа опкоп широк да би се могле посејати две мере жита.
33 ३३ तब उसने वेदी पर लकड़ी को सजाया, और बछड़े को टुकड़े-टुकड़े काटकर लकड़ी पर रख दिया, और कहा, “चार घड़े पानी भर के होमबलि, पशु और लकड़ी पर उण्डेल दो।”
И намести дрва, и јунца исеченог на комаде метну на дрва.
34 ३४ तब उसने कहा, “दूसरी बार वैसा ही करो;” तब लोगों ने दूसरी बार वैसा ही किया। फिर उसने कहा, “तीसरी बार करो;” तब लोगों ने तीसरी बार भी वैसा ही किया।
И рече: Напуните четири ведра воде, и излијте на жртву и на дрва. Па опет рече: Учините још једном. И учинише још једном. Па опет рече: Учините и трећом. И учинише трећом,
35 ३५ और जल वेदी के चारों ओर बह गया, और गड्ढे को भी उसने जल से भर दिया।
Те вода потече око олтара, и напуни се опкоп воде.
36 ३६ फिर भेंट चढ़ाने के समय एलिय्याह नबी समीप जाकर कहने लगा, “हे अब्राहम, इसहाक और इस्राएल के परमेश्वर यहोवा! आज यह प्रगट कर कि इस्राएल में तू ही परमेश्वर है, और मैं तेरा दास हूँ, और मैंने ये सब काम तुझ से वचन पाकर किए हैं।
А кад би време да се принесе жртва, приступи Илија пророк и рече: Господе Боже Аврамов, Исаков и Израиљев, нека данас познаду да си Ти Бог у Израиљу и ја да сам Твој слуга, и да сам по Твојој речи учинио све ово.
37 ३७ हे यहोवा! मेरी सुन, मेरी सुन, कि ये लोग जान लें कि हे यहोवा, तू ही परमेश्वर है, और तू ही उनका मन लौटा लेता है।”
Услиши ме, Господе, услиши ме, да би познао овај народ да си Ти Господе Бог, кад опет обратиш срца њихова.
38 ३८ तब यहोवा की आग आकाश से प्रगट हुई और होमबलि को लकड़ी और पत्थरों और धूलि समेत भस्म कर दिया, और गड्ढे में का जल भी सूखा दिया।
Тада паде огањ Господњи и спали жртву паљеницу и дрва и камен и прах, и воду у опкопу попи.
39 ३९ यह देख सब लोग मुँह के बल गिरकर बोल उठे, “यहोवा ही परमेश्वर है, यहोवा ही परमेश्वर है;”
А народ кад то виде сав попада ничице, и рекоше: Господ је Бог, Господ је Бог.
40 ४० एलिय्याह ने उनसे कहा, “बाल के नबियों को पकड़ लो, उनमें से एक भी छूटने न पाए;” तब उन्होंने उनको पकड़ लिया, और एलिय्याह ने उन्हें नीचे कीशोन के नाले में ले जाकर मार डाला।
Тада им рече Илија: Похватајте те пророке Валове да ни један не утече. И похваташе их, и Илија их одведе на поток Кисон, и покла их онде.
41 ४१ फिर एलिय्याह ने अहाब से कहा, “उठकर खा पी, क्योंकि भारी वर्षा की सनसनाहट सुन पड़ती है।”
И рече Илија Ахаву: Иди, једи и пиј, јер долази велики дажд.
42 ४२ तब अहाब खाने-पीने चला गया, और एलिय्याह कर्मेल की चोटी पर चढ़ गया, और भूमि पर गिरकर अपना मुँह घुटनों के बीच किया,
И отиде Ахав да једе и пије; а Илија се попе на врх Кармила, и саже се к земљи и метну лице своје међу кољена своја.
43 ४३ और उसने अपने सेवक से कहा, “चढ़कर समुद्र की ओर दृष्टि करके देख,” तब उसने चढ़कर देखा और लौटकर कहा, “कुछ नहीं दिखता।” एलिय्याह ने कहा, “फिर सात बार जा।”
А момку свом рече: Иди, погледај пут мора. А он отишавши погледа, па рече: Нема ништа. И рече му: Иди опет седам пута.
44 ४४ सातवीं बार उसने कहा, “देख समुद्र में से मनुष्य का हाथ सा एक छोटा बादल उठ रहा है।” एलिय्याह ने कहा, “अहाब के पास जाकर कह, ‘रथ जुतवाकर नीचे जा, कहीं ऐसा न हो कि तू वर्षा के कारण रुक जाए।’”
А кад би седми пут, рече: Ено, мали облак као длан човечији диже се од мора. Тада рече: Иди, реци Ахаву: Прежи и иди, да те не ухвати дажд.
45 ४५ थोड़ी ही देर में आकाश वायु से उड़ाई हुई घटाओं, और आँधी से काला हो गया और भारी वर्षा होने लगी; और अहाब सवार होकर यिज्रेल को चला।
У том се замрачи небо од облака и ветра, и удари велики дажд. А Ахав седавши на кола отиде у Језраел.
46 ४६ तब यहोवा की शक्ति एलिय्याह पर ऐसी हुई; कि वह कमर बाँधकर अहाब के आगे-आगे यिज्रेल तक दौड़ता चला गया।
А рука Господња дође над Илију, и он опасавши се отрча пред Ахавом докле дође у Језраел.

< 1 राजा 18 >