< 1 राजा 17 >
1 १ तिशबी एलिय्याह जो गिलाद का निवासी था उसने अहाब से कहा, “इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके सम्मुख मैं उपस्थित रहता हूँ, उसके जीवन की शपथ इन वर्षों में मेरे बिना कहे, न तो मेंह बरसेगा, और न ओस पड़ेगी।”
And Elias the Thesbite of the inhabitants of Galaad said to Achab: As the Lord liveth the God of Israel, in whose sight I stand, there shall not be dew nor rain these years, but according to the words of my mouth.
2 २ तब यहोवा का यह वचन उसके पास पहुँचा,
And the word of the Lord came to him, saying:
3 ३ “यहाँ से चलकर पूरब की ओर जा और करीत नामक नाले में जो यरदन के पूर्व में है छिप जा।
Get thee hence, and go towards the east and hide thyself by the torrent of Carith, which is over against the Jordan,
4 ४ उसी नदी का पानी तू पिया कर, और मैंने कौवों को आज्ञा दी है कि वे तुझे वहाँ खिलाएँ।”
And there thou shalt drink of the torrent: and I have commanded the ravens to feed thee there.
5 ५ यहोवा का यह वचन मानकर वह यरदन के पूर्व में करीत नामक नदी में जाकर छिपा रहा।
So he went, and did according to the word of the Lord: and going, he dwelt by the torrent Carith, which is over against the Jordan.
6 ६ और सवेरे और साँझ को कौवे उसके पास रोटी और माँस लाया करते थे और वह नदी का पानी पिया करता था।
And the ravens brought him bread and flesh in the morning, and bread and flesh in the evening, and he drank of tile torrent.
7 ७ कुछ दिनों के बाद उस देश में वर्षा न होने के कारण नदी सूख गई।
But after some time the torrent was dried up, for it had not rained upon the earth.
8 ८ तब यहोवा का यह वचन उसके पास पहुँचा,
Then the word of the Lord came to him, saying:
9 ९ “चलकर सीदोन के सारफत नगर में जाकर वहीं रह। सुन, मैंने वहाँ की एक विधवा को तेरे खिलाने की आज्ञा दी है।”
Arise, and go to Sarephta of the Sidonians, and dwell there: for I have commanded a widow woman there to feed thee.
10 १० अतः वह वहाँ से चल दिया, और सारफत को गया; नगर के फाटक के पास पहुँचकर उसने क्या देखा कि, एक विधवा लकड़ी बीन रही है, उसको बुलाकर उसने कहा, “किसी पात्र में मेरे पीने को थोड़ा पानी ले आ।”
He arose, and went to Sarephta. And when he was come to the gate of the city, he saw the widow woman gathering sticks, and he called her, and said to her: Give me a little water in a vessel, that I may drink.
11 ११ जब वह लेने जा रही थी, तो उसने उसे पुकारके कहा “अपने हाथ में एक टुकड़ा रोटी भी मेरे पास लेती आ।”
And when she was going to fetch it he called after her, saying: Bring me also, I beseech thee, a morsel of bread in thy hand.
12 १२ उसने कहा, “तेरे परमेश्वर यहोवा के जीवन की शपथ मेरे पास एक भी रोटी नहीं है केवल घड़े में मुट्ठी भर मैदा और कुप्पी में थोड़ा सा तेल है, और मैं दो एक लकड़ी बीनकर लिए जाती हूँ कि अपने और अपने बेटे के लिये उसे पकाऊँ, और हम उसे खाएँ, फिर मर जाएँ।”
And she answered: As the Lord thy God liveth, I have no bread, but only a handful of meal in a pot, and a little oil in a cruse: behold I am gathering two sticks that I may go in and dress it, for me and my son, that we may eat it, and die.
13 १३ एलिय्याह ने उससे कहा, “मत डर; जाकर अपनी बात के अनुसार कर, परन्तु पहले मेरे लिये एक छोटी सी रोटी बनाकर मेरे पास ले आ, फिर इसके बाद अपने और अपने बेटे के लिये बनाना।
And Elias said to her: Fear not, but go, and do as thou hast said: but first make for me of the same meal a little hearth cake, and bring it to me: and after make for thyself and thy son.
14 १४ क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यह कहता है, कि जब तक यहोवा भूमि पर मेंह न बरसाएगा तब तक न तो उस घड़े का मैदा समाप्त होगा, और न उस कुप्पी का तेल घटेगा।”
For thus saith the Lord the God of Israel: The pot of meal shall not waste, nor the cruse of oil be diminished, until the day wherein the Lord will give rain upon the face of the earth.
15 १५ तब वह चली गई, और एलिय्याह के वचन के अनुसार किया, तब से वह और स्त्री और उसका घराना बहुत दिन तक खाते रहे।
She went and did according to the word of Elias: and he ate, and she, and her house: and from that day
16 १६ यहोवा के उस वचन के अनुसार जो उसने एलिय्याह के द्वारा कहा था, न तो उस घड़े का मैदा समाप्त हुआ, और न उस कुप्पी का तेल घटा।
The pot of meal wasted not, and the cruse of oil was not diminished, according to the word of the Lord, which he spoke in the hand of Elias.
17 १७ इन बातों के बाद उस स्त्री का बेटा जो घर की स्वामिनी थी, रोगी हुआ, और उसका रोग यहाँ तक बढ़ा कि उसका साँस लेना बन्द हो गया।
And it came to pass after this that the son of the woman, the mistress of the house, fell sick, and the sickness was very grievous, so that there was no breath left in him.
18 १८ तब वह एलिय्याह से कहने लगी, “हे परमेश्वर के जन! मेरा तुझ से क्या काम? क्या तू इसलिए मेरे यहाँ आया है कि मेरे बेटे की मृत्यु का कारण हो और मेरे पाप का स्मरण दिलाए?”
And she said to Elias: What have I to do with thee, thou man of God? art thou come to me that my iniquities should be remembered, and that thou shouldst kill my son?
19 १९ उसने उससे कहा “अपना बेटा मुझे दे;” तब वह उसे उसकी गोद से लेकर उस अटारी पर ले गया जहाँ वह स्वयं रहता था, और अपनी खाट पर लिटा दिया।
And Elias said to her: Give me thy son. And he took him out of her bosom, and carried him into the upper chamber where he abode, and laid him upon his own bed.
20 २० तब उसने यहोवा को पुकारकर कहा, “हे मेरे परमेश्वर यहोवा! क्या तू इस विधवा का बेटा मार डालकर जिसके यहाँ मैं टिका हूँ, इस पर भी विपत्ति ले आया है?”
And he cried to the Lord, and said: O Lord my God, hast thou afflicted also the widow, with whom I am after a so maintained, so as to kill her son?
21 २१ तब वह बालक पर तीन बार पसर गया और यहोवा को पुकारकर कहा, “हे मेरे परमेश्वर यहोवा! इस बालक का प्राण इसमें फिर डाल दे।”
And he stretched, and measured himself upon the child three times, and cried to the Lord, and said: O Lord my God, let the soul of this child, I beseech thee, return into his body.
22 २२ एलिय्याह की यह बात यहोवा ने सुन ली, और बालक का प्राण उसमें फिर आ गया और वह जी उठा।
And the Lord heard the voice of Elias: and the soul of the child returned into him, and he revived.
23 २३ तब एलिय्याह बालक को अटारी पर से नीचे घर में ले गया, और एलिय्याह ने यह कहकर उसकी माता के हाथ में सौंप दिया, “देख तेरा बेटा जीवित है।”
And Elias took the child, and brought him down from the upper chamber to the house below, and delivered him to his mother, and said to her: Behold thy son liveth.
24 २४ स्त्री ने एलिय्याह से कहा, “अब मुझे निश्चय हो गया है कि तू परमेश्वर का जन है, और यहोवा का जो वचन तेरे मुँह से निकलता है, वह सच होता है।”
And the woman said to Elias: Now, by this I know that thou art a man of God, and the word of the Lord in thy mouth is true.