< 1 राजा 16 >

1 तब बाशा के विषय यहोवा का यह वचन हनानी के पुत्र येहू के पास पहुँचा,
और हनानी के बेटे याहू पर ख़ुदावन्द का यह कलाम बा'शा के ख़िलाफ़ नाज़िल हुआ,
2 “मैंने तुझको मिट्टी पर से उठाकर अपनी प्रजा इस्राएल का प्रधान किया, परन्तु तू यारोबाम की सी चाल चलता और मेरी प्रजा इस्राएल से ऐसे पाप कराता आया है जिनसे वे मुझे क्रोध दिलाते हैं।
“इसलिए के मैंने तुझे ख़ाक पर से उठाया और अपनी क़ौम इस्राईल का पेशवा बनाया, और तू युरब'आम की रास्ते पर चला, और तू ने मेरी क़ौम इस्राईल से गुनाह करा के उनके गुनाहों से मुझे ग़ुस्सा दिलाया।
3 सुन, मैं बाशा और उसके घराने की पूरी रीति से सफाई कर दूँगा और तेरे घराने को नबात के पुत्र यारोबाम के समान कर दूँगा।
इसलिए देख, मैं बा'शा और उसके घराने की पूरी सफ़ाई कर दूँगा और तेरे घराने को नबात के बेटे युरब'आम के घराने की तरह बना दूँगा।
4 बाशा के घर का जो कोई नगर में मर जाए, उसको कुत्ते खा डालेंगे, और उसका जो कोई मैदान में मर जाए, उसको आकाश के पक्षी खा डालेंगे।”
बा'शा का जो कोई शहर में मरेगा उसे कुत्ते खाएँगे, और जो मैदान में मरेगा उसे हवा के परिन्दे चट कर जाएँगे।”
5 बाशा के और सब काम जो उसने किए, और उसकी वीरता यह सब क्या इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है?
बा'शा का बाक़ी हाल और जो कुछ उसने किया और उसकी ताक़त, इसलिए क्या वह इस्राईल के बादशाहों की तवारीख़ की किताब में लिखा नहीं है?
6 अन्त में बाशा मरकर अपने पुरखाओं के संग जा मिला और तिर्सा में उसे मिट्टी दी गई, और उसका पुत्र एला उसके स्थान पर राज्य करने लगा।
और बा'शा अपने बाप दादा के साथ सो गया और तिरज़ा में दफ़न हुआ, और उसका बेटा ऐला उसकी जगह बादशाह हुआ।
7 यहोवा का जो वचन हनानी के पुत्र येहू के द्वारा बाशा और उसके घराने के विरुद्ध आया, वह न केवल उन सब बुराइयों के कारण आया जो उसने यारोबाम के घराने के समान होकर यहोवा की दृष्टि में किया था और अपने कामों से उसको क्रोधित किया, वरन् इस कारण भी आया, कि उसने उसको मार डाला था।
और हनानी के बेटे याहू के ज़रिए' ख़ुदावन्द का कलाम बा'शा और उसके घराने के ख़िलाफ़ उस सारी बदी की वजह से भी नाज़िल हुआ, जो उसने ख़ुदावन्द की नज़र में की और अपने हाथों के काम से उसे ग़ुस्सा दिलाया, और युरब'आम के घराने की तरह बना, और इस वजह से भी कि उसने उसे क़त्ल किया।
8 यहूदा के राजा आसा के राज्य के छब्बीसवें वर्ष में बाशा का पुत्र एला तिर्सा में इस्राएल पर राज्य करने लगा, और दो वर्ष तक राज्य करता रहा।
शाह — ए — यहूदाह आसा के छब्बीसवें साल से बा'शा का बेटा ऐला तिरज़ा में बनी इस्राईल पर हुकूमत करने लगा, और उसने दो साल हुकूमत की।
9 जब वह तिर्सा में अर्सा नामक भण्डारी के घर में जो उसके तिर्सावाले भवन का प्रधान था, पीकर मतवाला हो गया था, तब उसके जिम्री नामक एक कर्मचारी ने जो उसके आधे रथों का प्रधान था,
और उसके ख़ादिम ज़िमरी ने, जो उसके आधे रथों का दारोग़ा था, उसके ख़िलाफ़ साज़िश की। उस वक़्त वह तिरज़ा में था, और अरज़ा के घर में जो तिरज़ा में उसके घर का दीवान था, शराब पी कर मतवाला होता जाता था।
10 १० राजद्रोह की गोष्ठी की और भीतर जाकर उसको मार डाला, और उसके स्थान पर राजा बन गया। यह यहूदा के राजा आसा के राज्य के सताईसवें वर्ष में हुआ।
तब ज़िमरी ने आसा शाह — ए — यहूदाह के सत्ताइसवें साल अन्दर जाकर उस पर वार किया और उसे क़त्ल कर दिया, और उसकी जगह हुकूमत करने लगा।
11 ११ और जब वह राज्य करने लगा, तब गद्दी पर बैठते ही उसने बाशा के पूरे घराने को मार डाला, वरन् उसने न तो उसके कुटुम्बियों और न उसके मित्रों में से एक लड़के को भी जीवित छोड़ा।
जब वह बादशाही करने लगा, तो तख़्त पर बैठते ही उसने बा'शा के सारे घराने को क़त्ल किया, और न तो उसके रिश्तेदारों का और न उसके दोस्तों का कोई लड़का बाक़ी छोड़ा।
12 १२ इस रीति यहोवा के उस वचन के अनुसार जो उसने येहू नबी के द्वारा बाशा के विरुद्ध कहा था, जिम्री ने बाशा का समस्त घराना नष्ट कर दिया।
ऐसे ज़िमरी ने ख़ुदावन्द के उस कहे के मुताबिक़, जो उसने बा'शा के ख़िलाफ़ याहू नबी के ज़रिए' फ़रमाया था, बाशा के सारे घराने को मिटा दिया।
13 १३ इसका कारण बाशा के सब पाप और उसके पुत्र एला के भी पाप थे, जो उन्होंने स्वयं आप करके और इस्राएल से भी करवाकर इस्राएल के परमेश्वर यहोवा को व्यर्थ बातों से क्रोध दिलाया था।
बाशा के सब गुनाहों और उसके बेटे ऐला के गुनाहों की वजह से जो उन्होंने किए, और जिनसे उन्होंने इस्राईल से गुनाह कराया, ताकि ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा को अपने बातिल कामों से ग़ुस्सा दिलाएँ।
14 १४ एला के और सब काम जो उसने किए, वह क्या इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखे हैं।
ऐला का बाक़ी हाल और सब कुछ जो उसने किया, इसलिए क्या वह इस्राईल के बादशाहों की तवारीख़ की किताब में क़लमबन्द नहीं?
15 १५ यहूदा के राजा आसा के सताईसवें वर्ष में जिम्री तिर्सा में राज्य करने लगा, और तिर्सा में सात दिन तक राज्य करता रहा। उस समय लोग पलिश्तियों के देश गिब्बतोन के विरुद्ध डेरे किए हुए थे।
शाह — ए — यहूदाह आसा के सत्ताइसवें साल में ज़िमरी ने तिरज़ा में सात दिन बादशाही की; उस वक़्त लोग जिब्बतून के मुक़ाबिल, जो फ़िलिस्तियों का था, ख़ेमाज़न थे।
16 १६ तो जब उन डेरे लगाए हुए लोगों ने सुना, कि जिम्री ने राजद्रोह की गोष्ठी करके राजा को मार डाला है, तो उसी दिन समस्त इस्राएल ने ओम्री नामक प्रधान सेनापति को छावनी में इस्राएल का राजा बनाया।
और उन लोगों ने, जो ख़ैमाज़न थे, यह चर्चा सुना के ज़िमरी ने साज़िश की और बादशाह को मार भी डाला है, इसलिए सारे इस्राईल ने उमरी को, जो लश्कर का सरदार था, उस दिन लश्करगाह में इस्राईल का बादशाह बनाया।
17 १७ तब ओम्री ने समस्त इस्राएल को संग ले गिब्बतोन को छोड़कर तिर्सा को घेर लिया।
तब 'उमरी और उसके साथ सारा इस्राईल जिब्बतून से रवाना हुआ और उन्होंने तिरज़ा का घेरा कर लिया।
18 १८ जब जिम्री ने देखा, कि नगर ले लिया गया है, तब राजभवन के गुम्मट में जाकर राजभवन में आग लगा दी, और उसी में स्वयं जल मरा।
और ऐसा हुआ कि जब ज़िमरी ने देखा कि शहर का घिराव हो गया, तो शाही महल के मज़बूत हिस्से में जाकर शाही महल में आग लगा दी और जल मरा।
19 १९ यह उसके पापों के कारण हुआ क्योंकि उसने वह किया जो यहोवा की दृष्टि में बुरा था, क्योंकि वह यारोबाम की सी चाल और उसके किए हुए और इस्राएल से करवाए हुए पाप की लीक पर चला।
अपने उन गुनाहों की वजह से जो उसने किए, कि ख़ुदावन्द की नज़र में बदी की और युरब'आम के रास्ते और उसके गुनाह के चाल चलन इख़्तियार किए जो उसने किया, ताकि इस्राईल से गुनाह कराए।
20 २० जिम्री के और काम और जो राजद्रोह की गोष्ठी उसने की, यह सब क्या इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है?
ज़िमरी का बाक़ी हाल और जो बग़ावत उसने की, इसलिए क्या वह इस्राईल के बादशाहों की तवारीख़ की किताब में क़लमबन्द नहीं?
21 २१ तब इस्राएली प्रजा दो भागों में बँट गई, प्रजा के आधे लोग तो तिब्नी नामक गीनत के पुत्र को राजा बनाने के लिये उसी के पीछे हो लिए, और आधे ओम्री के पीछे हो लिए।
उस वक़्त इस्राईली दो हिस्से हो गए, आधे आदमी जीनत के बेटे तिबनी के पैरोकार हो गए ताकि उसे बादशाह बनाएँ और आधे 'उमरी के पैरोकार थे।
22 २२ अन्त में जो लोग ओम्री के पीछे हुए थे वे उन पर प्रबल हुए जो गीनत के पुत्र तिब्नी के पीछे हो लिए थे, इसलिए तिब्नी मारा गया और ओम्री राजा बन गया।
लेकिन जो 'उमरी के पैरोकार थे उन पर, जो जीनत के बेटे तिबनी के पैरोकार थे, ग़ालिब आए। इसलिए तिबनी मर गया और उमरी बादशाह हुआ।
23 २३ यहूदा के राजा आसा के इकतीसवें वर्ष में ओम्री इस्राएल पर राज्य करने लगा, और बारह वर्ष तक राज्य करता रहा; उसने छः वर्ष तो तिर्सा में राज्य किया।
शाह — ए — यहूदाह आसा के इकतीसवें साल में उमरी इस्राईल पर हुकूमत करने लगा, उसने बारह साल हुकूमत की; तिरज़ा में छ: साल उसकी हुकूमत रही।
24 २४ और उसने शेमेर से सामरिया पहाड़ को दो किक्कार चाँदी में मोल लेकर, उस पर एक नगर बसाया; और अपने बसाए हुए नगर का नाम पहाड़ के मालिक शेमेर के नाम पर सामरिया रखा।
और उसने सामरिया का पहाड़ समर से दो क़िन्तार' चाँदी में ख़रीदा, और उस पहाड़ पर एक शहर बनाया और उस शहर का नाम, जो उसने बनाया था, पहाड़ के मालिक समर के नाम पर सामरिया रखा।
25 २५ ओम्री ने वह किया जो यहोवा की दृष्टि में बुरा था वरन् उन सभी से भी जो उससे पहले थे अधिक बुराई की।
और उमरी ने ख़ुदावन्द की नज़र में बदी की, और उन सब से जो उससे पहले हुए बदतर काम किए।
26 २६ वह नबात के पुत्र यारोबाम की सी सब चाल चला, और उसके सब पापों के अनुसार जो उसने इस्राएल से करवाए थे जिसके कारण इस्राएल के परमेश्वर यहोवा को उन्होंने अपने व्यर्थ कर्मों से क्रोध दिलाया था।
क्यूँकि उसने नबात के बेटे युरब'आम की सब रास्तों और उसके गुनाहों की चाल चलन इख़्तियार की, जिनसे उसने इस्राईल से गुनाह कराया ताकि वह ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा को अपने बातिल कामों से ग़ुस्सा दिलाएँ।
27 २७ ओम्री के और काम जो उसने किए, और जो वीरता उसने दिखाई, यह सब क्या इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है?
और उमरी के बाक़ी काम जो उसने किए और उसका ज़ोर जो उसने दिखाया, इसलिए क्या वह इस्राईल के बादशाहों की तवारीख़ की किताब में क़लमबन्द नहीं?
28 २८ ओम्री मरकर अपने पुरखाओं के संग जा मिला और सामरिया में उसको मिट्टी दी गई, और उसका पुत्र अहाब उसके स्थान पर राज्य करने लगा।
तब उमरी अपने बाप — दादा के साथ सो गया और सामरिया में दफ़्न हुआ, और उसका बेटा अख़ीअब उसकी जगह बादशाह हुआ।
29 २९ यहूदा के राजा आसा के राज्य के अड़तीसवें वर्ष में ओम्री का पुत्र अहाब इस्राएल पर राज्य करने लगा, और इस्राएल पर सामरिया में बाईस वर्ष तक राज्य करता रहा।
शाह — ए — यहूदाह आसा के अठतीसवें साल से उमरी का बेटा अख़ीअब इस्राईल पर हुकूमत करने लगा, और उमरी के बेटे अख़ीअब ने सामरिया में इस्राईल पर बाईस साल हुकूमत की।
30 ३० और ओम्री के पुत्र अहाब ने उन सबसे अधिक जो उससे पहले थे, वह कर्म किए जो यहोवा की दृष्टि में बुरे थे।
और उमरी के बेटे अख़ीअब ने जितने उससे पहले हुए थे, उन सभों से ज़्यादा ख़ुदावन्द की नज़र में बदी की।
31 ३१ उसने तो नबात के पुत्र यारोबाम के पापों में चलना हलकी सी बात जानकर, सीदोनियों के राजा एतबाल की बेटी ईजेबेल से विवाह करके बाल देवता की उपासना की और उसको दण्डवत् किया।
और गोया नबात के बेटे युरब'आम के गुनाहों के चाल चलन इख़्तियार करना उसके लिए एक हल्की सी बात थी, इसलिए उसने सैदानियों के बादशाह इतबाल की बेटी ईज़बिल से ब्याह किया, और जाकर बाल की इबादत करने और उसे सिज्दा करने लगा।
32 ३२ उसने बाल का एक भवन सामरिया में बनाकर उसमें बाल की एक वेदी बनाई।
और बाल के मन्दिर में, जिसे उसने सामरिया में बनाया था, बाल के लिए एक मज़बह तैयार किया।
33 ३३ और अहाब ने एक अशेरा भी बनाया, वरन् उसने उन सब इस्राएली राजाओं से बढ़कर जो उससे पहले थे इस्राएल के परमेश्वर यहोवा को क्रोध दिलाने के काम किए।
और अख़ीअब ने यसीरत बनाई, और अख़ीअब ने इस्राईल के सब बादशाहों से ज़्यादा, जो उससे पहले हुए थे, ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा को ग़ुस्सा दिलाने के काम किए।
34 ३४ उसके दिनों में बेतेलवासी हीएल ने यरीहो को फिर बसाया; जब उसने उसकी नींव डाली तब उसका जेठा पुत्र अबीराम मर गया, और जब उसने उसके फाटक खड़े किए तब उसका छोटा पुत्र सगूब मर गया, यह यहोवा के उस वचन के अनुसार हुआ, जो उसने नून के पुत्र यहोशू के द्वारा कहलवाया था।
उसके दिनों में बैतएली हीएल ने यरीहू को ता'मीर किया। जब उसने उसकी बुनियाद डाली तो उसका पहलौठा बेटा अबीराम मरा, और जब उसके फाटक लगाए तो उसका सबसे छोटा बेटा सजूब मर गया, यह ख़ुदावन्द के कलाम के मुताबिक़ हुआ जो उसने नून के बेटे यशूअ के ज़रिए' फ़रमाया था।

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