< 1 राजा 1 >

1 दाऊद राजा बूढ़ा और उसकी आयु बहुत बढ़ गई थी; और यद्यपि उसको कपड़े ओढ़ाए जाते थे, तो भी वह गर्म न होता था।
وَشَاخَ الْمَلِكُ دَاوُدُ وَطَعَنَ فِي السِّنِّ، فَكَانُوا يُدَثِّرُونَهُ بِالأَغْطِيَةِ فَلا يَشْعُرُ بِالدِّفْءِ.١
2 उसके कर्मचारियों ने उससे कहा, “हमारे प्रभु राजा के लिये कोई जवान कुँवारी ढूँढ़ी जाए, जो राजा के सम्मुख रहकर उसकी सेवा किया करे और तेरे पास लेटा करे, कि हमारे प्रभु राजा को गर्मी पहुँचे।”
فَقَالَ لَهُ عَبِيدُهُ: «لِيَلْتَمِسْ سَيِّدُنَا الْمَلِكُ فَتَاةً عذْرَاءَ تَخْدُمُكَ، وَتَعْتَنِي بِكَ وَتَضْطَجِعُ فِي حِضْنِكَ، فَتَبْعَثُ فِيكَ الدِّفْءَ».٢
3 तब उन्होंने समस्त इस्राएली देश में सुन्दर कुँवारी ढूँढ़ते-ढूँढ़ते अबीशग नामक एक शूनेमिन कन्या को पाया, और राजा के पास ले आए।
فَبَحَثُوا لَهُ عَنْ فَتَاةٍ جَمِيلَةٍ فِي أَرْجَاءِ إِسْرَائِيلَ، فَعَثَرُوا عَلَى أَبِيشَجَ الشُّونَمِيَّةِ فَأَحْضَرُوهَا إِلَى الْمَلِكِ.٣
4 वह कन्या बहुत ही सुन्दर थी; और वह राजा की दासी होकर उसकी सेवा करती रही; परन्तु राजा का उससे सहवास न हुआ।
وَكَانَتِ الْفَتَاةُ بَارِعَةَ الْجَمَالِ، فَصَارَتْ لَهُ حَاضِنَةً، تَقُومُ عَلَى خِدْمَتِهِ، وَلَكِنَّ الْمَلِكَ لَمْ يُعَاشِرْهَا.٤
5 तब हग्गीत का पुत्र अदोनिय्याह सिर ऊँचा करके कहने लगा, “मैं राजा बनूँगा।” सो उसने रथ और सवार और अपने आगे-आगे दौड़ने को पचास अंगरक्षकों को रख लिए।
وَعَظَّمَ أَدُونِيَّا ابْنُ حَجِّيثَ نَفْسَهُ قَائِلاً: «أَنَا أَمْلِكُ»، وَجَهَّزَ لِنَفْسِهِ مَرْكَبَاتٍ وَفُرْسَاناً وَاسْتَأْجَرَ خَمْسِينَ رَجُلاً يَجْرُونَ أَمَامَ مَوْكِبِهِ.٥
6 उसके पिता ने तो जन्म से लेकर उसे कभी यह कहकर उदास न किया था, “तूने ऐसा क्यों किया।” वह बहुत रूपवान था, और अबशालोम के बाद उसका जन्म हुआ था।
وَلَمْ يُغْضِبْهُ أَبُوهُ قَطُّ بِسُؤَالِهِ: «لِمَاذَا فَعَلْتَ هَكَذَا؟» وَكَانَ أَدُونِيَّا وَسِيمَ الطَّلْعَةِ، وَقَدْ أَنْجَبَتْهُ أُمُّهُ بَعْدَ أَبْشَالُومَ.٦
7 उसने सरूयाह के पुत्र योआब से और एब्यातार याजक से बातचीत की, और उन्होंने उसके पीछे होकर उसकी सहायता की।
وَتَدَاوَلَ الأَمْرَ مَعَ يُوآبَ بْنِ صُرُوِيَّةَ وَأَبِيَاثَارَ الْكَاهِنِ فَأَعَانَاهُ،٧
8 परन्तु सादोक याजक यहोयादा का पुत्र बनायाह, नातान नबी, शिमी, रेई, और दाऊद के शूरवीरों ने अदोनिय्याह का साथ न दिया।
وَأَمَّا صَادُوقُ الْكَاهِنُ وَبَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ وَنَاثَانُ النَّبِيُّ وَشِمْعِي وَرِيعِي وَسِوَاهُمْ مِنَ الأَبْطَالِ مِنْ رِجَالِ دَاوُدَ فَلَمْ يَنْسَاقُوا مَعَهُ.٨
9 अदोनिय्याह ने जोहेलेत नामक पत्थर के पास जो एनरोगेल के निकट है, भेड़-बैल और तैयार किए हुए पशुबलि किए, और अपने सब भाइयों, राजकुमारों और राजा के सब यहूदी कर्मचारियों को बुला लिया।
وَتَوَجَّهَ أَدُونِيَّا إِلَى عَيْنِ رُوجَلَ حَيْثُ ذَبَحَ غَنَماً وَبَقَراً وَمُسَمَّنَاتٍ عِنْدَ حَجَرِ الزَّاحِفَةِ، وَدَعَا جَمِيعَ إِخْوَتِهِ أَبْنَاءِ الْمَلِكِ، وَجَمِيعَ رِجَالِ يَهُوذَا مِنْ حَاشِيَةِ دَاوُدَ،٩
10 १० परन्तु नातान नबी, और बनायाह और शूरवीरों को और अपने भाई सुलैमान को उसने न बुलाया।
وَلَكِنَّهُ لَمْ يَدْعُ نَاثَانَ النَّبِيَّ وَلا بَنَايَاهُو، وَلا الرِّجَالَ الأَبْطَالَ وَلا سُلَيْمَانَ أَخَاهُ.١٠
11 ११ तब नातान ने सुलैमान की माता बतशेबा से कहा, “क्या तूने सुना है कि हग्गीत का पुत्र अदोनिय्याह राजा बन बैठा है और हमारा प्रभु दाऊद इसे नहीं जानता?
فَأَقْبَلَ نَاثَانُ النَّبِيُّ إِلَى بَثْشَبَعَ أُمِّ سُلَيْمَانَ قَائِلاً: «أَلَمْ تَعْلَمِي أَنَّ أَدُونِيَّا ابْنَ حَجِّيثَ قَدْ مَلَكَ، وَسَيِّدُنَا دَاوُدُ لَمْ يَعْرِفْ بِالأَمْرِ بَعْدُ؟١١
12 १२ इसलिए अब आ, मैं तुझे ऐसी सम्मति देता हूँ, जिससे तू अपना और अपने पुत्र सुलैमान का प्राण बचाए।
فَالآنَ تَعَالَيْ أُشِيرُ عَلَيْكِ بِمَا يُنْقِذُكِ وَيُنْقِذُ ابْنَكِ سُلَيْمَانَ.١٢
13 १३ तू दाऊद राजा के पास जाकर, उससे यह पूछ, ‘हे मेरे प्रभु! हे राजा! क्या तूने शपथ खाकर अपनी दासी से नहीं कहा, कि तेरा पुत्र सुलैमान मेरे बाद राजा होगा, और वह मेरी राजगद्दी पर विराजेगा? फिर अदोनिय्याह क्यों राजा बन बैठा है?’
امْضِي وَادْخُلِي إِلَى الْمَلِكِ دَاوُدَ وَقُولِي لَهُ: أَلَمْ تَحْلِفْ يَا سَيِّدِي الْمَلِكُ لِجَارِيَتِكَ أَنَّ ابْنِي سُلَيْمَانَ يَكُونُ الْمَلِكَ مِنْ بَعْدِي وَهُوَ يَجْلِسُ عَلَى عَرْشِي؟ فَلِمَاذَا مَلَكَ أَدُونِيَّا إِذاً؟»١٣
14 १४ और जब तू वहाँ राजा से ऐसी बातें करती रहेगी, तब मैं तेरे पीछे आकर, तेरी बातों की पुष्टि करूँगा।”
وَفِيمَا أَنْتِ تُخَاطِبِينَ الْمَلِكَ أَدْخُلُ وَرَاءَكِ، وأُؤَيِّدُ كَلامَكِ.١٤
15 १५ तब बतशेबा राजा के पास कोठरी में गई; राजा तो बहुत बूढ़ा था, और उसकी सेवा टहल शूनेमिन अबीशग करती थी।
فَمَثَلَتْ بَثْشَبَعُ أَمَامَ الْمَلِكِ الشَّيْخِ فِي مُخْدَعِهِ، وَكَانَتْ أَبِيشَجُ الشُّونَمِيَّةُ قَائِمَةً عَلَى خِدْمَتِهِ.١٥
16 १६ बतशेबा ने झुककर राजा को दण्डवत् किया, और राजा ने पूछा, “तू क्या चाहती है?”
فَأَكَبَّتْ بَثْشَبَعُ عَلَى وَجْهِهَا وَسَجَدَتْ لِلْمَلِكِ، فَسَأَلَهَا الْمَلِكُ: «مَالَكِ؟»١٦
17 १७ उसने उत्तर दिया, “हे मेरे प्रभु, तूने तो अपने परमेश्वर यहोवा की शपथ खाकर अपनी दासी से कहा था, ‘तेरा पुत्र सुलैमान मेरे बाद राजा होगा और वह मेरी गद्दी पर विराजेगा।’
فَأَجَابَتْهُ: «لَقَدْ حَلَفْتَ لِي بِالرَّبِّ إِلَهِكَ يَا سَيِّدِي قَائِلاً:’إِنَّ سُلَيْمَانَ ابْنِي يُصْبِحُ مَلِكاً مِنْ بَعْدِي وَيَجْلِسُ عَلَى عَرْشِي‘١٧
18 १८ अब देख अदोनिय्याह राजा बन बैठा है, और अब तक मेरा प्रभु राजा इसे नहीं जानता।
وَلَكِنْ هَا هُوَ أَدُونِيَّا قَدْ مَلَكَ مِنْ غَيْرِ عِلْمٍ مِنْكَ يَا سَيِّدِي الْمَلِكُ،١٨
19 १९ उसने बहुत से बैल तैयार किए, पशु और भेड़ें बलि की, और सब राजकुमारों को और एब्यातार याजक और योआब सेनापति को बुलाया है, परन्तु तेरे दास सुलैमान को नहीं बुलाया।
وَقَدْ ذَبَحَ ثِيرَاناً وَمُسَمَّنَاتٍ وَغَنَماً بِوَفْرَةٍ، وَدَعَا جَمِيعَ أَبْنَاءِ الْمَلِكِ، وَأَبِيَاثَارَ الْكَاهِنَ، ويُوآبَ رَئِيسَ الْجَيْشِ، وَلَكِنْ لَمْ يَدْعُ سُلَيْمَانَ عَبْدَكَ.١٩
20 २० और हे मेरे प्रभु! हे राजा! सब इस्राएली तुझे ताक रहे हैं कि तू उनसे कहे, कि हमारे प्रभु राजा की गद्दी पर उसके बाद कौन बैठेगा।
إِنَّ جَمِيعَ أَعْيُنِ شَعْبِ إِسْرَائِيلَ، يَا سَيِّدِي الْمَلِكُ، تَتَّجِهُ نَحْوَكَ فِي انْتِظَارِ إِعْلانِكَ مَنْ يَخْلُفُ سَيِّدِي الْمَلِكَ عَلَى عَرْشِهِ.٢٠
21 २१ नहीं तो जब हमारा प्रभु राजा, अपने पुरखाओं के संग सोएगा, तब मैं और मेरा पुत्र सुलैमान दोनों अपराधी गिने जाएँगे।”
وَإلَّا حَالَمَا يَنْضَمُّ سَيِّدِي الْمَلِكُ إِلَى آبَائِهِ نُعَامَلُ أَنَا وَابْنِي سُلَيْمَانُ مُعَامَلَةَ الْمُذْنِبِينَ».٢١
22 २२ जब बतशेबा राजा से बातें कर ही रही थी, कि नातान नबी भी आ गया।
وَفِيمَا هِيَ تُخَاطِبُ الْمَلِكَ جَاءَ نَاثَانُ النَّبِيُّ،٢٢
23 २३ और राजा से कहा गया, “नातान नबी हाजिर है;” तब वह राजा के सम्मुख आया, और मुँह के बल गिरकर राजा को दण्डवत् की।
فَقِيلَ لِلْمَلِكِ: «قَدْ جَاءَ نَاثَانُ النَّبِيُّ». فَمَثَلَ فِي حَضْرَةِ الْمَلِكِ وَسَجَدَ لَهُ،٢٣
24 २४ तब नातान कहने लगा, “हे मेरे प्रभु, हे राजा! क्या तूने कहा है, ‘अदोनिय्याह मेरे बाद राजा होगा और वह मेरी गद्दी पर विराजेगा?’
وَتَسَاءَلَ نَاثَانُ: «هَلْ قُلْتَ يَا سَيِّدِي الْمَلِكُ: إِنَّ أَدُونِيَّا يَمْلِكُ مِنْ بَعْدِي وَيَخْلُفُنِي عَلَى عَرْشِي؟٢٤
25 २५ देख उसने आज नीचे जाकर बहुत से बैल, तैयार किए हुए पशु और भेड़ें बलि की हैं, और सब राजकुमारों और सेनापतियों को और एब्यातार याजक को भी बुला लिया है; और वे उसके सम्मुख खाते पीते हुए कह रहे हैं, ‘अदोनिय्याह राजा जीवित रहे।’
لأَنَّهُ قَدْ مَضَى الْيَوْمَ وَذَبَحَ ثِيرَاناً وَمُسَمَّنَاتٍ وَغَنَماً بِوَفْرَةٍ، وَدَعَا جَمِيعَ أَبْنَاءِ الْمَلِكِ وَرُؤَسَاءَ الْجَيْشِ وَأَبِيَاثَارَ الْكَاهِنَ، وَهَا هُمْ يَحْتَفِلُونَ آكِلِينَ شَارِبِينَ أَمَامَهُ هَاتِفِينَ: لِيَحْيَ الْمَلِكُ أَدُونِيَّا!٢٥
26 २६ परन्तु मुझ तेरे दास को, और सादोक याजक और यहोयादा के पुत्र बनायाह, और तेरे दास सुलैमान को उसने नहीं बुलाया।
وَأَمَّا أَنَا وَصَادُوقُ الْكَاهِنُ وَبَنَايَاهُو بنُ يَهُويَادَاعَ وَسُلَيْمَانُ فَلَمْ يَدْعُنَا.٢٦
27 २७ क्या यह मेरे प्रभु राजा की ओर से हुआ? तूने तो अपने दास को यह नहीं जताया है, कि प्रभु राजा की गद्दी पर कौन उसके बाद विराजेगा।”
فَهَلْ صَدَرَ هَذَا الأَمْرُ عَنْ سَيِّدِي الْمَلِكِ مِنْ غَيْرِ أَنْ تُطْلِعَ عَبْدَكَ عَمَّنْ يَخْلُفُكَ عَلَى عَرْشِكَ؟»٢٧
28 २८ दाऊद राजा ने कहा, “बतशेबा को मेरे पास बुला लाओ।” तब वह राजा के पास आकर उसके सामने खड़ी हुई।
فَأَجَابَ الْمَلِكُ: «اسْتَدْعِ لِي بَثْشَبَعَ». فَمَثَلَتْ أَمَامَ الْمَلِكِ،٢٨
29 २९ राजा ने शपथ खाकर कहा, “यहोवा जो मेरा प्राण सब जोखिमों से बचाता आया है,
فَحَلَفَ الْمَلِكُ: «حَيٌّ هُوَ الرَّبُّ الَّذِي أَنْقَذَ نَفْسِي مِنْ كُلِّ ضِيقٍ،٢٩
30 ३० उसके जीवन की शपथ, जैसा मैंने तुझ से इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की शपथ खाकर कहा था, ‘तेरा पुत्र सुलैमान मेरे बाद राजा होगा, और वह मेरे बदले मेरी गद्दी पर विराजेगा,’ वैसा ही मैं निश्चय आज के दिन करूँगा।”
كَمَا أَقْسَمْتُ لَكِ بِالرَّبِّ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ أَنَّ ابْنَكِ سُلَيْمَانَ يَمْلِكُ بَعْدِي وَيَخْلُفُنِي عَلَى عَرْشِي، هَكَذَا أَفْعَلُ هَذَا الْيَوْمَ».٣٠
31 ३१ तब बतशेबा ने भूमि पर मुँह के बल गिर राजा को दण्डवत् करके कहा, “मेरा प्रभु राजा दाऊद सदा तक जीवित रहे!”
فَخَرَّتْ بَثْشَبَعُ عَلَى وَجْهِهَا إِلَى الأَرْضِ سَاجِدَةً لِلْمَلِكِ وَقَالَتْ: «لِيَحْيَ سَيِّدِي الْمَلِكُ دَاوُدُ إِلَى الأَبَدِ!»٣١
32 ३२ तब दाऊद राजा ने कहा, “मेरे पास सादोक याजक, नातान नबी, यहोयादा के पुत्र बनायाह को बुला लाओ।” अतः वे राजा के सामने आए।
وَقَالَ الْمَلِكُ دَاوُدُ: «اسْتَدْعِ لِي صَادُوقَ الْكَاهِنَ وَنَاثَانَ النَّبِيَّ وَبَنَايَاهُو بْنَ يَهُويَادَاعَ». فَدَخَلُوا إِلَى حَضْرَةِ الْمَلِكِ٣٢
33 ३३ राजा ने उनसे कहा, “अपने प्रभु के कर्मचारियों को साथ लेकर मेरे पुत्र सुलैमान को मेरे निज खच्चर पर चढ़ाओ; और गीहोन को ले जाओ;
فَقَالَ الْمَلِكُ لَهُمْ: «خُذُوا مَعَكُمْ رِجَالَ حَاشِيَةِ سَيِّدِكُمْ، وَأَرْكِبُوا سُلَيْمَانَ ابْنِي عَلَى بَغْلَتِي الْخَاصَّةِ، وَانْطَلِقُوا بِهِ إِلَى جِيحُونَ.٣٣
34 ३४ और वहाँ सादोक याजक और नातान नबी इस्राएल का राजा होने को उसका अभिषेक करें; तब तुम सब नरसिंगा फूँककर कहना, ‘राजा सुलैमान जीवित रहे।’
وَلْيَمْسَحْهُ هُنَاكَ صَادُوقُ الْكَاهِنُ وَنَاثَانُ النَّبِيُّ مَلِكاً عَلَى إِسْرَائِيلَ، وَانْفُخُوا بِالْبُوقِ هَاتِفِينَ:’لِيَحْيَ الْمَلِكُ سُلَيْمَانُ‘.٣٤
35 ३५ और तुम उसके पीछे-पीछे इधर आना, और वह आकर मेरे सिंहासन पर विराजे, क्योंकि मेरे बदले में वही राजा होगा; और उसी को मैंने इस्राएल और यहूदा का प्रधान होने को ठहराया है।”
ثُمَّ اصْعَدُوا وَرَاءَهُ حَتَّى يَأْتِيَ فَيَجْلِسَ عَلَى عَرْشِي، فَهُوَ الَّذِي اخْتَرْتُهُ لِيَخْلُفَنِي عَلَى عَرْشِ إِسْرَائِيلَ وَيَهُوذَا».٣٥
36 ३६ तब यहोयादा के पुत्र बनायाह ने कहा, “आमीन! मेरे प्रभु राजा का परमेश्वर यहोवा भी ऐसा ही कहे।
فَقَالَ بَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ لِلْمَلِكِ: «آمِين! لِيَكُنْ هَذَا مَا يُعْلِنُهُ الرَّبُّ إِلَهُ سَيِّدِي الْمَلِكِ!٣٦
37 ३७ जिस रीति यहोवा मेरे प्रभु राजा के संग रहा, उसी रीति वह सुलैमान के भी संग रहे, और उसका राज्य मेरे प्रभु दाऊद राजा के राज्य से भी अधिक बढ़ाए।”
وَكَمَا كَانَ الرَّبُّ مَعَ سَيِّدِي الْمَلِكِ لِيَكُنْ مَعَ سُلَيْمَانَ، وَيَجْعَلْ عَرْشَهُ أَعْظَمَ مِنْ عَرْشِ سَيِّدِي الْمَلِكِ دَاوُدَ».٣٧
38 ३८ तब सादोक याजक और नातान नबी और यहोयादा का पुत्र बनायाह और करेतियों और पलेतियों को संग लिए हुए नीचे गए, और सुलैमान को राजा दाऊद के खच्चर पर चढ़ाकर गीहोन को ले चले।
وَمَضَى صَادُوقُ الْكَاهِنُ وَنَاثَانُ النَّبِيُّ وَبَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ وَضُبَّاطُ حَرَسِ الْمَلِكِ، وَأَرْكَبُوا سُلَيْمَانَ عَلَى بَغْلَةِ الْمَلِكِ دَاوُدَ، وَانْطَلَقُوا بِهِ إِلَى جِيحُونَ.٣٨
39 ३९ तब सादोक याजक ने यहोवा के तम्बू में से तेल भरा हुआ सींग निकाला, और सुलैमान का राज्याभिषेक किया। और वे नरसिंगे फूँकने लगे; और सब लोग बोल उठे, “राजा सुलैमान जीवित रहे।”
فَأَخَذَ صَادُوقُ الْكَاهِنُ قَرْنَ الدُّهْنِ مِنَ الْخَيْمَةِ وَمَسَحَ سُلَيْمَانَ، وَنَفَخُوا بِالْبُوقِ وَهَتَفَ جَمِيعُ الشَّعْبِ: «لِيَحْيَ الْمَلِكُ سُلَيْمَانُ».٣٩
40 ४० तब सब लोग उसके पीछे-पीछे बाँसुरी बजाते और इतना बड़ा आनन्द करते हुए ऊपर गए, कि उनकी ध्वनि से पृथ्वी डोल उठी।
وَصَعِدَ جَمِيعُ الشَّعْبِ وَرَاءَ سُلَيْمَانَ وَهُمْ يَعْزِفُونَ عَلَى النَّايِ هَاتِفِينَ فَرَحاً، حَتَّى ارْتَجَّتِ الأَرْضُ مِنْ أَصْوَاتِهِمْ.٤٠
41 ४१ जब अदोनिय्याह और उसके सब अतिथि खा चुके थे, तब यह ध्वनि उनको सुनाई पड़ी। योआब ने नरसिंगे का शब्द सुनकर पूछा, “नगर में हलचल और चिल्लाहट का शब्द क्यों हो रहा है?”
وَسَمِعَ أَدُونِيَّا وَمَدْعُوُّوهُ جَمِيعاً أَصْوَاتَ الْهُتَافِ بَعْدَ أَنْ فَرَغُوا مِنَ الأَكْلِ، وَبَلَغَ نَفِيرُ الْبُوقِ مَسَامِعَ يُوآبَ فَتَساءَلَ: «مَا مَعْنَى هَذَا الضَّجِيجِ فِي الْمَدِينَةِ؟»٤١
42 ४२ वह यह कहता ही था, कि एब्यातार याजक का पुत्र योनातान आया और अदोनिय्याह ने उससे कहा, “भीतर आ; तू तो भला मनुष्य है, और भला समाचार भी लाया होगा।”
وَفِيمَا هُوَ يَتَسَاءَلُ جَاءَ يُونَاثَانُ بْنُ أَبِيَاثَارَ الْكَاهِنِ، فَقَالَ أَدُونِيَّا: «تَعَالَ، فَأَنْتَ رَجُلٌ كَرِيمٌ تَحْمِلُ بَشَائِرَ خَيْرٍ».٤٢
43 ४३ योनातान ने अदोनिय्याह से कहा, “सचमुच हमारे प्रभु राजा दाऊद ने सुलैमान को राजा बना दिया।
فَأَجَابَ يُونَاثَانُ أَدُونِيَّا: «لا إِنَّ سَيِّدَنَا الْمَلِكَ دَاوُدَ قَدْ نَصَّبَ سُلَيْمَانَ مَلِكاً،٤٣
44 ४४ और राजा ने सादोक याजक, नातान नबी और यहोयादा के पुत्र बनायाह और करेतियों और पलेतियों को उसके संग भेज दिया, और उन्होंने उसको राजा के खच्चर पर चढ़ाया है।
وَبَعَثَ مَعَهُ صَادُوقَ الْكَاهِنَ وَنَاثَانَ النَّبِيَّ وَبَنَايَاهُو بْنَ يَهُويَادَاعَ وضُبَّاطَ حَرَسِهِ، فَأَرْكَبُوهُ عَلَى بَغْلَةِ الْمَلِكِ،٤٤
45 ४५ और सादोक याजक, और नातान नबी ने गीहोन में उसका राज्याभिषेक किया है; और वे वहाँ से ऐसा आनन्द करते हुए ऊपर गए हैं कि नगर में हलचल मच गई, और जो शब्द तुम को सुनाई पड़ रहा है वही है।
وَمَسَحَهُ صَادُوقُ الْكَاهِنُ وَنَاثَانُ النَّبِيُّ مَلِكاً فِي جِيحُونَ، ثُمَّ صَعِدُوا مِنْ هُنَاكَ فَرِحِينَ هَاتِفِينَ، حَتَّى مَلأَ ضَجِيجُهُمُ الْمَدِينَةَ. وَهَذَا هُوَ مَصْدَرُ الصَّوْتِ الَّذِي سَمِعْتُمُوهُ.٤٥
46 ४६ सुलैमान राजगद्दी पर विराज भी रहा है।
وَقَدْ جَلَسَ سُلَيْمَانُ عَلَى كُرْسِيِّ الْمَمْلَكَةِ».٤٦
47 ४७ फिर राजा के कर्मचारी हमारे प्रभु दाऊद राजा को यह कहकर धन्य कहने आए, ‘तेरा परमेश्वर, सुलैमान का नाम, तेरे नाम से भी महान करे, और उसका राज्य तेरे राज्य से भी अधिक बढ़ाए;’ और राजा ने अपने पलंग पर दण्डवत् की।
وَتَوَافَدَ رِجَالُ الْمَلِكِ دَاوُدَ لِتَهْنِئَتِهِ قَائِلِينَ: «لِيَجْعَلْ إِلَهُكَ اسْمَ سُلَيْمَانَ أَكْثَرَ شُهْرَةً مِنِ اسْمِكَ، وَعَرْشَهُ أَعْظَمَ مِنْ عَرْشِكَ». فَسَجَدَ الْمَلِكُ عَلَى سَرِيرِهِ٤٧
48 ४८ फिर राजा ने यह भी कहा, ‘इस्राएल का परमेश्वर यहोवा धन्य है, जिसने आज मेरे देखते एक को मेरी गद्दी पर विराजमान किया है।’”
قَائِلاً: «تَبَارَكَ الرَّبُّ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ الَّذِي أَنْعَمَ عَلَيَّ بِمَنْ يَخْلُفُنِي عَلَى عَرْشِي وَأَنَا مَازِلْتُ عَلَى قَيْدِ الْحَيَاةِ».٤٨
49 ४९ तब जितने अतिथि अदोनिय्याह के संग थे वे सब थरथरा उठे, और उठकर अपना-अपना मार्ग लिया।
فَاعْتَرَتِ الرِّعْدَةُ جَمِيعَ مَدْعُوِّي أَدُونِيَّا، فَقَامُوا وَتَفَرَّقُوا كُلٌّ فِي سَبِيلِهِ.٤٩
50 ५० और अदोनिय्याह सुलैमान से डरकर उठा, और जाकर वेदी के सींगों को पकड़ लिया।
وَمَلأَ الْخَوْفُ أَدُونِيَّا مِنْ سُلَيْمَانَ، فَانْطَلَقَ مُسْرِعاً وَتَمَسَّكَ بِقُرُونِ الْمَذْبَحِ.٥٠
51 ५१ तब सुलैमान को यह समाचार मिला, “अदोनिय्याह सुलैमान राजा से ऐसा डर गया है कि उसने वेदी के सींगों को यह कहकर पकड़ लिया है, ‘आज राजा सुलैमान शपथ खाए कि अपने दास को तलवार से न मार डालेगा।’”
فَقِيلَ لِسُلَيْمَانَ: «هَا هُوَ أَدُونِيَّا قَدْ مَلأَهُ الْخَوْفُ مِنْكَ، وَقَدْ لَجَأَ إِلَى الْمَذْبَحِ يَتَمَسَّكُ بِقُرُونِهِ وَيَقُولُ: لِيَحْلِفْ لِي الْيَوْمَ سُلَيْمَانُ أَنَّهُ لَا يَقْتُلُ عَبْدَهُ بِالسَّيْفِ».٥١
52 ५२ सुलैमान ने कहा, “यदि वह भलमनसी दिखाए तो उसका एक बाल भी भूमि पर गिरने न पाएगा, परन्तु यदि उसमें दुष्टता पाई जाए, तो वह मारा जाएगा।”
فَقَالَ سُلَيْمَانُ: «إِنْ أَثْبَتَ صِدْقَ وَلائِهِ فَإِنَّ شَعْرَةً وَاحِدَةً مِنْ رَأْسِهِ لَنْ تَسْقُطَ إِلَى الأَرْضِ، وَلَكِنْ إِنْ أَضْمَرَ الْخِيَانَةَ وَالشَّرَّ فَإِنَّهُ حَتْماً يَمُوتُ».٥٢
53 ५३ तब राजा सुलैमान ने लोगों को भेज दिया जो उसको वेदी के पास से उतार ले आए तब उसने आकर राजा सुलैमान को दण्डवत् की और सुलैमान ने उससे कहा, “अपने घर चला जा।”
فَأَرْسَلَ الْمَلِكُ سُلَيْمَانُ مَنْ أَحْضَرَهُ مِنْ عِنْدِ الْمَذْبَحِ، فَأَتَى وَسَجَدَ لِلْمَلِكِ سُلَيْمَانَ، فَقَالَ لَهُ سُلَيْمَانُ: «اذْهَبْ إِلَى بَيْتِكَ».٥٣

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